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जुब्बल उपत्यका और माधव गाडगिल

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

जुब्बल उपत्यका और माधव गाडगिल के बीच अंतर

जुब्बल उपत्यका vs. माधव गाडगिल

जुब्बल उपत्यका भारत में हिमाचल प्रदेश के शिमला जनपद का शांत, एकांत एवं मनमोहक हिमालयी भूदृश्य है। यह देउरा घाटी, जुब्बल घाटी या बिशकल्टी घाटी के नाम से भी जानी जाती है। सेब उत्पादन में लगे स्थानीय निवासियों के मन में बसे देवी-देवताओं के अत्यंत रोचक मिथक, सहज रूप से समाज के ताने-बाने को प्रभावित करते हैं। हिमाचल प्रदेश की अन्य घाटियों की तरह जुब्बल उपत्यका में भी है देवी-देवताओं का राज तो कायम रहा पर रियासतें बदलती रही। जुब्बल शिमला पहाड़ी की रियासतों में से एक थी। इसका क्षेत्रफल लगभग ३०० वर्ग किमी था। इसमें ८४ गाँव थे। देवढ़ा इस रियासत की राजधानी थी। राठौर राजपूतों का यहाँ राज्य था। अनाज, तंबाकू और अफीम यहाँ के प्रमुख उत्पादन थे। खड़ापत्थर में लुभावने वन, पर्वत शिखर और गिरीगंगा; पुराना जुब्बल में ग्रामीण परिवेश और स्थानीय काठकूणी शैली के मकान; जुब्बल (देउरा) का पाश्चात्य शैली से निर्मित और स्थानीय काष्ठकला से सुसज्जित राजमहल; तथा हाटकोटी में पब्बर तट पर ८वीं से ११वीं शताब्दी के बीच वास्तुपुरूषमंडल नियोजन से परिचय कराते मंदिर, जुब्बल उपत्यका के महत्वपूर्ण स्थल हैं। जुब्बल उपत्यका हिमालय में मिश्रित वनों के संरक्षण के साथ सेब और आलू की सघन खेती से उत्पन्न टकराव, में प्राकृतिक संसाधनों की सीमित उपलब्धता तथा मानव मन की असीमित इच्छाओं का द्वंद्व है। . माधव गाडगिल को भारत सरकार द्वारा सन २००६ में विज्ञान एवं अभियांत्रिकी के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये महाराष्ट्र से हैं। .

जुब्बल उपत्यका और माधव गाडगिल के बीच समानता

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संदर्भ

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