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गुट निरपेक्ष आंदोलन

सूची गुट निरपेक्ष आंदोलन

गुट निरपेक्ष आंदोलन (NAM) राष्ट्रों की एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था है, जिहोंने निश्चय किया है, कि विश्व के वे किसी भी पावर ब्लॉक के संग या विरोध में नहीं रहेंगे। यह आंदोलन भारत के प्रधान मंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू, मिस्र के पूर्व राष्ट्रपति गमाल अब्दुल नासीर युगोस्लाविया के राष्ट्रपति list .

19 संबंधों: द्वितीय विश्वयुद्ध, न्यूयॉर्क, भारत का प्रधानमन्त्री, मिस्र, यूगोस्लाविया, राष्ट्रपति, शीतयुद्ध, संयुक्त राष्ट्र, संयुक्त राज्य, हवाना, होस्नी मुबारक, जवाहरलाल नेहरू, जोसिप ब्रोज़ टिटो, १६ सितम्बर, २००३, २००६, २००७, २६ नवम्बर, २८ सितंबर

द्वितीय विश्वयुद्ध

द्वितीय विश्वयुद्ध १९३९ से १९४५ तक चलने वाला विश्व-स्तरीय युद्ध था। लगभग ७० देशों की थल-जल-वायु सेनाएँ इस युद्ध में सम्मलित थीं। इस युद्ध में विश्व दो भागों मे बँटा हुआ था - मित्र राष्ट्र और धुरी राष्ट्र। इस युद्ध के दौरान पूर्ण युद्ध का मनोभाव प्रचलन में आया क्योंकि इस युद्ध में लिप्त सारी महाशक्तियों ने अपनी आर्थिक, औद्योगिक तथा वैज्ञानिक क्षमता इस युद्ध में झोंक दी थी। इस युद्ध में विभिन्न राष्ट्रों के लगभग १० करोड़ सैनिकों ने हिस्सा लिया, तथा यह मानव इतिहास का सबसे ज़्यादा घातक युद्ध साबित हुआ। इस महायुद्ध में ५ से ७ करोड़ व्यक्तियों की जानें गईं क्योंकि इसके महत्वपूर्ण घटनाक्रम में असैनिक नागरिकों का नरसंहार- जिसमें होलोकॉस्ट भी शामिल है- तथा परमाणु हथियारों का एकमात्र इस्तेमाल शामिल है (जिसकी वजह से युद्ध के अंत मे मित्र राष्ट्रों की जीत हुई)। इसी कारण यह मानव इतिहास का सबसे भयंकर युद्ध था। हालांकि जापान चीन से सन् १९३७ ई. से युद्ध की अवस्था में था किन्तु अमूमन दूसरे विश्व युद्ध की शुरुआत ०१ सितम्बर १९३९ में जानी जाती है जब जर्मनी ने पोलैंड पर हमला बोला और उसके बाद जब फ्रांस ने जर्मनी पर युद्ध की घोषणा कर दी तथा इंग्लैंड और अन्य राष्ट्रमंडल देशों ने भी इसका अनुमोदन किया। जर्मनी ने १९३९ में यूरोप में एक बड़ा साम्राज्य बनाने के उद्देश्य से पोलैंड पर हमला बोल दिया। १९३९ के अंत से १९४१ की शुरुआत तक, अभियान तथा संधि की एक शृंखला में जर्मनी ने महाद्वीपीय यूरोप का बड़ा भाग या तो अपने अधीन कर लिया था