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गैलापागोस द्वीपसमूह

सूची गैलापागोस द्वीपसमूह

गैलापागोस द्वीप समूह (आधिकारिक नाम: Archipiélago de Colón; अन्य स्पेनिश नाम: Islas de Colón या Islas Galápagos) प्रशांत महासागर में भूमध्य रेखा के आसपास फैले ज्वालामुखी द्वीपों का एक द्वीपसमूह है, जो महाद्वीपीय ईक्वाडोर के 972 किमी पश्चिम में स्थित है। यह एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है: वन्यजीवन इसकी सबसे प्रमुख विशेषता है। गैलापागोस द्वीप समूह ईक्वाडोर के गैलापागोस प्रांत का निर्माण करते हैं साथ ही यह देश की राष्ट्रीय उद्यान प्रणाली का हिस्सा हैं। इस द्वीप की प्रमुख भाषा स्पेनिश है। इस द्वीपों की जनसंख्या 40000 के आसपास है, जिसमें पिछले 50 वर्षों में 40 गुना वृद्धि हुई है। भौगोलिक रूप से यह द्वीपसमूह नये हैं और स्थानीय प्रजातियों की अपनी विशाल संख्या के लिए प्रसिद्ध है, जिनका चार्ल्स डार्विन ने अपने बीगल के खोजी अभियान के दौरान अध्ययन किया था। उनकी टिप्पणियों और संग्रह ने डार्विन के प्राकृतिक चयन द्वारा क्रम-विकास के सिद्धांत के प्रतिपादन में योगदान दिया। विश्व के नये सात आश्चर्य फाउंडेशन द्वारा गैलापागोस द्वीपसमूह को प्रकृति के सात नए आश्चर्यों में से एक के लिए एक उम्मीदवार के रूप में सूचीबद्ध किया गया था। फ़रवरी 2009 तक द्वीप की श्रेणी, समूह बी में द्वीपसमूह की वरीयता प्रथम थी। .

90 संबंधों: चार्ल्स डार्विन, चार्ल्स डार्विन फाउंडेशन, चार्ल्स डार्विन अनुसंधान केन्द्र, चकोतरा, टॉर्टुगा (गैलापागोस), एचएमएस बीगल, एल नीनो, एस्पानॉला (गैलापागोस), डार्विन (गैलापागोस), डैनियल डेफॉ, डेफ्ने द्वीप (गैलापागोस), थॉर हेयरडाह्ल, द ओरिजन ऑफ स्पीसीज़ (प्रजातिओं की उत्पत्ति), दक्षिण प्लाजा (गैलापागोस), द्वितीय विश्वयुद्ध, द्वीपसमूह, निम्बू-वंश, नीबू, पनामा, पनामा नहर, पिंटा (गैलापागोस), पिंज़ोन (गैलापागोस), पक्षीविज्ञान, प्रशान्त महासागर, प्रांत, प्राकृतिक वरण, पेरू, पीरु धारा, फर्नान्दिना (गैलापागोस), फ्लोरियाना (गैलापागोस), बार्टोलोम (गैलापागोस), बाल्ट्रा (गैलापागोस), बेल्जियम, भारत के राष्ट्रीय उद्यान, भूमध्य रेखा, भूविज्ञान, मार्शेना (गैलापागोस), मछली, मेस्टिज़ो, युनेस्को, राबिदा द्वीप (गैलापागोस), रूचिरा, रॉका रेडोन्डा (गैलापागोस), रोबिंसन क्रूसो, लावा, सांता फे (गैलापागोस), सांताक्रूज़ (गैलापागोस), संतरा (फल), संरक्षित जैवमंडल, स्पेन, ..., स्पेनी भाषा, सैन क्रिस्टोबाल (गैलापागोस), सैंटियागो (गैलापागोस), जनसंख्या, ज्वालामुख-कुण्ड, ज्वालामुखी, जेनोवेसा (गैलापागोस), जीव विज्ञान, जीवाश्म, ईस्टर द्वीप, ईक्वाडोर, वनस्पति विज्ञान, विश्व धरोहर, वुल्फ (गैलापागोस), वोल्कन वुल्फ, ग्रेट बैरियर रीफ, गैलापागोस कछुआ, ऑस्ट्रेलिया, इसाबेला द्वीप (गैलापागोस), इंका सभ्यता, क्रम-विकास, क्षेत्रफल, कैण्टन, कोकोस (कीलिंग) द्वीपसमूह, कीटविज्ञान, अमरूद, अंतरराष्ट्रीय जल सर्वेक्षण संगठन, उत्तरी सेयमोर (गैलापागोस), उभयचर, १९३४, १९३६, १९५०, १९५७, १९५९, १९६४, १९७८, १९८५, १९८६, १९९०, २००१ सूचकांक विस्तार (40 अधिक) »

चार्ल्स डार्विन

चार्ल्स डार्विन चार्ल्स डार्विन (१२ फरवरी, १८०९ – १९ अप्रैल १८८२) ने क्रमविकास (evolution) के सिद्धान्त का प्रतिपादन किया। उनका शोध आंशिक रूप से १८३१ से १८३६ में एचएमएस बीगल पर उनकी समुद्र यात्रा के संग्रहों पर आधारित था। इनमें से कई संग्रह इस संग्रहालय में अभी भी उपस्थित हैं। डार्विन महान वैज्ञानिक थे - आज जो हम सजीव चीजें देखते हैं, उनकी उत्पत्ति तथा विविधता को समझने के लिए उनका विकास का सिद्धान्त सर्वश्रेष्ठ माध्यम बन चुका है। संचार डार्विन के शोध का केन्द्र-बिन्दु था। उनकी सर्वाधिक प्रसिद्ध पुस्तक जीवजाति का उद्भव (Origin of Species (हिंदी में - 'ऑरिजिन ऑफ स्पीसीज़')) प्रजातियों की उत्पत्ति सामान्य पाठकों पर केंद्रित थी। डार्विन चाहते थे कि उनका सिद्धान्त यथासम्भव व्यापक रूप से प्रसारित हो। डार्विन के विकास के सिद्धान्त से हमें यह समझने में मदद मिलती है कि किस प्रकार विभिन्न प्रजातियां एक दूसरे के साथ जुङी हुई हैं। उदाहरणतः वैज्ञानिक यह समझने का प्रयास कर रहे हैं कि रूस की बैकाल झील में प्रजातियों की विविधता कैसे विकसित हुई। .

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चार्ल्स डार्विन फाउंडेशन

चार्ल्स डार्विन फाउंडेशन की स्थापना सन 1959 में, यूनेस्को और विश्व संरक्षण संघ के तत्वावधान में हुई थी। चार्ल्स डार्विन फाउंडेशन प्यूर्टो अयोरा, गैलापागोस, ईक्वाडोर में स्थित है। फाउंडेशन गैलापागोस द्वीपसमूह के पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण के लिए समर्पित है। चार्ल्स डार्विन अनुसंधान केन्द्र फाउंडेशन के मुख्यालय के रूप में कार्य करता है और इसका प्रयोग संरक्षण के लिए वैज्ञानिक अनुसंधान और पर्यावरण शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए किया जाता है। केन्द्र के पास विश्व भर से आये सौ से अधिक वैज्ञानिकों, शिक्षकों, स्वयंसेवकों, शोध छात्रों और सहयोगी स्टाफ की एक टीम है। फाउंडेशन सरकार के साथ लगातार निकट संपर्क बरकरार रखती है और पूरे ईक्वाडोर में गैलापागोस संरक्षण को बढ़ावा देती है। .

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चार्ल्स डार्विन अनुसंधान केन्द्र

चार्ल्स डार्विन अनुसंधान केन्द्र का प्रवेश द्वार चार्ल्स डार्विन अनुसंधान केन्द्र (अंग्रेजी: Charles Darwin Research Station (CDRS)) एक जैविक अनुसंधान केन्द्र है जिसका संचालन चार्ल्स डार्विन फाउंडेशन करती है। केन्द्र गैलापागोस द्वीप समूह के द्वीप सांताक्रूज़ पर प्यूर्टो अयोरा में स्थित है, जबकि इसके अनुषंगी कार्यालय ईसाबेला और सैन क्रिस्टोबाल द्वीप पर स्थित हैं। .

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चकोतरा

चकोतरा निम्बू-वंश का एक फल है, जो उस वंश की सबसे बड़ी जातियों में से एक है। हालांकि निम्बू-वंश के बहुत से फल दो या उस से अधिक जातियों के संकर (हाइब्रिड) होते हैं, चकोतरा एक शुद्ध प्राकृतिक जाति है। इसके कच्चे फल का रंग हरा, और पके हुए का हल्का हरा या फिर पीला होता है। पूरा बड़ा होने पर इसके फल का व्यास (डायामीटर) १५-२५ सेमी और वज़न १ से २ किलोग्राम होता है। इसके स्वाद में खटास और कुछ मीठापन तो होता है, लेकिन कड़वाहट नहीं। चकोतरा मूलतः भारतीय उपमहाद्वीप और दक्षिणपूर्वी एशिया क्षेत्र की जन्मी हुई जाति है। .

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टॉर्टुगा (गैलापागोस)

टॉर्टुगा (जिसका अर्थ स्पैनिश में कछुआ होता है) जिसे ब्रैटल के नाम से भी जाना जाता है, गैलापागोस द्वीपसमूह के मुख्य ईसाबेला द्वीप के निकट स्थित एक छोटा सा द्वीप है। द्वीप का क्षेत्रफल 1.3 किमी२ है। द्वीप निर्जन है पर यहाँ फ्रिगेट पक्षी, समुद्री गोह और गैलापागोस गल पाये जाते हैं। .

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एचएमएस बीगल

एचएमएस बीगल चेरोकी वर्ग की 10 तोपों वाली शाही नौसेना की ब्रिगेडियर-छोटी नाव थी, जिसका जलावतरण 11 मई 1820 को टेम्स नदी पर स्थित वूलविक गोदी पर किया गया था, जिसकी कुल लागत £ 7,803 थी। इसी वर्ष जुलाई में इस पोत ने संयुक्त राजशाही के राजा जॉर्ज चतुर्थ के राज्याभिषेक के समारोह की समुद्री परेड में हिस्सा लिया था और इस परेड के दौरान यह लंदन पुल के नीचे से गुजरने वाला पहला पोत था। इसके बाद कुछ समय तक यह किसी काम में नहीं लिया गया। इसके बाद इसे एक सर्वेक्षण पोत के रूप में रूपांतरित किया गया और इसने तीन अभियानों में भाग लिया। इसकी दूसरी सर्वेक्षण यात्रा पर युवा प्रकृतिवादी चार्ल्स डार्विन इस पोत पर था और चार्ल्स डार्विन के क्रम-विकास के सिद्धांत ने बीगल को इतिहास का एक सबसे प्रसिद्ध पोत बना दिया। .

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एल नीनो

दक्षिण प्रशांत महासागर का औसत परिसंचरणऊष्ण कटिबंधीय प्रशांत के भूमध्यीय क्षेत्र के समुद्र के तापमान और वायुमंडलीय परिस्थितियों में आये बदलाव के लिए उत्तरदायी समुद्री घटना को एल नीनो (अल नीनो या अल निनो) कहा जाता है। यह दक्षिण अमेरिका के पश्चिमी तट पर स्थित ईक्वाडोर और पेरु देशों के तटीय समुद्री जल में कुछ सालों के अंतराल पर घटित होती है। इससे परिणाम स्वरूप समुद्र के सतही जल का तापमान सामान्य से अधिक हो जाता है। इसका विस्तार ३°दक्षिण से १८°दक्षिण अक्षांश तक रहता है| .

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एस्पानॉला (गैलापागोस)

गार्डनर खाड़ीएस्पानॉला द्वीप का यह नाम स्पेन के सम्मान में रखा गया था। इसको विस्काउंट सैमुएल हुड के नाम पर हुड नाम से भी जाना जाता है। इसका क्षेत्रफल 60 वर्ग किलोमीटर (23 वर्ग मील) और अधिकतम ऊंचाई 206 मीटर (676 फुट) है। एस्पानॉला गैलापागोस द्वीपसमूह का सबसे पुराना द्वीप है जो लगभग 35 लाख वर्ष पुराना है और समूह के सबसे दक्षिण में स्थित है। इस द्वीप के दूरस्थ स्थानों में स्थानीय वनस्पति प्रचुर संख्या में पाई जाती है। अन्य द्वीपों से अलग होने के कारण एस्पानॉला पर वन्यजीव द्वीप के पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों के अनुसार अनुकूलित हो गये हैं। एस्पानॉला के समुद्री गोह ही द्वीपसमूह के ऐसे गोह हैं जो प्रजननकाल के दौरान अपने शरीर का रंग परिवर्तित कर सकते हैं। एस्पानॉला पर दो आगंतुक क्षेत्र हैं। गार्डनर खाड़ी और पुंटा सुआरेज़। जहाँ गार्डनर खाड़ी एक बेहतरीन समुद्रतट है जहाँ पर्यटक तैराकी कर सकते हैं वहीं पुंटा सुआरेज़ में विभिन्न वन्य जीव जैसे लहरदार एल्बाट्रॉस, समुद्री गोह, एस्पानॉला लावा छिपकली, हुड मॉकिंगबर्ड, अबाबील-पुच्छ गल, नीले और लाल पैरों वाले बूबी पक्षी, नाज़्का बूबी पक्षी, गैलापागोस बाज़ आदि देखे जा सकते हैं। .

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डार्विन (गैलापागोस)

डार्विन की मेहराबगैलापागोस द्वीपसमूह के द्वीप डार्विन (कुलपैपर) द्वीप का नाम चार्ल्स डार्विन के नाम पर रखा गया है। द्वीप का क्षेत्रफल 1.1 वर्ग किलोमीटर (0.4 वर्ग मील) का अधिकतम ऊंचाई 168 मीटर (551 फुट) है। द्वीप पर कोई शुष्क स्थान मौजूद नहीं है पर समुद्री जीवों की यहाँ भरमार है। यहाँ फर सील, फ्रिगेट, समुद्री गोह, अबाबील-पुच्छ गल, जलसिंह, व्हेल, समुद्री कछुए, लाल टांगों वाले और नाज़्का बूबी पक्षी को देखा जा सकता है। .

