चिरांद और बिहार का इतिहास के बीच समानता
चिरांद और बिहार का इतिहास आम में 3 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): पुरातत्व स्थल, सारन जिला, छपरा।
पुरातत्व स्थल
पुरातत्व स्थल (archaeological site) ऐसे स्थान या स्थानों के समूह को बोलते हैं जहाँ इतिहास या प्रागैतिहास (प्रेईहिस्टरी) में बीती हुई घटनाओं व जीवन के चिह्न मिलें। इनका अध्ययन करना इतिहास मालूम करने के लिये बहुत ही महत्वपूर्ण होता है और पुरातत्वशास्त्र (पुरातत्व स्थलों की छानबीन करना) इतिहास की एक जानीमानी शाखा है। .
चिरांद और पुरातत्व स्थल · पुरातत्व स्थल और बिहार का इतिहास ·
सारन जिला
सारण भारत गणराज्य के बिहार प्रान्त में स्थित एक प्रमंडल (कमिशनरी) एवं जिला है। यहाँ का प्रशासनिक मुख्यालय छपरा है। गंगा, गंडक एवं घाघरा नदी से घिरा यह जिला भारत में मानव बसाव के सार्वाधिक प्राचीन केंद्रों में एक है। संपूर्ण जिला एक समतल एवं उपजाऊ प्रदेश है। भोजपुरी भाषी क्षेत्र की पूर्वी सीमा पर स्थित यह जिला सोनपुर मेला, चिरांद पुरातत्व स्थल एवं राजनीतिक चेतना के लिए प्रसिद्ध है। .
चिरांद और सारन जिला · बिहार का इतिहास और सारन जिला ·
छपरा
छपरा भारत गणराज्य के बिहार प्रान्त में सारण जिला का महत्वपूर्ण शहर एवं मुख्यालय शहर है। यह सारण प्रमंडल का मुख्यालय भी है। गोरखपुर-गुवाहाटी रेलमार्ग पर छपरा एक महत्वपूर्ण जंक्शन है जहाँ से गोपालगंज एवं बलिया के लिए रेल लाईनें जाती है। स्थिति: 25 डिग्री 50 मिनट उत्तर अक्षांश तथा 84 डिग्री 45 मिनट पूर्वी देशान्तर। यह घाघरा नदी के उत्तरीतट पर बसा है। ऐसा कहा जाता है कि यहाँ के दाहिआवाँ महल्ले में दधीचि ऋषि का आश्रम था। इसके पाँच मील पश्चिम रिविलगंज है, जहाँ गौतम ऋषि का आश्रम बतलाया जाता है और वहाँ कार्तिक पूर्णिमा को एक बड़ा मेला लगता है। .
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चिरांद और बिहार का इतिहास के बीच तुलना
चिरांद 16 संबंध है और बिहार का इतिहास 7 है। वे आम 3 में है, समानता सूचकांक 13.04% है = 3 / (16 + 7)।
संदर्भ
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