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जर्मेनियम और मैग्नीसियम

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

जर्मेनियम और मैग्नीसियम के बीच अंतर

जर्मेनियम vs. मैग्नीसियम

जर्मेनियम (Germanium) एक रासायनिक तत्व है। इसका स्थान आवर्त सारणी में उसी वर्ग में है, जिसमें सीस और टिन हैं। इसका आविष्कार 1886 ई. सी. मैग्नेशियम एक रासायनिक तत्त्व है, जिसका चिह्न है Mg, परमाणु संख्या १२ एवं सामान्य ऑक्सीडेशन संख्या +२ है। है। यह कैल्शियम और बेरियम की तरह एक एल्केलाइन अर्थ धातु है एवं पृथ्वी पर आठवाँ बहुल उपलब्ध तत्त्व है तथा भार के अनुपात में २% है, और पूरे ब्रह्माण्ड में नौंवा बहुल तत्त्व है। इसके बाहुल्य का संबंध ये तथ्य है, कि ये सुपरनोवा तारों में तीन हीलियम नाभिकों के कार्बन में शृंखलागत तरीके से जुड़ने पर मैग्नेशियम का निर्माण होता है। मैग्नेशियम आयन की जल में उच्च घुलनशीलता इसे सागर के जल में तीसरा बहुल घुला तत्त्व बनाती है। मैग्नीशियम सभी जीव जंतुओं के साथ मनुष्य के लिए भी उपयोगी तत्त्व है। यह प्रकाश का स्नोत है और जलने पर श्वेत प्रकाश उत्सर्जित करता है। यह मानव शरीर में पाए जाने वाले पांच प्रमुख रासायनिक तत्वों में से एक है। मानव शरीर में उपस्थित ५०% मैग्नीशियम अस्थियों और हड्डियों में होता है जबकि शेष भाग शरीर में हाने वाली जैविक कियाओं में सहयोगी रहता है। left एक स्वस्थ आहार में इसकी पर्याप्त मात्रा होनी चाहिये। इसकी अधिकता से अतिसार और न्यूनता से न्यूरोमस्कुलर समस्याएं हो सकती है। मैग्नीशियम हरी पत्तेदार सब्जियों में पाया जाता है।|हिन्दुस्तान लाईव। २४ मई २०१० इसकी खोज सर हंफ्री डेवी ने १८०८ में की थी। असल में डेवी ने वास्तव में धातु के एक ऑक्साइड को खोजा था, जो बाद में एक तत्व निकला। एक अन्य मान्यता अनुसार कि मैग्नीशियम की खोज १८वीं शताब्दी के मध्य में हुई थी। वैसे इसके एक यौगिक एप्सम लवण की खोज १७वीं शताब्दी में हो चुकी थी और वह आज भी प्रयोग में आता है। इसका एक अन्य यौगिक मिल्क ऑफ मैग्नीशिया कहलाता है। मैग्नीशियम अन्य तत्वों के साथ सरलता से अभिक्रिया कर यौगिक बना लेता है, जिस कारण यह प्रकृति में सदा यौगिकों के रूप में उपस्थित होता है। सागर का जल मैग्नीशियम का एक बड़ा स्रोत है, अतः कई धातु-शोधक कंपनियां इसे सागर से शोधित कर इसका औद्योगिक प्रयोग करती हैं। विलयन पर यह चांदी जैसा सफेद और भार में अपेक्षाकृत हल्का हो जाता है। धातु रूप में यह विषैला (टॉक्सिक) नहीं होता, किन्तु जलाने पर यह विषैला प्रभाव छोड़ता है। इसीलिए गर्म मैग्नीशियम का प्रयोग करते समय नाक को सावधानी से बचाकर काम करना चाहिए। मैग्नीशियम हल्का तत्व होने पर भी काफी मजबूत होता है। इस कारण ही इसे मिश्र धातुओं और अंतरिक्ष उद्योग के लिए उपयोगी माना जाता है। कुछ उच्च क्षमता वाले स्वचालित यंत्रों में भी इसका प्रयोग किया जाता है। .

जर्मेनियम और मैग्नीसियम के बीच समानता

जर्मेनियम और मैग्नीसियम आम में 3 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): पृथ्वी, खनिज, कार्बन

