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चन्द राजवंश और मॉंसी

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

चन्द राजवंश और मॉंसी के बीच अंतर

चन्द राजवंश vs. मॉंसी

कलि कुमाऊँ का किला और और राजधानी, चम्पावत, १८१५ चन्द राजवंश भारत के उत्तराखण्ड राज्य के कुमाऊँ मण्डल का एक मध्यकालीन रघुवंशी राजपूत राजवंश था, जिन्होंने इस क्षेत्र पर ११वीं शताब्दी में कत्यूरी राजवंश के ह्रास के बाद से और १८वीं शताब्दी में अंगेज़ो के आगमन तक शासन किया। . मॉंसी एक गाँव है जो रामगंगा नदी के पूर्वी किनारे पर चौखुटिया (गनांई) तहसील के तल्ला गेवाड़ पट्टी में भारतवर्ष के उत्तराखण्ड राज्य के अन्तर्गत कुमांऊँ क्षेत्र के अल्मोड़ा जिले में स्थित है। यह मूलत: मासीवाल नामक उपनाम से विख्यात कुमांऊॅंनी हिन्दुओं का पुश्तैनी गाँव है। यह अपनी ऐतिहासिक व सॉस्कृतिक विरासत, ठेठ कुमांऊॅंनी सभ्यता व संस्कृति, पर्वतीय जीवन शैली तथा समतल उपजाऊ भूमि के लिए पहचाना जाता है। .

चन्द राजवंश और मॉंसी के बीच समानता

चन्द राजवंश और मॉंसी आम में 8 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): पाली पछांऊॅं, पौराणिक बृद्धकेदार, सोमनाथेश्वर महादेव, कत्यूरी राजवंश, कुमाऊँ मण्डल, कुमांऊँ की लोककला, अल्मोड़ा, उत्तराखण्ड

पाली पछांऊॅं

पाली पछांऊॅं एक क्षेत्र का नाम है जो भारतवर्ष के उत्तराखण्ड राज्य में कुमाऊँ मण्डल के अन्तर्गत अल्मोड़ा जिले में है। कत्यूरी राजवंश से लेकर 14 अगस्त, 1947 तक पाली पछांऊॅं कुमांऊँ क्षेत्र का एक परगना अर्थात् तत्कालीन तहसील रूपी केन्द्र था। .

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पौराणिक बृद्धकेदार

पौराणिक बृद्धकेदार भारतवर्ष के उत्तराखण्ड राज्य के अल्मोड़ा जिले के अन्तर्गत पाली पछांऊॅं इलाके में रामगंगा नदी के पश्चिमी तट पर स्थित है। इसे बृद्धकेदार अथवा बूढ़ाकेदार भी कहा जाता है। स्थानीय अनुभववेत्ताओं के मतानुसार इस वैदिक काल के शिवालय को पहला नेपाल स्थित पशुपतिनाथ मन्दिर का अंश समझा जाता है तो दूसरी ओर केदारनाथ मन्दिर की शाखा। परन्तु यह सत्य है, विनोद नदी व रामगंगा नदी के संगम से शुरू हुई पर्वत माला के ऊत्तरी छोर पर केदारनाथ मन्दिर विराजमान है। भारतवर्ष में शायद यही एक शिवालय है जहॉं पर महाशिव का धड़ स्थापित है। इसकी स्थापना का अनुमान पन्द्रहवीं व सोलहवीं शताब्दी के मध्य का माना जाता रहा है। .

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सोमनाथेश्वर महादेव

सोमनाथेश्वर महादेव एक प्राचीनतम शिवालय है, जो रामगंगा नदी के पश्चिमी तट पर चौखुटिया तहसील के तल्ला गेवाड़ नामक पट्टी में भारतवर्ष के उत्तराखण्ड राज्य के अन्तर्गत कुमांऊॅं क्षेत्र के अल्मोड़ा जनपद में प्राण-प्रतीष्ठित है। सोमनाथेश्वर शब्द श्रीनाथेश्वर शब्द का ही रूपांतरण है, जिसका मानसखण्ड में समुचित उल्लेख पाया जाता है। .