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डैनियल डेफॉ

डैनियल डेफॉ या डैनियल डिफो, मूल नाम डैनियल फॉ (जन्म: 1659-1661 मृत्यु: 24 अप्रैल 1731), एक अंग्रेजी लेखक, पत्रकार, पैंफ्लेट लेखक तथा उपन्यासकार था, जिसने अपने उपन्यास रोबिंसन क्रूसो के लिए चिरस्थायी प्रसिद्धि प्राप्त की। ब्रिटेन में डैफो ने उपन्यास की विधा को लोकप्रिय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कुछ लोग तो उसे अंग्रेजी उपन्यास के संस्थापकों में से एक मानते हैं। वह एक बहुसर्जक और बहुमुखी प्रतिभा का धनी लेखक था; उसने राजनीति, अपराध, धर्म, विवाह, मनोविज्ञान और परालौकिक सहित विभिन्न विषयों पर पाँच सौ से अधिक किताबें, लघुलेख और जर्नल लिखे थे। उसे आर्थिक मामलों की पत्रकारिता का अग्रदूत भी माना जाता है। डैनियल डिफो का मूल कुलनाम फो था, जो बाद में उसने डिफो कर लिया। उसका जन्म क्रिपलगेट में शायद १६६० ई० में हुआ था। मेरी टफले से उसका विवाह १६८४ ई० में हुआ। डिफो के माता पिता में परस्पर विशेष प्रेम नहीं था। उसकी शिक्षा दीक्षा बहुत कम हो पाई और बचपन से ही उसे जीवनसंघर्ष में जुट जाना पड़ा। उपन्यास आदि लिखना तो ६० वर्ष की उम्र में उसने शुरू किया। उससे पहले उसे पत्रकार के नाते बहुत कलमघिसाई करनी पड़ी। उसे राजनीति में बहुत रुचि थी। १७०१ ई० में उसने 'दि ट्रूबार्न इंग्लिशमैन' नामक एक कविता लिखी जो विलियम ऑव आरेंज के सिंहासन पर आने के संबंध में थी। इसमें उन लोगों पर व्यंग किया गया था जो राजा को विदेशी मानते थे। सन् १७०२ ई० में उसने 'दि शार्टेस्ट वे विथ डिस्सेंटर्स' में इंग्लैंड के चर्च पर शाब्दिक हमला किया। तब डिफो का खासा मजाक उड़ाया गया, उसे बंदी भी बनाया गया; परंतु वह सरकार का गुप्तचर बन गया। उसके बाद उसने कई लोगों के लिए छिपकर काम किए; और ऐसा भी कहा जाता है कि उसने दोनों पक्षों के लिए परस्पर विरोधी काम एक ही समय किए। १७०४ ई० से १७११ तक डिफो ने 'दि रिव्यू' नामक पत्र का संपादन किया जिसे बाद में ऐडिसन और स्टील ने चलाया। यद्यपि ६० वर्ष की आयु तक डिफो ने कई प्रकार का लेखन किया, तथापि उसकी मुख्य ख्याति उन प्रचार पुस्तिकाओं जैसे लेखन के कारण नहीं है। १७१९ में डिफो का एक उपन्यास 'राबिन्सन क्रूसो' प्रकाशित हुआ। यह अलैक्जैंडर सेलकर्क नामक व्यक्ति के जुआन फेर्नांदेज द्वीप पर १७०४ से १७०९ तक निर्वासन ओर एकांतवास की सत्य कथा पर आधारित उपन्यास था। इसमें एक ऐसे व्यक्ति की जीवनी है जो जहाज टूटने से अकेला एक अनजान द्वीप पर जा पहुँचता है, कुछ औज़ारों के सहारे अपनी झोपड़ी खुद बनाता है। फ्राइडे नामक सेवक एकमात्र उसका मित्र है। वहाँ उसे कैसे अद्भुत अनुभव प्राप्त होते हैं, इसका सब प्रामाणिक, ब्यौरेवार वर्णन डिफो ने प्रस्तुत किया है। यह उपन्यास छपते ही खूब बिका और अब तो विश्वसाहित्य में वह एक है। पुस्तक की सारी घटनाएँ और विवरण ऐसे सजीव हैं और मनुष्यस्वभाव का ऐसा मार्मिक वर्णन सहज प्रवाहमयी भाषा में किया गया है कि उस समय के नए नए साक्षर पाठकों के विशाल समुदाय ने पूरी कहानी को सच मान लिया। डिफो एक के बाद एक ऐसे कई औपन्यासिक वृत्त लिखने लगा। १७२० में साहसपूर्ण समुद्री डकैती पर आधारित कहानी कैप्टन सिंगलटन छपी। दो साल बाद मौल फ्लैंडर्स नामक चंचला स्त्री की जीवनी छपी, जो क्रमश: धनी और दरिद्र होते होते बुढ़ापे में जाकर अपनी प्रणयलीलाओं पर पछताती है। १७२२ ई० में छपा 'महामारी के वर्ष की दैनिकी' (जर्नल ऑव दि प्लेग ईयर) १६६५ ई० में लंदन में जो भयानक महामारी फैली थी उसका जीता जागता, आँखों देखा वर्णन डिफो ने कल्पना की आँखों से प्रस्तुत किया। कई आलोचक इसे डिफो की सर्वश्रेष्ठ कृति मानते हैं। १७२४ ई० में 'रुखसाना अथवा भाग्यवान प्रमिका' पुस्तक में फिर मौल फ्लैंडर्स जैसी चंचला स्त्री की कहानी है जो अपने सौंदर्य का जाल बिछाकर खूब संपत्ति कमाती रहती है। इन सब कथाकृतियों में क्रूसो का स्थान सर्वोपरि है। उसकी महत्ता आज भी अक्षुण्ण है। बच्चों के साहित्य में इस साहसकथा का सानी दूसरा नहीं। २५० कृतियाँ लिखकर भी डिफो की शैली प्रसन्न और स्वाभाविक प्रवाहमयी रही। डिफो भी सभी कथाओं का अंत नैतिक उपदेश के ढंग पर सत्य और न्याय की विजय और पाप की हार होता है। परन्तु कहानी के दौरान में वह पापी वेश्याओं, गुंडों, अपराधियों, समुद्री डाकुओं, साहसी नाविकों का चित्रण ऐसी यथार्थता के साथ करता जाता है कि उस समय के मध्यवर्गीय अंग्रेज पाठकों को उसकी कृतियों से बहुत आनन्द मिलता था। साहित्यगुणों में विशिष्ट या बहुत ऊँची न होने पर भी उसकी रचनाएँ अत्यधिक लोकप्रिय बनीं। इसका एक कारण यह था कि वह अपने पात्र और घटनाएँ प्रत्यक्ष जीवन की वास्तव पार्श्वभूमि से लेता था और उनमें आवश्यक मात्रा में कल्पना की मिलावट करता था। डिफो की मृत्यु मूरगेट में २६ अप्रैल, १७३१ ई० को हुई। .

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डेफ्ने द्वीप (गैलापागोस)

गैलापागोस द्वीपसमूह के सांताक्रूज द्वीप के ठीक उत्तर और बाल्ट्रा द्वीप के ठीक पश्चिम में स्थित डेफ्ने एक छोटा सा द्वीप है जो बहुत ही दुर्गम द्वीप प्रतीत होता है, हालांकि 1684 में, एम्ब्रोस काउली द्वारा निर्मित चार्ट में द्वीप को कोई नाम नहीं दिया गया है। पीटर ग्रांट और रोज़मेरी ग्रांट द्वारा फिंच की आबादी पर कई दशकों तक किया गया अध्ययन द्वीप को महत्वपूर्ण बनाता है। .

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थॉर हेयरडाह्ल

थॉर हेयरडाह्ल (६-१०-१९१४ से १८-४-२००२)सन १९४७ में छ: व्यक्तियों द्वारा आदिमयुग की तरह बालसा लकड़ी से बनी नाव पर, समुद्र में ३७७० समुद्री मील (६९८० किलोमीटर) की गयी यात्रा की गयी थी। इसे कॉन-टिकी अभियान कहा गया क्योंकि नाव का नाम कॉन-टिकी था। इस अभियान का नेतृत्व, थॉर हेयरडाह्ल (Thor Heyerdahl) ने किया था। .

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द ओरिजन ऑफ स्पीसीज़ (प्रजातिओं की उत्पत्ति)

24 नवम्बर 1859 को प्रकाशित चार्ल्स डार्विन की On the Origin of Species (ऑन द ओरिजन ऑफ स्पीसीज़) (हिन्दी अनुवाद: प्रजातियों की उत्पत्ति पर) को विज्ञान में, एक मौलिक वैज्ञानिक साहित्य और क्रम-विकास संबंधी जीव विज्ञान की नींव के रूप में माना जाता है। 1872 के छठे संस्करण का नाम छोटा करके द ओरिजन ऑफ स्पीसीज़ कर दिया गया था।.

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दक्षिण प्लाजा (गैलापागोस)

250pxगैलापागोस द्वीपसमूह का द्वीप दक्षिण प्लाज़ा सांताक्रूज़ द्वीप के पूर्वी तट से कुछ दूरी पर स्थित एक छोटा सा द्वीप है, इसका क्षेत्रफल 0.13 वर्ग किलोमीटर (0.05 वर्ग मील) और अधिकतम ऊंचाई 23 मीटर (75 फुट) है। दक्षिण प्लाज़ा का नाम ईक्वाडोर के पूर्व राष्ट्रपति जनरल लिओनिडास प्लाज़ा के सम्मान में रखा गया है। दक्षिण प्लाज़ा द्वीप का निर्माण समुद्र के नीचे हुए ज्वालामुखी विस्फोट से ऊपर उठते लावा से हुआ है। अपने छोटे आकार के बावजूद यह प्रजातियों की एक बड़ी संख्या का घर है और अपनी असाधारण वनस्पति के लिए प्रसिद्ध है। यही कारण है कि यह द्वीप आगंतुकों के बीच बहुत लोकप्रिय है। दक्षिण प्लाज़ा की वनस्पति में ओपंशिया कैक्टस और सेसुवियम पौधे शामिल हैं जो लावा संरचनाओं के ऊपर बिछे एक लाल कालीन के समान प्रतीत होते हैं। इसके खड़ी ढलानों पर विभिन्न पक्षियों को देखा जा सकता है जिनमें, लाल चोंच वाली रेखीय पक्षी के घोंसले और अबाबील-पुच्छ गल शामिल हैं। लेकिन सबसे अधिक आनंददायक अनुभव तो इन खड़ी चट्टानों के शिखर पर खड़ा होकर नीचे के दृश्य को निहारना और इन चट्टानों के आधार पर चहलकदमी करना है। सेसुवियम के पौधे मौसम के अनुसार अपनी रंगत बदलते हैं, जहाँ बरसात के मौसम में यह गहरे हरे रंग के होते हैं वहीं सूखे के मौसम में इनका रंग बदलकर नारंगी और बैंगनी हो जाता है। द्वीप पर एक बड़ी बस्ती स्थलीय गोहों की भी है। .

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द्वितीय विश्वयुद्ध

द्वितीय विश्वयुद्ध १९३९ से १९४५ तक चलने वाला विश्व-स्तरीय युद्ध था। लगभग ७० देशों की थल-जल-वायु सेनाएँ इस युद्ध में सम्मलित थीं। इस युद्ध में विश्व दो भागों मे बँटा हुआ था - मित्र राष्ट्र और धुरी राष्ट्र। इस युद्ध के दौरान पूर्ण युद्ध का मनोभाव प्रचलन में आया क्योंकि इस युद्ध में लिप्त सारी महाशक्तियों ने अपनी आर्थिक, औद्योगिक तथा वैज्ञानिक क्षमता इस युद्ध में झोंक दी थी। इस युद्ध में विभिन्न राष्ट्रों के लगभग १० करोड़ सैनिकों ने हिस्सा लिया, तथा यह मानव इतिहास का सबसे ज़्यादा घातक युद्ध साबित हुआ। इस महायुद्ध में ५ से ७ करोड़ व्यक्तियों की जानें गईं क्योंकि इसके महत्वपूर्ण घटनाक्रम में असैनिक नागरिकों का नरसंहार- जिसमें होलोकॉस्ट भी शामिल है- तथा परमाणु हथियारों का एकमात्र इस्तेमाल शामिल है (जिसकी वजह से युद्ध के अंत मे मित्र राष्ट्रों की जीत हुई)। इसी कारण यह मानव इतिहास का सबसे भयंकर युद्ध था। हालांकि जापान चीन से सन् १९३७ ई. से युद्ध की अवस्था में था किन्तु अमूमन दूसरे विश्व युद्ध की शुरुआत ०१ सितम्बर १९३९ में जानी जाती है जब जर्मनी ने पोलैंड पर हमला बोला और उसके बाद जब फ्रांस ने जर्मनी पर युद्ध की घोषणा कर दी तथा इंग्लैंड और अन्य राष्ट्रमंडल देशों ने भी इसका अनुमोदन किया। जर्मनी ने १९३९ में यूरोप में एक बड़ा साम्राज्य बनाने के उद्देश्य से पोलैंड पर हमला बोल दिया। १९३९ के अंत से १९४१ की शुरुआत तक, अभियान तथा संधि की एक शृंखला में जर्मनी ने महाद्वीपीय यूरोप का बड़ा भाग या तो अपने अधीन कर लिया था या उसे जीत लिया था। नाट्सी-सोवियत समझौते के तहत सोवियत रूस अपने छः पड़ोसी मुल्कों, जिसमें पोलैंड भी शामिल था, पर क़ाबिज़ हो गया। फ़्रांस की हार के बाद युनाइटेड किंगडम और अन्य राष्ट्रमंडल देश ही धुरी राष्ट्रों से संघर्ष कर रहे थे, जिसमें उत्तरी अफ़्रीका की लड़ाइयाँ तथा लम्बी चली अटलांटिक की लड़ाई शामिल थे। जून १९४१ में युरोपीय धुरी राष्ट्रों ने सोवियत संघ पर हमला बोल दिया और इसने मानव इतिहास में ज़मीनी युद्ध के सबसे बड़े रणक्षेत्र को जन्म दिया। दिसंबर १९४१ को जापानी साम्राज्य भी धुरी राष्ट्रों की तरफ़ से इस युद्ध में कूद गया। दरअसल जापान का उद्देश्य पूर्वी एशिया तथा इंडोचायना में अपना प्रभुत्व स्थापित करने का था। उसने प्रशान्त महासागर में युरोपीय देशों के आधिपत्य वाले क्षेत्रों तथा संयुक्त राज्य अमेरीका के पर्ल हार्बर पर हमला बोल दिया और जल्द ही पश्चिमी प्रशान्त पर क़ब्ज़ा बना लिया। सन् १९४२ में आगे बढ़ती धुरी सेना पर लगाम तब लगी जब पहले तो जापान सिलसिलेवार कई नौसैनिक झड़पें हारा, युरोपीय धुरी ताकतें उत्तरी अफ़्रीका में हारीं और निर्णायक मोड़ तब आया जब उनको स्तालिनग्राड में हार का मुँह देखना पड़ा। सन् १९४३ में जर्मनी पूर्वी युरोप में कई झड़पें हारा, इटली में मित्र राष्ट्रों ने आक्रमण बोल दिया तथा अमेरिका ने प्रशान्त महासागर में जीत दर्ज करनी शुरु कर दी जिसके कारणवश धुरी राष्ट्रों को सारे मोर्चों पर सामरिक दृश्टि से पीछे हटने की रणनीति अपनाने को मजबूर होना पड़ा। सन् १९४४ में जहाँ एक ओर पश्चिमी मित्र देशों ने जर्मनी द्वारा क़ब्ज़ा किए हुए फ़्रांस पर आक्रमण किया वहीं दूसरी ओर से सोवियत संघ ने अपनी खोई हुयी ज़मीन वापस छीनने के बाद जर्मनी तथा उसके सहयोगी राष्ट्रों पर हमला बोल दिया। सन् १९४५ के अप्रैल-मई में सोवियत और पोलैंड की सेनाओं ने बर्लिन पर क़ब्ज़ा कर लिया और युरोप में दूसरे विश्वयुद्ध का अन्त ८ मई १९४५ को तब हुआ जब जर्मनी ने बिना शर्त आत्मसमर्पण कर दिया। सन् १९४४ और १९४५ के दौरान अमेरिका ने कई जगहों पर जापानी नौसेना को शिकस्त दी और पश्चिमी प्रशान्त के कई द्वीपों में अपना क़ब्ज़ा बना लिया। जब जापानी द्वीपसमूह पर आक्रमण करने का समय क़रीब आया तो अमेरिका ने जापान में दो परमाणु बम गिरा दिये। १५ अगस्त १९४५ को एशिया में भी दूसरा विश्वयुद्ध समाप्त हो गया जब जापानी साम्राज्य ने आत्मसमर्पण करना स्वीकार कर लिया। .

