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जनातंक (एगोराफोबिया) और संज्ञानात्मक व्यवहारपरक चिकित्सा

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

जनातंक (एगोराफोबिया) और संज्ञानात्मक व्यवहारपरक चिकित्सा के बीच अंतर

जनातंक (एगोराफोबिया) vs. संज्ञानात्मक व्यवहारपरक चिकित्सा

जनातंक (ग्रीक ἀγορά "बाज़ार स्थान" से; और φόβος/φοβία, -फोबिया (भय)) एक चिन्ता विकार है। जनातंक वहां उत्पन्न हो सकता है जहां एक भयाक्रांत हमला होने का ऐसा डर है जिससे किसी भी तरह से बचने की उम्मीद नहीं होती. संज्ञानात्मक व्यवहारपरक चिकित्सा (Cognitive behavioral therapy या CBT) मनोचिकित्सा की वह पद्धति है मनोरोगी के सोचने (संज्ञान) तथा उनके व्यवहार पर ध्यान केन्द्रित करती है। इस पद्धति की मान्यता है कि किसी परिस्थिति के बारे में हमारी सोच ही तय करती है कि उस परिस्थिति में हमे कैसा लगेगा और हम क्या आचरण करेंगे। दो लोग किसी एक ही घटना को दो बिलकुल अलग रूप में ले सकते हैं। अतः इस पद्धति में व्यक्ति के सोचने के तरीके या आचरण अथवा दोनो (सोच और आचरण) को बदलने पर बल दिया जाता है। यह मनोचिकित्सा पद्धति निम्नलिखित मनोरोगों में कारगर सिद्ध हुआ है-.

जनातंक (एगोराफोबिया) और संज्ञानात्मक व्यवहारपरक चिकित्सा के बीच समानता

जनातंक (एगोराफोबिया) और संज्ञानात्मक व्यवहारपरक चिकित्सा आम में 0 बातें हैं (यूनियनपीडिया में)।

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जनातंक (एगोराफोबिया) और संज्ञानात्मक व्यवहारपरक चिकित्सा के बीच तुलना

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संदर्भ

यह लेख जनातंक (एगोराफोबिया) और संज्ञानात्मक व्यवहारपरक चिकित्सा के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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