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गोविन्दपुर झखराहा और वसन्त पञ्चमी

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

गोविन्दपुर झखराहा और वसन्त पञ्चमी के बीच अंतर

गोविन्दपुर झखराहा vs. वसन्त पञ्चमी

गोविन्दपुर झखराहा भारत में बिहार राज्य के ऐतिहासिक वैशाली जिलान्तर्गत एक छोटा गाँव है। निकटस्थ शहर एवं जिला मुख्यालय हाजीपुर से यह गाँव १३ किलोमीटर पूर्व राष्ट्रीय राजमार्ग पर अवस्थित है। सघन आबादी वाले इस कृषिप्रधान गाँव में बज्जिका बोली जाती है लेकिन शिक्षा का माध्यम हिंदी और उर्दू है। लगभग १ वर्ग किलोमीटर क्षेत्र वाले इस छोटे से गाँव की वर्तमान जनसंख्या लगभग 1800 है। . वसंत पंचमी या श्रीपंचमी एक हिन्दू त्योहार है। इस दिन विद्या की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। यह पूजा पूर्वी भारत, पश्चिमोत्तर बांग्लादेश, नेपाल और कई राष्ट्रों में बड़े उल्लास से मनायी जाती है। इस दिन स्त्रियाँ पीले वस्त्र धारण करती हैं। प्राचीन भारत और नेपाल में पूरे साल को जिन छह मौसमों में बाँटा जाता था उनमें वसंत लोगों का सबसे मनचाहा मौसम था। जब फूलों पर बहार आ जाती, खेतों में सरसों का सोना चमकने लगता, जौ और गेहूँ की बालियाँ खिलने लगतीं, आमों के पेड़ों पर बौर आ जाता और हर तरफ़ रंग-बिरंगी तितलियाँ मँडराने लगतीं। वसंत ऋतु का स्वागत करने के लिए माघ महीने के पाँचवे दिन एक बड़ा जश्न मनाया जाता था जिसमें विष्णु और कामदेव की पूजा होती, यह वसंत पंचमी का त्यौहार कहलाता था। शास्त्रों में बसंत पंचमी को ऋषि पंचमी से उल्लेखित किया गया है, तो पुराणों-शास्त्रों तथा अनेक काव्यग्रंथों में भी अलग-अलग ढंग से इसका चित्रण मिलता है। .

गोविन्दपुर झखराहा और वसन्त पञ्चमी के बीच समानता

गोविन्दपुर झखराहा और वसन्त पञ्चमी आम में 5 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): माघ, सरस्वती, हिन्दू, वसंत, आम

माघ

माघ से निम्नांकित का बोध होता है-.

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सरस्वती

कोई विवरण नहीं।

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हिन्दू

शब्द हिन्दू किसी भी ऐसे व्यक्ति का उल्लेख करता है जो खुद को सांस्कृतिक रूप से, मानव-जाति के अनुसार या नृवंशतया (एक विशिष्ट संस्कृति का अनुकरण करने वाले एक ही प्रजाति के लोग), या धार्मिक रूप से हिन्दू धर्म से जुड़ा हुआ मानते हैं।Jeffery D. Long (2007), A Vision for Hinduism, IB Tauris,, pages 35-37 यह शब्द ऐतिहासिक रूप से दक्षिण एशिया में स्वदेशी या स्थानीय लोगों के लिए एक भौगोलिक, सांस्कृतिक, और बाद में धार्मिक पहचानकर्ता के रूप में प्रयुक्त किया गया है। हिन्दू शब्द का ऐतिहासिक अर्थ समय के साथ विकसित हुआ है। प्रथम सहस्त्राब्दी ईसा पूर्व में सिंधु की भूमि के लिए फारसी और ग्रीक संदर्भों के साथ, मध्ययुगीन युग के ग्रंथों के माध्यम से, हिंदू शब्द सिंधु (इंडस) नदी के चारों ओर या उसके पार भारतीय उपमहाद्वीप में रहने वाले लोगों के लिए भौगोलिक रूप में, मानव-जाति के अनुसार (नृवंशतया), या सांस्कृतिक पहचानकर्ता के रूप में प्रयुक्त होने लगा था।John Stratton Hawley and Vasudha Narayanan (2006), The Life of Hinduism, University of California Press,, pages 10-11 16 वीं शताब्दी तक, इस शब्द ने उपमहाद्वीप के उन निवासियों का उल्लेख करना शुरू कर दिया, जो कि तुर्किक या मुस्लिम नहीं थे। .

