हम Google Play स्टोर पर Unionpedia ऐप को पुनर्स्थापित करने के लिए काम कर रहे हैं
🌟हमने बेहतर नेविगेशन के लिए अपने डिज़ाइन को सरल बनाया!
Instagram Facebook X LinkedIn

चपड़ा और रेज़िन

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

चपड़ा और रेज़िन के बीच अंतर

चपड़ा vs. रेज़िन

विभिन्न रंग का चपड़ा चपड़ा (Shellac) कच्ची लाख से बनता है। समस्त संसार के उत्पादन का लगभग ९५ प्रति शत चपड़ा भारत में ही तैयार होता है। चपड़ा तैयार करने की वास्तविक विधि कच्ची लाख की प्रकृति, कुसुम (एक प्रकार की लाख) की किस्म अथवा बैसाखी और कतकी किस्म पर निर्भर करती है। चपड़े का सबसे अधिक (३० से ३५%) उपयोग ग्रामोफोन रेकार्ड बनाने में होता था। ग्रामोफोन रेकार्ड में २५ से ३० प्रतिशत तक चपड़ा रहता है। ऐसा अनुमान है कि प्रति वर्ष ११ से लेकर १३ हजार टन तक चपड़ा ग्रामोफोन रेकार्ड बनाने में खपता था। विद्युद्यंत्र, वार्निश और पालिश, हैट उद्योग, शानचक्रों के निर्माण, ठप्पा देने के चपड़े, काच और रबर जोड़ने के सीमेंट, बरसाती कपड़े, जलाभेद्य स्याही, पारदर्शक ऐनिलीन स्याही आदि का निर्माण तथा लकड़ी पर नक्काशी करने आदि में चपड़े का उल्लेखनीय उपयोग होता है। किसी भी संश्लिष्ट पदार्थ में वे सब गुण नहीं मिलते जो चपड़े में होते हैं। इससे चपड़े का स्थान कोई भी संश्लिष्ट पदार्थ अभी तक नहीं ले सका है, यद्यपि कुछ कामों के लिये संश्लिष्ट रेजिन समान रूप से उपयोगी सिद्ध हुए हैं। आजकल अनेक प्रकार के रेजिन और प्लास्टिक कृत्रिम रीति से बनने लगे हैं, जो देखने में चपड़े जैसे ही लगते हैं। . रेज़िन, जिसमें एक कीड़ा फँसा हुआ है राल या रेज़िन (अंग्रेज़ी: resin) गोंद जैसा हाइड्रोकार्बन द्रव्य होता है जो वृक्षों की छाल और लकड़ी से निकलता है। अन्य पेड़ों की तुलना में चीड़ जैसे कोणधारी (कॉनिफ़ॅरस) पेड़ों से रेज़िन अधिक मात्रा में निकलता है। रेज़िन का प्रयोग गोंद, लकड़ी की रोग़न (वार्निश), सुगंध और अगरबत्तियाँ बनाने के लिए सदियों से होता आया है। कभी-कभी रेज़िन जमकर पत्थरा जाता है और बड़े डलों का रूप ले लेता है जो समय के साथ ज़मीन में दफ़्न हो जाते हैं। लाखों साल बाद यह कहरुवे (ऐम्बर) के नाम से बहुमूल्य पत्थरों की तरह निकाले जाते हैं और आभूषणों में इस्तेमाल होते हैं।, श्यामसुंदर दास, बालकृष्ण भट्ट, नागरीप्रचारिणी सभा,...

चपड़ा और रेज़िन के बीच समानता

चपड़ा और रेज़िन आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): लाख (लाह)

लाख (लाह)

लाख, या लाह संस्कृत के ' लाक्षा ' शब्द से व्युत्पन्न समझा जाता है। संभवत: लाखों कीड़ों से उत्पन्न होने के कारण इसका नाम लाक्षा पड़ा था। लाख एक प्राकृतिक राल है बाकी सब राल कृत्रिम हैं। इसी कारण इसे 'प्रकृति का वरदान' कहते हैं। लाख के कीट अत्यन्त सूक्ष्म होते हैं तथा अपने शरीर से लाख उत्पन्न करके हमें आर्थिक सहायता प्रदान करते हैं। वैज्ञानिक भाषा में लाख को 'लेसिफर लाखा' कहा जाता है। 'लाख' शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के 'लक्ष' शब्द से हुई है, संभवतः इसका कारण मादा कोष से अनगिनत (अर्थात् लक्ष) शिशु कीड़ों का निकलना है। लगभग 34 हजार लाख के कीड़े एक किग्रा.

चपड़ा और लाख (लाह) · रेज़िन और लाख (लाह) · और देखें »

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

चपड़ा और रेज़िन के बीच तुलना

चपड़ा 3 संबंध है और रेज़िन 11 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 7.14% है = 1 / (3 + 11)।

संदर्भ

यह लेख चपड़ा और रेज़िन के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: