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जलयान और बर्लिन की दीवार

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

जलयान और बर्लिन की दीवार के बीच अंतर

जलयान vs. बर्लिन की दीवार

न्यूयॉर्क पत्तन पर इटली का जलयान ''' अमेरिगो वेस्पुक्की''' (१९७६) जलयान या पानी का जहाज (ship), पानी पर तैरते हुए गति करने में सक्षम एक बहुत बडा डिब्बा होता है। जलयान, नाव (बोट) से इस मामले में भिन्न भिन्न है कि जलयान, नाव की तुलना में बहुत बडे होते हैं। जलयान झीलों, समुद्रों एवं नदियों में चलते हैं। इन्हें अनेक प्रकार से उपयोग में लाया जाता है; जैसे - लोगों को लाने-लेजाने के लिये, सामान ढोने के लिये, मछली पकडने के लिये, मनोरंजन के लिये, तटों की देखरेख एवं सुरक्षा के लिये तथा युद्ध के लिये। जहाज समुद्र के आवागमन तथा दूर देशों की यात्रा के लिये जिन बृहद् नौकाओं का उपयोग प्राचीनकाल से होता आया है उन्हें जहाज कहते है। पहले जहाज अपेक्षाकृत छोटे होते थे तथा लकड़ी के बनते थे। प्राविधिक तथा वैज्ञानिक उन्नति के आधुनिक काल में बहुत बड़े, मुख्यत: लोहे से बने तथा इंजनों से चलनेवाले जहाज बनते हैं। . ''"Irgendwann fällt jede Mauer" - "अंततः हर दीवार गिरती है"'' बर्लिन की दीवार (जर्मन: Berliner Mauer बर्लीनर माउअर) पश्चिमी बर्लिन और जर्मन लोकतांत्रिक गणराज्य के बीच एक अवरोध थी जिसने 28 साल तक बर्लिन शहर को पूर्वी और पश्चिमी टुकड़ों में विभाजित करके रखा। इसका निर्माण 13 अगस्त 1961 को शुरु हुआ और 9 नवम्बर, 1989 के बाद के सप्ताहों में इसे तोड़ दिया गया। बर्लिन की दीवार अन्दरुनी जर्मन सीमा का सबसे प्रमुख भाग थी और शीत युद्ध का प्रमुख प्रतीक थी। बर्लिन की दीवार का एक भाग। बीच के "मृत्यु क्षेत्र" में बचकर भागने वाले प्रवासी सीमा रक्षकों के लिए सीधा निशाना बनते थे। दीवार के एक ओर भित्तिचित्र देखे जा सकते हैं। ये केवल पश्चिमी बर्लिन की तरफ बनाए जा सकते थे, पूर्वी बर्लिन की ओर ऐसा करना सख्त मना था। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद जब जर्मनी का विभाजन हो गया, तो सैंकड़ों कारीगर और व्यवसायी प्रतिदिन पूर्वी बर्लिन को छोड़कर पश्चिमी बर्लिन जाने लगे। बहुत से लोग राजनैतिक कारणों से भी समाजवादी पूर्वी जर्मनी को छोड़कर पूँजीवादी पश्चिमी जर्मनी जाने लगे (जर्मन: Republikflucht)। इससे पूर्वी जर्मनी को आर्थिक और राजनैतिक रूप से बहुत हानि होने लगी। बर्लिन दीवार का उद्देश्य इसी प्रवासन को रोकना था। इस दीवार के विचार की कल्पना वाल्टर उल्ब्रिख़्त के प्रशासन ने की और सोवियत नेता निकिता ख्रुश्चेव ने इसे मंजूरी दी। बर्लिन की दीवार बनने से यह प्रवास बहुत कम हो गया - 1949 और 1962 के बीच में जहाँ 25 लाख लोगों ने प्रवास किया वहीं 1962 और 1989 के बीच केवल 5,000 लोगों ने। लेकिन इस दीवार का बनना समाजवादी गुट के प्रचार तंत्र के लिए बहुत बुरा साबित हुआ। पश्चिम के लोगों के लिए यह समाजवादी अत्याचार का प्रतीक बन गई, खास तौर पर जब बहुत से लोगों को सीमा पार करते हुए गोली मार दी गई। बहुत से लोगों ने सीमा पार करने के अनोखे तरीके खोजे - सुरंग बनाकर, गरम हवा के गुब्बारों से, दीवार के ऊपर गुजरती तारों पर खिसककर, या तेज रफ्तार गाड़ियों से सड़क अवरोधों को तोड़ते हुए। 1980 के दशक में सोवियत आधिपत्य के पतन होने से पूर्वी जर्मनी में राजनैतिक उदारीकरण शुरू हुआ और सीमा नियमों को ढीला किया गया। इससे पूर्वी जर्मनी में बहुत से प्रदर्शन हुए और अंततः सरकार का पतन हुआ। 9 नवम्बर 1989 को घोषणा की गई कि सीमा पर आवागमन पर से रोक हटा दी गई है। पूर्वी और पश्चिमा बर्लिन दोनों ओर से लोगों के बड़े बड़े समूह बर्लिन की दीवार को पारकर एक-दूसरे से मिले। अगले कुछ सप्ताहों में उल्लास का माहौल रहा और लोग धीरे-धीरे दीवार के टुकड़े तोड़कर यादगार के लिए ले गए। बाद में बड़े उपकरणों का प्रयोग करके इसे ढहा दिया गया। बर्लिन दीवार के गिरने से पूरे जर्मनी में राष्ट्रवाद का उदय हुआ और पूर्वी जर्मनी के लोगों ने जर्मनी के पुनरेकीकरण के लिए मंजूरी दे दी। 3 अक्टूबर 1990 को जर्मनी फिर से एक हो गया। .

जलयान और बर्लिन की दीवार के बीच समानता

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संदर्भ

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