या उसे जीत लिया था। नाट्सी-सोवियत समझौते के तहत सोवियत रूस अपने छः पड़ोसी मुल्कों, जिसमें पोलैंड भी शामिल था, पर क़ाबिज़ हो गया। फ़्रांस की हार के बाद युनाइटेड किंगडम और अन्य राष्ट्रमंडल देश ही धुरी राष्ट्रों से संघर्ष कर रहे थे, जिसमें उत्तरी अफ़्रीका की लड़ाइयाँ तथा लम्बी चली अटलांटिक की लड़ाई शामिल थे। जून १९४१ में युरोपीय धुरी राष्ट्रों ने सोवियत संघ पर हमला बोल दिया और इसने मानव इतिहास में ज़मीनी युद्ध के सबसे बड़े रणक्षेत्र को जन्म दिया। दिसंबर १९४१ को जापानी साम्राज्य भी धुरी राष्ट्रों की तरफ़ से इस युद्ध में कूद गया। दरअसल जापान का उद्देश्य पूर्वी एशिया तथा इंडोचायना में अपना प्रभुत्व स्थापित करने का था। उसने प्रशान्त महासागर में युरोपीय देशों के आधिपत्य वाले क्षेत्रों तथा संयुक्त राज्य अमेरीका के पर्ल हार्बर पर हमला बोल दिया और जल्द ही पश्चिमी प्रशान्त पर क़ब्ज़ा बना लिया। सन् १९४२ में आगे बढ़ती धुरी सेना पर लगाम तब लगी जब पहले तो जापान सिलसिलेवार कई नौसैनिक झड़पें हारा, युरोपीय धुरी ताकतें उत्तरी अफ़्रीका में हारीं और निर्णायक मोड़ तब आया जब उनको स्तालिनग्राड में हार का मुँह देखना पड़ा। सन् १९४३ में जर्मनी पूर्वी युरोप में कई झड़पें हारा, इटली में मित्र राष्ट्रों ने आक्रमण बोल दिया तथा अमेरिका ने प्रशान्त महासागर में जीत दर्ज करनी शुरु कर दी जिसके कारणवश धुरी राष्ट्रों को सारे मोर्चों पर सामरिक दृश्टि से पीछे हटने की रणनीति अपनाने को मजबूर होना पड़ा। सन् १९४४ में जहाँ एक ओर पश्चिमी मित्र देशों ने जर्मनी द्वारा क़ब्ज़ा किए हुए फ़्रांस पर आक्रमण किया वहीं दूसरी ओर से सोवियत संघ ने अपनी खोई हुयी ज़मीन वापस छीनने के बाद जर्मनी तथा उसके सहयोगी राष्ट्रों पर हमला बोल दिया। सन् १९४५ के अप्रैल-मई में सोवियत और पोलैंड की सेनाओं ने बर्लिन पर क़ब्ज़ा कर लिया और युरोप में दूसरे विश्वयुद्ध का अन्त ८ मई १९४५ को तब हुआ जब जर्मनी ने बिना शर्त आत्मसमर्पण कर दिया। सन् १९४४ और १९४५ के दौरान अमेरिका ने कई जगहों पर जापानी नौसेना को शिकस्त दी और पश्चिमी प्रशान्त के कई द्वीपों में अपना क़ब्ज़ा बना लिया। जब जापानी द्वीपसमूह पर आक्रमण करने का समय क़रीब आया तो अमेरिका ने जापान में दो परमाणु बम गिरा दिये। १५ अगस्त १९४५ को एशिया में भी दूसरा विश्वयुद्ध समाप्त हो गया जब जापानी साम्राज्य ने आत्मसमर्पण करना स्वीकार कर लिया। .

