अकबर और जहांदार शाह के बीच समानता
अकबर और जहांदार शाह आम में 19 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): दिल्ली, फ़र्रुख़ सियर, बहादुर शाह प्रथम, बहादुर शाह ज़फ़र, बाबर, मुग़ल शासकों की सूची, रफी उद-दर्जत, रफी उद-दौलत, लाहौर, शाह जहाँ, शाह आलम द्वितीय, शेर शाह सूरी, हुमायूँ, जहाँगीर, औरंगज़ेब, आगरा, इस्लाम शाह सूरी, अहमद शाह बहादुर, अकबर शाह द्वितीय।
दिल्ली
दिल्ली (IPA), आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (अंग्रेज़ी: National Capital Territory of Delhi) भारत का एक केंद्र-शासित प्रदेश और महानगर है। इसमें नई दिल्ली सम्मिलित है जो भारत की राजधानी है। दिल्ली राजधानी होने के नाते केंद्र सरकार की तीनों इकाइयों - कार्यपालिका, संसद और न्यायपालिका के मुख्यालय नई दिल्ली और दिल्ली में स्थापित हैं १४८३ वर्ग किलोमीटर में फैला दिल्ली जनसंख्या के तौर पर भारत का दूसरा सबसे बड़ा महानगर है। यहाँ की जनसंख्या लगभग १ करोड़ ७० लाख है। यहाँ बोली जाने वाली मुख्य भाषाएँ हैं: हिन्दी, पंजाबी, उर्दू और अंग्रेज़ी। भारत में दिल्ली का ऐतिहासिक महत्त्व है। इसके दक्षिण पश्चिम में अरावली पहाड़ियां और पूर्व में यमुना नदी है, जिसके किनारे यह बसा है। यह प्राचीन समय में गंगा के मैदान से होकर जाने वाले वाणिज्य पथों के रास्ते में पड़ने वाला मुख्य पड़ाव था। यमुना नदी के किनारे स्थित इस नगर का गौरवशाली पौराणिक इतिहास है। यह भारत का अति प्राचीन नगर है। इसके इतिहास का प्रारम्भ सिन्धु घाटी सभ्यता से जुड़ा हुआ है। हरियाणा के आसपास के क्षेत्रों में हुई खुदाई से इस बात के प्रमाण मिले हैं। महाभारत काल में इसका नाम इन्द्रप्रस्थ था। दिल्ली सल्तनत के उत्थान के साथ ही दिल्ली एक प्रमुख राजनैतिक, सांस्कृतिक एवं वाणिज्यिक शहर के रूप में उभरी। यहाँ कई प्राचीन एवं मध्यकालीन इमारतों तथा उनके अवशेषों को देखा जा सकता हैं। १६३९ में मुगल बादशाह शाहजहाँ ने दिल्ली में ही एक चारदीवारी से घिरे शहर का निर्माण करवाया जो १६७९ से १८५७ तक मुगल साम्राज्य की राजधानी रही। १८वीं एवं १९वीं शताब्दी में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने लगभग पूरे भारत को अपने कब्जे में ले लिया। इन लोगों ने कोलकाता को अपनी राजधानी बनाया। १९११ में अंग्रेजी सरकार ने फैसला किया कि राजधानी को वापस दिल्ली लाया जाए। इसके लिए पुरानी दिल्ली के दक्षिण में एक नए नगर नई दिल्ली का निर्माण प्रारम्भ हुआ। अंग्रेजों से १९४७ में स्वतंत्रता प्राप्त कर नई दिल्ली को भारत की राजधानी घोषित किया गया। स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् दिल्ली में विभिन्न क्षेत्रों से लोगों का प्रवासन हुआ, इससे दिल्ली के स्वरूप में आमूल परिवर्तन हुआ। विभिन्न प्रान्तो, धर्मों एवं जातियों के लोगों के दिल्ली में बसने के कारण दिल्ली का शहरीकरण तो हुआ ही साथ ही यहाँ एक मिश्रित संस्कृति ने भी जन्म लिया। आज दिल्ली भारत का एक प्रमुख राजनैतिक, सांस्कृतिक एवं वाणिज्यिक केन्द्र है। .