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द्वीपसमूह

भारत के पड़ौसी देश बर्मा में स्थित मेरगुई द्वीपसमूह द्वीपसमूह किसी सागर, महासागर या झील में स्थित द्वीपों की शृंखला को कहते हैं। भारत के अण्डमान, निकोबार और लक्षद्वीप द्वीपसमूहों के उदहारण हैं। .

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निम्बू-वंश

निम्बू-वंश एक पादप वंश है, जो रुटेसी (Rutaceae) कुल के पुष्पीय पादपों का वंश है। इनकी उत्पत्ति दुनिया के उष्णकटिबंधीय और उपोष्ण दक्षिण पूर्वी क्षेत्रों में हुई है। इस वंश की वर्गिकी और क्रमबद्धता जटिल है और इसकी प्राकृतिक प्रजातियों की सटीक संख्या अस्पष्ट है, क्योंकि कई ज्ञात प्रजातियां कृंतकीय रूप से विकसित संकर प्रजाति हैं और इस बात के आनुवंशिक साक्ष्य हैं कि कुछ जंगली, विशुद्ध-प्रजनित वास्तव मे संकर, मूल की हैं। निम्बू-वंश के कृषि योग्य फल मूलतः चार पैतृक प्रजातियों से संबंधित हैं। वाणिज्यिक रूप से कृषि योग्य प्राकृतिक और मूल संकर प्रजातियों मे महत्वपूर्ण फल हैं, संतरा, चकोतरा, नीबू, नारंगी और किन्नू। .

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नीबू

नीबू का वृक्ष नीबू (Citrus limon, Linn.) छोटा पेड़ अथवा सघन झाड़ीदार पौधा है। इसकी शाखाएँ काँटेदार, पत्तियाँ छोटी, डंठल पतला तथा पत्तीदार होता है। फूल की कली छोटी और मामूली रंगीन या बिल्कुल सफेद होती है। प्रारूपिक (टिपिकल) नीबू गोल या अंडाकार होता है। छिलका पतला होता है, जो गूदे से भली भाँति चिपका रहता है। पकने पर यह पीले रंग का या हरापन लिए हुए होता है। गूदा पांडुर हरा, अम्लीय तथा सुगंधित होता है। कोष रसयुक्त, सुंदर एवं चमकदार होते हैं। नीबू अधिकांशत: उष्णदेशीय भागों में पाया जाता है। इसका आदिस्थान संभवत: भारत ही है। यह हिमालय की उष्ण घाटियों में जंगली रूप में उगता हुआ पाया जाता है तथा मैदानों में समुद्रतट से 4,000 फुट की ऊँचाई तक पैदा होता है। इसकी कई किस्में होती हैं, जो प्राय: प्रकंद के काम में आती हैं, उदाहरणार्थ फ्लोरिडा रफ़, करना या खट्टा नीबू, जंबीरी आदि। कागजी नीबू, कागजी कलाँ, गलगल तथा लाइम सिलहट ही अधिकतर घरेलू उपयोग में आते हैं। इनमें कागजी नीबू सबसे अधिक लोकप्रिय है। इसके उत्पादन के स्थान मद्रास, बंबई, बंगाल, पंजाब, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र हैदराबाद, दिल्ली, पटियाला, उत्तर प्रदेश, मैसूर तथा बड़ौदा हैं। नीबू की उपयोगिता जीवन में बहुत अधिक है। इसका प्रयोग अधिकतर भोज्य पदार्थों में किया जाता है। इससे विभिन्न प्रकार के पदार्थ, जैसे तेल, पेक्टिन, सिट्रिक अम्ल, रस, स्क्वाश तथा सार (essence) आदि तैयार किए जाते हैं। .

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पनामा

पनामा का नक़्शा पनामा की राजधानी (सियुदाद दे पानामा) पनामा, जिसका औपचारिक नाम पनामा गणतंत्र (स्पेनी: República de Panamá, रेपुब्लिका पानामा) है, मध्य अमेरिका का सबसे दक्षिणतम राष्ट्र है। यह पनामा भूडमरु पर स्थित है जो उत्तर अमेरिका और दक्षिण अमेरिका के दो महाद्वीपों को धरती की एक पतले डमरू से जोड़ता है। इसके उत्तरपश्चिम में कोस्टा रीका, दक्षिणपूर्व में कोलम्बिया, दक्षिण में प्रशांत महासागर और पूर्व में कैरिबियाई समुद्र है जो अंध महासागर का एक भाग है। पनामा की राजधानी का नाम पनामा नगर है (स्पेनी में Ciudad de Panama, "सियुदाद दे पानामा")। पनामा की जनसंख्या २०१० में ३४,०५,८१३ थी और इसका क्षेत्रफल ७५,५१७ वर्ग किमी है। पनामा स्पेन का उपनिवेश हुआ करता था लेकिन सन् १८२१ में स्पेन से नाता तोड़कर वह नुएवा ग्रानादा (Nueva Granada), एकुआदोर और वेनेज़ुएला के साथ एक "ग्रान कोलम्बिया" नाम के संघ में शामिल हो गया। यह संघ १८३० में टूट गया। नुएवा ग्रानादा एक ही राष्ट्र में जुड़े रहे और इसने अपना नाम बदलकर कोलम्बिया रख लिया। बीसवी सदी के आरम्भ में संयुक्त राज्य अमेरिका पनामा के क्षेत्र में से पनामा नहर बनाना चाहता था, क्योंकि इस से अमेरिका के पूर्वी और पश्चिमी तटों के बीच में समुद्री यातायात को बहुत बड़ा फ़ायदा होने वाला था। अमेरिका के उकसाने पर पनामा में कोलम्बिया से अलगाववाद की लहर उठी और १९०३ में पनामा कोलम्बिया से अलग होकर एक स्वतन्त्र राष्ट्र बन गया। अमेरिकी सेना के अभियंताओं ने १९०४ और १९१४ के बीच में खुदाई कर के पनामा नहर तैयार कर दी, लेकिन अमेरिका और पनामा के समझौते के अंतर्गत इस नाहर पर अमेरिका का नियंत्रण रहा। यह बात पनामा को खटकती रही और वह अमेरिका से नहर के क्षेत्र की वापसी की मांग करता रहा। १९७७ में अमेरिका इस नाहर को २०वी शताब्दी के अंत तक पनामा को वापस करने के लिए राज़ी हो गया। .

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पनामा नहर

डिजिटल उच्चावच प्रतिदर्श) वर्तमान समय में पनामा नहर पनामा नहर (Canal de Panamá) मानव निर्मित एक जलमार्ग अथवा जलयान नहर है जो पनामा में स्थित है और प्रशांत महासागर तथा (कैरेबियन सागर होकर) अटलांटिक महासागर को जोड़ती है। इस नहर की कुल लम्बाई 82 कि॰मी॰, औसत चौड़ाई 90 मीटर, न्यूनतम गहराई 12 मीटर है। यह नहर पनामा स्थलडमरूमध्य को काटते हुए निर्मित है और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के प्रमुखतम जलमार्गों में से एक है। पनामा नहर पर वर्तमान में संयुक्त राज्य अमेरिका का नियंत्रण है। पनामा नहर जल पास या जल लोक पद्धति पर आधारित है। अमेरिका के पूर्वी और पश्चिमी तटों के बीच की दूरी इस नहर से होकर गुजरने पर तकरीबन 8000 मील (12,875 कि॰मी॰) घट जाती है क्योंकि इसके न होने की स्थिति में जलपोतों को दक्षिण अमेरिका के हॉर्न अंतरीप से होकर चक्कर लगाते हुए जाना पड़ता था। पनामा नहर को पार करने में जलयानों को 8 घंटे का समय लगता हैं। इस नहर का निर्माण 14 अगस्त 1914 को पूरा हुआ और 15 अगस्त 1914 को यह जलपोतों के आवागमन हेतु खोल दी गई। अभी हाल ही में (14 अगस्त 2014 को) पनामा नहर के निर्माण की 100वीं बरसी मनाई गयी है। जब यह नहर बनी थी तब इससे लगभग 1000 जलपोत प्रतिवर्ष गुजरते थे और अब सौ वर्षों बाद इनकी संख्या लगभग 42 जलपोत प्रतिदिन हो चुकी है। यह नहर अपने आप में अभियांत्रिकी की एक बड़ी उपलब्धि और विलक्षण उदाहरण भी मानी जाती है। यह नहर एक मीठे पानी की गाटुन झील से होकर गुजरती है और चूँकि इस झील का जलस्तर समुद्रतल से 26 मीटर ऊपर है, इसमें जलपोतों को प्रवेश करने के लिये तीन लॉक्स का निर्माण किया गया है जिनमें जलपोतों को प्रवेश करा कर और पानी भरकर उन्हें पहले ऊपर उठाया जाता है, ताकि यह झील से होकर गुजर सके। इन लॉक्स की वर्तमान चौड़ाई 35 मीटर है और यह समकालीन बड़े जलपोतों के लिये पर्याप्त नहीं है अतः इसके विस्तार का प्रोजेक्ट चल रहा है जिसके 2015 तक पूरा होने की उम्मीद है। पनामा नहर को अमेरिकन सोसायटी ऑफ सिविल इंजीनियर्स ने आधुनिक अभियांत्रिकी के सात आश्चर्यों में स्थान दिया है। .

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पिंटा (गैलापागोस)

कोलंबस के एक तीव्रगामी पोत पिंटा के नाम पर नामित यह द्वीप गैलापागोस द्वीपसमूह, ईक्वाडोर का एक भाग है। द्वीप का कुल क्षेत्रफल ६० वर्ग किलोमीटर और अधिकतम ऊँचाई ७७७ मीटर है। पिंटा गैलापागोस के सबसे प्रसिद्ध कछुए अकेला जॉर्ज का गृह द्वीप है, जो अब सांताक्रूज़ द्वीप के चार्ल्स डार्विन रिसर्च स्टेशन मे रहता है। गैलापागोस के ज्वालामुखीय द्वीपों मे पिंटा सबसे उत्तर में स्थित है और एक ढाल ज्वालामुखी है। पिंटा द्वीप अबाबील-पुच्छ गल, समुद्री गोह, गौरैया बाज़ और फर सील का घर है। .

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पिंज़ोन (गैलापागोस)

पिंज़ोन द्वीप, गैलापागोस द्वीप समूह, ईक्वाडोर का एक द्वीप है। पिंटा और नीना नामक दो कैरवालों (तीव्रगामी जहाज़) के कप्तान पिंज़ोन बंधुओं नाम पर इस द्वीप का नामकरण पिंज़ोन द्वीप किया गया है। पिंज़ोन द्वीप, को कभी कभी डंकन द्वीप (एडम डंकन, पहले विस्काउंट डंकन के नाम पर) भी पुकारा जाता है। द्वीप का कुल क्षेत्रफल 18 वर्ग किलोमीटर (7 वर्ग मील) है और अधिकतम ऊंचाई 458 मीटर (1,503 फुट) है। पिंज़ोन विशाल कछुओं, जलसिंह और अन्य कई स्थानीय प्रजातियों का घर है। यहाँ कोई आगंतुक स्थल नहीं है और द्वीप की यात्रा के लिए अनुमति की आवश्यकता पड़ती है। पिंज़ोन द्वीप गैलापागोस द्वीपसमूह के भौगोलिक केंद्र का निर्माण करता है, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से गैलापागोस द्वीपसमूह की दो मुख्य वृक्ष प्रजातियों में से कोई भी इस द्वीप पर नहीं पाई जाती हैं। द्वीप के आर्द्र क्षेत्र में डेज़ी पेड़ की एक अनूठी प्रजाति पाई जाती है। .

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पक्षीविज्ञान

पक्षी की आकृति का विधिवत मापन बहुत महत्व रखता है। पक्षीविज्ञान (Ornithology) जीवविज्ञान की एक शाखा है। इसके अंतर्गत पक्षियों की बाह्य और अंतररचना का वर्णन, उनका वर्गीकरण, विस्तार एवं विकास, उनकी दिनचर्या और मानव के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष आर्थिक उपयोगिता इत्यादि से संबंधित विषय आते हैं। पक्षियों की दिनचर्या के अंतर्गत उनके आहार-विहार, प्रव्रजन, या एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में स्थानांतरण, अनुरंजन (courtship), नीड़ निर्माण, मैथुन, प्रजनन, संतान का लालन पालन इत्यादि का वर्णन आता है। आधुनिक फोटोग्राफी द्वारा पक्षियों की दिनचर्याओं के अध्ययन में बड़ी सहायता मिली है। पक्षियों की बोली के फोनोग्राफ रेकार्ड भी अब तैयार कर लिए गए हैं। .

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प्रशान्त महासागर

श्रेणी:प्रशान्त महासागर प्रशान्त महासागरप्रशान्त महासागर अमेरिका और एशिया को पृथक करता है। यह विश्व का सबसे बड़ा तथा सबसे गहरा महासागर है। तुलनात्मक भौगौलिक अध्ययन से पता चलता है कि इस महासागर में पृथ्वी का भाग कम तथा जलीय क्षेत्र अधिक है। .

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प्रांत

प्रान्त एक प्रादेशिक इकाई है, जो कि लगभग हमेशा ही एक देश या राज्य के अंतर्गत एक प्रशासकीय खंड होता है। .

