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कथा और घासीराम कोतवाल (नाटक)

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

कथा और घासीराम कोतवाल (नाटक) के बीच अंतर

कथा vs. घासीराम कोतवाल (नाटक)

कहानी सुनने-सुनाने की भारतीय पद्धति को कथा कहते हैं। . घासीराम कोतवाल विजय तेंदुलकर द्वारा लिखित मराठी नाटक है। यह ब्राह्मणों के गढ़ पूना में रोजगार की तलाश में गए एक हिंदी भाषी ब्राह्मण घासीराम के त्रासदी की कहानी है। ब्राह्मणों से अपमानित घासीराम मराठा पेशवा नाना फड़नबीस से अपनी बेटी के विवाह का सौदा करता है और पूना की कोतवाली हासिल कर उन ब्राह्मणों से बदला लेता है। किंतु नाना उसकी बेटी की हत्या कर देता है। घासीराम चाहकर भी इसका बदला नहीं ले पाता। उल्टे नाना उसकी हत्या करवा देता है। इस नाटक के मूल मराठी स्वरूप का पहली बार प्रदर्शन 16 दिसंबर, 1972 को पूना में ‘प्रोग्रेसिव ड्रामाटिक एसोसिएशन’ द्वारा भरत नाट्य मन्दिर में हुआ। निर्देशक थे डॉ॰ जब्बार पटेल। .

कथा और घासीराम कोतवाल (नाटक) के बीच समानता

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संदर्भ

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