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चीन की साम्यवादी क्रांति और हूनान

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

चीन की साम्यवादी क्रांति और हूनान के बीच अंतर

चीन की साम्यवादी क्रांति vs. हूनान

माओ चीनी साम्यवादी दल की स्थापना १९२१ में हुई थी। सन १९४९ में चीनी साम्यवादी दल का चीन की सत्ता पर अधिकार करने की घटना चीनी साम्यवादी क्रांति कहलाती है। चीन में १९४६ से १९४९ तक गृहयुद्ध की स्थिति थी। इस गृहयुद्ध का द्वितीय चरण साम्यवादी क्रान्ति के रूप में सामने आया। चीन ने आधिकारिक तौर पर इस अवधि को 'मुक्ति संग्राम' (War of Liberation, सरल चीनी: 解放战争; परम्परागत चीनी: 國共內戰; फीनयिन: Jiěfàng Zhànzhēng) कहा जाता है। . चीन में हूनान प्रांत (लाल रंग में) हूनान (湖南, Hunan) जनवादी गणराज्य चीन के दक्षिण-मध्य भाग में स्थित एक प्रांत है। हूनान का अर्थ 'झील से दक्षिण' होता है, जो इस प्रांत की दोंगतिंग झील से दक्षिण की स्थिति पर पड़ा है। हूनान की राजधानी चांगशा (长沙, Changsha) शहर है। क्योंकि शिआंग नदी इस प्रान्त की एक प्रमुख नदी है इसलिए इस प्रान्त को चीनी भावचित्रों में संक्षिप्त रूप से 'शिआंग' (湘, Xiang) लिखा जाता है। यह प्राचीनकाल में शक्तिशाली चू राज्य का हिस्सा था। हूनान का क्षेत्रफल २,११,८०० वर्ग किमी है, यानि भारत के जम्मू व कश्मीर राज्य से ज़रा कम। सन् २०१० की जनगणना में इसकी आबादी ६,५६,८३,७२२ थी, यानि भारत के झारखंड राज्य से ज़रा कम। हूनान का मौसम गरम और नम माना जाता है। सर्दियों में बर्फ़ कभी-कभार ही पड़ती है। मौसम में गर्मी और नमी के कारण खाना जल्दी ख़राब हो जाता है, इसलिए हुनानी खाना अपने मिर्च-मसालों के लिए प्रसिद्ध है जो इसे अधिक देर तक सुरक्षित रखते हैं।, Noelle Salmi, John Wiley & Sons, 2009, ISBN 978-0-470-38744-3,...

चीन की साम्यवादी क्रांति और हूनान के बीच समानता

चीन की साम्यवादी क्रांति और हूनान आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): भारत, माओ से-तुंग

भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

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माओ से-तुंग

माओ से-तुंग या माओ ज़ेदोंग (毛泽东, Mao Zedong अथवा Mao Tse-tung; जन्म: २६ दिसम्बर १८९३; निधन: ९ सितम्बर १९७६) चीनी क्रान्तिकारी, राजनैतिक विचारक और साम्यवादी (कम्युनिस्ट) दल के नेता थे जिनके नेतृत्व में चीन की क्रान्ति सफल हुई। उन्होंने जनवादी गणतन्त्र चीन की स्थापना (सन् १९४९) से मृत्यु पर्यन्त (सन् १९७६) तक चीन का नेतृत्व किया। मार्क्सवादी-लेनिनवादी विचारधारा को सैनिक रणनीति में जोड़कर उन्होंनें जिस सिद्धान्त को जन्म दिया उसे माओवाद नाम से जाना जाता है। वर्तमान में कई लोग माओ को एक विवादास्पद व्यक्ति मानते हैं परन्तु चीन में वे राजकीय रूप में महान क्रान्तिकारी, राजनैतिक रणनीतिकार, सैनिक पुरोधा एवं देशरक्षक माने जाते हैं। चीनियों के अनुसार माओ ने अपनी नीति और कार्यक्रमों के माध्यम से आर्थिक, तकनीकी एवं सांस्कृतिक विकास के साथ संसार विश्व में प्रमुख शक्ति के रूप में ला खडा करने में मुख्य भूमिका निभाई। वे कवि, दार्शनिक, दूरदर्शी महान प्रशासक के रूप में गिने जाते हैं। इसके विपरीत, माओ के 'ग्रेट लीप फॉरवर्ड' (Great Leap Forward) और 'सांस्कृतिक क्रांति' नामक सामाजिक तथा राजनीतिक कार्यक्रमों के कारण गंभीर अकाल की सृजना होने के साथ चीनी समाज, अर्थव्यवस्था तथा संस्कृति को ठेस पहुंचाने की भी बातें की जाती हैं, जिसके कारण संसार में सन् १९४९ से १९७५ तक करोडों लोगों की व्यापक मृत्यु हुई बताई जाती हैं। माओ संसार के सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों में गिने जाते हैं। टाइम पत्रिका के अनुसार २०वीं सदी के १०० सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों में माओ आते हैं। .

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चीन की साम्यवादी क्रांति और हूनान के बीच तुलना

चीन की साम्यवादी क्रांति 29 संबंध है और हूनान 17 है। वे आम 2 में है, समानता सूचकांक 4.35% है = 2 / (29 + 17)।

संदर्भ

यह लेख चीन की साम्यवादी क्रांति और हूनान के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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