पृथ्वी

पृथ्वी, (अंग्रेज़ी: "अर्थ"(Earth), लातिन:"टेरा"(Terra)) जिसे विश्व (The World) भी कहा जाता है, सूर्य से तीसरा ग्रह और ज्ञात ब्रह्माण्ड में एकमात्र ग्रह है जहाँ जीवन उपस्थित है। यह सौर मंडल में सबसे घना और चार स्थलीय ग्रहों में सबसे बड़ा ग्रह है। रेडियोधर्मी डेटिंग और साक्ष्य के अन्य स्रोतों के अनुसार, पृथ्वी की आयु लगभग 4.54 बिलियन साल हैं। पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण, अंतरिक्ष में अन्य पिण्ड के साथ परस्पर प्रभावित रहती है, विशेष रूप से सूर्य और चंद्रमा से, जोकि पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह हैं। सूर्य के चारों ओर परिक्रमण के दौरान, पृथ्वी अपनी कक्षा में 365 बार घूमती है; इस प्रकार, पृथ्वी का एक वर्ष लगभग 365.26 दिन लंबा होता है। पृथ्वी के परिक्रमण के दौरान इसके धुरी में झुकाव होता है, जिसके कारण ही ग्रह की सतह पर मौसमी विविधताये (ऋतुएँ) पाई जाती हैं। पृथ्वी और चंद्रमा के बीच गुरुत्वाकर्षण के कारण समुद्र में ज्वार-भाटे आते है, यह पृथ्वी को इसकी अपनी अक्ष पर स्थिर करता है, तथा इसकी परिक्रमण को धीमा कर देता है। पृथ्वी न केवल मानव (human) का अपितु अन्य लाखों प्रजातियों (species) का भी घर है और साथ ही ब्रह्मांड में एकमात्र वह स्थान है जहाँ जीवन (life) का अस्तित्व पाया जाता है। इसकी सतह पर जीवन का प्रस्फुटन लगभग एक अरब वर्ष पहले प्रकट हुआ। पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति के लिये आदर्श दशाएँ (जैसे सूर्य से सटीक दूरी इत्यादि) न केवल पहले से उपलब्ध थी बल्कि जीवन की उत्पत्ति के बाद से विकास क्रम में जीवधारियों ने इस ग्रह के वायुमंडल (the atmosphere) और अन्य अजैवकीय (abiotic) परिस्थितियों को भी बदला है और इसके पर्यावरण को वर्तमान रूप दिया है। पृथ्वी के वायुमंडल में आक्सीजन की वर्तमान प्रचुरता वस्तुतः जीवन की उत्पत्ति का कारण नहीं बल्कि परिणाम भी है। जीवधारी और वायुमंडल दोनों अन्योन्याश्रय के संबंध द्वारा विकसित हुए हैं। पृथ्वी पर श्वशनजीवी जीवों (aerobic organisms) के प्रसारण के साथ ओजोन परत (ozone layer) का निर्माण हुआ जो पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र (Earth's magnetic field) के साथ हानिकारक विकिरण को रोकने वाली दूसरी परत बनती है और इस प्रकार पृथ्वी पर जीवन की अनुमति देता है। पृथ्वी का भूपटल (outer surface) कई कठोर खंडों या विवर्तनिक प्लेटों में विभाजित है जो भूगर्भिक इतिहास (geological history) के दौरान एक स्थान से दूसरे स्थान को विस्थापित हुए हैं। क्षेत्रफल की दृष्टि से धरातल का करीब ७१% नमकीन जल (salt-water) के सागर से आच्छादित है, शेष में महाद्वीप और द्वीप; तथा मीठे पानी की झीलें इत्यादि अवस्थित हैं। पानी सभी ज्ञात जीवन के लिए आवश्यक है जिसका अन्य किसी ब्रह्मांडीय पिण्ड के सतह पर अस्तित्व ज्ञात नही है। पृथ्वी की आतंरिक रचना तीन प्रमुख परतों में हुई है भूपटल, भूप्रावार और क्रोड। इसमें से बाह्य क्रोड तरल अवस्था में है और एक ठोस लोहे और निकल के आतंरिक कोर (inner core) के साथ क्रिया करके पृथ्वी मे चुंबकत्व या चुंबकीय क्षेत्र को पैदा करता है। पृथ्वी बाह्य अंतरिक्ष (outer space), में सूर्य और चंद्रमा समेत अन्य वस्तुओं के साथ क्रिया करता है वर्तमान में, पृथ्वी मोटे तौर पर अपनी धुरी का करीब ३६६.२६ बार चक्कर काटती है यह समय की लंबाई एक नाक्षत्र वर्ष (sidereal year) है जो ३६५.२६ सौर दिवस (solar day) के बराबर है पृथ्वी की घूर्णन की धुरी इसके कक्षीय समतल (orbital plane) से लम्बवत (perpendicular) २३.४ की दूरी पर झुका (tilted) है जो एक उष्णकटिबंधीय वर्ष (tropical year) (३६५.२४ सौर दिनों में) की अवधी में ग्रह की सतह पर मौसमी विविधता पैदा करता है। पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह चंद्रमा (natural satellite) है, जिसने इसकी परिक्रमा ४.५३ बिलियन साल पहले शुरू की। यह अपनी आकर्षण शक्ति द्वारा समुद्री ज्वार पैदा करता है, धुरिय झुकाव को स्थिर रखता है और धीरे-धीरे पृथ्वी के घूर्णन को धीमा करता है। ग्रह के प्रारंभिक इतिहास के दौरान एक धूमकेतु की बमबारी ने महासागरों के गठन में भूमिका निभाया। बाद में छुद्रग्रह (asteroid) के प्रभाव ने सतह के पर्यावरण पर महत्वपूर्ण बदलाव किया। .