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प्राकृतिक वरण

जिस प्रक्रिया द्वारा किसी जनसंख्या में कोई जैविक गुण कम या अधिक हो जाता है उसे प्राकृतिक वरण या 'प्राकृतिक चयन' या नेचुरल सेलेक्शन (Natural selection) कहते हैं। यह एक धीमी गति से क्रमशः होने वाली अनयादृच्छिक (नॉन-रैण्डम) प्रक्रिया है। प्राकृतिक वरण ही क्रम-विकास(Evolution) की प्रमुख कार्यविधि है। चार्ल्स डार्विन ने इसकी नींव रखी और इसका प्रचार-प्रसर किया। यह तंत्र विशेष रूप से इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह एक प्रजाति को पर्यावरण के लिए अनुकूल बनने मे सहायता करता है। प्राकृतिक चयन का सिद्धांत इसकी व्याख्या कर सकता है कि पर्यावरण किस प्रकार प्रजातियों और जनसंख्या के विकास को प्रभावित करता है ताकि वो सबसे उपयुक्त लक्षणों का चयन कर सकें। यही विकास के सिद्धांत का मूलभूत पहलू है। प्राकृतिक चयन का अर्थ उन गुणों से है जो किसी प्रजाति को बचे रहने और प्रजनन मे सहायता करते हैं और इसकी आवृत्ति पीढ़ी दर पीढ़ी बढ़ती रहती है। यह इस तथ्य को और तर्कसंगत बनाता है कि इन लक्षणों के धारकों की सन्ताने अधिक होती हैं और वे यह गुण वंशानुगत रूप से भी ले सकते हैं। .

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पेरू

पेरू दक्षिणी अमरीका महाद्वीप में स्थित एक देश है। राजधानी लीमा है। प्रमुख नदी अमेजॉन और मुद्रा न्यूवो सोल है। यहाँ तीन तरह की जलवायु पाई जाती है- एँडीज़ में सर्द, तटवर्ती मैदानों में खुश्क-सुहानी और वर्षा वाले जंगलों में गर्म और उमस वाली। यह देश इंका नाम की प्राचीन सभ्यता के लिए भी जाना जाता है। पेरू की भाषा स्पेनिश और क्वेशुका हैं तथा ९० प्रतिशत लोग ईसाई धर्म का पालन करते हैं। प्रमुख उद्योग मछली और खनन हैं। यहाँ सभी प्रकार की धातुओं का प्रचुर खनिज भंडार है तथा अनाज, फल और कोको की खेती होती है। पर्यटन उद्योग भी यहाँ की आय का एक प्रमुख साधन है। .

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पीरु धारा

पीरु धारा, प्रशान्त महासागर मे बहने वाली एक ठंडे जल की महासागरीय धारा हैं, जो दक्षिणी अमेरिका के पश्चिमी तट के सहारे दक्षिण से उत्तर दिशा में प्रवाहित होती हैं। इसे हम्बोल्ट धारा भी कहते हैं। इसका तापमान तथा लवणता दोनों कम हैं। तट से सागर की ओर जाने के कारण तापमान बढ़ता जाता हैं। श्रेणी:महासागरीय धारायें.

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फर्नान्दिना (गैलापागोस)

फर्नान्दिना द्वीप (नारबोरॉह) का नाम आरागॉन के राजा फर्डिनेंड द्वितीय, के सम्मान में रखा गया है। फर्डिनेंड द्वितीय ने कोलंबस की यात्रा को प्रायोजित दिया गया था। फर्नान्दिना का क्षेत्रफल 642 वर्ग किलोमीटर (248 वर्ग मील) और अधिकतम ऊंचाई 1,494 मीटर (4,902 फुट) है। यह गैलापागोस द्वीपसमूह का सबसे छोटा और सबसे पश्चिम मे स्थित द्वीप है। 13 मई 2005, को द्वीप पर एक नयी ज्वालामुखी प्रक्रिया शुरू हुई। ज्वालामुखी प्रक्रिया के दौरान ज्वालामुखी से निकली राख और जल वाष्प के बादल हवा में 7 किलोमीटर (4.4 मील) ऊपर तक उठ गये और निकला हुआ लावा ज्वालामुखी की ढलान से समुद्र की ओर बहने लगा। पुंटा एस्पिओनोसा वो संकरी भूमि है जहां सैकड़ों समुद्री गोहें काली लावा चट्टानों पर इकट्ठा होती है। प्रसिद्ध उड़ानरहित जलकाग के साथ इस द्वीप पर गैलापागोस पेंगुइन, पेलिकन और जलसिंह भी बड़ी संख्या में पाये जाते हैं। विभिन्न प्रकार के लावा प्रवाह और सदाबहार वनों को भी यहाँ देखा जा सकता है। .

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फ्लोरियाना (गैलापागोस)

फ्लोरियाना द्वीप डाक बैरलफ्लोरियाना द्वीप को इसका यह नाम ईक्वाडोर के पहले राष्ट्रपति जुआन जोस फ्लोरेस के नाम से मिला है जिनके शासनकाल के दौरान गैलापागोस द्वीपसमूह को ईक्वाडोर के अधिकार क्षेत्र में शामिल किया गया था। द्वीप को पहले इंग्लैंड के चार्ल्स द्वितीय के नाम पर चार्ल्स नाम से जाना जाता था। द्वीप को कोलंबस के एक तीव्रगामी पोत (कैरावल) सांता मारिया के नाम पर सांता मारिया द्वीप भी कहा जाता है। फ्लोरियाना द्वीप का क्षेत्रफल 173 वर्ग किलोमीटर (66.8 वर्ग मील) और अधिकतम ऊंचाई 640 मीटर (2,100 फुट) है। फ्लोरियाना द्वीप का मानव इतिहास सबसे दिलचस्प है साथ ही यह उन द्वीपों में से एक है जिन पर मानव ने सबसे पहले रहना शुरु किया। राजहंस और हरे समुद्री कछुओं द्वीप पर अपने घोंसले (दिसंबर से मई) बनाते हैं। एक समुद्री पक्षी "पटापैगाडा" या गैलापागोस पितरेल यहाँ पाया जाता है, जो अपने जीवनकाल का अधिकांश भूमि से दूर रहकर बिताता है। 18 वीं सदी से ही व्हेल शिकारियों नें डाकघर खाड़ी (पोस्ट ऑफिस बे) में, एक लकड़ी का पीपा (बैरल) रखा था जिसका प्रयोग डाकघर के रूप में किया जाता था और यहाँ से डाक को उठाकर उन पोतों के माध्यम जो यूरोप और संयुक्त राज्य अमेरिका को वापस लौट रहे होते थे को यूरोप और संयुक्त राज्य अमेरिका में उसके गंतव्य तक पहुँचाया जाता था। "डेविल्स् क्राउन", जो पानी के नीचे एक ज्वालामुखी शंकु है, में प्रवाल संरचनायें पाई जाती हैं। .

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बार्टोलोम (गैलापागोस)

गैलापागोस द्वीपसमूह का एक भाग बार्टोलोम (बार्थोलोम्यू) द्वीप सैंटियागो द्वीप के पूर्वी तट से थोड़ी दूर स्थित एक ज्वालामुखी द्वीप है। यह गैलापागोस के नवीन द्वीपों में से एक है। इस द्वीप और सैंटियागो द्वीप की सुलिवान खाड़ी का नाम प्रकृतिवादी और चार्ल्स डार्विन के मित्र, सर बार्थोलोम्यू जेम्स सुलिवान, जो एचएमएस बीगल पर एक लेफ्टिनेंट थे के नाम पर रखा गया है। श्रेणी:गैलापागोस द्वीप.

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बाल्ट्रा (गैलापागोस)

बाल्ट्रा द्वीप को दक्षिणी सेयमोर के नाम से भी जाना जाता है। बाल्ट्रा गैलापागोस द्वीपसमूह के केन्द्र के निकट स्थित एक छोटा सा सपाट द्वीप है। इसकी रचना भू उत्थान के द्वारा हुई है। यह द्वीप बहुत ही शुष्क है और वनस्पतियों में खारे पानी की झाड़ियाँ, काँटेदार नाशपाती कैक्टस और पैलो सेंटो पेड़ों के शामिल है। 1940 के दशक मे वैज्ञानिकों ने एक प्रयोग तौर पर 70 बाल्ट्रा स्थलीय गोहों को पड़ोसी उत्तर सेयमोर द्वीप पर ले जाने का फैसला किया था। इस कदम के अप्रत्याशित परिणाम निकले और द्वितीय विश्व के दौरान बाल्ट्रा पर हुये सेना के कब्जे के बाद द्वीप के मूल गोह विलुप्त हो गये। 1980 के दशक के दौरान चलाई गयी एक प्रजनन और पुनर्निवेशन परियोजना के अंतर्गत उत्तर सेयमोर से गोहों को चार्ल्स डार्विन अनुसंधान केन्द्र लाया गया और 1990 के दशक में स्थलीय गोहों को पुनः बाल्ट्रा में छोड़ा गया। 1997 में वैज्ञानिकों की गणना के अनुसार द्वीप पर स्थलीय गोहों की कुल संख्या 97 थी, जिनमें से 13 इसी द्वीप पर पैदा हुई थीं। .

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बेल्जियम

किंगडम ऑफ़ बेल्जियम उत्तर-पश्चिमी यूरोप में एक देश है। यह यूरोपीय संघ का संस्थापक सदस्य है और उसके मुख्यालय का मेज़बान है, साथ ही, अन्य प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संगठनों का, जिसमें NATO भी शामिल है। 10.7 मीलियन की जनसंख्या वाले बेल्जियम का क्षेत्रफल है। जर्मनिक और लैटिन यूरोप के मध्य अपनी सांस्कृतिक सीमा को विस्तृत किये हुए बेल्जियम, दो मुख्य भाषाई समूहों, फ्लेमिश और फ्रेंच-भाषी, मुख्यतः वलून्स सहित जर्मन भाषियों के एक छोटे समूह का आवास है। बेल्जियम के दो सबसे बड़े क्षेत्र हैं, उत्तर में 59% जनसंख्या सहित फ्लेंडर्स का डच भाषी क्षेत्र और वालोनिया का फ्रेंच भाषी दक्षिणी क्षेत्र, जहाँ 31% लोग बसे हैं। ब्रुसेल्स-राजधानी क्षेत्र, जो आधिकारिक तौर पर द्विभाषी है, मुख्यतः फ्लेमिश क्षेत्र के अंतर्गत एक फ्रेंच भाषी एन्क्लेव है और यहाँ 10% जनसंख्या बसी है। * * * * पूर्वी वालोनिया में एक छोटा जर्मन भाषी समुदाय मौजूद है। मूल (पहले ही) 71,500 निवासियों के बजाय 73,000 का उल्लेख करता है। बेल्जियम की भाषाई विविधता और संबंधित राजनीतिक तथा सांस्कृतिक संघर्ष, राजनीतिक इतिहास और एक जटिल शासन प्रणाली में प्रतिबिंबित होता है। बेल्जियम नाम, गॉल के उत्तरी भाग में एक रोमन प्रान्त, गैलिया बेल्जिका से लिया गया है, जो केल्टिक और जर्मन लोगों के एक मिश्रण बेल्जी का निवास स्थान था। ऐतिहासिक रूप से, बेल्जियम, नीदरलैंड और लक्ज़मबर्ग, निचले देश के रूप में जाने जाते थे, जो राज्यों के मौजूदा बेनेलक्स समूह की तुलना में अपेक्षाकृत कुछ बड़े क्षेत्र को आवृत किया करते थे। मध्य युग की समाप्ति से लेकर 17 वीं सदी तक, यह वाणिज्य और संस्कृति का एक समृद्ध केन्द्र था। 16वीं शताब्दी से लेकर 1830 में बेल्जियम की क्रांति तक, यूरोपीय शक्तियों के बीच बेल्जियम के क्षेत्र में कई लड़ाइयाँ लड़ी गईं, जिससे इसे यूरोप के युद्ध मैदान का तमगा मिला - एक छवि जिसे दोनों विश्व युद्ध ने और पुष्ट किया। अपनी स्वतंत्रता पर, बेल्जियम ने उत्सुकता के साथ औद्योगिक क्रांति में भाग लिया और उन्नीसवीं सदी के अंत में, अफ्रीका में कई उपनिवेशों पर अधिकार जमाया। 20वीं सदी के उत्तरार्ध को फ्लेमिंग्स और फ्रैंकोफ़ोन के बीच साँप्रदायिक संघर्ष की वृद्धि के लिए जाना जाता है, जिसे एक तरफ तो सांस्कृतिक मतभेद ने भड़काया, तो दूसरी तरफ फ्लेनडर्स और वालोनिया के विषम आर्थिक विकास ने. अब भी सक्रिय इन संघर्षों ने पूर्व में एक एकात्मक राज्य बेल्जियम को संघीय राज्य बनाने के दूरगामी सुधारों को प्रेरित किया। .

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भारत के राष्ट्रीय उद्यान

नीचे दी गयी सूची भारत के राष्ट्रीय उद्यानों की है। 1936 में भारत का पहला राष्ट्रीय उद्यान था- हेली नेशनल पार्क, जिसे अब जिम कोर्बेट राष्ट्रीय उद्यान के रूप में जाना जाता है। १९७० तक भारत में केवल ५ राष्ट्रीय उद्यान थे। १९८० के दशक में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम और प्रोजेक्ट टाइगर योजना के अलावा वन्य जीवों की सुरक्षार्थ कई अन्य वैधानिक प्रावधान लागू हुए.

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भूमध्य रेखा

विश्व के मानचित्र पर भूमध्य रेखा लाल रंग में गोलक का महानतम चक्र (घेरा) उसे ऊपरी और निचले गोलार्धों में बांटाता है। भूमध्य रेखा पृथ्वी की सतह पर उत्तरी ध्रुव एवं दक्षिणी ध्रुव से सामान दूरी पर स्थित एक काल्पनिक रेखा है। यह पृथ्वी को उत्तरी और दक्षिणी गोलार्ध में विभाजित करती है। दूसरे शब्दों में पृथ्वी के केंद्र से सर्वाधिक दूरस्थ भूमध्यरेखीय उभार पर स्थित बिन्दुओं को मिलाते हुए ग्लोब पर पश्चिम से पूर्व की ओर खींची गई कल्पनिक रेखा को भूमध्य या विषुवत रेखा कहते हैं। इस पर वर्ष भर दिन-रात बराबर होतें हैं, इसलिए इसे विषुवत रेखा भी कहते हैं। अन्य ग्रहों की विषुवत रेखा को भी सामान रूप से परिभाषित किया गया है। इस रेखा के उत्तरी ओर २३½° में कर्क रेखा है व दक्षिणी ओर २३½° में मकर रेखा है। .

