3 संबंधों: समान्तर श्रेढ़ी, हरात्मक श्रेणी, गुणोत्तर श्रेढ़ी।
समान्तर श्रेढ़ी
गणित में समान्तर श्रेणी (Arithmetic progression) अथवा समान्तर अनुक्रम संख्याओं का एक ऐसा अनुक्रम है जिसके दो क्रमागत पदो का अन्तर नियत होता है। जैसे अनुक्रम 4, 7, 10, 13, 16...
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हरात्मक श्रेणी
गणित में हरात्मक श्रेणी अपसारी अनन्त श्रेणी है: इसका नामकरण समान्तर श्रेणी के व्युत्क्रम से हुआ है। समान्तर श्रेणी के पदों को यहां हर में लिखा जाता है अर्थात समान्तर श्रेणी के पद a_i से सम्बंधित हरात्मक श्रेणी का पद \frac है। अंग्रेजी में इसे हार्मोनिक श्रेणी कहते हैं जिसकी अवधारणा संगीत की धुन से हुआ। एक कम्पनशील तंतु से निकलने वाल अधिस्वरक (धुन) 1/2, 1/3, 1/4, आदि, तंतु की मूलभूत तरंगदैर्घ्य हैं। प्रथम पद के बाद श्रेणी का प्रत्येक पद अपने पास वाले पदों का हरात्मक माध्य होता है। .
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गुणोत्तर श्रेढ़ी
गणित में संख्याओं के ऐसे श्रेढ़ी को गुणोत्तर श्रेढ़ी (geometric progression या geometric sequence या GP) कहते हैं जिसके किन्हीं दो क्रमागत पदों का अनुपात अचर (constant) हो। गुणोत्तर श्रेढ़ी का प्रत्येक पद पिछले पद में एक नियत अशून्य संख्या का गुणा करने से प्राप्त होता है। इस नियत संख्या को 'सार्व अनुपात' (common factor) कहते हैं। उदाहरण के लिये 2, 6, 18, 54,... एक गुणोत्तर श्रेढ़ी है जिसका सार्व अनुपात ३ है। इसी प्रकार 10, 5, 2.5, 1.25,... भी एक गुणोत्तर श्रेढ़ी है जिसका सार्व अनुपात ०.५ है। किसी गुणोत्तर श्रेढ़ी का सर्वनिष्त अनुप ऋणात्मक भी हो सकता है ऐसी श्रेढ़ी के पद धनात्मक, ऋणात्मक, धनात्मक....