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ग्रह और नैअड (उपग्रह)

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

ग्रह और नैअड (उपग्रह) के बीच अंतर

ग्रह vs. नैअड (उपग्रह)

हमारे सौरमण्डल के ग्रह - दायें से बाएं - बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, युरेनस और नेप्चून सौर मंडल के ग्रहों, सूर्य और अन्य पिंडों के तुलनात्मक चित्र सूर्य या किसी अन्य तारे के चारों ओर परिक्रमा करने वाले खगोल पिण्डों को ग्रह कहते हैं। अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ के अनुसार हमारे सौर मंडल में आठ ग्रह हैं - बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, युरेनस और नेप्चून। इनके अतिरिक्त तीन बौने ग्रह और हैं - सीरीस, प्लूटो और एरीस। प्राचीन खगोलशास्त्रियों ने तारों और ग्रहों के बीच में अन्तर इस तरह किया- रात में आकाश में चमकने वाले अधिकतर पिण्ड हमेशा पूरब की दिशा से उठते हैं, एक निश्चित गति प्राप्त करते हैं और पश्चिम की दिशा में अस्त होते हैं। इन पिण्डों का आपस में एक दूसरे के सापेक्ष भी कोई परिवर्तन नहीं होता है। इन पिण्डों को तारा कहा गया। पर कुछ ऐसे भी पिण्ड हैं जो बाकी पिण्डों के सापेक्ष में कभी आगे जाते थे और कभी पीछे - यानी कि वे घुमक्कड़ थे। Planet एक लैटिन का शब्द है, जिसका अर्थ होता है इधर-उधर घूमने वाला। इसलिये इन पिण्डों का नाम Planet और हिन्दी में ग्रह रख दिया गया। शनि के परे के ग्रह दूरबीन के बिना नहीं दिखाई देते हैं, इसलिए प्राचीन वैज्ञानिकों को केवल पाँच ग्रहों का ज्ञान था, पृथ्वी को उस समय ग्रह नहीं माना जाता था। ज्योतिष के अनुसार ग्रह की परिभाषा अलग है। भारतीय ज्योतिष और पौराणिक कथाओं में नौ ग्रह गिने जाते हैं, सूर्य, चन्द्रमा, बुध, शुक्र, मंगल, गुरु, शनि, राहु और केतु। . वरुण ग्रह को दर्शाता है जिसके इर्द-गिर्द नैअड परिक्रमा करता है) नैअड सौर मण्डल के आठवे ग्रह वरुण का एक उपग्रह है। यह वरुण के सारे उपग्रहों में से उस से सबसे समीप परिक्रमा करने वाला उपग्रह है। नैअड का औसत व्यास ६६ किमी है और इसका अकार बेढंगा है (यानि गोल नहीं है)। इस उपग्रह का रंग गाढ़ा प्रतीत होता है। वैज्ञानिकों का अनुमान है के वरुण का यह चन्द्रमा वरुण के साथ-साथ निर्मित नहीं हुआ था, बल्कि उस मलबे के कुछ जमावड़े से बन गया है जब वरुण नें अपने से पास गुज़रते हुए ट्राइटन को अपने शक्तिशाली गुरुत्वाकर्षण के क़ब्ज़े में लेकर उसे अपना उपग्रह बना लिया। उस दौरान वरुण के इर्द-गिर्द घूम रहे पुराने उपग्रहों में गुरुत्वकर्षण के बदलते प्रभाव से काफ़ी टकराव हुए थे जिनसे वे उपग्रह ध्वस्त हो गए और अपना मलबा छोड़ गए और नैअड उसी का नतीजा है। ट्राइटन को छोड़कर, वरुण के अन्य उपग्रहों का निर्माण कुछ ऐसे ही हुआ था। वरुण के कुछ अन्य अंदरूनी चंद्रमाओं की तरह, नैअड भी धीरे-धीरे वरुण के समीप आता जा रहा है और वैज्ञानिकों का विचार है के कुछ समय बात यह या तो वरुण के वायुमंडल में गिरकर ध्वस्त हो जाएगा या वरुण की रोश सीमा के अन्दर आने से उसके गुरुत्वाकर्षण द्वारा तोड़कर एक उपग्रही छल्ले के लिए मलबा बन जाएगा। फ़िलहाल नैअड वरुण के वायुमंडल के ऊपरी बादलों से २३,५०० किमी ऊपर उस ग्रह की परिक्रमा कर रहा है। .

