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टॉरपीडो और विनाशक पोत

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

टॉरपीडो और विनाशक पोत के बीच अंतर

टॉरपीडो vs. विनाशक पोत

तॉरपीडो तारपीडो (Toropedo) एक स्वचलित विस्पोटक प्रक्षेपास्त्र है जिसे किसी पोत से जल की सतह के ऊपर या नीचे दागा जा सकता है। यह प्रक्षेपास्त्र जल सतह के नीचे ही चलता है। लक्ष्य से टकराने से अथवा समीप आने पर इसमे विस्पोट हो जाता है। तारपीडो अंतर्जलीय (. जापानी नौसेना का विध्वंसक: '''कोताका''' (1887) विनाशक या ध्वसंक (अंग्रेज़ी: ''Destroyer'')- सामुद्रिक/नौसैनिक भाषा में विनाशक पोत तेजी से चल कर हमला करने वाले युद्ध पोतों को कहा जाता हैं। इनका आविष्कार २०वीं सदी के प्रारंभिक वर्षों में हुआ और तभी से नौसेनायुद्ध में इसक स्थान बेजोड़ रहा है। बहुमुखी और विश्वसनीय कार्यों का दायित्व सफलतापूर्वक वहन करने के कारण नौसेना के इतिहास में इसका स्थान बेजोड़ हो गया है। अत: इसका अतीत, वर्तमान और भविष्य अध्ययन करने योग्य है। .

टॉरपीडो और विनाशक पोत के बीच समानता

टॉरपीडो और विनाशक पोत आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): पनडुब्बी, प्रक्षेपास्त्र

पनडुब्बी

सन् १९७८ में ''एल्विन'' प्रथम विश्व युद्ध में प्रयुक्त जर्मनी की यूसी-१ श्रेणी की पनडुब्बी पनडुब्बी(अंग्रेज़ी:सबमैरीन) एक प्रकार का जलयान (वॉटरक्राफ़्ट) है जो पानी के अन्दर रहकर काम कर सकता है। यह एक बहुत बड़ा, मानव-सहित, आत्मनिर्भर डिब्बा होता है। पनडुब्बियों के उपयोग ने विश्व का राजनैतिक मानचित्र बदलने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। पनडुब्बियों का सर्वाधिक उपयोग सेना में किया जाता रहा है और ये किसी भी देश की नौसेना का विशिष्ट हथियार बन गई हैं। यद्यपि पनडुब्बियाँ पहले भी बनायी गयीं थीं, किन्तु ये उन्नीसवीं शताब्दी में लोकप्रिय हुईं तथा सबसे पहले प्रथम विश्व युद्ध में इनका जमकर प्रयोग हुआ। विश्व की पहली पनडुब्बी एक डच वैज्ञानिक द्वारा सन १६०२ में और पहली सैनिक पनडुब्बी टर्टल १७७५ में बनाई गई। यह पानी के भीतर रहते हुए समस्त सैनिक कार्य करने में सक्षम थी और इसलिए इसके बनने के १ वर्ष बाद ही इसे अमेरिकी क्रान्ति में प्रयोग में लाया गया था। सन १६२० से लेकर अब तक पनडुब्बियों की तकनीक और निर्माण में आमूलचूल बदलाव आया। १९५० में परमाणु शक्ति से चलने वाली पनडुब्बियों ने डीज़ल चलित पनडुब्बियों का स्थान ले लिया। इसके बाद समुद्री जल से आक्सीजन ग्रहण करने वाली पनडुब्बियों का भी निर्माण कर लिया गया। इन दो महत्वपूर्ण आविष्कारों से पनडुब्बी निर्माण क्षेत्र में क्रांति सी आ गई। आधुनिक पनडुब्बियाँ कई सप्ताह या महिनों तक पानी के भीतर रहने में सक्षम हो गई है। द्वितीय विश्व युद्ध के समय भी पनडुब्बियों का उपयोग परिवहन के लिये सामान को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के लिए किया जाता था। आजकल इनका प्रयोग पर्यटन के लिये भी किया जाने लगा है। कालपनिक साहित्य संसार और फंतासी चलचित्रों के लिये पनडुब्बियों का कच्चे माल के रूप मे प्रयोग किया गया है। पनडुब्बियों पर कई लेखकों ने पुस्तकें भी लिखी हैं। इन पर कई उपन्यास भी लिखे जा चुके हैं। पनडुब्बियों की दुनिया को छोटे परदे पर कई धारावाहिको में दिखाया गया है। हॉलीवुड के कुछ चलचित्रों जैसे आक्टोपस १, आक्टोपस २, द कोर में समुद्री दुनिया के मिथकों को दिखाने के लिये भी पनडुब्बियो को दिखाया गया है। .

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प्रक्षेपास्त्र

भारत का अग्नि ३ प्रक्षेपास्त्र प्रक्षेपित कर उपयोग में लाया जाने वाला अस्त्र। इसका प्रयोग दूर स्थित लक्ष्य को बेधने के लिए किया जाता है। इसकी सहायता से विस्फोटकों को हजारों किलोमीटर दूर के लक्ष्य तक पहुंचाया जा सकता है। इस प्रकार सुदूर स्थित दुश्मन के ठिकाने भी कुछ ही समय में नष्ट किए जा सकते हैं। प्रक्षेपास्त्र रासायनिक विस्फोटकों से लेकर परमाणु बम तक का वहन और प्रयोग कर सकता है। .

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टॉरपीडो और विनाशक पोत के बीच तुलना

टॉरपीडो 4 संबंध है और विनाशक पोत 8 है। वे आम 2 में है, समानता सूचकांक 16.67% है = 2 / (4 + 8)।

संदर्भ

यह लेख टॉरपीडो और विनाशक पोत के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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