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खनिज

विभिन्न प्रकार के खनिज खनिज ऐसे भौतिक पदार्थ हैं जो खान से खोद कर निकाले जाते हैं। कुछ उपयोगी खनिज पदार्थों के नाम हैं - लोहा, अभ्रक, कोयला, बॉक्साइट (जिससे अलुमिनियम बनता है), नमक (पाकिस्तान व भारत के अनेक क्षेत्रों में खान से नमक निकाला जाता है!), जस्ता, चूना पत्थर इत्यादि। .

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कार्बन

कार्बन का एक बहुरूप हीरा। कार्बन का एक अन्य बहुरूप ग्रेफाइट। पृथ्वी पर पाए जाने वाले तत्वों में कार्बन या प्रांगार एक प्रमुख एवं महत्त्वपूर्ण तत्त्व है। इस रासायनिक तत्त्व का संकेत C तथा परमाणु संख्या ६, मात्रा संख्या १२ एवं परमाणु भार १२.००० है। कार्बन के तीन प्राकृतिक समस्थानिक 6C12, 6C13 एवं 6C14 होते हैं। कार्बन के समस्थानिकों के अनुपात को मापकर प्राचीन तथा पुरातात्विक अवशेषों की आयु मापी जाती है। कार्बन के परमाणुओं में कैटिनेशन नामक एक विशेष गुण पाया जाता है जिसके कारण कार्बन के बहुत से परमाणु आपस में संयोग करके एक लम्बी शृंखला का निर्माण कर लेते हैं। इसके इस गुण के कारण पृथ्वी पर कार्बनिक पदार्थों की संख्या सबसे अधिक है। यह मुक्त एवं संयुक्त दोनों ही अवस्थाओं में पाया जाता है। इसके विविध गुणों वाले कई बहुरूप हैं जिनमें हीरा, ग्रेफाइट काजल, कोयला प्रमुख हैं। इसका एक अपरूप हीरा जहाँ अत्यन्त कठोर होता है वहीं दूसरा अपरूप ग्रेफाइट इतना मुलायम होता है कि इससे कागज पर निशान तक बना सकते हैं। हीरा विद्युत का कुचालक होता है एवं ग्रेफाइट सुचालक होता है। इसके सभी अपरूप सामान्य तापमान पर ठोस होते हैं एवं वायु में जलकर कार्बन डाइ-आक्साइड गैस बनाते हैं। हाइड्रोजन, हीलियम एवं आक्सीजन के बाद विश्व में सबसे अधिक पाया जाने वाला यह तत्व विभिन्न रूपों में संसार के समस्त प्राणियों एवं पेड़-पौधों में उपस्थित है। यह सभी सजीवों का एक महत्त्वपूर्ण अवयव होता है, मनुष्य के शरीर में इसकी मात्रा १८.५ प्रतिशत होती है और इसको जीवन का रासायनिक आधार कहते हैं। कार्बन शब्द लैटिन भाषा के कार्बो शब्द से आया है जिसका अर्थ कोयला या चारकोल होता है। कार्बन की खोज प्रागैतिहासिक युग में हुई थी। कार्बन तत्व का ज्ञान विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं को भी था। चीन के लोग ५००० वर्षों पहले हीरे के बारे में जानते थे और रोम के लोग लकड़ी को मिट्टी के पिरामिड से ढककर चारकोल बनाते थे। लेवोजियर ने १७७२ में अपने प्रयोगो द्वारा यह प्रमाणित किया कि हीरा कार्बन का ही एक अपरूप है एवं कोयले की ही तरह यह जलकर कार्बन डाइ-आक्साइड गैस उत्पन्न करता है। कार्बन का बहुत ही उपयोगी बहुरूप फुलेरेन की खोज १९९५ ई. में राइस विश्वविद्यालय के प्रोफेसर आर इ स्मैली तथा उनके सहकर्मियों ने की। इस खोज के लिए उन्हें वर्ष १९९६ ई. का नोबेल पुरस्कार प्राप्त हुआ। .

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जर्मेनियम और मैग्नीसियम के बीच तुलना

जर्मेनियम 23 संबंध है और मैग्नीसियम 47 है। वे आम 3 में है, समानता सूचकांक 4.29% है = 3 / (23 + 47)।

संदर्भ

यह लेख जर्मेनियम और मैग्नीसियम के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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