ग्रह और नैअड (उपग्रह) के बीच समानता

ग्रह और नैअड (उपग्रह) आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): सौर मण्डल, वरुण (ग्रह)

सौर मण्डल

सौर मंडल में सूर्य और वह खगोलीय पिंड सम्मलित हैं, जो इस मंडल में एक दूसरे से गुरुत्वाकर्षण बल द्वारा बंधे हैं। किसी तारे के इर्द गिर्द परिक्रमा करते हुई उन खगोलीय वस्तुओं के समूह को ग्रहीय मण्डल कहा जाता है जो अन्य तारे न हों, जैसे की ग्रह, बौने ग्रह, प्राकृतिक उपग्रह, क्षुद्रग्रह, उल्का, धूमकेतु और खगोलीय धूल। हमारे सूरज और उसके ग्रहीय मण्डल को मिलाकर हमारा सौर मण्डल बनता है। इन पिंडों में आठ ग्रह, उनके 166 ज्ञात उपग्रह, पाँच बौने ग्रह और अरबों छोटे पिंड शामिल हैं। इन छोटे पिंडों में क्षुद्रग्रह, बर्फ़ीला काइपर घेरा के पिंड, धूमकेतु, उल्कायें और ग्रहों के बीच की धूल शामिल हैं। सौर मंडल के चार छोटे आंतरिक ग्रह बुध, शुक्र, पृथ्वी और मंगल ग्रह जिन्हें स्थलीय ग्रह कहा जाता है, मुख्यतया पत्थर और धातु से बने हैं। और इसमें क्षुद्रग्रह घेरा, चार विशाल गैस से बने बाहरी गैस दानव ग्रह, काइपर घेरा और बिखरा चक्र शामिल हैं। काल्पनिक और्ट बादल भी सनदी क्षेत्रों से लगभग एक हजार गुना दूरी से परे मौजूद हो सकता है। सूर्य से होने वाला प्लाज़्मा का प्रवाह (सौर हवा) सौर मंडल को भेदता है। यह तारे के बीच के माध्यम में एक बुलबुला बनाता है जिसे हेलिओमंडल कहते हैं, जो इससे बाहर फैल कर बिखरी हुई तश्तरी के बीच तक जाता है। .

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वरुण (ग्रह)

वरुण, नॅप्टयून या नॅप्चयून हमारे सौर मण्डल में सूर्य से आठवाँ ग्रह है। व्यास के आधार पर यह सौर मण्डल का चौथा बड़ा और द्रव्यमान के आधार पर तीसरा बड़ा ग्रह है। वरुण का द्रव्यमान पृथ्वी से १७ गुना अधिक है और अपने पड़ौसी ग्रह अरुण (युरेनस) से थोड़ा अधिक है। खगोलीय इकाई के हिसाब से वरुण की कक्षा सूरज से ३०.१ ख॰ई॰ की औसत दूरी पर है, यानि वरुण पृथ्वी के मुक़ाबले में सूरज से लगभग तीस गुना अधिक दूर है। वरुण को सूरज की एक पूरी परिक्रमा करने में १६४.७९ वर्ष लगते हैं, यानि एक वरुण वर्ष १६४.७९ पृथ्वी वर्षों के बराबर है। हमारे सौर मण्डल में चार ग्रहों को गैस दानव कहा जाता है, क्योंकि इनमें मिटटी-पत्थर की बजाय अधिकतर गैस है और इनका आकार बहुत ही विशाल है। वरुण इनमे से एक है - बाकी तीन बृहस्पति, शनि और अरुण (युरेनस) हैं। इनमें से अरुण की बनावट वरुण से बहुत मिलती-जुलती है। अरुण और वरुण के वातावरण में बृहस्पति और शनि के तुलना में बर्फ़ अधिक है - पानी की बर्फ़ के अतिरिक्त इनमें जमी हुई अमोनिया और मीथेन गैसों की बर्फ़ भी है। इसलिए कभी-कभी खगोलशास्त्री इन दोनों को "बर्फ़ीले गैस दानव" नाम की श्रेणी में डाल देते हैं। .

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सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

ग्रह और नैअड (उपग्रह) के बीच तुलना

ग्रह 31 संबंध है और नैअड (उपग्रह) 8 है। वे आम 2 में है, समानता सूचकांक 5.13% है = 2 / (31 + 8)।

संदर्भ

यह लेख ग्रह और नैअड (उपग्रह) के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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