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भूविज्ञान

पृथ्वी के भूवैज्ञनिक क्षेत्र पृथ्वी से सम्बंधित ज्ञान ही भूविज्ञान कहलाता है।भूविज्ञान या भौमिकी (Geology) वह विज्ञान है जिसमें ठोस पृथ्वी का निर्माण करने वाली शैलों तथा उन प्रक्रियाओं का अध्ययन किया जाता है जिनसे शैलों, भूपर्पटी और स्थलरूपों का विकास होता है। इसके अंतर्गत पृथ्वी संबंधी अनेकानेक विषय आ जाते हैं जैसे, खनिज शास्त्र, तलछट विज्ञान, भूमापन और खनन इंजीनियरी इत्यादि। इसके अध्ययन बिषयों में से एक मुख्य प्रकरण उन क्रियाओं की विवेचना है जो चिरंतन काल से भूगर्भ में होती चली आ रही हैं एवं जिनके फलस्वरूप भूपृष्ठ का रूप निरंतर परिवर्तित होता रहता है, यद्यपि उसकी गति साधारणतया बहुत ही मंद होती है। अन्य प्रकरणों में पृथ्वी की आयु, भूगर्भ, ज्वालामुखी क्रिया, भूसंचलन, भूकंप और पर्वतनिर्माण, महादेशीय विस्थापन, भौमिकीय काल में जलवायु परिवर्तन तथा हिम युग विशेष उल्लेखनीय हैं। भूविज्ञान में पृथ्वी की उत्पत्ति, उसकी संरचना तथा उसके संघटन एवं शैलों द्वारा व्यक्त उसके इतिहास की विवेचना की जाती है। यह विज्ञान उन प्रक्रमों पर भी प्रकाश डालता है जिनसे शैलों में परिवर्तन आते रहते हैं। इसमें अभिनव जीवों के साथ प्रागैतिहासिक जीवों का संबंध तथा उनकी उत्पत्ति और उनके विकास का अध्ययन भी सम्मिलित है। इसके अंतर्गत पृथ्वी के संघटक पदार्थों, उन पर क्रियाशील शक्तियों तथा उनसे उत्पन्न संरचनाओं, भूपटल की शैलों के वितरण, पृथ्वी के इतिहास (भूवैज्ञानिक कालों) आदि के अध्ययन को सम्मिलित किया जाता है। .

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मार्शेना (गैलापागोस)

स्पैनिश संत फ्रेय एंटोनियो डी मार्शेना के नाम से नामित गैलापागोस द्वीपसमूह के द्वीप मार्शेना (पुराना अंग्रेजी नाम बिंडलॉ) का क्षेत्रफल 130 किमी2 और अधिकतम ऊंचाई 343 मीटर है। हालांकि इस द्वीप पर कोई आगंतुक स्थल नहीं हैं, पर इसके आसपास किसी आयोजित यात्रा के दौरान सागर में गोता लगाना संभव है। अधिकतर आगंतुक (पर्यटक) इसे केवल तभी देख पाते हैं जब वो जेनोवेसा या टॉवर द्वीप पर जाते समय ईसाबेला द्वीप के उत्तर से होकर गुजरते हैं। जेनोवेसा द्वीप जो इसका निकटतम पड़ोसी है इसके पश्चिम में 45 मील की दूरी पर स्थित है। गैलापागोस के कई ज्वालामुखियों की तरह मार्शेना पर भी एक ज्वालामुख-कुण्ड है। मार्शेना का ज्वालामुख-कुण्ड प्राय: अण्डाकार है। मार्शेना का ज्वालामुख-कुण्ड असामान्य है और यह लगभग पूरा ही नये लावे से भरा है, जिसमें से कुछ इसकी दीवारों से छलक कर इसकी ढलानों पर भी फिसल गया है। द्वीप पर मौजूद सबसे पुराना लावा लगभग 500000 साल पुराना है। मार्शेना के प्रसिद्ध होने का एक अन्य कारण भी है, हालांकि यह निर्जन है पर यह 'फ्लोरियाना रहस्य' में शामिल है। रुडोल्फ लोरेंज़ और उस जहाज के कप्तान का जिसमें वो सवार था, का मृत शरीर आश्चर्यजनक रूप से बह कर मार्शेना के तट पर आ पहुँचा और प्राकृतिक रूप से ममीकृत हो गया जिसका कारण द्वीप पर किसी प्राकृतिक परभक्षी का ना होना था। .

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मछली

अमरीकी प्रान्त जॉर्जिया के मछलीघर में एक विशालकाय ग्रूपर अन्य मछलियों के साथ तिरती हुई। मछली शल्कों वाला एक जलचर है जो कि कम से कम एक जोडा़ पंखों से युक्त होती है। मछलियाँ मीठे पानी के स्त्रोतों और समुद्र में बहुतायत में पाई जाती हैं। समुद्र तट के आसपास के इलाकों में मछलियाँ खाने और पोषण का एक प्रमुख स्रोत हैं। कई सभ्यताओं के साहित्य, इतिहास एवं उनकी संस्कृति में मछलियों का विशेष स्थान है। इस दुनिया में मछलियों की कम से कम 28,500 प्रजातियां पाई जाती हैं जिन्हें अलग अलग स्थानों पर कोई 2,18,000 भिन्न नामों से जाना जाता है। इसकी परिभाषा कई मछलियों को अन्य जलीय प्रणी से अलग करती है, यथा ह्वेल एक मछली नहीं है। परिभाषा के मुताबिक़, मछली एक ऐसी जलीय प्राणी है जिसकी रीढ़ की हड्डी होती है (कशेरुकी जन्तु), तथा आजीवन गलफड़े (गिल्स) से युक्त होती हैं तथा अगर कोई डालीनुमा अंग होते हैं (लिंब) तो वे फ़िन के रूप में होते हैं। alt.

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मेस्टिज़ो

मेस्टिज़ो एक स्पैनिश और पुर्तगाली (Mestiço) परिभाषिक शब्द है जिसे दक्षिण अमेरिका के पूर्व स्पैनिश साम्राज्य और पुर्तगाली साम्राज्य में स्पेनी या पुर्तगाली उपनिवेशकों और मूल अमेरिकी निवासियों की मिश्रित संतानों का उल्लेख करने के लिए प्रयोग किया जाता है। लैटिन अमेरिका की आबादी का एक बहुत बड़ा हिस्सा इस विशेष जातीय मिश्रण से उत्पन्न मेस्टिज़ो लोगों से बनता है।हिन्दी में इस प्रकार की दो भिन्न नस्ल के मिलन से उत्पन्न संतान वर्णसंकर कहलाती है। इस शब्द को कई बार गलत रूप में एशिया-प्रशान्त इलाकों के उन लोगों के लिए प्रयोग किया जाता है जो यूरोपीय और मूल निवसियों की संताने हैं। .

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युनेस्को

यूनेस्को (UNESCO) 'संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (United Nations Educational Scientific and Cultural Organization)' का लघुरूप है। संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) संयुक्त राष्ट्र का एक घटक निकाय है। इसका कार्य शिक्षा, प्रकृति तथा समाज विज्ञान, संस्कृति तथा संचार के माध्यम से अंतराष्ट्रीय शांति को बढ़ावा देना है। संयुक्त राष्ट्र की इस विशेष संस्था का गठन १६ नवम्बर १९४५ को हुआ था। इसका उद्देश्य शिक्षा एवं संस्कृति के अंतरराष्ट्रीय सहयोग से शांति एवं सुरक्षा की स्थापना करना है, ताकि संयुक्त राष्ट्र के चार्टर में वर्णित न्याय, कानून का राज, मानवाधिकार एवं मौलिक स्वतंत्रता हेतु वैश्विक सहमति बन पाए। इसका मुख्यालय पैरिस, फ्रांस में स्थित है। .

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राबिदा द्वीप (गैलापागोस)

एक जलसिंह माता और उसका शावक राबिदा परगैलापागोस द्वीपसमूह के राबिदा (जर्विस) द्वीपका नाम उस कॉन्वेंट के नाम पर आधारित है जहाँ कोलंबस ने अपनी प्रसिद्ध अमेरिका यात्रा पर निकलने से पहले अपने बेटे को छोड़ा था। 4.9 वर्ग किलोमीटर (1.9 वर्ग मील) क्षेत्रफल वाले इस द्वीप की अधिकतम ऊंचाई 367 मीटर (1,204 फुट) है। राबिदा पूर्वी प्रशांत महासागर में ईक्वाडोर के पश्चिमी तट से 965 किमी की दूरी पर स्थित है। राबिदा को ब्रिटिश एडमिरल जॉन जर्विस के नाम पर जर्विस द्वीप भी कहते हैं। राबिदा की रचना करने वाले लावा में निहित लोहे की उच्च मात्रा द्वीप को इसका विशिष्ट लाल रंग देता है। सफेद कपोलों वाली सुईपुच्छ बतख सागर तट के निकट एक नमकीन पानी के अनूप में रहती हैं। इसी अनूप के आसपास भूरे पेलिकन और बूबीपक्षी अपने घोंसले का निर्माण करते हैं। कुछ समय पहले तक राजहंस भी इस नमकीन पानी के अनूप के पास पाये जाते थे, लेकिन अब वो दूसरे द्वीपों पर चले गए है, जिसकी वजह राबिदा पर भोजन की कमी है। फिन्चेस की नौ प्रजातियां भी द्वीप पर पाई जाती हैं। .

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रूचिरा

रूचिरा या मक्खन फल या एवोकैडो कैरिबियाई क्षेत्र से संबंधित एक फल है। .

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रॉका रेडोन्डा (गैलापागोस)

रॉका रेडोन्डा या गोल चट्टान गैलापागोस द्वीपसमूह के सबसे छोटे द्वीपों में से एक है। द्वीप एक समुद्र के नीचे स्थित एक ज्वालामुखी का शीर्ष है। अपने नाम के विपरीत इसका आकार गोल ना होकर लम्बा है जिसकी लम्बाई 308 मीटर और चौड़ाई 136 मीटर है। यह ईसाबेला द्वीप से 25 मील की दूरी पर स्थित है। द्वीप एक महत्वपूर्ण प्रजनन क्षेत्र नहीं है पर स्कूबा ग़ोताख़ोरी के दीवाने पर्यटकों के बीच यह एक अति लोकप्रिय स्थल है। .

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रोबिंसन क्रूसो

रोबिंसन क्रुसो, डैनियल डेफॉ द्वारा रचित एक उपन्यास है। यह पहली बार 1719 में प्रकाशित हुआ था और कभी कभी इसे अंग्रेजी का पहला उपन्यास माना जाता है। यह पुस्तक रोबिंसन क्रुसो नामक एक अंग्रेज चरित्र, की काल्पनिक आत्मकथा है, जो वेनेजुएला के निकट एक दूरदराज के उष्णकटिबंधीय द्वीप पर 28 साल तक फंसा रहा.

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लावा

लावा पिघली हुई चट्टान आर्थात मैग्मा का धरातल पर प्रकट होकर बहने वाला भाग है। यह ज्वालामुखी उद्गार द्वारा बाहर निकलता है और आग्नेय चट्टानों की रचना करता है। श्रेणी:भूविज्ञान श्रेणी:ज्वालामुखी श्रेणी:भू-आकृति विज्ञान श्रेणी:ज्वालामुखीयता.

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सांता फे (गैलापागोस)

सांता फे के कैक्टससांता फे द्वीप जिसे बैरिंगटन द्वीप भी कहा जाता है, 24 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र का एक छोटा सा द्वीप है जो, सांताक्रूज़ द्वीप के दक्षिण पूर्व में और गैलापागोस द्वीपसमूह के केंद्र में स्थित है। इसका नाम स्पेन के एक शहर के नाम पर रखा गया है। भौगौलिक रूप से यह द्वीप समूह के सबसे पुराने द्वीपों मे से एक है, यहाँ 40 लाख वर्ष पुरानी ज्वालामुखी चट्टानें भी पाई गयी हैं। द्वीप की वनस्पति की विशेषता विशाल ओपंशिया कैक्टस की सबसे बड़ी प्रजाति का एक घना जंगल है। सांता फे द्वीप दो स्थानीय प्रजातियों: बैरिंगटन स्थलीय गोह (Conolophus pallidus) और सांता फे चावल चूहा (Aegialomys galapagoensis bauri) का घर है। द्वीप पर जलसिंह बड़ी संख्या में मिलते हैं। .

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सांताक्रूज़ (गैलापागोस)

सांताक्रूज़ द्वीप गैलापागोस द्वीप समूह का सबसे अधिक जनसंख्या वाला द्वीप है। द्वीप का नाम स्पेनिश भाषा में पवित्र सलीब (क्रॉस) के नाम पर रखा गया है, अंग्रेजी में इसे ब्रिटिश पोत एचएमएस इंडिफैटिगेबल के नाम पर इंडिफैटिगेबल पुकारते हैं। द्वीप का क्षेत्रफल 986 वर्ग किलोमीटर है (381 वर्ग मील) और इसकी अधिकतम ऊंचाई 864 मीटर (2834 फुट) है। सांताक्रूज़ द्वीप समूह का सबसे अधिक जनसंख्या वाला द्वीप है और द्वीप की अधिकतर जनसंख्या द्वीप के नगर प्यूर्टो अयोरा में निवास करती है। चार्ल्स डार्विन अनुसंधान केन्द्र और गैलापागोस नेशनल पार्क सर्विस के मुख्यालय यहाँ स्थित हैं। चार्ल्स डार्विन अनुसंधान केन्द्र और गैलापागोस नेशनल पार्क सर्विस यहाँ एक कछुआ प्रजनन केंद्र चलाते हैं, जहां नन्हे कछुओं को अंडों से निकलने के बाद पाला जाता है और उन्हें उनके प्राकृतिक निवास स्थान पर छोड़ने के लिए तैयार किया जाता है। सांताक्रूज़ की उच्चभूमि घनी वनस्पति से आच्छादित हैं और यह स्थान लावा सुरंगों के लिए भी प्रसिद्ध है। यहाँ कछुओं की घनी आबादी पाई जाती है। काला कछुआ लघुनिवेशिका सदाबहार मैंग्रोव जंगलों से घिरी है जिसका प्रयोग समुद्री कछुए, शंकुश (रे) और छोटी हाँगर (शार्क) कभी कभी प्रजनन क्षेत्र के रूप में करते हैं। यहाँ सेरो ड्रैगन, जिसे इसके राजहंस अनूप के लिए जाना जाता है, भी स्थित है, साथ ही यहाँ पगडंडी पर चलते हुए स्थलीय गोह को चारा ढूंढते हुए देखा जा सकता है। .

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संतरा (फल)

संतरा एक फल है। संतरे को हाथ से छीलने के बाद पेशीयोँ को अलग कर के चूसकर खाया जा सकता है। सँतरे का रस निकालकर पीया जा सकता है। संतरा ठंडा, तन और मन को प्रसन्नता देने वाला है। उपवास और सभी रोगों में नारंगी दी जा सकती है। जिनकी पाचन शक्ति खराब हो, उनको नारंगी का रस तीन गुने पानी में मिलाकर देना चाहिये। एक व्यक्ति को एक बार में एक या दो नारंगी लेना पर्याप्त है। एक व्यक्ति को जितने विटामिन ‘सी’ की आवश्यकता होती है, वह एक नारंगी प्रतिदिन खाते रहने से पूरी हो जाती है। खांसी-जुकाम होने पर नारंगी के रस का एक गिलास नित्य पीते रहने से लाभ होगा। स्वाद के लिये नमक या मिश्री डालकर पी सकते है। .