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फ़र्रुख़ सियर
फ़र्रुख़ सियर (जन्म: 20 अगस्त 1685 - मृत्यु: 19 अप्रैल 1719) एक मुग़ल बादशाह था जिसने 1713 से 1719 तक हिन्दुस्तान पर हुकूमत की। उसका पूरा नाम अब्बुल मुज़फ़्फ़रुद्दीन मुहम्मद शाह फ़र्रुख़ सियर था। आलिम अकबर सानी वाला, शान पादशाही बह्र-उर्-बार, तथा शाहिदे-मज़्लूम उसके शाही ख़िताबों के नाम हुआ करते थे। 1715 ई. में एक शिष्टमंडल जाॅन सुरमन की नेतृत्व में भारत आया। यह शिष्टमंडल उत्तरवर्ती मुग़ल शासक फ़र्रूख़ सियर की दरबार में 1717 ई. में पहुँचा। उस समय फ़र्रूख़ सियर जानलेवा घाव से पीड़ित था। इस शिष्टमंडल में हैमिल्टन नामक डाॅक्टर थे जिन्होनें फर्रखशियर का इलाज किया था।इससे फ़र्रूख़ सियर खुश हुआ तथा अंग्रेजों को भारत में कहीं भी व्यापार करने की अनुमति तथा अंग्रेज़ों द्वारा बनाऐ गए सिक्के को भारत में सभी जगह मान्यता प्रदान कर दिया गया। फ़र्रूख़ सियर द्वारा जारी किये गए इस घोषणा को ईस्ट इंडिया कंपनी का मैग्ना कार्टा कहा जाता है। मैग्ना कार्टा का सर्वप्रथम 1215 ई. में ब्रिटेन में जाॅन-II के द्वारा हुआ था। .
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बहादुर शाह प्रथम
बहादुर शाह प्रथम का जन्म 14 अक्तूबर, सन् 1643 ई. में बुरहानपुर, भारत में हुआ था। बहादुर शाह प्रथम दिल्ली का सातवाँ मुग़ल बादशाह (1707-1712 ई.) था। 'शहज़ादा मुअज्ज़म' कहलाने वाले बहादुरशाह, बादशाह औरंगज़ेब का दूसरा पुत्र था। अपने पिता के भाई और प्रतिद्वंद्वी शाहशुजा के साथ बड़े भाई के मिल जाने के बाद शहज़ादा मुअज्ज़म ही औरंगज़ेब के संभावी उत्तराधिकारी बना। बहादुर शाह प्रथम को 'शाहआलम प्रथम' या 'आलमशाह प्रथम' के नाम से भी जाना जाता है। .
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बहादुर शाह ज़फ़र
बहादुर शाह ज़फ़र बहादुर शाह ज़फर (1775-1862) भारत में मुग़ल साम्राज्य के आखिरी शहंशाह थे और उर्दू के माने हुए शायर थे। उन्होंने १८५७ का प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भारतीय सिपाहियों का नेतृत्व किया। युद्ध में हार के बाद अंग्रेजों ने उन्हें बर्मा (अब म्यांमार) भेज दिया जहाँ उनकी मृत्यु हुई। .
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बाबर
ज़हिर उद-दिन मुहम्मद बाबर (14 फ़रवरी 1483 - 26 दिसम्बर 1530) जो बाबर के नाम से प्रसिद्ध हुआ, एक मुगल शासक था, जिनका मूल मध्य एशिया था। वह भारत में मुगल वंश के संस्थापक था। वो तैमूर लंग के परपोते था, और विश्वास रखते था कि चंगेज़ ख़ान उनके वंश के पूर्वज था। मुबईयान नामक पद्य शैली का जन्मदाता बाबर को ही माना जाता है! .
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मुग़ल शासकों की सूची
मुग़ल सम्राटों की सूची कुछ इस प्रकार है।.
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रफी उद-दर्जत
रफी उद-दर्जत(३० नवम्बर १६९९-१७१९), रफ़ी-उस-शहान का कनिष्ठ पुत्र (अज़ीम उश शान का भाई) दसवां मुगल सम्राट था। यह फर्रुख्शियार के बाद २८ फ़रवरी १७१९ को सैयद भ्राता द्वारा बादशाह घोषित किया गया। रफी-उद-दज्रत की मौत Lung Cancer से या फिर उसे सैयद भाइयों ने १७१९ में मार डाला था। .
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रफी उद-दौलत
रफी उद-दौलत (رفی الدولت) जिसे शाहजहां द्वितीय (شاه جہان ۲) भी कहा गया है (जन्म १६९६) १७१९ में अति लघु-काल के लिए मुगल सम्राट बना था। यह अपने भाई रफी उल-दर्जत की मृत्यु उपरांट गद्दी पर बैठा था। इसे भि उसी की तरह सैयद भ्राता ने बाद्शाह घोषित किया था। १७१९ में ही इसकी हत्या कर दी गयी थी। .
