जीवन स्तर और २०१० हाइती भूकम्प
शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ।
जीवन स्तर और २०१० हाइती भूकम्प के बीच अंतर
जीवन स्तर vs. २०१० हाइती भूकम्प
जीवन स्तर (Standard of living) एक निश्चित भौगोलिक क्षेत्र में एक निश्चित सामाजिक-आर्थिक वर्ग के लिए उपलब्ध धन, सुख, भौतिक वस्तुओं और आवश्यकताओं के स्तर को दर्शाता हैं। जीवन स्तर में आय, रोजगार की गुणवत्ता और उपलब्धता, वर्ग असमानता, गरीबी दर, आवास की गुणवत्ता औरखरीदने की क्षमता, आवश्यकताएँ खरीद करने के लिए आवश्यक काम के घंटे, सकल घरेलू उत्पाद, मुद्रास्फीति दर, वार्षिक अवकाश, स्वास्थ्य सेवाओं की सस्ती (या मुफ्त) सुलभता, शिक्षा की गुणवत्ता और उपलब्धता, जीवन प्रत्याशा, रोग की घटनाएँ, वस्तुओं और सेवाओं की लागत, बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता के लिए उपयोग, राष्ट्रीय आर्थिक विकास, आर्थिक और राजनैतिक स्थिरता, राजनैतिक और धार्मिक स्वतंत्रता, पर्यावरण की गुणवत्ता, जलवायु और सुरक्षा, जैसे कारक शामिल हैं। जीवन स्तर जीवन की गुणवत्ता से बारीकी से संबंधित हैं। २०१३ में, मानव विकास सूचकांक ने जीवन की गुणवत्ता के लिए निम्न रूप से शीर्ष छह देशों को श्रेणीबद्ध किया - नॉर्वे, ऑस्ट्रेलिया, स्विट्ज़रलैंड, नीदरलैण्ड, संयुक्त राज्य अमेरिका और जर्मनी मनुष्य की अधिकांश आर्थिक क्रियाएँ आवश्कताओं को संतुष्ट करने के लिये होती हैं। ये आवश्यकताएँ दैनिक जीवन में उपभोग की जानेवाली विभिन्न वस्तुओं की होती हैं। इनकी पूर्ति सामान्यत: मनुष्य की आय के अनुसार होती है। यदि आय अधिक हुई तो न केवल अनिवार्य आवश्यकताओं की पूर्ति होती है। वरन् आराम और विलासिता संबंधी वस्तुओं का भी उपभोग किया जाता है जीवन का स्तर उन्हीं आवश्यकताओं की पूर्ति का द्योतक होता है जो मनुष्य अपनी आय के अनुसार प्राप्त करता है। ये आवश्यकताएँ जलवायु, सामाजिक स्तर तथा सांस्कृतिक परंपराओं के अनुसार भिन्न भिन्न स्थानों में बदलती रहती है। जीवन के स्तर का कोई दृढ़ मापदंड नहीं है। इसका अनुमान हम आय-व्यय के लेखा द्वारा ही कर सकते हैं और जीवन-स्तर को तुलनात्मक शब्दों में ही व्यक्त किया जा सकता है, जैसे ऊँचे जीवन का स्तर अथवा नीचे जीवन का स्तर। जो मनुष्य अच्छा भोजन करता हो, हवादार मकान में रहता हो, स्वच्छ कपड़े पहनता हो तथा स्वास्थ्य और मनोरंजन इत्यादि के लिये समुचित प्रबंध रखता हो, उसके रहन-सहन को हम जीवन का ऊँचा स्तर मानते हैं। इसके विपरीत जीवन का नीचा स्तर उन लोगों का माना जाता है जो इन बातों की व्यवस्था ठीक से न कर सकें तथा स्वास्थ्य, कार्यक्षमता एवं मनोरंजन के लिए सुविधाएँ प्राप्त न कर सकें। जीवन का ऊँचा स्तर मनुष्य की कार्यक्षमता बढ़ाने में सहायक होता है। आवश्यकताओं की पूर्ति के अतिरिक्त मनुष्य अपनी आय के अनुसार स्वास्थ्य तथा शिक्षा के लिये खर्च करता है। इसके बाद मनोरंजन तथा विलासिता संबंधी व्यय किया जाता है जो परोक्ष रूप से कार्यक्षमता बढ़ाने