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वसंत

वसंत उत्तर भारत तथा समीपवर्ती देशों की छह ऋतुओं में से एक ऋतु है, जो फरवरी मार्च और अप्रैल के मध्य इस क्षेत्र में अपना सौंदर्य बिखेरती है। ऐसा माना गया है कि माघ महीने की शुक्ल पंचमी से वसंत ऋतु का आरंभ होता है। फाल्गुन और चैत्र मास वसंत ऋतु के माने गए हैं। फाल्गुन वर्ष का अंतिम मास है और चैत्र पहला। इस प्रकार हिंदू पंचांग के वर्ष का अंत और प्रारंभ वसंत में ही होता है। इस ऋतु के आने पर सर्दी कम हो जाती है, मौसम सुहावना हो जाता है, पेड़ों में नए पत्ते आने लगते हैं, आम के पेड़ बौरों से लद जाते हैं और खेत सरसों के फूलों से भरे पीले दिखाई देते हैं I अतः राग रंग और उत्सव मनाने के लिए यह ऋतु सर्वश्रेष्ठ मानी गई है और इसे ऋतुराज कहा गया है। वसन्त ऋतु वर्ष की एक ऋतु है जिसमें वातावरण का तापमान प्रायः सुखद रहता है। भारत में यह फरवरी से मार्च तक होती है। अन्य देशों में यह अलग समयों पर हो सकती है। इस ऋतु की विशेष्ता है मौसम का गरम होना, फूलो का खिलना, पौधो का हरा भरा होना और बर्फ का पिघलना। भारत का एक मुख्य त्योहार है होली जो वसन्त ऋतु में मनाया जाता है। यह एक सन्तुलित (Temperate) मौसम है। इस मौसम में चारो ओर हरियलि होति है। पेडो पर नये पत्ते उग्ते है। इस रितु मैं कइ लोग उद्यनो तालाबो आदि मैं घुम्ने जाते है। वसंत के रागरंग'पौराणिक कथाओं के अनुसार वसंत को कामदेव का पुत्र कहा गया है। कवि देव ने वसंत ऋतु का वर्णन करते हुए कहा है कि रूप व सौंदर्य के देवता कामदेव के घर पुत्रोत्पत्ति का समाचार पाते ही प्रकृति झूम उठती है, पेड़ उसके लिए नव पल्लव का पालना डालते है, फूल वस्त्र पहनाते हैं पवन झुलाती है और कोयल उसे गीत सुनाकर बहलाती है। भगवान कृष्ण ने गीता में कहा है ऋतुओं में मैं वसंत हूँ। वसंत ऋतु में वसंत पंचमी, शिवरात्रि तथा होली नामक पर्व मनाए जाते हैं। भारतीय संगीत साहित्य और कला में इसे महत्वपूर्ण स्थान है। संगीत में एक विशेष राग वसंत के नाम पर बनाया गया है जिसे राग बसंत कहते हैं। वसंत राग पर चित्र भी बनाए गए हैं। .

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आम

आम एक प्रकार का रसीला फल होता है। इसे भारत में फलों का राजा भी बोलते हैं। इसकी मूल प्रजाति को भारतीय आम कहते हैं, जिसका वैज्ञानिक नाम मेंगीफेरा इंडिका है। आमों की प्रजाति को मेंगीफेरा कहा जाता है। इस फल की प्रजाति पहले केवल भारतीय उपमहाद्वीप में मिलती थी, इसके बाद धीरे धीरे अन्य देशों में फैलने लगी। इसका सबसे अधिक उत्पादन भारत में होता है। यह भारत, पाकिस्तान और फिलीपींस में राष्ट्रीय फल माना जाता है और बांग्लादेश में इसके पेड़ को राष्ट्रीय पेड़ का दर्जा प्राप्त है। .

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सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

गोविन्दपुर झखराहा और वसन्त पञ्चमी के बीच तुलना

गोविन्दपुर झखराहा 79 संबंध है और वसन्त पञ्चमी 40 है। वे आम 5 में है, समानता सूचकांक 4.20% है = 5 / (79 + 40)।

संदर्भ

यह लेख गोविन्दपुर झखराहा और वसन्त पञ्चमी के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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