जीववाद और तेन्ग्री धर्म
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जीववाद और तेन्ग्री धर्म के बीच अंतर
जीववाद vs. तेन्ग्री धर्म
जीववाद या सर्वात्मवाद (Animism) वह दार्शनिक, धार्मिक या आध्यात्मिक विचार है कि आत्मा न केवल मनुष्यों में होती है वरन् सभी जन्तुओं, वनस्पतियों, चट्टानों, प्राकृतिक परिघटनाओं (बिजली, वर्षा आदि) में भी होती है। इससे भी आगे जाकर कभी-कभी शब्दों, नामों, उपमाओं, रूपकों आदि में भी आत्मा के अस्तित्व की बात कही जाती है। सर्वात्मवाद का दर्शन मुख्यतया आदिवासी समाजों में पाया जाता है परन्तु यह शिन्तो एवं हिन्दुओं के कुछ सम्प्रदायों में भी पाया जाता है। . काज़ाख़स्तान के राष्ट्रीय ध्वज की नीली पृष्ठभूमि 'सनातन नीले आकाश', यानि तेन्ग्री, का प्रतीक है तेन्ग्री धर्म (पुरानी तुर्की: 7px7px7px7px, मंगोल: Тэнгэр шүтлэг, अंग्रेज़ी: Tengrism) एक प्राचीन मध्य एशियाई धर्म है जिसमें ओझा प्रथा, सर्वात्मवाद, टोटम प्रथा और पूर्वज पूजा के तत्व शामिल थे। यह तुर्क लोगों और मंगोलों की मूल धार्मिक प्रथा थी। इसके केन्द्रीय देवता आकाश के प्रभु तेन्ग्री (Tengri) थे और इसमें आकाश के लिए बहुत श्रद्धा रखी जाती थी। आज भी मध्य एशिया और उत्तरी एशिया में तूवा और साइबेरिया में स्थित ख़कासिया जैसी जगहों पर तेन्ग्री धर्म के अनुयायी सक्रीय हैं।, Robert A. Saunders, Vlad Strukov, Scarecrow Press, 2010, ISBN 978-0-8108-5475-8,...
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संदर्भ
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