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संरक्षित जैवमंडल

संरक्षित जैवमंडल (कई स्थानों पर आरक्षित जैवमंडल भी कहा जाता है) या बायोस्फेयर रिज़र्व, यूनेस्को द्वारा अपने कार्यक्रम मैन एंड द बाओस्फेयर (मानव और जैवमंडल) (MAB) के अंतर्गत दिया जाने वाला एक अंतरराष्ट्रीय संरक्षण उपनाम है। संरक्षित जैवमंडलों का विश्व नेटवर्क, विश्व के 107 देशों के सभी 533 संरक्षित जैवमंडलों का एक संग्रह है (मई, 2009 तक)।संरक्षित जैवमंडल के रूप में मान्यता प्राप्त स्थल, किसी अंतरराष्ट्रीय समझौते का विषय नहीं है बस इनके लिए एक समान मानदंडों का पालन करना होता है। यह उस देश के संप्रभु अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं जहाँ पर यह स्थित हैं, हालांकि, यह विचारों और अनुभवों को क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संरक्षित जैवमंडलों का विश्व नेटवर्क के अंतर्गत साझा करते हैं। संरक्षित जैवमंडलों का विश्व नेटवर्क के वैधानिक ढाँचे के अनुसार जैवमंडलों का निर्माण उद्देश्य “मानव और जैवमंडल के बीच एक संतुलित संबंध का प्रदर्शन करना और इसे बढ़ावा देना है”। अनुच्छेद 4 के अंतर्गत, किसी भी संरक्षित जैवमंडल के अंतर्गत सभी उपस्थित पारिस्थितिक तंत्रों का समावेश होना चाहिए यानि इसे तटीय, पार्थिव या समुद्री पारिस्थितिक तंत्रों के संयोजन से मिलकर बना होना चाहिए। उपयुक्त अंचलों के निर्माण और प्रबंधन के माध्यम से, इन पारिस्थितिक तंत्रों के संरक्षण और उनमें जैव विविधता को बनाए रखा जा सकता है। संरक्षित जैवमंडल का डिजाइन के अनुसार किसी भी जैवमंडल को तीन क्षेत्रों मे विभाजित होना चाहिए जिनमे पहला है एक कानूनी रूप से सुरक्षित प्रमुख क्षेत्र, दूसरा एक बफर क्षेत्र जहां गैर संरक्षण गतिविधियाँ निषिद्ध हों और तीसरा एक संक्रमण क्षेत्र जहां स्वीकृत प्रथाओं की सीमित अनुमति दी गयी हो। यह स्थानीय समुदायों के लाभों को ध्यान मे रख कर किया जाता है ताकि यह समुदाय प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग स्थाई रूप से (एक लंबे समय तक) कर सकें। इस प्रयास के लिए प्रासंगिक अनुसंधान, निगरानी, शिक्षा और प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है। उपरोक्त सुझाई सभी बातों पर अमल कर जैव विविधता समझौते की कार्यसूची 21 (एजेंडा 21) को लागू किया जाता है। 2007 में संरक्षित जैवमंडलों का विश्व नेटवर्क को दर्शाता मानचित्र। .

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स्पेन

स्पेन (स्पानी: España, एस्पाञा), आधिकारिक तौर पर स्पेन की राजशाही (स्पानी: Reino de España), एक यूरोपीय देश और यूरोपीय संघ का एक सदस्य राष्ट्र है। यह यूरोप के दक्षिणपश्चिम में इबेरियन प्रायद्वीप पर स्थित है, इसके दक्षिण और पूर्व में भूमध्य सागर सिवाय ब्रिटिश प्रवासी क्षेत्र, जिब्राल्टर की एक छोटी से सीमा के, उत्तर में फ्रांस, अण्डोरा और बिस्के की खाड़ी (Gulf of Biscay) तथा और पश्चिमोत्तर और पश्चिम में क्रमश: अटलांटिक महासागर और पुर्तगाल स्थित हैं। 674 किमी लंबे पिरेनीज़ (Pyrenees) पर्वत स्पेन को फ्रांस से अलग करते हैं। यहाँ की भाषा स्पानी (Spanish) है। स्पेनिश अधिकार क्षेत्र में भूमध्य सागर में स्थित बेलियरिक द्वीप समूह, अटलांटिक महासागर में अफ्रीका के तट पर कैनरी द्वीप समूह और उत्तरी अफ्रीका में स्थित दो स्वायत्त शहर सेउटा और मेलिला जो कि मोरक्को सीमा पर स्थित है, शामिल है। इसके अलावा लिविया नामक शहर जो कि फ्रांसीसी क्षेत्र के अंदर स्थित है स्पेन का एक ''बहि:क्षेत्र'' है। स्पेन का कुल क्षेत्रफल 504,030 किमी² का है जो पश्चिमी यूरोप में इसे यूरोपीय संघ में फ्रांस के बाद दूसरा सबसे बड़ा देश बनाता है। स्पेन एक संवैधानिक राजशाही के तहत एक संसदीय सरकार के रूप में गठित एक लोकतंत्र है। स्पेन एक विकसित देश है जिसका सांकेतिक सकल घरेलू उत्पाद इसे दुनिया में बारहवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाता है, यहां जीवन स्तर बहुत ऊँचा है (20 वां उच्चतम मानव विकास सूचकांक), 2005 तक जीवन की गुणवत्ता सूचकांक की वरीयता के अनुसार इसका स्थान दसवां था। यह संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ, नाटो, ओईसीडी और विश्व व्यापार संगठन का एक सदस्य है। .

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स्पेनी भाषा

स्पेनी भाषा (español एस्पान्योल / castellano कास्तेल्यानो) हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार की रोमांस शाखा में आने वाली एक भाषा है। ये दुनिया की सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है। लगभग 40 करोड़ लोग एक देशीय भाषा के रूप में स्पेनिश बोलते हैं। ये इन सभी देशों की मुख्य- और राजभाषा है: स्पेन, अर्जेन्टीना, चिली, बोलीविया, पनामा, परागुए, पेरु, मेक्सिको, कोस्टा रीका, एल सैलवाडोर, क्यूबा, उरुग्वे, वेनेजुएला, आदि। '''गहरा लाल''' - राष्ट्रीय स्तर पर स्पेनी एकमात्र भाषा। '''नीला''' - राष्ट्रीय स्तर पर स्पेनी सह आधीकारिक भाषा। '''हल्का लाल''' - कुछ अमेरिकी राज्यों, नगरों और काउंटीयों में स्पेनी आधिकारिक भाषा। दूसरी भाषा के रूप में लगभग 6 करोड़ लोग स्पेनिश बोलते हैं और विदेशी भाषा के रूप में लगभग 2 करोड़ छात्र स्पेनिश बोलते हैं। स्पेनिश (मैन्डरिन और अंग्रेजी के बाद), दुनिया की तीसरी सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है। स्पेनिश संयुक्त राष्ट्र की छह आधिकारिक भाषाओं में से एक है। यूरोपीय संघ में स्पेनिश का एक आधिकारिक भाषा के रूप में प्रयोग किया जाता है। अमेरिकी-अंग्रेजी के देशी वक्ताओं द्वारा सीखी जाने वाली सबसे लोकप्रिय दूसरी भाषा स्पेनिश है। 20वीं सदी के अंतिम दशकों से, एक विदेशी भाषा के रूप में स्पेनिश के अध्ययन की काफी वृद्धि हुई है। 21वीं सदी के बाद से, यह यकीनन अंग्रेजी के बाद दूसरी सबसे अधिक अध्ययन करी जाने वाली भाषा बन गई है। .

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सैन क्रिस्टोबाल (गैलापागोस)

सैन क्रिस्टोबाल की मुख्य सड़कसैन क्रिस्टोबाल (चैथम) द्वीप का नाम नाविकों के संरक्षक संत "सेंट क्रिस्टोफर" के नाम पर रखा गया है। द्वीप का अंग्रेजी नाम चैथम, विलियम पिट, चैथम के पहले अर्ल के नाम पर रखा गया है। 558 वर्ग किलोमीटर (215 वर्ग मील) के क्षेत्रफल वाले सैन क्रिस्टोबाल का उच्चतम बिंदु है 730 मीटर (2395 फीट) ऊँचा है। गैलापागोस द्वीपसमूह के सभी द्वीपों में सैन क्रिस्टोबाल वो पहला द्वीप था जिस पर चार्ल्स डार्विन ने अपनी बीगल की यात्रा के दौरान उतरा था। इस द्वीप पर फ्रिगेट पक्षी, जलसिंह, विशाल कछुए, नीले और लाल पैरों वाले बूबी पक्षी, रेखीयपक्षी, समुद्री गोह, डॉल्फिन, अबाबील-पुच्छ गल पाये जाते हैं। इसकी वनस्पति में मेंकैलेंड्रिनिया गैलापागोस (Calandrinia galapagos), लैकोकार्पस डर्विनी (Lecocarpus darwinii) और लिग्नम वाईटी (Lignum vitae) शामिल हैं। द्वीप समूह की ताजे पानी की सबसे बड़ी झील लैगूना ई1 जंको सैन क्रिस्टोबाल की उच्चभूमि में स्थित है। गैलापागोस प्रांत की राजधानी, प्यूर्टो बैक्यूरिज़ो मोरेनो द्वीप के दक्षिणी सिरे पर स्थित है। .

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सैंटियागो (गैलापागोस)

दक्षिण से सैंटियागो द्वीप का एक दृश्यसैंटियागो द्वीप जिसका अंग्रेजी नाम जेम्स है गैलापागोस द्वीपसमूह का एक द्वीप है। इसे सैन साल्वाडोर के नाम से भी जाना जाता है और यह नाम कैरेबियन सागर में कोलंबस द्वारा भोजे गये पहले द्वीप के नाम पर आधारित है। द्वीप का क्षेत्रफल 585 वर्ग किलोमीटर (226 वर्ग मील) और अधिकतम ऊंचाई 907 मीटर (2976 फुट) है। समुद्री गोह, जलसिंह, फर सील, स्थलीय और समुद्री कछुए, राजहंस, डॉल्फिन और हाँगर यहाँ पाये जाते हैं। मनुष्यों द्वारा द्वीप पर लये गये सूअर और बकरी वो दो जीव है जिन्होने द्वीप की स्थानिक प्रजातियों को अपूरणीय क्षति पहुँचाई है, हालाँकि बाद में चलाये गये उन्मूलन अभियान से 2002 में सूअरों को पूरी तरह द्वीप से उन्मूलित कर दिया गया जबकि बकरी उन्मूलन अपने अंतिम चरण में है। डार्विन फिन्चेस और गैलापागोस बाज़ यहाँ आम तौर पर देखे जाने वाले पक्षी हैं वहीं यहाँ फर सीलों की एक बस्ती भी है। सुलिवान खाड़ी में एक हाल का (करीब 100 साल पहले) का लावा प्रवाह देखा जा सकता है। .

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जनसंख्या

1994 में विश्व की जनसंख्या का वितरण. विश्व की कुल जनसँख्या में एक अरब लोगों के जुड़ने में लगने वाला समय. (जिसमें भविष्य की गणना भी शामिल है) वैकल्पिक चार्ट भी देखें. जीव विज्ञान में, विशेष प्रजाति के अंत: जीव प्रजनन के संग्रह को जनसंख्या कहते हैं; समाजशास्त्र में इसे मनुष्यों का संग्रह कहते हैं। जनसँख्या के अन्दर आने वाला प्रत्येक व्यक्ति कुछ पहलू एक दुसरे से बांटते हैं जो कि सांख्यिकीय रूप से अलग हो सकता है, लेकिन अगर आमतौर पर देखें तो ये अंतर इतने अस्पष्ट होते हैं कि इनके आधार पर कोई निर्धारण नहीं किया जा सकता.

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ज्वालामुख-कुण्ड

इर्टा एले के ज्वालामुख-कुण्ड में भरा लावाकिसी ज्वालामुखी के विस्फोट के परिणाम स्वरूप अस्तित्व में आई एक कुण्ड या पात्र सदृश रचना भूवैज्ञानिक भाषा में ज्वालामुख-कुण्ड कहलाती है। अंग्रेजी और अन्य यूरोपीय भाषायों मे इसे कैल्डेरा (Caldera) कहते हैं, जो एक स्पैनिश शब्द है पर इसका मूल लैटिन भाषा के कैल्डेरिया में निहित है जिसका अर्थ 'खाना पकाने का बर्तन' होता है।। .

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ज्वालामुखी

तवुर्वुर का एक सक्रिय ज्वालामुखी फटते हुए, राबाउल, पापुआ न्यू गिनिया ज्वालामुखी पृथ्वी की सतह पर उपस्थित ऐसी दरार या मुख होता है जिससे पृथ्वी के भीतर का गर्म लावा, गैस, राख आदि बाहर आते हैं। वस्तुतः यह पृथ्वी की ऊपरी परत में एक विभंग (rupture) होता है जिसके द्वारा अन्दर के पदार्थ बाहर निकलते हैं। ज्वालामुखी द्वारा निःसृत इन पदार्थों के जमा हो जाने से निर्मित शंक्वाकार स्थलरूप को ज्वालामुखी पर्वत कहा जाता है। ज्वालामुखी का सम्बंध प्लेट विवर्तनिकी से है क्योंकि यह पाया गया है कि बहुधा ये प्लेटों की सीमाओं के सहारे पाए जाते हैं क्योंकि प्लेट सीमाएँ पृथ्वी की ऊपरी परत में विभंग उत्पन्न होने हेतु कमजोर स्थल उपलब्ध करा देती हैं। इसके अलावा कुछ अन्य स्थलों पर भी ज्वालामुखी पाए जाते हैं जिनकी उत्पत्ति मैंटल प्लूम से मानी जाती है और ऐसे स्थलों को हॉटस्पॉट की संज्ञा दी जाती है। भू-आकृति विज्ञान में ज्वालामुखी को आकस्मिक घटना के रूप में देखा जाता है और पृथ्वी की सतह पर परिवर्तन लाने वाले बलों में इसे रचनात्मक बल के रूप में वर्गीकृत किया जाता है क्योंकि इनसे कई स्थलरूपों का निर्माण होता है। वहीं, दूसरी ओर पर्यावरण भूगोल इनका अध्ययन एक प्राकृतिक आपदा के रूप में करता है क्योंकि इससे पारितंत्र और जान-माल का नुकसान होता है। .

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जेनोवेसा (गैलापागोस)

प्रिंस फिलिप्स स्टेप्स पर चढ़ाई गैलापागोस द्वीपसमूह के द्वीप जेनोवेसा द्वीप (टावर द्वीप) का नाम इटली के एक शहर जेनोवा पर आधारित है कहते हैं कि इसी स्थान पर कोलंबस का जन्म हुआ था। यह द्वीप एक ढाल ज्वालामुखी है जो पश्चिम प्रशांत महासागर में स्थित है। द्वीप का क्षेत्रफल 14 वर्ग किलोमीटर (5.4 वर्ग मील) और अधिकतम ऊंचाई 76 मीटर (249 फुट) है। द्वीप एक बड़े गर्त का किनारा है जो डूबने से बच गया है। द्वीप का एक उपनाम पक्षी द्वीप भी है जो यहाँ पाई जाने वाली पक्षियों की विविधता को देखते हुये सही जान पड़ता है। डार्विन खाड़ी में फ्रिगेट पक्षी और अबाबील-पुच्छ गल जो दुनिया की एकमात्र रात्रिचर गल प्रजाति है, पाये जाते हैं। लाल पैरों वाला बूबी पक्षी, नॉडी टर्न, कबूतर और डार्विन फिन्चेस भी देखे जा सकते हैं। प्रिंस फिलिप्स स्टेप्स एक पक्षी-दर्शन पठार है साथ ही यहाँ एक बड़ा पालो सैंटो वन भी है। .