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लाहौर
लाहौर (لہور / ਲਹੌਰ, لاہور) पाकिस्तान के प्रांत पंजाब की राजधानी है एवं कराची के बाद पाकिस्तान में दूसरा सबसे बडा आबादी वाला शहर है। इसे पाकिस्तान का दिल नाम से भी संबोधित किया जाता है क्योंकि इस शहर का पाकिस्तानी इतिहास, संस्कृति एवं शिक्षा में अत्यंत विशिष्ट योगदान रहा है। इसे अक्सर पाकिस्तान बागों के शहर के रूप में भी जाना जाता है। लाहौर शहर रावी एवं वाघा नदी के तट पर भारत पाकिस्तान सीमा पर स्थित है। लाहौर का ज्यादातर स्थापत्य मुगल कालीन एवं औपनिवेशिक ब्रिटिश काल का है जिसका अधिकांश आज भी सुरक्षित है। आज भी बादशाही मस्जिद, अली हुजविरी शालीमार बाग एवं नूरजहां तथा जहांगीर के मकबरे मुगलकालीन स्थापत्य की उपस्थिती एवं उसकी अहमियत का आभास करवाता है। महत्वपूर्ण ब्रिटिश कालीन भवनों में लाहौर उच्च न्यायलय जनरल पोस्ट ऑफिस, इत्यादि मुगल एवं ब्रिटिश स्थापत्य का मिलाजुला नमूना बनकर लाहौर में शान से उपस्थित है एवं ये सभी महत्वपूर्ण पर्यटक स्थल के रूप में लोकप्रिय हैं। मुख्य तौर पर लाहौर में पंजाबी को मातृ भाषा के तौर पर इस्तेमाल की जाती है हलाकि उर्दू एवं अंग्रेजी भाषा भी यहां काफी प्रचलन में है एवं नौजवानों में काफी लोकप्रिय है। लाहौर की पंजाबी शैली को लाहौरी पंजाबी के नाम से भी जाना जाता है जिसमे पंजाबी एवं उर्दू का काफी सुंदर मिश्रण होता है। १९९८ की जनगणना के अनुसार शहर की आबादी लगभग ७ लाख आंकी गयी थी जिसके जून २००६ में १० लाख होने की उम्मीद जतायी गयी थी। इस अनुमान के मुताबिक लाहौर दक्षिण एशिया में पांचवी सबसे बडी आबादी वाला एवं दुनिया में २३वीं सबसे बडी आबादी वाला शहर है।.
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शाह जहाँ
शाह जहाँ (उर्दू: شاہجہان)पांचवे मुग़ल शहंशाह था। शाह जहाँ अपनी न्यायप्रियता और वैभवविलास के कारण अपने काल में बड़े लोकप्रिय रहे। किन्तु इतिहास में उनका नाम केवल इस कारण नहीं लिया जाता। शाहजहाँ का नाम एक ऐसे आशिक के तौर पर लिया जाता है जिसने अपनी बेग़म मुमताज़ बेगम के लिये विश्व की सबसे ख़ूबसूरत इमारत ताज महल बनाने का यत्न किया। सम्राट जहाँगीर के मौत के बाद, छोटी उम्र में ही उन्हें मुगल सिंहासन के उत्तराधिकारी के रूप में चुन लिया गया था। 1627 में अपने पिता की मृत्यु होने के बाद वह गद्दी पर बैठे। उनके शासनकाल को मुग़ल शासन का स्वर्ण युग और भारतीय सभ्यता का सबसे समृद्ध काल बुलाया गया है। .
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शाह आलम द्वितीय
The Mughal Emperor Shah Alam II, negotiates territorial changes with a member of the British East India Company शाह आलम द्वितीय (१७२८-१८०६), जिसे अली गौहर भी कहा गया है, भारत का मुगल सम्राट रहा। इसे गद्दी अपने पिता, आलमगीर द्वितीय से १७६१ में मिली। १४ सितंबर १८०३ को इसका राज्य ब्रिटिश साम्राज्य के अधीन आ गया और ये मात्र कठपुतली बनकर रह गया। १८०५ में इसकी मृत्यु हुई। इसकी कब्र १३ शताब्दी के संत कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी की महरौली में दरगाह के निकट एक संगमर्मर के परिसर में बहादुर शाह प्रथम (जिसे शाह आलम प्रथम भी कहा जाता है) एवं अकबर द्वितीय के साथ बनी है। .
