चीन का इतिहास और चीन के राजवंश के बीच समानता
चीन का इतिहास और चीन के राजवंश आम में 4 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): चीन, बीजिंग, मिंग राजवंश, हान राजवंश।
चीन
---- right चीन विश्व की प्राचीन सभ्यताओं में से एक है जो एशियाई महाद्वीप के पूर्व में स्थित है। चीन की सभ्यता एवं संस्कृति छठी शताब्दी से भी पुरानी है। चीन की लिखित भाषा प्रणाली विश्व की सबसे पुरानी है जो आज तक उपयोग में लायी जा रही है और जो कई आविष्कारों का स्रोत भी है। ब्रिटिश विद्वान और जीव-रसायन शास्त्री जोसफ नीधम ने प्राचीन चीन के चार महान अविष्कार बताये जो हैं:- कागज़, कम्पास, बारूद और मुद्रण। ऐतिहासिक रूप से चीनी संस्कृति का प्रभाव पूर्वी और दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों पर रहा है और चीनी धर्म, रिवाज़ और लेखन प्रणाली को इन देशों में अलग-अलग स्तर तक अपनाया गया है। चीन में प्रथम मानवीय उपस्थिति के प्रमाण झोऊ कोऊ दियन गुफा के समीप मिलते हैं और जो होमो इरेक्टस के प्रथम नमूने भी है जिसे हम 'पेकिंग मानव' के नाम से जानते हैं। अनुमान है कि ये इस क्षेत्र में ३,००,००० से ५,००,००० वर्ष पूर्व यहाँ रहते थे और कुछ शोधों से ये महत्वपूर्ण जानकारी भी मिली है कि पेकिंग मानव आग जलाने की और उसे नियंत्रित करने की कला जानते थे। चीन के गृह युद्ध के कारण इसके दो भाग हो गये - (१) जनवादी गणराज्य चीन जो मुख्य चीनी भूभाग पर स्थापित समाजवादी सरकार द्वारा शासित क्षेत्रों को कहते हैं। इसके अन्तर्गत चीन का बहुतायत भाग आता है। (२) चीनी गणराज्य - जो मुख्य भूमि से हटकर ताईवान सहित कुछ अन्य द्वीपों से बना देश है। इसका मुख्यालय ताइवान है। चीन की आबादी दुनिया में सर्वाधिक है। प्राचीन चीन मानव सभ्यता के सबसे पुरानी शरणस्थलियों में से एक है। वैज्ञानिक कार्बन डेटिंग के अनुसार यहाँ पर मानव २२ लाख से २५ लाख वर्ष पहले आये थे। .
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बीजिंग
बीजिंग (北京) (या पेय्चीङ) चीनी जनवादी गणराज्य, की राजधानी है। बीजिंग का अर्थ है "उत्तरी राजधानी", जबकि नान्जिंग का अर्थ है "दक्षिणी राजधानी"। बीजिंग १९४९ में साम्यवादी क्रान्ति के बाद से निरन्तर चीन की राजधानी है और उस समय तक यह विभिन्न कालों में अलग-अलग अवधियों तक चीन की राजधानी रहा है। बीजिंग, देश के उत्तरपूर्वी भाग में स्थित है और चार नगरपालिकाओं में से एक है। इसका अर्थ है कि इन चारों नगरपालिकाओं को प्रान्तों के बराबर दर्जा प्राप्त है और यह उसी प्रकार का स्वशासन चलाते हैं जैसे कि कोई अन्य प्रान्त। १८२८ से पूर्व बीजिंग विश्व का सबसे बड़ा नगर था। मध्य बीजिंग में जनवरी २००७ में लगभग ७६ लाख लोग रह रहे थे। उपनगरीय क्षेत्रों को मिलाकर यहां की कुल जनसंख्या १ करोड़ ७५ लाख के लगभग है, जिसमें से १ करोड़ २० लाख के लगभग स्थाई निवासियों के रूप में पंजीकृत हैं और शेष ५५ लाख लोग अस्थाई अप्रवासी निवासी हैं। बीजिंग और उपनगरीय क्षेत्र का कुल क्षेत्रफल बेल्जियम का लगभग आधा है। बीजिंग, चीन का सांस्कृतिक और राजनैतिक केन्द्र है, जबकि चीन का सर्वाधिक जनसंख्या वाला नगर शंघाई देश का वित्तीय केन्द्र है और जो हांगकांग के साथ इस पदवी के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा में है। अपने पूरे दीर्घकालिक इतिहास के दौरान बीजिंग ने अपनी एक विविध और विशिष्ट विरासत का विकास किया है। एन्साइक्लोपीडिया ब्रिटेनिका, बीजिंग को "विश्व के महानतम" नगरों में से एक मानता है। सबसे प्रसिद्ध है त्यानमन चौक, जहां से "निषिद्ध नगर", "शाही महल" और "निषिद्ध नगर के मन्दिर" का मार्ग जाता है, जो १९८७ से यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है। यूनेस्कों सूची में "स्वर्ग का मन्दिर", "ग्रीष्मकालीन महल", "लामा मन्दिर" और "कन्फ़्यूशियस मन्दिर" भी हैं।.
