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गुलशन नन्दा और पत्थर के सनम

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

गुलशन नन्दा और पत्थर के सनम के बीच अंतर

गुलशन नन्दा vs. पत्थर के सनम

गुलशन नन्दा (मृत्यु १६ नवम्बर १९८५) हिन्दी के प्रसिद्ध उपन्यासकार तथा लेखक थे जिनकी कहानियों को आधार रख १९६० तथा १९७० के दशकों में कई हिन्दी फ़िल्में बनाई गईं और ज़्यादातर यह फ़िल्में बॉक्स ऑफ़िस में सफल भी रहीं। उन्होंने अपने द्वारा लिखी गई कुछ कहानियों की फ़िल्मों में पटकथा भी लिखी। उनके द्वारा लिखी गई कुछ हिट फ़िल्मों के नाम हैं- काजल, पत्थर के सनम, कटी पतंग, खिलौना, शर्मीली इत्यादि हैं। इसके आलावा उनके लिखे कुछ उपन्यासों के नाम चन्दन, वापसी इत्यादि हैं। गुलशन नंदा के उपन्यासों की सूची-. पत्थर के सनम 1967 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। यह फ़िल्म नाडियाडवाला के बैनर के तले निर्मित है जिसे राजा नवाथे द्वारा निर्देशित किया गया है। इस फ़िल्म में मनोज कुमार, वहीदा रहमान, मुमताज़, प्राण, महमूद, ललिता पवार और अरुणा ईरानी ने मुख्य भूमिका निभाई है। इस फ़िल्म के गीतकार थे मजरुह सुल्तानपुरी और गीतों को स्वरबद्ध किया था लक्ष्मीकांत प्यारेलाल की जोड़ी ने। .

गुलशन नन्दा और पत्थर के सनम के बीच समानता

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गुलशन नन्दा और पत्थर के सनम के बीच तुलना

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संदर्भ

यह लेख गुलशन नन्दा और पत्थर के सनम के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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