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टाऊ न्यूट्रिनो और प्रबल अन्योन्य क्रिया

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

टाऊ न्यूट्रिनो और प्रबल अन्योन्य क्रिया के बीच अंतर

टाऊ न्यूट्रिनो vs. प्रबल अन्योन्य क्रिया

टाऊ न्यूट्रिनो एक मूलभूत कण है। इसका प्रतीक चिह्न है। इसका आवेश शून्य होता है अर्थात यह एक उदासीन कण है। न्यूट्रिनों तीन प्रकार के होते हैं जिनमें से यह टाऊ से सम्बद्ध लेप्टॉनों की श्रेणी में आता है। इसका द्रव्यमान लगभग शून्य माना जाता है, प्रायोगिक तौर पर इसका सीमान्त मान 15.5 Mev/c2 से कम है। इसका प्रचक्रण 1/2 होता है। यह दो फ्लेवर के साथ पाया जाता है जो कण और प्रतिकण हैं अर्थात टाऊ न्यूट्रिनो एवं टाऊ प्रतिन्यूट्रिनो। ज्ञात कणों में केवल न्यूट्रिनों ही ऐसे कण हैं जो केवल दुर्बल अन्योन्य क्रिया में भाग लेते हैं। न्यूट्रिनो प्रबल अन्योन्य क्रिया एवं विद्युत चुम्बकीय अन्योन्य क्रियाओं में भाग नहीं लेते। द्रव्यामान अज्ञात होने के कारण इनकी गुरुत्वीय अन्योन्य क्रिया का सही मान प्राप्त करना मुश्किल है। . प्रबल अन्योन्य क्रिया (अक्सर प्रबल बल, प्रबल नाभिकीय बल और कलर अन्योन्य क्रिया के नाम से भी जाना जाता है) (Strong Interaction.) प्रकृति की चार मूलभूत अन्योन्य क्रियाओं में से एक है, अन्य तीन अन्योन्य क्रियाएं गुरुत्वाकर्षण, विद्युत चुम्बकीय अन्योन्य क्रिया और दुर्बल अन्योन्य क्रिया हैं। नाभिकीय स्तर पर यह अन्योन्य क्रिया विद्यत चुम्बकीय अन्योन्य क्रिया से १०० गुना प्रबल है अतः दुर्बल व गुरुत्वीय अन्योन्य क्रियाओं से यह बहुत ज्यादा प्रबल है। इस अन्योन्य क्रिया को प्रोटोनों व न्यूट्रोनों के बन्धन बल के रूप में भी पहचाना जाता है। .

टाऊ न्यूट्रिनो और प्रबल अन्योन्य क्रिया के बीच समानता

टाऊ न्यूट्रिनो और प्रबल अन्योन्य क्रिया आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): दुर्बल अन्योन्य क्रिया

दुर्बल अन्योन्य क्रिया

दुर्बल अन्योन्य क्रिया (अक्सर दुर्बल बल व दुर्बल नाभिकीय बल के नाम से भी जाना जाता है) प्रकृति की चार मूलभूत अन्योन्य क्रियाओं में से एक है, अन्य चार अन्योन्य क्रियाएं गुरुत्वाकर्षण, विद्युत चुम्बकीय अन्योन्य क्रिया और प्रबल अन्योन्य क्रिया हैं। यह अन्योन्य क्रिया, उप-परमाणविक कणों के रेडियोधर्मी क्षय और नाभिकीय संलयन के लिए उत्तरदायी है। सभी ज्ञात फर्मिऑन (वे कण जिनका स्पिन अर्द्ध-पूर्ण संख्या होती है) यह अन्योन्य क्रिया करते हैं। कण भौतिकी मेंमानक प्रतिमान के अनुसार दुर्बल अन्योन्य क्रिया Z अथवा W बोसॉन के विनिमय (उत्सर्जन अथवा अवशोषण) से होती है और अन्य तीन बलों की भांती यह भी अस्पृशी बल माना जाता है। बीटा क्षय रेडियोधर्मिता का एक उदाहरण इस क्रिया का सबसे ज्ञात उदाहरण है। W व Z बोसॉनों का द्रव्यमान प्रोटोन व न्यूट्रोन की तुलना में बहुत अधीक होता है और यह भारीपन ही दुर्बल बल की परास कम होने का मुख्य कारण है। इसे दुर्बल बल कहने का कारण इस बल का अन्य दो बलों विद्युत चुम्बकीय व प्रबल की तुलना में इसका मान का परिमाण की कोटि कई गुणा कम होना है। अधिकतर कण समय के साथ दुर्बल बल के अधीन क्षय होते हैं। क्वार्क फ्लेवर परिवर्तन भी केवल इस बल के अधीन ही होता है। .

टाऊ न्यूट्रिनो और दुर्बल अन्योन्य क्रिया · दुर्बल अन्योन्य क्रिया और प्रबल अन्योन्य क्रिया · और देखें »

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टाऊ न्यूट्रिनो और प्रबल अन्योन्य क्रिया के बीच तुलना

टाऊ न्यूट्रिनो 3 संबंध है और प्रबल अन्योन्य क्रिया 7 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 10.00% है = 1 / (3 + 7)।

संदर्भ

यह लेख टाऊ न्यूट्रिनो और प्रबल अन्योन्य क्रिया के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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