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न्यूयॉर्क

यह लेख न्यूयॉर्क प्रांत के बारे में है। शहर के लिए देखे - न्यूयॉर्क शहर, अन्य विकल्प के लिए देखे न्यूयॉर्क (बहुविकल्पी) न्यूयॉर्क (New York) पूर्वोत्तर संयुक्त राज्य अमेरिका में एक राज्य है। न्यूयॉर्क उन तेरह उपनिवेश में से एक था जिसने संयुक्त राज्य का गठन किया था। राज्य के सबसे बड़े शहर न्यूयॉर्क शहर, में राज्य की 40% से अधिक आबादी रहती हैं। राज्य की दो-तिहाई जनसंख्या न्यू यॉर्क महानगरीय क्षेत्र में रहती है, और करीब 40% लोग लांग आईलैंड में रहते हैं। राज्य और शहर का नाम 17 वीं सदी के ड्यूक ऑफ यॉर्क यानी के इंग्लैंड के भावी राजा जेम्स द्वितीय के ऊपर रखा गया है। न्यूयॉर्क शहर संयुक्त राज्य अमेरिका में सबसे अधिक आबादी वाला शहर है और एक वैश्विक शहर है। न्यूयॉर्क शहर में संयुक्त राष्ट्र का मुख्यालय है। इसे दुनिया के सांस्कृतिक, वित्तीय और मीडिया राजधानी के रूप में वर्णित किया गया है और साथ ही यह दुनिया का आर्थिक रूप से सबसे शक्तिशाली शहर है। अन्य बड़े शहर हैं बफ़ेलो, रोचेस्टर, योंकर्स, और सिरैक्यूज़, जबकि राज्य की राजधानी अल्बानी है। राज्य की सीमा न्यू जर्सी और पेन्सिलवेनिया से दक्षिण में और कनेक्टिकट, मैसाचुसेट्स और वरमॉण्ट से पूर्व में लगती है। न्यूयार्क में यूरोपीय लोगों के आगमन से पहले कई सौ वर्षों तक अल्गोनक्वियन और इरक़ुओअन बोलने वाले मूल अमेरिकी जनजातियां बसी हुई थी। आने वाले पहले यूरोपीय लोग फ्रांसीसी उपनिवेशवादियों थे। 1609 में इस क्षेत्र पर डच के लिए हेनरी हडसन द्वारा दावा किया गया, जिन्होंने एक न्यू नीदरलैंड नाम से कॉलोनी बसाई। 1664 में इंग्लैंड ने डच से कॉलोनी लेकर उस पर का कब्जा कर लिया। 2016 के अनुमान के मुताबिक राज्य की जनसंख्या 1,97,45,289 हैं। इस हिसाब से इसका सभी राज्यों में चौथा स्थान हुआ। क्षेत्र के मामले में इसका स्थान 27वां है। लगभग 70% जनता सिर्फ अंग्रेजी बोलती है, 15% स्पेनी, 3% चीनी, बाकी अन्य। श्रेणी:संयुक्त राज्य अमेरिका के राज्य.

