जादू और सामाजिक विज्ञान
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जादू और सामाजिक विज्ञान के बीच अंतर
जादू vs. सामाजिक विज्ञान
जादू का मतलब है मन्त्र, पराविद्या या कर्मकाण्ड के प्रयोग से दुनिया के सामान्य प्राकृतिक और वैज्ञानिक नियमों को असामान्य रूप से बदलना या उनपर नियंत्रण करना, अथवा ऐसा करने की कोशिश या ढ़ोंग करना। ज्यादातर लोग जादू को काल्पनिक और झूठ मानते हैं, क्योंकि उनके मुताबिक विज्ञान के नियम-कानूनों को बदलना नामुमकिन है। कुछ लोग, जो जादू को सच मानते भी हैं, इसे अधर्म और पाप मानते हैं। अधिकांश लोग धार्मिक कर्मकांड और मन्त्रों को जादू नहीं मानते, बल्कि उनको "प्रार्थना और ईश्वर की शक्ति" मानते हैं। जादू जानने और करने वाले को जादूगर कहते हैं। चमत्कार, इन्द्रजाल, अभिचार, टोना या तन्त्र-मन्त्र जैसे शब्द भी जादू कि श्रेणी में आते हैं। श्रेणी:मिथक श्रेणी:जादू. सामाजिक विज्ञान (Social science) मानव समाज का अध्ययन करने वाली शैक्षिक विधा है। प्राकृतिक विज्ञानों के अतिरिक्त अन्य विषयों का एक सामूहिक नाम है 'सामाजिक विज्ञान'। इसमें नृविज्ञान, पुरातत्व, अर्थशास्त्र, भूगोल, इतिहास, विधि, भाषाविज्ञान, राजनीति शास्त्र, समाजशास्त्र, अंतरराष्ट्रीय अध्ययन और संचार आदि विषय सम्मिलित हैं। कभी-कभी मनोविज्ञान को भी इसमें शामिल कर लिया जाता है। .
जादू और सामाजिक विज्ञान के बीच समानता
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संदर्भ
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