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मिंग राजवंश
मिंग साम्राज्य अपनी चरम सीमा पर मिंग साम्राज्य (चीनी: 明朝) चीन के मिंग राजवंश द्वारा सन् 1368-1644 ई॰ के समय में शासित एक साम्राज्य था। इन्होनें मोंगोलो के युआन राजवंश के ख़ात्मे पर चीन पर अपना राज शुरू कर दिया। हान नस्ल के चीनियों का यह आख़री चीनी राजवंश था। मिंग दौर में चीन को बहुत ही सकारात्मक और सफल सरकार मिली और इस अंतराल में चीन ने आर्थिक, राजनैतिक, सांस्कृतिक और सैन्य क्षेत्रों में बहुत तरक्की करी। कुछ इतिहासकारों का समझना है कि "पूरी मनुष्य जाति के इतिहास में यह व्यवस्थित शासन और सामाजिक संतुलन का एक महान दौर था"। .
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हान राजवंश
चीन में हान साम्राज्य का नक़्शा एक मकबरे में मिला हानवंश के शासनकाल में निर्मित लैम्प हान काल में जारी किया गया एक वुशु (五銖) नाम का सिक्का हान काल में बना कांसे के गियर (दांतदार पहिये) बनाने का एक साँचा हान राजवंश (चीनी: 漢朝, हान चाओ; अंग्रेज़ी: Han Dynasty) प्राचीन चीन का एक राजवंश था जिसने चीन में २०६ ईसापूर्व से २२० ईसवी तक राज किया। हान राजवंश अपने से पहले आने वाले चिन राजवंश (राजकाल २२१-२०७ ईसापूर्व) को सत्ता से बेदख़ल करके चीन के सिंहासन पर विराजमान हुआ और उसके शासनकाल के बाद तीन राजशाहियों (२२०-२८० ईसवी) का दौर आया। हान राजवंश की नीव लिऊ बांग नाम के विद्रोही नेता ने रखी थी, जिसका मृत्यु के बाद औपचारिक नाम बदलकर सम्राट गाओज़ू रखा गया। हान काल के बीच में, ९ ईसवी से २३ ईसवी तक, शीन राजवंश ने सत्ता हथिया ली थी, लेकिन उसके बाद हान वंश फिर से सत्ता पकड़ने में सफल रहा। शीन राजवंश से पहले के हान काल को पश्चिमी हान राजवंश कहा जाता है और इसके बाद के हान काल को पूर्वी हान राजवंश कहा जाता है। ४०० से अधिक वर्षों का हान काल चीनी सभ्यता का सुनहरा दौर माना जाता है। आज तक भी चीनी नसल अपने आप को 'हान के लोग' या 'हान के बेटे' बुलाती है और हान चीनी के नाम से जानी जाती है। इसी तरह चीनी लिपि के भावचित्रों को 'हानज़ी' (यानि 'हान के भावचित्र') बुलाया जाता है।, Xiaoxiang Li, LiPing Yang, Asiapac Books Pte Ltd, 2005, ISBN 978-981-229-394-7,...
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संदर्भ
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