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जीव विज्ञान

जीवविज्ञान भांति-भांति के जीवों का अध्ययन करता है। जीवविज्ञान प्राकृतिक विज्ञान की तीन विशाल शाखाओं में से एक है। यह विज्ञान जीव, जीवन और जीवन के प्रक्रियाओं के अध्ययन से सम्बन्धित है। इस विज्ञान में हम जीवों की संरचना, कार्यों, विकास, उद्भव, पहचान, वितरण एवं उनके वर्गीकरण के बारे में पढ़ते हैं। आधुनिक जीव विज्ञान एक बहुत विस्तृत विज्ञान है, जिसकी कई शाखाएँ हैं। 'बायलोजी' (जीवविज्ञान) शब्द का प्रयोग सबसे पहले लैमार्क और ट्रविरेनस नाम के वैज्ञानिको ने १८०२ ई० में किया। जिन वस्तुओं की उत्पत्ति किसी विशेष अकृत्रिम जातीय प्रक्रिया के फलस्वरूप होती है, जीव कहलाती हैं। इनका एक परिमित जीवनचक्र होता है। हम सभी जीव हैं। जीवों में कुछ मौलिक प्रक्रियाऐं होती हैं.

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जीवाश्म

एक जीवाश्म मछली पृथ्वी पर किसी समय जीवित रहने वाले अति प्राचीन सजीवों के परिरक्षित अवशेषों या उनके द्वारा चट्टानों में छोड़ी गई छापों को जो पृथ्वी की सतहों या चट्टानों की परतों में सुरक्षित पाये जाते हैं उन्हें जीवाश्म (जीव + अश्म .

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ईस्टर द्वीप

ईस्टर द्वीप (रापा नुई:Rapa Nui); (स्पैनिश: Isla de Pascua), दक्षिणपूर्व प्रशांत महासागर में पोलिनेशियाई त्रिकोण के सबसे दक्षिणपूर्व बिंदु पर स्थित एक पोलिनेशियाई द्वीप है। चिली के इस विशेष क्षेत्र का 1888 में चिली में विलय किया गया। ईस्टर द्वीप अपनी 887 मोवाई बड़ी मूर्तियां के लिए प्रसिद्ध है, जिन्हें प्राचीन रापानुई लोगों ने बनाया था। यह एक विश्व धरोहर स्थल है और द्वीप का अधिकतर भाग रापा नुई राष्ट्रीय उद्यान के अंतर्गत आता है। आधुनिक समय में द्वीप को संसाधनों के आवश्यकता से अधिक दोहन से होने वाली सांस्कृतिक और पर्यावरणीय हानि के एक जीवंत उदाहरण के तौर पर देखा जाता है, हालाँकि अब इस सिद्धांत को नृवंशविज्ञानियों और पुरातत्वविदों से कड़ी चुनौती मिल रही है, उनके मतानुसार यूरोपीय उपनिवेशकों द्वारा लाई गयी बीमारियां और दासव्यापार द्वारा सन 1800 के शतक दौरान मूलनिवासियों की संख्या में आई भयंकर कमी का, पर्यावरणीय गिरावट की तुलना में बहुत अधिक सामाजिक प्रभाव पड़ा और यूरोपीय उपनिवेशकों द्वारा अपने साथ लाये गये जानवरों, पहले चूहे और फिर भेड़ों की वजह से द्वीप की मूल वनस्पति को बहुत अधिक नुकसान हुआ और द्वीप 1930-1960 के बीच लगभग वनविहीन हो चला था। अंतर्निहित द्वीप का भूविज्ञान, विलुप्त ज्वालामुखियों में से एक है। चित्र:Easter island and south america.jpg|ईस्टर द्वीप चित्र:Orthographic projection centred over Easter Island.png | ग्लोब पर ईस्टर द्वीप File:AhuTongariki.JPG | ईस्टर द्वीप की मूर्तियां File:Baile de Isla de Pascua.jpg|पंख वेशभूषा के साथ ईस्टर द्वीप की पॉलीनेशिअन नतर्कियाँ .

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ईक्वाडोर

ईक्वाडोर, आधिकारिक तौर पर इक्वाडोर गणराज्य (शाब्दिक रूप से, "भूमध्य रेखा का गणराज्य"), दक्षिण अमेरिका में स्थित एक प्रतिनिधि लोकतांत्रिक गणराज्य है। देश के उत्तर में कोलंबिया, पूर्व और दक्षिण में पेरू और पश्चिम की ओर प्रशांत महासागर स्थित है। यह एक दक्षिण अमेरिका में उन दो देशों (अन्य चिली) में से है, जिसकी सीमाएं ब्राजील के साथ नहीं मिलती है। देश के हिस्से में मुख्य भूमि के पश्चिम में प्रशांत महासागर में स्थित गालापोगोस द्वीप भी आते हैं। भूमध्य रेखा, जिसके आधार पर देश का नाम रखा गया है, इक्वाडोर को दो भागों में विभाजित करती है। इसकी राजधानी क्विटो और सबसे बड़ा शहर गुआयाकिल है। .

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वनस्पति विज्ञान

बटरवर्थ का पुष्प जीव जंतुओं या किसी भी जीवित वस्तु के अध्ययन को जीवविज्ञान या बायोलोजी (Biology) कहते हैं। इस विज्ञान की मुख्यतः दो शाखाएँ हैं: (1) प्राणिविज्ञान (Zoology), जिसमें जंतुओं का अध्ययन होता है और (2) वनस्पतिविज्ञान (Botany) या पादपविज्ञान (Plant Science), जिसमें पादपों का अध्ययन होता है। .

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विश्व धरोहर

यूनेस्को की विश्व विरासत समिति का लोगो युनेस्को विश्व विरासत स्थल ऐसे खास स्थानों (जैसे वन क्षेत्र, पर्वत, झील, मरुस्थल, स्मारक, भवन, या शहर इत्यादि) को कहा जाता है, जो विश्व विरासत स्थल समिति द्वारा चयनित होते हैं; और यही समिति इन स्थलों की देखरेख युनेस्को के तत्वाधान में करती है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य विश्व के ऐसे स्थलों को चयनित एवं संरक्षित करना होता है जो विश्व संस्कृति की दृष्टि से मानवता के लिए महत्वपूर्ण हैं। कुछ खास परिस्थितियों में ऐसे स्थलों को इस समिति द्वारा आर्थिक सहायता भी दी जाती है। अब तक (2006 तक) पूरी दुनिया में लगभग 830 स्थलों को विश्व विरासत स्थल घोषित किया जा चुका है जिसमें 644 सांस्कृतिक, 24 मिले-जुले और 138 अन्य स्थल हैं। प्रत्येक विरासत स्थल उस देश विशेष की संपत्ति होती है, जिस देश में वह स्थल स्थित हो; परंतु अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का हित भी इसी में होता है कि वे आनेवाली पीढियों के लिए और मानवता के हित के लिए इनका संरक्षण करें। बल्कि पूरे विश्व समुदाय को इसके संरक्षण की जिम्मेवारी होती है। .

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वुल्फ (गैलापागोस)

गैलापागोस द्वीपसमूह के द्वीप वुल्फ (पुराना अंग्रेजी नाम वेनमैन) का नाम जर्मन भूविज्ञानी थियोडोर वुल्फ के नाम पर रखा गया था। द्वीप का क्षेत्रफल 1.3 वर्ग किलोमीटर (0.5 वर्ग मील) और अधिकतम ऊंचाई 253 मीटर (830 फुट) है। यहाँ फर सील, फ्रिगेट पक्षी, नकाबपोश और लाल पैरों वाला बूबी पक्षी, हाँगर, समुद्री गोह, व्हेल, डॉल्फिन और अबाबील-पुच्छ गल को देखा जा सकता है। यहाँ का सबसे प्रसिद्ध निवासी पिशाच तूती है जो केवल इस द्वीप पर पाया जाता है। पिशाच तूती का आहार आंशिक रूप से अन्य पक्षियों रक्त है जिसे वो इन पक्षियों को अपनी चोंच से प्रहार से घायल करके पीता है। .

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वोल्कन वुल्फ

वोल्कन वुल्फ, गैलापागोस द्वीपसमूह की सबसे ऊँची चोटी है और यह द्वीपसमूह के ईसाबेला द्वीप पर स्थित है। इसकी ऊँचाई है जो इस द्वीपसमूह का सबसे ऊँचा स्थान है। यह एक उल्टे रखे कटोरे के आकार का ज्वालामुखी पर्वत है। इस ज्वालामुखी का नाम जर्मन भूविज्ञानी थिओडोर वुल्फ के नाम पर किया गया है, जिन्होने १९ वीं शताब्दी में इन द्वीपों का अध्ययन किया था, गैलापागोस के उत्तर मे स्थित वुल्फ द्वीप का नामकरण भी उनके नाम पर किया गया है। इसकी ऊँचाई इसे एक चरम उदग्र शिखर बनाती है, यह वो शिखर होते हैं जिनकी ऊँचाई 1500 मी से अधिक होती है। .

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ग्रेट बैरियर रीफ

ग्रेट बैरियर रीफ के एक भाग का उपग्रह से लिया गया चित्र ग्रेट बैरियर रीफ, क्वींसलैंड (आस्ट्रेलिया) के उत्तरी-पूर्वी तट के समांतर बनी हुई, विश्व की यह सबसे बड़ी मूँगे की दीवार है। इस दीवार की लंबाई लगभग १,२०० मील तथा चौड़ाई १० मील से ९० मील तक है। यह कई स्थानों पर खंडित है एवं इसका अधिकांश भाग जलमग्न है, परंतु कहीं-कहीं जल के बाहर भी स्पष्ट दृष्टिगोचार होती है। महीद्वीपीय तट से इसकी दूरी १० से १५० मील तक है। समुद्री तूफान के समय अनेक पोत इससे टक्कर खाकर ध्वस्त हो जाते हैं। फिर भी, यह पोतचालकों के लिये विशेष सहायक है, क्योंकि दीवार के भीतर की जलधारा इस बृहत शैलभित्ति (reef) द्वारा सुरक्षित रहकर तटगामी पोतों के लिये अति मूल्यवान् परिवहन मार्ग बनाती है तथा पोत इसमें से गुजरने पर खुले समुद्री तूफानों से बचे रहते हैं। महाद्वीपीय तट तथा अवशेषी शैल भित्ति (barrier reef) के बीच का क्षेत्र (८०,००० वर्ग मील) पर्यटकों के लिये अत्यंत आकर्षक स्थल है। जलवायु परिवर्तन के बुरे असर से ग्रेट बैरियर रीफ के बचने की संभावना बहुत कम है और ऐसी आशंका है कि २०५० तक रीफ पूरी तरह नष्ट हो जएगी। .

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गैलापागोस कछुआ

गैलापागोस द्वीपसमूह के सात द्वीपों पर पाया जाने वाला गैलापागोस कछुआ या गैलापागोस विशाल कछुआ (Geochelone nigra) विश्व का सबसे बड़ा कछुआ है। पूर्ण विकसित वयस्क कछुए का का भार 300 किलोग्राम (£ 661) और माप 1.2 मीटर (4 फीट) तक हो सकता है। यह लंबे समय तक जीवित रहते हैं और एक अनुमान के अनुसार जंगल में इनकी जीवन प्रत्याशा 100-150 साल तक होती है। सत्रहवीं सदी के बाद से मनुष्य द्वारा शिकार किए जाने और शिकारी और पालतू जानवरों को इन द्वीपों पर लाए जाने की वजह से इनकी आबादी में नाटकीय रूप से गिरावट दर्ज की गयी है। अब मूल बारह प्राजातियों में से केवल दस ही जंगल में बची हैं। हालाँकि, गैलापागोस राष्ट्रीय उद्यान और चार्ल्स डार्विन फाउंडेशन की स्थापना के बाद से इनके संरक्षण के प्रयासों में सफलता मिली है और सैकड़ों-बाल कछुओं को वापस उनके मातृद्वीपों पर छोड़ा गया है। यह गैलापागोस द्वीप समूह के सबसे प्रतीकात्मक जीव हैं। .

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ऑस्ट्रेलिया

ऑस्ट्रेलिया, सरकारी तौर पर ऑस्ट्रेलियाई राष्ट्रमंडल दक्षिणी गोलार्द्ध के महाद्वीप के अर्न्तगत एक देश है जो दुनिया का सबसे छोटा महाद्वीप भी है और दुनिया का सबसे बड़ा द्वीप भी, जिसमे तस्मानिया और कई अन्य द्वीप हिंद और प्रशांत महासागर में है। ऑस्ट्रेलिया एकमात्र ऐसी जगह है जिसे एक ही साथ महाद्वीप, एक राष्ट्र और एक द्वीप माना जाता है। पड़ोसी देश उत्तर में इंडोनेशिया, पूर्वी तिमोर और पापुआ न्यू गिनी, उत्तर पूर्व में सोलोमन द्वीप, वानुअतु और न्यू कैलेडोनिया और दक्षिणपूर्व में न्यूजीलैंड है। 18वी सदी के आदिकाल में जब यूरोपियन अवस्थापन प्रारंभ हुआ था उसके भी लगभग 40 हज़ार वर्ष पहले, ऑस्ट्रेलियाई महाद्वीप और तस्मानिया की खोज अलग-अलग देशो के करीब 250 स्वदेशी ऑस्ट्रेलियाईयो ने की थी। तत्कालिक उत्तर से मछुआरो के छिटपुट भ्रमण और होलैंडवासियो (Dutch) द्वारा 1606, में यूरोप की खोज के बाद,1770 में ऑस्ट्रेलिया के अर्द्वपूर्वी भाग पर अंग्रेजों (British) का कब्ज़ा हो गया और 26 जनवरी 1788 में इसका निपटारा "देश निकला" दण्डस्वरुप बने न्यू साउथ वेल्स नगर के रूप में हुआ। इन वर्षों में जनसंख्या में तीव्र गति से वृद्धि हुई और महाद्वीप का पता चला,19वी सदी के दौरान दूसरे पांच बड़े स्वयं-शासित शीर्ष नगर की स्थापना की गई। 1 जनवरी 1901 को, छ: नगर महासंघ हो गए और ऑस्ट्रेलियाई राष्ट्रमंडल का गठन हुआ। महासंघ के समय से लेकर ऑस्ट्रेलिया ने एक स्थायी उदार प्रजातांत्रिक राजनैतिक व्यवस्था का निर्वहन किया और प्रभुता संपन्न राष्ट्र बना रहा। जनसंख्या 21.7मिलियन (दस लाख) से थोडा ही ऊपर है, साथ ही लगभग 60% जनसंख्या मुख्य राज्यों सिडनी,मेलबर्न,ब्रिस्बेन,पर्थ और एडिलेड में केन्द्रित है। राष्ट्र की राजधानी केनबर्रा है जो ऑस्ट्रेलियाई प्रधान प्रदेश (ACT) में अवस्थित है। प्रौद्योगिक रूप से उन्नत और औद्योगिक ऑस्ट्रेलिया एक समृद्ध बहुसांस्कृतिक राष्ट्र है और इसका कई राष्ट्रों की तुलना में इन क्षत्रों में प्रदर्शन उत्कृष्ट रहा है जैसे स्वास्थ्य, आयु संभाव्यता, जीवन-स्तर, मानव विकास, जन शिक्षा, आर्थिक स्वतंत्रता और मूलभूत अधिकारों की रक्षा और राजनैतिक अधिकार.

