जम्बूस्वामी और सुधर्मास्वामी
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जम्बूस्वामी और सुधर्मास्वामी के बीच अंतर
जम्बूस्वामी vs. सुधर्मास्वामी
जम्बूस्वामी जैन धर्म के अंतिम केवली थे। इनका जन्म राजागृही में 542 ई.पूर्व हुआ था, इनके पिता का नाम 'रिषभदत्त' एवं माता 'धारिनीदेवी' थी जिन्होंने सुधर्मास्वामी के निर्वाण के पश्चात ३९ बर्षो तक जैन धर्म की आचार्य परम्परा का निर्वाह किया और अन्त में मथुरा चौरासी से निर्वाण प्राप्त किया। . आचार्य सुधर्मास्वामी भगवान महावीर के पांचवे गणधर थे वर्तमान में सभी जैन आचार्य व साधू उनके नियमों का समान रूप से पालन करते हैं। इनका जन्म ६०७ ईसा पूर्व हुआ था तथा इन्हें ५१५ ईसा पूर्व में केवलज्ञान प्राप्त हुआ एवं ५०७ ईसा पूर्व में १०० वर्ष की आयु में इनका निर्वाण हुआ। जिन्होंने गौतम गणधर के निर्वाण के पश्चात बारह बर्षो तक जैन धर्म की आचार्य परम्परा का निर्वाह किया। श्रेणी:गणधर श्रेणी:607 में जन्में लोग श्रेणी:मृत लोग श्रेणी:जैन आचार्य.
जम्बूस्वामी और सुधर्मास्वामी के बीच समानता
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संदर्भ
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