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कत्यूरी राजवंश

कत्यूरी राजवंश भारत के उत्तराखण्ड राज्य का एक मध्ययुगीन राजवंश था जिनके बारे में में माना जाता है कि वे अयोध्या के शालिवाहन शासक के वंशज हैं और इसलिए वे सूर्यवंशी हैं। तथापि, बहुत से इतिहासकार उन्हें कुनिन्दा शासकों से जोड़ते हैं और खस मूल से भी, जिनका कुमाऊँ क्षेत्र पर ६ठीं से ११वीं सदी तक शासन था। कत्यूरी राजाओं को गिरीराज चक्रचूड़ामणि की उपाधी प्राप्त थी। उनकी पहली राजधानी जोशीमठ में थी, जो जल्द ही कार्तिकेयपुर में स्थानांतरित कर दी गई थी। कत्यूरी राजवंश भी शक वंशावली के माने जाते हैं, जैसे राजा शालिवाहन, को भी शक वंश से माना जाता है। तथापि, बद्री दत्त पाण्डेय जैसे इतिहासकारों का मानना है कि कत्यूरी, अयोध्या से आए थे। उन्होंने अपने राज्य को 'कूर्मांचल' कहा, अर्थात 'कूर्म की भूमि', कूर्म भगवान विष्णु का दूसरा अवतार था, जिससे इस स्थान को इसका वर्तमान नाम, कुमाऊँ मिला। कत्युरी राजा का कुलदेवता स्वामी कार्तिकेय (मोहन्याल) नेपाल के बोगटान राज्य मे विराजमान है। .

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कुमाऊँ मण्डल

यह लेख कुमाऊँ मण्डल पर है। अन्य कुमाऊँ लेखों के लिए देखें कुमांऊॅं उत्तराखण्ड के मण्डल कुमाऊँ मण्डल भारत के उत्तराखण्ड राज्य के दो प्रमुख मण्डलों में से एक हैं। अन्य मण्डल है गढ़वाल। कुमाऊँ मण्डल में निम्न जिले आते हैं:-.

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कुमांऊँ की लोककला

300px कुमांऊँ के इतिहास के प्रारंभ से ही कला विद्यमान थी। जिस कला से यहॉं के जनमानस की अभिव्यक्ति व परम्परागत गूढ़ रहस्यों की गहराइयों की जानकारी प्राप्त होती है, वही कुमांऊँ की लोककला है। कुमांऊँ की लोककला का स्वरूप भारत की अन्य कलाओं व लोककलाओं के समरूप ही पाया जाता है।हिमालय की वक्षस्थली में फैला लगभग 1500 वर्ग किलोमीटर अल्मोड़ा, बागेश्वर, चम्पावत, पिथौरागढ़, नैनीताल, व उधमसिंह नगर नामक जिलों को कुमांऊँ क्षेत्र कहा जाता है, जो भारतवर्ष के उत्तराखण्ड नामक राज्य में हैं, इन जिलों की पारम्परिक कलाओं को कुमांऊँनी लोककला अर्थात् कुमांऊँ की लोककला कहते हैं। .