में सहायक होते हैं। इस प्रकार किए गए व्यय के लिये यह आवश्यक है कि प्रत्येक कार्य के लिये धन का व्यय उचित अनुपात में तथा विवेकपूर्ण ढंग से हो ताकि उपभोग की गई वस्तुओं से अधिकतम मात्रा में उपयोगिता प्राप्त की जा सके। समाज के विभिन्न वर्गों का जीवनस्तर उनके व्यवसाय पर भी निर्भर होता है जैसे समान आय वाले एक डाक्टर और एक दुकानदार के जीवनस्तर में पर्याप्त अंतर पाया जाता है। डाक्टर अपने तथा परिवार के लोगों के लिये कपड़ा, मकान, शिक्षा तथा मनोरंजनादि पर दुकानदार के अनुपात में अधिक व्यय करेगा, जबकि दुकानदार अपनी आमदनी का एक बड़ा भाग अपने व्यवसाय की उन्नति में लगाना चाहेगा। किसी देश के निवासियों का जीवनस्तर उस देश की राष्ट्रीय आय द्वारा भी जाना जा सकता है। पाश्चात्य देशों के अनुपात में भारत की राष्ट्रीय आय बहुत कम है अत: जीवन का स्तर भारत में नीचा माना जाता है। नीचे जीवनस्तर के मुख्य कारण जनसंख्या की तीव्र वृद्धि, निर्धनता, उत्पादन के साधनों की कमी तथा अशिक्षा हैं। इसके अतिरिक्त भारत की धार्मिक तथा सामाजिक परंपराएँ भी ऊँचे जीवनस्तर को प्रोत्साहन नहीं देतीं। सादा जीवन, उच्च विचार ही यहाँ की विचारधारा रही है परंतु स्वतंत्रता के उपरांत पंचवर्षीय योजनाओं द्वारा आर्थिक उन्नति के निरंतर प्रयास हुए हैं जिससे राष्ट्रीय आय पर्याप्त मात्रा में बढ़ गई है और हमारी कार्यक्षमता तथा स्वास्थ्य पर अनुकूल प्रभाव पड़ा है। परिणाम स्वरूप उत्पादन और उपभोग की मात्रा में भी वृद्धि हुई है। . २०१० हाइती भूकम्प कैरीबियाई देश हाइती में मंगलवार १२ जनवरी, २०१० (भारत में तिथि १३ जनवरी, २०१०) को आया जबर्दस्त भूकम्प था। इसकी रिक्टर पैमाने पर तीव्रता ७.३ आंकी गई थी। इस शक्तिशाली भूकम्प में हज़ारों लोग मारे गए। भूकम्प से राजधानी पोर्ट-ऑ-प्रिंस के कई भवन ध्वस्त हो गए और कई स्थानीय निवासी उसके नीचे दब गए। आंकड़ों के अनुसार पिछले २०० वर्षों में हाइती में यह सबसे शक्तिशाली भूकम्प था। संयुक्त राज्य भूगर्भ सर्वेक्षण विभाग के अनुसार इस भूकम्प की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर ७ मापी गई है। इस भूकम्प का केन्द्र राजधानी से मात्र १६ किलोमीटर दूर तथा धरती से केवल १० किलोमीटर नीचे था। इस भीषण भूकम्प से भारी संख्या में भवन ढह गए जिससे कई लाख लोग मारे गए। अमेरिकी भूगर्भ सर्वेक्षण ने बताया कि भूकम्प स्थानीय समयानुसार लगभग ४ बज कर ५३ मिनट पर आया। भूकम्प के शक्तिशाली झटकों के बाद ५.९, ५.५ और ५.१ तीव्रता के तीन और पश्चातवर्ती झटके महसूस किए गए। इन शक्तिशाली झटकों के कारण हाइती में संचार व्यवस्था बाधित हो गई। मलबे के कारण सड़कों पर आवागमन रूक गया। इस जबर्दस्त भूकम्प के बाद पूरी दुनिया से राहत और बचात सामग्री पहुँचना आरम्भ हो गया। भारत सरकार द्वारा भी हाइती में भूकम्प हताहतों की सहायता के लिए ५० लाख डॉलर (लगभग २५ करोड़ रुपये) की सहायता दी गई। .
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