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शेर शाह सूरी
शेरशाह सूरी (1472-22 मई 1545) (फारसी/पश्तो: فريد خان شير شاہ سوري, जन्म का नाम फ़रीद खाँ) भारत में जन्मे पठान थे, जिन्होनें हुमायूँ को 1540 में हराकर उत्तर भारत में सूरी साम्राज्य स्थापित किया था। शेरशाह सूरी ने पहले बाबर के लिये एक सैनिक के रूप में काम किया था जिन्होनें उन्हे पदोन्नति कर सेनापति बनाया और फिर बिहार का राज्यपाल नियुक्त किया। 1537 में, जब हुमायूँ कहीं सुदूर अभियान पर थे तब शेरशाह ने बंगाल पर कब्ज़ा कर सूरी वंश स्थापित किया था। सन् 1539 में, शेरशाह को चौसा की लड़ाई में हुमायूँ का सामना करना पड़ा जिसे शेरशाह ने जीत लिया। 1540 ई. में शेरशाह ने हुमायूँ को पुनः हराकर भारत छोड़ने पर मजबूर कर दिया और शेर खान की उपाधि लेकर सम्पूर्ण उत्तर भारत पर अपना साम्रज्य स्थापित कर दिया। एक शानदार रणनीतिकार, शेर शाह ने खुद को सक्षम सेनापति के साथ ही एक प्रतिभाशाली प्रशासक भी साबित किया। 1540-1545 के अपने पांच साल के शासन के दौरान उन्होंने नयी नगरीय और सैन्य प्रशासन की स्थापना की, पहला रुपया जारी किया है, भारत की डाक व्यवस्था को पुनः संगठित किया और अफ़गानिस्तान में काबुल से लेकर बांग्लादेश के चटगांव तक ग्रांड ट्रंक रोड को बढ़ाया। साम्राज्य के उसके पुनर्गठन ने बाद में मुगल सम्राटों के लिए एक मजबूत नीव रखी विशेषकर हुमायूँ के बेटे अकबर के लिये। .
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हुमायूँ
मिर्जा मुहम्मद हाकिम, पुत्र अकीकेह बेगम, पुत्री बख्शी बानु बेगम, पुत्री बख्तुन्निसा बेगम, पुत्री | --> हुमायूँ एक मुगल शासक था। प्रथम मुग़ल सम्राट बाबर के पुत्र नसीरुद्दीन हुमायूँ (६ मार्च १५०८ – २२ फरवरी, १५५६) थे। यद्यपि उन के पास साम्राज्य बहुत साल तक नही रहा, पर मुग़ल साम्राज्य की नींव में हुमायूँ का योगदान है। बाबर की मृत्यु के पश्चात हुमायूँ ने १५३० में भारत की राजगद्दी संभाली और उनके सौतेले भाई कामरान मिर्ज़ा ने काबुल और लाहौर का शासन ले लिया। बाबर ने मरने से पहले ही इस तरह से राज्य को बाँटा ताकि आगे चल कर दोनों भाइयों में लड़ाई न हो। कामरान आगे जाकर हुमायूँ के कड़े प्रतिद्वंदी बने। हुमायूँ का शासन अफ़गानिस्तान, पाकिस्तान और उत्तर भारत के हिस्सों पर १५३०-१५४० और फिर १५५५-१५५६ तक रहा। भारत में उन्होने शेरशाह सूरी से हार पायी। १० साल बाद, ईरान साम्राज्य की मदद से वे अपना शासन दोबारा पा सके। इस के साथ ही, मुग़ल दरबार की संस्कृति भी मध्य एशियन से इरानी होती चली गयी। हुमायूँ के बेटे का नाम जलालुद्दीन मुहम्मद अकबर था। .
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जहाँगीर
अकबर के तीन लड़के थे। सलीम, मुराद और दानियाल (मुग़ल परिवार)। मुराद और दानियाल पिता के जीवन में शराब पीने की वजह से मर चुके थे। सलीम अकबर की मृत्यु पर नुरुद्दीन मोहम्मद जहांगीर के उपनाम से तख्त नशीन हुआ। १६०५ ई. में कई उपयोगी सुधार लागू किए। कान और नाक और हाथ आदि काटने की सजा रद्द कीं। शराब और अन्य नशा हमलावर वस्तुओं का हकमा बंद। कई अवैध महसूलात हटा दिए। प्रमुख दिनों में जानवरों का ज़बीहह बंद.