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इसाबेला द्वीप (गैलापागोस)

गैलापागोस द्वीपसमूह का मानचित्र इसाबेला द्वीप (एल्बेमार्ले द्वीप) गैलापागोस द्वीपसमूह (ईक्वाडोर) का एक हिस्सा है। इस द्वीप का नाम रानी ईसाबेला के सम्मान में रखा गया था। 4,640 वर्ग किलोमीटर (1,792 वर्ग मील) के क्षेत्रफल के साथ, यह गैलापागोस का सबसे बड़ा द्वीप है। ईसाबेला का सबसे ऊंचा स्थल 1,707 मीटर (5,600 फुट) की ऊंचाई वाला वुल्फ ज्वालामुखी है। यह द्वीप समुद्रीघोड़े के आकार का ज्वालामुखी छह बड़े ज्वालामुखियों के विलय से उत्पन्न हुआ है। इस द्वीप पर, उड़ानरहित कॉर्मोरेंट, गैलापागोस पेंगुइन, समुद्री गोह, पेलिकन और सैली हल्के पैरों वाले केकड़ों पाये जाते हैं। सागर किनारे और ज्वालामुख-कुण्ड के पास स्थलीय गोह और गैलापागोस कछुए के साथ ही डार्विन फिन्चेस, गैलापागोस बाज, गैलापागोस कबूतर और बहुत अनोखी तराई वनस्पति पाई जाती है। गैलापागोस द्वीपसमूह की तीसरी सबसे बड़ी मानव बसावट प्यूर्टो विल्लामिल द्वीप के दक्षिण द्वीप पूर्वी सिरे पर स्थित है। .

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इंका सभ्यता

इंका दक्षिण अमेरीका के मूल निवासिओं (रेड इण्डियन जाति) की एक गौरवशाली उपजाति थी। इंका प्रशासन के सम्बन्ध में विद्वानों का ऐसा मत है कि उनके राज्य में वास्तविक राजकीय समाजवाद (स्टेट सोशियलिज्म) था तथा सरकारी कर्मचारियों का चरित्र अत्यंत उज्वल था। इंका लोग कुशल कृषक थे। इन्होंने पहाड़ियों पर सीढ़ीदार खेतों का प्रादुर्भाव करके भूमि के उपयोग का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया था। आदान-प्रदान का माध्यम द्रव्य नहीं था, अत: सरकारी करों का भुगतान शिल्पों की वस्तुओं तथा कृषीय उपजों में किया जाता था। ये लोग खानों से सोना निकालते थे, परंतु उसका मंदिरों आदि में सजावट के लिए ही प्रयोग करते थे। ये लोग सूर्य के उपासक थे और ईश्वर में विश्वास करते थे। .

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क्रम-विकास

आनुवांशिकता का आधार डीएनए, जिसमें परिवर्तन होने पर नई जातियाँ उत्पन्न होती हैं। क्रम-विकास या इवोलुशन (English: Evolution) जैविक आबादी के आनुवंशिक लक्षणों के पीढ़ी दर पीढ़ी परिवर्तन को कहते हैं। क्रम-विकास की प्रक्रियायों के फलस्वरूप जैविक संगठन के हर स्तर (जाति, सजीव या कोशिका) पर विविधता बढ़ती है। पृथ्वी के सभी जीवों का एक साझा पूर्वज है, जो ३.५–३.८ अरब वर्ष पूर्व रहता था। इसे अंतिम सार्वजानिक पूर्वज कहते हैं। जीवन के क्रम-विकासिक इतिहास में बार-बार नयी जातियों का बनना (प्रजातिकरण), जातियों के अंतर्गत परिवर्तन (अनागेनेसिस), और जातियों का विलुप्त होना (विलुप्ति) साझे रूपात्मक और जैव रासायनिक लक्षणों (जिसमें डीएनए भी शामिल है) से साबित होता है। जिन जातियों का हाल ही में कोई साझा पूर्वज था, उन जातियों में ये साझे लक्षण ज्यादा समान हैं। मौजूदा जातियों और जीवाश्मों के इन लक्षणों के बीच क्रम-विकासिक रिश्ते (वर्गानुवंशिकी) देख कर हम जीवन का वंश वृक्ष बना सकते हैं। सबसे पुराने बने जीवाश्म जैविक प्रक्रियाओं से बने ग्रेफाइट के हैं, उसके बाद बने जीवाश्म सूक्ष्मजीवी चटाई के हैं, जबकि बहुकोशिकीय जीवों के जीवाश्म बहुत ताजा हैं। इस से हमें पता चलता है कि जीवन सरल से जटिल की तरफ विकसित हुआ है। आज की जैव विविधता को प्रजातिकरण और विलुप्ति, दोनों द्वारा आकार दिया गया है। पृथ्वी पर रही ९९ प्रतिशत से अधिक जातियाँ विलुप्त हो चुकी हैं। पृथ्वी पर जातियों की संख्या १ से १.४ करोड़ अनुमानित है। इन में से १२ लाख प्रलेखित हैं। १९ वीं सदी के मध्य में चार्ल्स डार्विन ने प्राकृतिक वरण द्वारा क्रम-विकास का वैज्ञानिक सिद्धांत दिया। उन्होंने इसे अपनी किताब जीवजाति का उद्भव (१८५९) में प्रकाशित किया। प्राकृतिक चयन द्वारा क्रम-विकास की प्रक्रिया को निम्नलिखित अवलोकनों से साबित किया जा सकता है: १) जितनी संतानें संभवतः जीवित रह सकती हैं, उस से अधिक पैदा होती हैं, २) आबादी में रूपात्मक, शारीरिक और व्यवहारिक लक्षणों में विविधता होती है, ३) अलग-अलग लक्षण उत्तर-जीवन और प्रजनन की अलग-अलग संभावना प्रदान करते हैं, और ४) लक्षण एक पीढ़ी से अगली पीढ़ी को दिए जाते हैं। इस प्रकार, पीढ़ी दर पीढ़ी आबादी उन शख़्सों की संतानों द्वारा प्रतिस्थापित हो जाती है जो उस बाईओफीसिकल परिवेश (जिसमें प्राकृतिक चयन हुआ था) के बेहतर अनुकूलित हों। प्राकृतिक वरण की प्रक्रिया इस आभासी उद्देश्यपूर्णता से उन लक्षणों को बनती और बरकरार रखती है जो अपनी कार्यात्मक भूमिका के अनुकूल हों। अनुकूलन का प्राकृतिक वरण ही एक ज्ञात कारण है, लेकिन क्रम-विकास के और भी ज्ञात कारण हैं। माइक्रो-क्रम-विकास के अन्य गैर-अनुकूली कारण उत्परिवर्तन और जैनेटिक ड्रिफ्ट हैं। .

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क्षेत्रफल

किसी तल (समतल या वक्रतल) के द्वि-बीमीय (द्वि-आयामी) आकार के परिमाण (माप) को क्षेत्रफल कहते हैं। जिस क्षेत्र के क्षेत्रफल की बात की जाती है वह क्षेत्र प्रायः किसी बन्द वक्र (closed curve) से घिरा होता है। इसे प्राय: m2 (वर्ग मीटर) में मापा जाता है। .

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कैण्टन

स्विट्ज़रलैंड देश का कोई भी एक प्रान्त कैंटन कहलाता है। इसमें ज़्यादातर एक या दो बड़े शहरों के साथ कई कस्बे और गाँव शामिल होते हैं। हर कैण्टन की अपनी एक या दो राजभाषाएं होती हैं। कैण्टन कैण्टन.

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कोकोस (कीलिंग) द्वीपसमूह

हिन्द महासागर में स्थित कोकोस (कीलिंग) द्वीपसमूह क्षेत्र जिसे कोकोस द्वीप या कीलिंग द्वीपसमूह भी कहा जाता है ऑस्ट्रेलिया के अधिकार क्षेत्र में आते हैं। यह द्वीपसमूह दो एटोल द्वीप और सत्ताईस प्रवाल द्वीपों से मिल कर बनता हैं। यह द्वीप ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका के बीच के समुद्री क्षेत्र के बीचोंबीच स्थित हैं। .

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कीटविज्ञान

पादप और कीट कीटविज्ञान (एंटोमॉलोजी Entomology) प्राणिविज्ञान का एक अंग है जिसके अंतर्गत कीटों अथवा षट्पादों का अध्ययन आता है। षट्पाद (षट्.

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अमरूद

लाल अमरूद का फल अमरूद (वानस्पतिक नाम: सीडियम ग्वायवा, प्रजाति सीडियम, जाति ग्वायवा, कुल मिटसी) एक फल देने वाला वृक्ष है। वैज्ञानिकों का विचार है कि अमरूद की उत्पति अमरीका के उष्ण कटिबंधीय भाग तथा वेस्ट इंडीज़ से हुई है। .

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अंतरराष्ट्रीय जल सर्वेक्षण संगठन

१९२१ में अंतरराष्ट्रीय जल सर्वेक्षण संगठन (IHO) को मूलतः अंतरराष्ट्रीय जल सर्वेक्षण ब्यूरो (IHB) के रूप में स्थापित किया गया था। इसका वर्तमान नाम १९७० में सदस्य राष्ट्रों के बीच हुए एक संशोधित अंतरराष्ट्रीय समझौते के परिणाम के रूप में अपनाया गया। इसके पूर्व नाम अंतरराष्ट्रीय जल सर्वेक्षण ब्यूरो को इसके मोनाको स्थित मुख्यालय, जिसके प्रशासनिक निकाय में तीन निदेशक और कुछ कर्मचारी हैं, के लिए प्रयोग किया जाता है। .

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उत्तरी सेयमोर (गैलापागोस)

उत्तरी सेयमोर की स्थलीय गोहअंग्रेज सज्जन लॉर्ड ह्यूग सेयमोर के नाम पर आधारित गैलापागोस द्वीपसमूह के उत्तरी सेयमोर द्वीप का उद्भव ज्वालामुखीय गतिविधियों से होने के बजाय भूकंपीय उत्थान के परिणाम स्वरूप हुआ है। द्वीप का क्षेत्रफल 1.9 वर्ग किलोमीटर (0.7 वर्ग मील) और अधिकतम ऊंचाई 28 मीटर (92 फुट) है। द्वीप का अधिकतर क्षेत्र सपाट है सिर्फ तटरेखा के आस पास ही कुछ मीटर ऊँचाई की चट्टाने उपस्थित हैं। बाल्ट्रा हवाई अड्डे के उत्तर में स्थित उत्तरी सेयमोर एक छोटा सा टापू है। इस द्वीप पर नीले पैरों वाले बूबी पक्षी, अबाबील-पुच्छ गल और फ्रिगेट पक्षियों की एक बड़ी आबादी निवास करती है। द्वीप पर रूपहले-धूसर रंग वाले पैलो सैंटो वृक्षों का एक छोटा सा वन है, जो आमतौर पर पर्ण विहीन होते है और बहार के लिए वर्षा का इंतज़ार करते हैं। द्वीप जीवन से ओत-प्रोत है। द्वीप की यात्रा के दौरान हो सकता है कि आपको किसी जलसिंह या समुद्री गोह को रास्ता देना पड़े। अबाबील-पुच्छ गल और पेलिकन के झुंड भोजन के लिए सागर में गोता लगाते हैं, कभी कभार नकाबदार बूबी पक्षी के दर्शन भी हो जाते हैं। उत्तरी सेयमोर पक्षियों के प्रजनन के लिए एक असाधारण स्थान है और द्वीप पर बड़ी संख्या में नीले पैरों वाले बूबी पक्षी और शानदार फ्रिगेट पक्षी अपने घोंसले बनाते हैं। नीले पैरों वाले बूबी पक्षियों को विभिन्न प्रणय मुद्राओं में यहां देखा जा सकता है। North Seymour Island in the Galapagos about to land on shore photo by Alvaro Sevilla Design.JPG| North Seymour Island in the Galapagos.JPG| The beach at North Seymour Island in the Galapagos.jpeg| A Galapagos Land Iguana on the North Seymour Island in the Galapagos photo by Alvaro Sevilla Design.JPG| Blue footed Booby on North Seymour Island Galapagos photo by Alvaro Sevilla Design.JPG| At the beach in North Seymour Island Galapagos photo by Alvaro Sevilla Design.JPG| .

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उभयचर

उभयचर वर्ग (Amphibia / एंफ़िबिया) पृष्ठवंशीय प्राणियों का एक बहुत महत्वपूर्ण वर्ग है जो जीववैज्ञानिक वर्गीकरण के अनुसार मत्स्य और सरीसृप वर्गों के बीच की श्रेणी में आता है। इस वर्ग के कुछ जंतु सदा जल पर तथा कुछ जल और थल दोनों पर रहते हैं। ये अनियततापी जंतु हैं। इस वर्ग में ३००० जाति पाए जाते हैं। शरीर पर शल्क, बाल या पंख नहीं होते हैं, परंतु इनकी त्वचा अधिक ग्रंथिमय होने के कारण चिकनी होती है। मेंढक इस वर्ग का एक प्रमुख प्राणि है। यह पृष्ठवंशियों का प्रथम वर्ग है, जिसने जल के बाहर रहने का प्रयास किया था। फलस्वरूप नई परिस्थितियों के अनुकूल इनकी रचना में प्रधानतया तीन प्रकार के अंतर हुए- (१) इनका शारीरिक ढाँचा जल में तैरने के अतिरिक्त थल पर भी रहने के योग्य हुआ। (२) क्लोम दरारों के स्थान पर फेफड़ों का उत्पादन हुआ तथा रक्तपरिवहन में भी संबंधित परिवर्तन हुए। (३) ज्ञानेंद्रियों में यथायोग्य परिवर्तन हुए, जिससे ये प्राणी जल तथा थल दोनों परिस्थितियों का ज्ञान कर सकें। .

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१९३४

1934 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९३६

1936 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९५०

1950 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९५७

1957 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९५९

1959 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९६४

1964 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९७८

१९७८ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९८५

1985 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९८६

1986 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९९०

कोई विवरण नहीं।

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२००१

2001 ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार २१वीं सदी का प्रथम वर्ष है। .

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