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अल्मोड़ा

अल्मोड़ा भारतीय राज्य उत्तराखण्ड का एक महत्वपूर्ण नगर है। यह अल्मोड़ा जिले का मुख्यालय भी है। अल्मोड़ा दिल्ली से ३६५ किलोमीटर और देहरादून से ४१५ किलोमीटर की दूरी पर, कुमाऊँ हिमालय श्रंखला की एक पहाड़ी के दक्षिणी किनारे पर स्थित है। भारत की २०११ की जनगणना के अनुसार अल्मोड़ा की कुल जनसंख्या ३५,५१३ है। अल्मोड़ा की स्थापना राजा बालो कल्याण चंद ने १५६८ में की थी। महाभारत (८ वीं और ९वीं शताब्दी ईसा पूर्व) के समय से ही यहां की पहाड़ियों और आसपास के क्षेत्रों में मानव बस्तियों के विवरण मिलते हैं। अल्मोड़ा, कुमाऊं राज्य पर शासन करने वाले चंदवंशीय राजाओं की राजधानी थी। स्वतंत्रता की लड़ाई में तथा शिक्षा, कला एवं संस्कृति के उत्थान में अल्मोड़ा का विशेष हाथ रहा है। .

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उत्तराखण्ड

उत्तराखण्ड (पूर्व नाम उत्तरांचल), उत्तर भारत में स्थित एक राज्य है जिसका निर्माण ९ नवम्बर २००० को कई वर्षों के आन्दोलन के पश्चात भारत गणराज्य के सत्ताइसवें राज्य के रूप में किया गया था। सन २००० से २००६ तक यह उत्तरांचल के नाम से जाना जाता था। जनवरी २००७ में स्थानीय लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य का आधिकारिक नाम बदलकर उत्तराखण्ड कर दिया गया। राज्य की सीमाएँ उत्तर में तिब्बत और पूर्व में नेपाल से लगी हैं। पश्चिम में हिमाचल प्रदेश और दक्षिण में उत्तर प्रदेश इसकी सीमा से लगे राज्य हैं। सन २००० में अपने गठन से पूर्व यह उत्तर प्रदेश का एक भाग था। पारम्परिक हिन्दू ग्रन्थों और प्राचीन साहित्य में इस क्षेत्र का उल्लेख उत्तराखण्ड के रूप में किया गया है। हिन्दी और संस्कृत में उत्तराखण्ड का अर्थ उत्तरी क्षेत्र या भाग होता है। राज्य में हिन्दू धर्म की पवित्रतम और भारत की सबसे बड़ी नदियों गंगा और यमुना के उद्गम स्थल क्रमशः गंगोत्री और यमुनोत्री तथा इनके तटों पर बसे वैदिक संस्कृति के कई महत्त्वपूर्ण तीर्थस्थान हैं। देहरादून, उत्तराखण्ड की अन्तरिम राजधानी होने के साथ इस राज्य का सबसे बड़ा नगर है। गैरसैण नामक एक छोटे से कस्बे को इसकी भौगोलिक स्थिति को देखते हुए भविष्य की राजधानी के रूप में प्रस्तावित किया गया है किन्तु विवादों और संसाधनों के अभाव के चलते अभी भी देहरादून अस्थाई राजधानी बना हुआ है। राज्य का उच्च न्यायालय नैनीताल में है। राज्य सरकार ने हाल ही में हस्तशिल्प और हथकरघा उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये कुछ पहल की हैं। साथ ही बढ़ते पर्यटन व्यापार तथा उच्च तकनीकी वाले उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए आकर्षक कर योजनायें प्रस्तुत की हैं। राज्य में कुछ विवादास्पद किन्तु वृहत बाँध परियोजनाएँ भी हैं जिनकी पूरे देश में कई बार आलोचनाएँ भी की जाती रही हैं, जिनमें विशेष है भागीरथी-भीलांगना नदियों पर बनने वाली टिहरी बाँध परियोजना। इस परियोजना की कल्पना १९५३ मे की गई थी और यह अन्ततः २००७ में बनकर तैयार हुआ। उत्तराखण्ड, चिपको आन्दोलन के जन्मस्थान के नाम से भी जाना जाता है। .

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चन्द राजवंश और मॉंसी के बीच तुलना

चन्द राजवंश 29 संबंध है और मॉंसी 37 है। वे आम 8 में है, समानता सूचकांक 12.12% है = 8 / (29 + 37)।

संदर्भ

यह लेख चन्द राजवंश और मॉंसी के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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