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ज्यां-पाल सार्त्र और भगवान का अस्तित्व

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

ज्यां-पाल सार्त्र और भगवान का अस्तित्व के बीच अंतर

ज्यां-पाल सार्त्र vs. भगवान का अस्तित्व

ज्यां-पाल सार्त्र नोबेल पुरस्कार साहित्य विजेता, १९६४ ज्यां-पाल सार्त्र अस्तित्ववाद के पहले विचारकों में से माने जाते हैं। वह बीसवीं सदी में फ्रान्स के सर्वप्रधान दार्शनिक कहे जा सकते हैं। कई बार उन्हें अस्तित्ववाद के जन्मदाता के रूप में भी देखा जाता है। अपनी पुस्तक "ल नौसी" में सार्त्र एक ऐसे अध्यापक की कथा सुनाते हैं जिसे ये इलहाम होता है कि उसका पर्यावरण जिससे उसे इतना लगाव है वो बस कि़ंचित् निर्जीव और तत्वहीन वस्तुओं से निर्मित है। किन्तु उन निर्जीव वस्तुओं से ही उसकी तमाम भावनाएँ जन्म ले चुकी थीं। सार्त्र का निधन अप्रैल १५, १९८० को पेरिस में हआ। . ;भगवान की सत्ता हेतु प्रमाण मानव प्राचीन काल से ही इश्वर की सत्ता को सिद्धि का प्रयास करता रहा हेँ इस सिद्धी के लिये मानव ने अनेक युक्तियो का सहारा लिया हें पुरंतु ये समस्या केवल दार्शनिक की है। एक दार्शनिक को हमेशा प्रमाणों की आवयश्कता रहती हें और ये प्रमाण भी युक्तिपूर्ण होने चाहियें। इस संबध में दिए गए सभी प्रमाणों को दो भागो मै विभाजित किया गया है - (१) प्रमाण जो मानव के अनुभव पे आधारित होते हो यथा सृष्टिमूलक, प्रयोजन मूलक, नीति मूलक, धार्मिक अनुभव मूलक प्रमाण (२) प्रमाण जिनका मानव के अनुभव से रिश्ता न हो इसमे प्रत्य सत्ता मूलक प्रमाण आता हैं .

ज्यां-पाल सार्त्र और भगवान का अस्तित्व के बीच समानता

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सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

ज्यां-पाल सार्त्र और भगवान का अस्तित्व के बीच तुलना

ज्यां-पाल सार्त्र 5 संबंध है और भगवान का अस्तित्व 5 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (5 + 5)।

संदर्भ

यह लेख ज्यां-पाल सार्त्र और भगवान का अस्तित्व के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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