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चेर्नोबिल परमाणु दुर्घटना और लसीका तंत्र

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

चेर्नोबिल परमाणु दुर्घटना और लसीका तंत्र के बीच अंतर

चेर्नोबिल परमाणु दुर्घटना vs. लसीका तंत्र

चेर्नोबिल परमाणु दुर्घटना 26 अप्रैल 1986 को युक्रेन के चेर्नोबिल में हुई अब तक की सबसे भयानक परमाणु दुर्घटना है। यह आपदा शनिवार, २६ अप्रैल १९८६ को एक प्रणाली के परीक्षण के दौरान चेरनोबिल परमाणु संयंत्र, के चौथे हिस्से से शुरु हुई। वहाँ अचानक विद्युत उत्पादन में वृद्धि हो गई थी और जब उसे आपात्कालीन स्थिति के कारण बंद करने की कोशिश की गई तो उल्टे विद्युत के उत्पादन में अत्यधिक वृद्धि हो गई। इससे एक संयंत्र टूट गया और अनियंत्रित नाभकीय विस्फोट श्रृंखला शुरु हो गई। ये घटनाएं संयंत्र के ग्रेफाइट में आग लगने का कारण हो सकती हैं। तेज हवा और आग के साथ रेडियोधर्मी पदार्थ तेजी से आस-पास के क्षेत्रों में फैल गए। इसमें भारी संख्या में जान माल की क्षती हुई और लगभग 350,400 लोग विस्थापित कर आलग स्थानों पर बसाए गए। इस दुर्घटना से सर्वाधिक प्रभावित बेलारूस हुआ। श्रेणी:परमाणु दुर्घटना श्रेणी:सोवियत संघ श्रेणी:बेलारूस. मानव (स्त्री) का लसीका तंत्र जब रुधिर केशिकाओं से होकर बहता है तब उसका द्रव भाग (रुधिर रस) कुछ भौतिक, रासायनिक या शारीरिक प्रतिक्रियाओं के कारण केशिकाओं की पतली दीवारों से छनकर बाहर जाता है। बाहर निकला हुआ यही रुधिर रस लसीका (Lymph) कहलाता है। यह वस्तुत: रुधिर ही है, जिसमें केवल रुधिरकणों का अभाव रहता है। लसीका का शरीरस्थ अधिष्ठान लसीकातंत्र (Lymphatic System) कहलाता है। इस तंत्र में लसीका अंतराल (space), लसीकावाहिनियों और वाहिनियों के बीच बीच में लसीकाग्रंथियाँ रहती हैं। लसीका तंतुओं के असंख्य सूक्ष्म तथा अनियमित लसीका-अंतरालों में प्रकट होती हैं। वे अंतराल परस्पर अनेक ऐसी सूक्ष्म लसीकावाहिनियों द्वारा संबद्ध होते हैं, जो पतली शिराओं के समान अत्यंत कोमल दीवार तथा अत्यधिक कपाटों से युक्त होती हैं। ये केशिकाओं (capilaries) के सदृश कोषाणुओं के केवल एक स्तर से ही बनी होती हैं और उन्हीं के सदृश इनमें मायलिन पिघान रहित तंत्रिकातंतुओं (non-medullated nerve fibres) का वितरण होता है। छोटी-छोटी ये लसीकावाहिनियाँ परस्पर मिलकर बड़ी बड़ी लसीकावाहिनियों का रूप धारण कर लेती हैं, जिनमें आगे चलकर दो शाखाएँ निकलती हैं: (1) दक्षिण तथा (2) वाम। दक्षिण शाखा में शरीर के थोड़े भाग से लसीकावाहिनियाँ मिलती हैं, यथा सिर और ग्रीवा का दक्षिण भाग, दक्षिण शाखा (हाथ, पैर) एवं वक्ष का दक्षिण पार्श्व। वाम शाखा में शरीर के शेष भाग से, जिनमें पाचननलिका भी सम्मिलित है, लसीकावाहिनियाँ आकर मिलती हैं। इन दोनों शाखाओं में कपाटों का बाहुल्य होता है। लसीका पीछे की ओर नहीं लौट सकती। प्रत्येक शाखा के खुलने के स्थान पर भी एक कपाट होता है, जो लसीका के शिराओं में ही प्रविष्ट होने में सहायक होता है, शिरारक्त को विपरीत दिशा में नहीं जाने देता। .

चेर्नोबिल परमाणु दुर्घटना और लसीका तंत्र के बीच समानता

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चेर्नोबिल परमाणु दुर्घटना और लसीका तंत्र के बीच तुलना

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संदर्भ

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