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गौरवशाली क्रांति और चर्च ऑफ़ स्कॉटलैंड

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

गौरवशाली क्रांति और चर्च ऑफ़ स्कॉटलैंड के बीच अंतर

गौरवशाली क्रांति vs. चर्च ऑफ़ स्कॉटलैंड

गौरवपूर्ण क्रान्ति (The Glorious Revolution) या सन् १६८८ की क्रान्ति के द्वारा इंग्लैण्ड का राजा जेम्स द्वितीय को राजसिंहासन गवांना पड़ा। 18वीं सदी में विश्व में तीन प्रमुख क्रांतियां हुईं। ये भिन्न-भिन्न देशों में अवश्य हुई किन्तु इनके परिणाम एवं प्रभाव विश्व पर दूरगामी हुए। इन क्रांतियों में सर्वप्रथम इंग्लैंड में घटित वैभवपूर्ण क्रांति (1688 ई.) है। इसे 'गौरवशाली क्रांति' अथवा 'रक्तहीन क्रांति' भी कहा जाता है क्योंकि इस क्रांति में किसी भी पक्ष के व्यक्ति के रक्त की एक बूंद भी नहीं निकली और केवल प्रदर्शन एवं वार्तालाप से ही क्रांति सफल हो गई। 1688 ई. में इंग्लैण्ड में हुई इस रक्तहीन क्रांति ने अमेरिका (इंग्लैंड का उपनिवेश) में भी स्वतंत्रता की मांग बुलंद की। अमेरिका में शासन ब्रिटिश संसद द्वारा चलाया जाता था जो अमेरिकावासियों को सहन न था। वे स्वतंत्र रूप से शासन करना चाहते थे। अतः अमेरिकी उपनिवेश ने अपनी स्वतंत्रता के लिए जो संघर्ष किया वही अमेरिकी क्रांति कहलाता है। ये क्रांति 1776 ई. में हुई। उपरोक्त दो क्रांतियों के परिणाम एवं प्रभाव स्वरूप यूरोप में भी क्रांति का दौर प्रारंभ हुआ। 18वीं सदी में यूरोपीय देशों में फ्रांस की सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति अत्यंत जर-जर थी। शासक कुलीन तथा पादरी वर्ग केवल अपनी विलासिता पर ही ध्यान देते थे। जनता एवं जनहित के कार्यो तथा प्रशासन में उनकी कोई रूचि नहीं थी। वे केवल श्रमिकों एवं कृषकों का शोषण करते थे। ऐसी परिस्थिति में फ्रांस में बुद्धिजीवी वर्ग का उदय हुआ जिन्होंने जनता को उनके अधिकारों के परिचित कराया। इस प्रकार शासक, कुलीन तथा चर्च के विरूद्ध कृषकों, श्रमिकों तथा बुद्धिजीवियों के द्वारा फ्रांस में जो क्रांति हुई वही 1789 की फ्रांसीसी क्रांति कहलाती है। इसके प्रभाव दूरगामी हुए। यहां तक की भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में भी इस क्रांति का महत्व है। . चर्च ऑफ़ स्कॉटलैंड (The Scots Kirk, Eaglais na h-Alba)जिसे अनौपचारिक रूप से इसके स्कॉट्स भाषा के इसके नाम, "कर्क" से जाना जाता है, स्कॉटलैंड की राष्ट्रीय गिरजा है। यह एक प्रोटेस्टेंट और प्रेस्बिटेरियन चर्च है। इसके "आस्था के पदार्थ में विघ्न न डालने वाले मुद्दुओं पर पक्ष व राय की स्वतंत्रता" के कारण यह चर्च, विभिन्न धार्मिक पदों के प्रति सहिष्णुत है, जिनमें वे लोग भी शामिल हैं जो स्वयं को रूढ़िवादी या उदारवादी के रूप में अपने सिद्धांत, नैतिक और पवित्रशास्त्र की व्याख्या में कहते हैं। चर्च ऑफ स्कॉटलैंड की जड़ें स्कॉटलैंड में ईसाई धर्म की शुरुआत से ही खोजी जा सकती हैं, लेकिन इसकी वर्त्तमान पहचान मुख्य रूप से 1560 के सुधार के द्वारा आकार में आई है।दिसंबर 2013 तक, इसकी प्रतिज्ञाधारी सदस्यता 3,98,389 थी, जो स्कॉटलैंड की कल् आबादी का लगभग 7.5% है। इसके विरुद्ध, 2015 के स्कॉटिश वार्षिक घरेलू सर्वेक्षण के अनुसार, स्कॉटिश आबादी का इससे बहुत अधिक, 25.3%, यानी 14 लाख अनुयायी, इस चर्च के प्रति किसी तरह के निष्ठा का दावा करते हैं। 2011 की जनगणना में 32.4% लोगों ने इस चर्च के प्रति निष्ठा का दावा किया। Scottish Government: National Statisticks .

गौरवशाली क्रांति और चर्च ऑफ़ स्कॉटलैंड के बीच समानता

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संदर्भ

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