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औरंगज़ेब
अबुल मुज़फ़्फ़र मुहिउद्दीन मुहम्मद औरंगज़ेब आलमगीर (3 नवम्बर १६१८ – ३ मार्च १७०७) जिसे आमतौर पर औरंगज़ेब या आलमगीर (प्रजा द्वारा दिया हुआ शाही नाम जिसका अर्थ होता है विश्व विजेता) के नाम से जाना जाता था भारत पर राज्य करने वाला छठा मुग़ल शासक था। उसका शासन १६५८ से लेकर १७०७ में उसकी मृत्यु होने तक चला। औरंगज़ेब ने भारतीय उपमहाद्वीप पर आधी सदी से भी ज्यादा समय तक राज्य किया। वो अकबर के बाद सबसे ज्यादा समय तक शासन करने वाला मुग़ल शासक था। अपने जीवनकाल में उसने दक्षिणी भारत में मुग़ल साम्राज्य का विस्तार करने का भरसक प्रयास किया पर उसकी मृत्यु के पश्चात मुग़ल साम्राज्य सिकुड़ने लगा। औरंगज़ेब के शासन में मुग़ल साम्राज्य अपने विस्तार के चरमोत्कर्ष पर पहुंचा। वो अपने समय का शायद सबसे धनी और शातिशाली व्यक्ति था जिसने अपने जीवनकाल में दक्षिण भारत में प्राप्त विजयों के जरिये मुग़ल साम्राज्य को साढ़े बारह लाख वर्ग मील में फैलाया और १५ करोड़ लोगों पर शासन किया जो की दुनिया की आबादी का १/४ था। औरंगज़ेब ने पूरे साम्राज्य पर फ़तवा-ए-आलमगीरी (शरियत या इस्लामी क़ानून पर आधारित) लागू किया और कुछ समय के लिए ग़ैर-मुस्लिमों पर अतिरिक्त कर भी लगाया। ग़ैर-मुसलमान जनता पर शरियत लागू करने वाला वो पहला मुसलमान शासक था। मुग़ल शासनकाल में उनके शासन काल में उसके दरबारियों में सबसे ज्यादा हिन्दु थे। और सिखों के गुरु तेग़ बहादुर को दाराशिकोह के साथ मिलकर बग़ावत के जुर्म में मृत्युदंड दिया गया था। .
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आगरा
आगरा उत्तर प्रदेश प्रान्त का एक महानगर, ज़िला शहर व तहसील है। विश्व का अजूबा ताजमहल आगरा की पहचान है और यह यमुना नदी के किनारे बसा है। आगरा २७.१८° उत्तर ७८.०२° पूर्व में यमुना नदी के तट पर स्थित है। समुद्र-तल से इसकी औसत ऊँचाई क़रीब १७१ मीटर (५६१ फ़ीट) है। आगरा उत्तर प्रदेश का तीसरा सबसे बड़ा शहर है। .
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इस्लाम शाह सूरी
इस्लाम शाह सूरी सूर वंश का द्वितीय शासक था। उसका वास्तविक नाम जलाल खान था, एवं वह शेरशाह सूरी का पुत्र था। उसने सात वर्ष (1545–53) दिल्ली पर शासन किया। इस्लाम शाह सूरी के बारह वर्षीय पुत्र फिरोज़ शाह सूरी उसका उत्तराधिकारी था। परंतु गद्दी पर बैठने के कुछ ही दिन बाद शेर शाह के भतीजे मुहम्मद मुबरीज़ द्वारा उसको मौत के घाट उतार दिया गया, एवं मुबरीज़ ने मुहम्मद शाह आदिल के नाम से शासन किया। .
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अहमद शाह बहादुर
अहमद शाह बहादुर (१७२५-१७७५) मुहम्मद शाह (मुगल) का पुत्र था और अपने पिता के बाद १७४८ में २३ वर्ष की आयु में १५वां मुगल सम्राट बना। इसकी माता उधमबाई थी, जो कुदसिया बेगम के नाम से प्रसिद्ध थीं। .
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अकबर शाह द्वितीय
अकबर द्वितीय (22 अप्रैल 1760 - 28 सितंबर 1837) को भी अकबर शाह द्वितीय के रूप में जाना जाता है, भारत के अंतिम द्वितीय मुगल सम्राट थे। उन्होंने 1806-1837 तक शासन किया। वह शाह आलम द्वितीय के दूसरे पुत्र और बहादुर शाह ज़फ़र के पिता थे। श्रेणी:मुगल बादशाह श्रेणी:18वीं सदी में जन्मे लोग.
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सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब
- क्या अकबर और जहांदार शाह लगती में
- यह आम अकबर और जहांदार शाह में है क्या
- अकबर और जहांदार शाह के बीच समानता
अकबर और जहांदार शाह के बीच तुलना
अकबर 180 संबंध है और जहांदार शाह 22 है। वे आम 19 में है, समानता सूचकांक 9.41% है = 19 / (180 + 22)।
संदर्भ
यह लेख अकबर और जहांदार शाह के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: