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चन्द्रवंशी और हरियाणा

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

चन्द्रवंशी और हरियाणा के बीच अंतर

चन्द्रवंशी vs. हरियाणा

चंद्रवंश एक प्रमुख प्राचीन भारतीय क्षत्रियकुल। आनुश्रुतिक साहित्य से ज्ञात होता है। कि आर्यों के प्रथम शासक (राजा) वैवस्वत मनु हुए। उनके नौ पुत्रों से सूर्यवंशी क्षत्रियों का प्रारंभ हुआ। मनु की एक कन्या भी थी - इला। उसका विवाह बुध से हुआ जो चंद्रमा का पुत्र था। उनसे पुरुरवस्‌ की उत्पत्ति हुई, जो ऐल कहलाया और चंद्रवंशियों का प्रथम शासक हुआ। उसकी राजधानी प्रतिष्ठान थी, जहाँ आज प्रयाग के निकट झूँसी बसी है। पुरुरवा के छ: पुत्रों में आयु और अमावसु अत्यंत प्रसिद्ध हुए। आयु प्रतिष्ठान का शासक हुआ और अमावसु ने कान्यकुब्ज में एक नए राजवंश की स्थापना की। कान्यकुब्ज के राजाओं में जह्वु प्रसिद्ध हुए जिनके नाम पर गंगा का नाम जाह्नवी पड़ा। आगे चलकर विश्वरथ अथवा विश्वामित्र भी प्रसिद्ध हुए, जो पौरोहित्य प्रतियोगिता में कोसल के पुरोहित वसिष्ठ के संघर्ष में आए।ततपश्चात वे तपस्वी हो गए तथा उन्होंने ब्रह्मर्षि की उपाधि प्राप्त की। आयु के बाद उसका जेठा पुत्र नहुष प्रतिष्ठान का शासक हुआ। उसके छोटे भाई क्षत्रवृद्ध ने काशी में एक राज्य की स्थापना की। नहुष के छह पुत्रों में यति और ययाति सर्वमुख्य हुए। यति संन्यासी हो गया और ययाति को राजगद्दी मिली। ययाति शक्तिशाली और विजेता सम्राट् हुआ तथा अनेक आनुश्रुतिक कथाओं का नायक भी। उसके पाँच पुत्र हुए - यदु, तुर्वसु, द्रुह्यु, अनु और पुरु। इन पाँचों ने अपने अपने वंश चलाए और उनके वंशजों ने दूर दूर तक विजय कीं। आगे चलकर ये ही वंश यादव, तुर्वसु, द्रुह्यु, आनव और पौरव कहलाए। ऋग्वेद में इन्हीं को पंचकृष्टय: कहा गया है। यादवों की एक शाखा हैहय नाम से प्रसिद्ध हुई और दक्षिणापथ में नर्मदा के किनारे जा बसी। माहिष्मती हैहयों की राजधानी थी और कार्तवीर्य अर्जुन उनका सर्वशक्तिमान्‌ और विजेता राजा हुआ। तुर्वसुके वंशजों ने पहले तो दक्षिण पूर्व के प्रदेशों को अधीनस्थ किया, परंतु बाद में वे पश्चिमोत्तर चले गए। द्रुह्युओं ने सिंध के किनारों पर कब्जा कर लिया और उनके राजा गांधार के नाम पर प्रदेश का नाम गांधार पड़ा। आनवों की एक शाखा पूर्वी पंजाब और दूसरी पूर्वी बिहार में बसी। पंजाब के आनव कुल में उशीनर और शिवि नामक प्रसिद्ध राजा हुए। पौरवों ने मध्यदेश में अनेक राज्य स्थापित किए और गंगा-यमुना-दोआब पर शासन करनेवाला दुष्यंत नामक राजा उनमें मुख्य हुआ। शकुंतला से उसे भरत नामक मेधावी पुत्र उत्पन्न हुआ। उसने दिग्विजय द्वारा एक विशाल साम्राज्य की स्थापना की और संभवत: देश को भारतवर्ष नाम दिया। चंद्रवंशियों की मूल राजधानी प्रतिष्ठान में, ययाति ने अपने छोटे लड़के पुरु को उसके व्यवहार से प्रसन्न होकर - कहा जाता है कि उसने अपने पिता की आज्ञा से उसके सुखोपभोग के लिये अपनी युवावस्था दे दी और उसका बुढ़ापा ले लिया - राज्य दे दिया। फिर अयोध्या के ऐक्ष्वाकुओं के दबाव के कारण प्रतिष्ठान के चंद्रवंशियों ने अपना राज्य खो दिया। परंतु रामचंद्र के युग के बाद पुन: उनके उत्कर्ष की बारी आई और एक बार फिर यादवों और पौरवों ने अपने पुराने गौरव के अनुरूप आगे बढ़ना शुरू कर दिया। मथुरा से द्वारका तक यदुकुल फैल गए और अंधक, वृष्णि, कुकुर और भोज उनमें मुख्य हुए। कृष्ण उनके सर्वप्रमुख प्रतिनिधि थे। बरार और उसके दक्षिण में भी उनकी शाखाएँ फैल गई। पांचाल में पौरवों का राजा सुदास अत्यंत प्रसिद्ध हुआ। उसकी बढ़ती हुई शक्ति से सशंक होकर पश्चिमोत्तर भारत के दस राजाओं ने एक संघ बनाया और परुष्णी (रावी) के किनारे उनका सुदास से युद्ध हुआ, जिसे दाशराज्ञ युद्ध कहते हैं और जो ऋग्वेद की प्रमुख कथाओं में एक का विषय है। किंतु विजय सुदास की ही हुई। थोड़े ही दिनों बाद पौरव वंश के ही राजा संवरण और उसके पुत्र कुरु का युग आया। कुरु के ही नाम से कुरु वंश प्रसिद्ध हुआ, उस के वंशज कौरव कहलाए और आगे चलकर दिल्ली के पास इंद्रप्रस्थ और हस्तिनापुर उनके दो प्रसिद्ध नगर हुए। कौरवों और पांडवों का विख्यात महाभारत युद्ध भारतीय इतिहास की विनाशकारी घटना सिद्ध हुआ। सारे भारतवर्ष के राजाओं ने उसमें भाग लिया। पांडवों की विजय तो हुई, परंतु वह नि:सार विजय थी। उस युद्ध का समय प्राय: 1400 ई.पू. हरियाणा उत्तर भारत का एक राज्य है जिसकी राजधानी चण्डीगढ़ है। इसकी सीमायें उत्तर में हिमाचल प्रदेश, दक्षिण एवं पश्चिम में राजस्थान से जुड़ी हुई हैं। यमुना नदी इसके उत्तराखण्ड और उत्तर प्रदेश राज्यों के साथ पूर्वी सीमा को परिभाषित करती है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली हरियाणा से तीन ओर से घिरी हुई है और फलस्वरूप हरियाणा का दक्षिणी क्षेत्र नियोजित विकास के उद्देश्य से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में शामिल है। यह राज्य वैदिक सभ्यता और सिंधु घाटी सभ्यता का मुख्य निवास स्थान है। इस क्षेत्र में विभिन्न निर्णायक लड़ाइयाँ भी हुई हैं जिसमें भारत का अधिकत्तर इतिहास समाहित है। इसमें महाभारत का महाकाव्य युद्ध भी शामिल है। हिन्दू मतों के अनुसार महाभारत का युद्ध कुरुक्षेत्र में हुआ (इसमें भगवान कृष्ण ने भागवत गीता का वादन किया)। इसके अलावा यहाँ तीन पानीपत की लड़ाइयाँ हुई। ब्रितानी भारत में हरियाणा पंजाब राज्य का अंग था जिसे १९६६ में भारत के १७वें राज्य के रूप में पहचान मिली। वर्तमान में खाद्यान और दुध उत्पादन में हरियाणा देश में प्रमुख राज्य है। इस राज्य के निवासियों का प्रमुख व्यवसाय कृषि है। समतल कृषि भूमि निमज्जक कुओं (समर्सिबल पंप) और नहर से सिंचित की जाती है। १९६० के दशक की हरित क्रान्ति में हरियाणा का भारी योगदान रहा जिससे देश खाद्यान सम्पन्न हुआ। हरियाणा, भारत के अमीर राज्यों में से एक है और प्रति व्यक्ति आय के आधार पर यह देश का दूसरा सबसे धनी राज्य है। वर्ष २०१२-१३ में देश में इसकी प्रति-व्यक्ति १,१९,१५८ (अर्थव्यवस्था के आकार के आधार पर भारत के राज्य देखें) और वर्ष २०१३-१४ में १,३२,०८९ रही। इसके अतिरिक्त भारत में सबसे अधिक ग्रामीण करोड़पति भी इसी राज्य में हैं। हरियाणा आर्थिक रूप से दक्षिण एशिया का सबसे विकसित क्षेत्र है और यहाँ कृषि एवं विनिर्माण उद्योग ने १९७० के दशक से निरंतर वृद्धि का प्राप्त की है। भारत में हरियाणा यात्रि कारों, द्विचक्र वाहनों और ट्रैक्टरों के निर्माण में सर्वोपरी राज्य है। भारत में प्रति व्यक्ति निवेश के आधार पर वर्ष २००० से राज्य सर्वोपरी स्थान पर रहा है। .

चन्द्रवंशी और हरियाणा के बीच समानता

चन्द्रवंशी और हरियाणा आम में 3 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): दिल्ली, पंजाब क्षेत्र, महाभारत

दिल्ली

दिल्ली (IPA), आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (अंग्रेज़ी: National Capital Territory of Delhi) भारत का एक केंद्र-शासित प्रदेश और महानगर है। इसमें नई दिल्ली सम्मिलित है जो भारत की राजधानी है। दिल्ली राजधानी होने के नाते केंद्र सरकार की तीनों इकाइयों - कार्यपालिका, संसद और न्यायपालिका के मुख्यालय नई दिल्ली और दिल्ली में स्थापित हैं १४८३ वर्ग किलोमीटर में फैला दिल्ली जनसंख्या के तौर पर भारत का दूसरा सबसे बड़ा महानगर है। यहाँ की जनसंख्या लगभग १ करोड़ ७० लाख है। यहाँ बोली जाने वाली मुख्य भाषाएँ हैं: हिन्दी, पंजाबी, उर्दू और अंग्रेज़ी। भारत में दिल्ली का ऐतिहासिक महत्त्व है। इसके दक्षिण पश्चिम में अरावली पहाड़ियां और पूर्व में यमुना नदी है, जिसके किनारे यह बसा है। यह प्राचीन समय में गंगा के मैदान से होकर जाने वाले वाणिज्य पथों के रास्ते में पड़ने वाला मुख्य पड़ाव था। यमुना नदी के किनारे स्थित इस नगर का गौरवशाली पौराणिक इतिहास है। यह भारत का अति प्राचीन नगर है। इसके इतिहास का प्रारम्भ सिन्धु घाटी सभ्यता से जुड़ा हुआ है। हरियाणा के आसपास के क्षेत्रों में हुई खुदाई से इस बात के प्रमाण मिले हैं। महाभारत काल में इसका नाम इन्द्रप्रस्थ था। दिल्ली सल्तनत के उत्थान के साथ ही दिल्ली एक प्रमुख राजनैतिक, सांस्कृतिक एवं वाणिज्यिक शहर के रूप में उभरी। यहाँ कई प्राचीन एवं मध्यकालीन इमारतों तथा उनके अवशेषों को देखा जा सकता हैं। १६३९ में मुगल बादशाह शाहजहाँ ने दिल्ली में ही एक चारदीवारी से घिरे शहर का निर्माण करवाया जो १६७९ से १८५७ तक मुगल साम्राज्य की राजधानी रही। १८वीं एवं १९वीं शताब्दी में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने लगभग पूरे भारत को अपने कब्जे में ले लिया। इन लोगों ने कोलकाता को अपनी राजधानी बनाया। १९११ में अंग्रेजी सरकार ने फैसला किया कि राजधानी को वापस दिल्ली लाया जाए। इसके लिए पुरानी दिल्ली के दक्षिण में एक नए नगर नई दिल्ली का निर्माण प्रारम्भ हुआ। अंग्रेजों से १९४७ में स्वतंत्रता प्राप्त कर नई दिल्ली को भारत की राजधानी घोषित किया गया। स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् दिल्ली में विभिन्न क्षेत्रों से लोगों का प्रवासन हुआ, इससे दिल्ली के स्वरूप में आमूल परिवर्तन हुआ। विभिन्न प्रान्तो, धर्मों एवं जातियों के लोगों के दिल्ली में बसने के कारण दिल्ली का शहरीकरण तो हुआ ही साथ ही यहाँ एक मिश्रित संस्कृति ने भी जन्म लिया। आज दिल्ली भारत का एक प्रमुख राजनैतिक, सांस्कृतिक एवं वाणिज्यिक केन्द्र है। .

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पंजाब क्षेत्र

पंजाब दक्षिण एशिया का क्षेत्र है जिसका फ़ारसी में मतलब पांच नदियों का क्षेत्र है। पंजाब ने भारतीय इतिहास को कई मोड़ दिये हैं। अतीत में शकों, हूणों, पठानों व मुगलों ने इसी पंजाब के रास्ते भारत में प्रवेश किया था। आर्यो का आगमन भी हिन्दुकुश पार कर इसी पंजाब के रास्ते ही हुआ था। पंजाब की सिन्धु नदी की घाटी में आर्यो की सभ्यता का विकास हुआ। उस समय इस भूख़ड का नाम सप्त सिन्धु अर्थात सात सागरों का देश था। समय के साथ सरस्वती जलस्रोत सूख् गया। अब रह गयीं पाँच नदियाँ-झेलम, चेनाब, राबी, व्यास और सतलज इन्हीं पाँच नदियों का प्रांत पंजाब हुआ। पंजाब का नामाकरण फारसी के दो शब्दों से हुआ है। पंज का अर्थ है पाँच और आब का अर्थ होता है जल। .

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महाभारत

महाभारत हिन्दुओं का एक प्रमुख काव्य ग्रंथ है, जो स्मृति वर्ग में आता है। कभी कभी केवल "भारत" कहा जाने वाला यह काव्यग्रंथ भारत का अनुपम धार्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक और दार्शनिक ग्रंथ हैं। विश्व का सबसे लंबा यह साहित्यिक ग्रंथ और महाकाव्य, हिन्दू धर्म के मुख्यतम ग्रंथों में से एक है। इस ग्रन्थ को हिन्दू धर्म में पंचम वेद माना जाता है। यद्यपि इसे साहित्य की सबसे अनुपम कृतियों में से एक माना जाता है, किन्तु आज भी यह ग्रंथ प्रत्येक भारतीय के लिये एक अनुकरणीय स्रोत है। यह कृति प्राचीन भारत के इतिहास की एक गाथा है। इसी में हिन्दू धर्म का पवित्रतम ग्रंथ भगवद्गीता सन्निहित है। पूरे महाभारत में लगभग १,१०,००० श्लोक हैं, जो यूनानी काव्यों इलियड और ओडिसी से परिमाण में दस गुणा अधिक हैं। हिन्दू मान्यताओं, पौराणिक संदर्भो एवं स्वयं महाभारत के अनुसार इस काव्य का रचनाकार वेदव्यास जी को माना जाता है। इस काव्य के रचयिता वेदव्यास जी ने अपने इस अनुपम काव्य में वेदों, वेदांगों और उपनिषदों के गुह्यतम रहस्यों का निरुपण किया हैं। इसके अतिरिक्त इस काव्य में न्याय, शिक्षा, चिकित्सा, ज्योतिष, युद्धनीति, योगशास्त्र, अर्थशास्त्र, वास्तुशास्त्र, शिल्पशास्त्र, कामशास्त्र, खगोलविद्या तथा धर्मशास्त्र का भी विस्तार से वर्णन किया गया हैं। .

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चन्द्रवंशी और हरियाणा के बीच तुलना

चन्द्रवंशी 76 संबंध है और हरियाणा 30 है। वे आम 3 में है, समानता सूचकांक 2.83% है = 3 / (76 + 30)।

संदर्भ

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