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भारत का प्रधानमन्त्री

भारत गणराज्य के प्रधानमन्त्री (सामान्य वर्तनी:प्रधानमंत्री) का पद भारतीय संघ के शासन प्रमुख का पद है। भारतीय संविधान के अनुसार, प्रधानमन्त्री केंद्र सरकार के मंत्रिपरिषद् का प्रमुख और राष्ट्रपति का मुख्य सलाहकार होता है। वह भारत सरकार के कार्यपालिका का प्रमुख होता है और सरकार के कार्यों के प्रति संसद को जवाबदेह होता है। भारत की संसदीय राजनैतिक प्रणाली में राष्ट्रप्रमुख और शासनप्रमुख के पद को पूर्णतः विभक्त रखा गया है। सैद्धांतिकरूप में संविधान भारत के राष्ट्रपति को देश का राष्ट्रप्रमुख घोषित करता है और सैद्धांतिकरूप में, शासनतंत्र की सारी शक्तियों को राष्ट्रपति पर निहित करता है। तथा संविधान यह भी निर्दिष्ट करता है कि राष्ट्रपति इन अधिकारों का प्रयोग अपने अधीनस्थ अधकारियों की सलाह पर करेगा। संविधान द्वारा राष्ट्रपति के सारे कार्यकारी अधिकारों को प्रयोग करने की शक्ति, लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित, प्रधानमन्त्री को दी गयी है। संविधान अपने भाग ५ के विभिन्न अनुच्छेदों में प्रधानमन्त्रीपद के संवैधानिक अधिकारों और कर्तव्यों को निर्धारित करता है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद ७४ में स्पष्ट रूप से मंत्रिपरिषद की अध्यक्षता तथा संचालन हेतु प्रधानमन्त्री की उपस्थिति को आवश्यक माना गया है। उसकी मृत्यु या पदत्याग की दशा मे समस्त परिषद को पद छोडना पडता है। वह स्वेच्छा से ही मंत्रीपरिषद का गठन करता है। राष्ट्रपति मंत्रिगण की नियुक्ति उसकी सलाह से ही करते हैं। मंत्री गण के विभाग का निर्धारण भी वही करता है। कैबिनेट के कार्य का निर्धारण भी वही करता है। देश के प्रशासन को निर्देश भी वही देता है तथा सभी नीतिगत निर्णय भी वही लेता है। राष्ट्रपति तथा मंत्रीपरिषद के मध्य संपर्कसूत्र भी वही हैं। मंत्रिपरिषद का प्रधान प्रवक्ता भी वही है। वह सत्तापक्ष के नाम से लड़ी जाने वाली संसदीय बहसों का नेतृत्व करता है। संसद मे मंत्रिपरिषद के पक्ष मे लड़ी जा रही किसी भी बहस मे वह भाग ले सकता है। मन्त्रीगण के मध्य समन्वय भी वही करता है। वह किसी भी मंत्रालय से कोई भी सूचना आवश्यकतानुसार मंगवा सकता है। प्रधानमन्त्री, लोकसभा में बहुमत-धारी दल का नेता होता है, और उसकी नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा लोकसभा में बहुमत सिद्ध करने पर होती है। इस पद पर किसी प्रकार की समय-सीमा निर्धारित नहीं की गई है परंतु एक व्यक्ति इस पद पर केवल तब तक रह सकता है जबतक लोकसभा में बहुमत उसके पक्ष में हो। संविधान, विशेष रूप से, प्रधानमन्त्री को केंद्रीय मंत्रिमण्डल पर पूर्ण नियंत्रण प्रदान करता है। इस पद के पदाधिकारी को सरकारी तंत्र पर दी गयी अत्यधिक नियंत्रणात्मक शक्ति, प्रधानमन्त्री को भारतीय गणराज्य का सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली व्यक्ति बनाती है। विश्व की सातवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, दूसरी सबसे बड़ी जनसंख्या, सबसे बड़े लोकतंत्र और विश्व की तीसरी सबसे बड़ी सैन्य बलों समेत एक परमाणु-शस्त्र राज्य के नेता होने के कारण भारतीय प्रधानमन्त्री को विश्व के सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली व्यक्तियों में गिना जाता है। वर्ष २०१० में फ़ोर्ब्स पत्रिका ने अपनी, विश्व के सबसे शक्तिशाली लोगों की, सूची में तत्कालीन प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह को १८वीं स्थान पर रखा था तथा २०१२ और २०१३ में उन्हें क्रमशः १९वें और २८वें स्थान पर रखा था। उनके उत्तराधिकारी, नरेंद्र मोदी को वर्ष २०१४ में १५वें स्थान पर तथा वर्ष २०१५ में विश्व का ९वाँ सबसे शक्तिशाली व्यक्ति नामित किया था। इस पद की स्थापना, वर्त्तमान कर्तव्यों और शक्तियों के साथ, २६ जनवरी १९४७ में, संविधान के परवर्तन के साथ हुई थी। उस समय से वर्त्तमान समय तक, इस पद पर कुल १५ पदाधिकारियों ने अपनी सेवा दी है। इस पद पर नियुक्त होने वाले पहले पदाधिकारी जवाहरलाल नेहरू थे जबकि भारत के वर्तमान प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी हैं, जिन्हें 26 मई 2014 को इस पद पर नियुक्त किया गया था। .

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मिस्र

मिस्र (अरबी; مصر, अंग्रेजी:Egypt), आधिकारिक तौर पर मिस्र अरब गणराज्य, एक देश है जिसका अधिकांश हालांकि उत्तरी अफ्रीका में स्थित है जबकि इसका सिनाई प्रायद्वीप, दक्षिणपश्चिम एशिया में एक स्थल पुल बनाता है। इस प्रकार मिस्र एक अंतरमहाद्वीपीय देश है, तथा अफ्रीका, भूमध्य क्षेत्र, मध्य पूर्व और इस्लामी दुनिया की यह एक प्रमुख शक्ति है। इसका क्षेत्रफल 1010000 वर्ग किलोमीटर है और इसके उत्तर में भूमध्य सागर, पूर्वोत्तर में गाजा पट्टी और इस्राइल, पूर्व में लाल सागर, दक्षिण में सूडान और पश्चिम में लीबिया स्थित है। मिस्र, अफ्रीका और मध्य पूर्व के सबसे अधिक जनसंख्या वाले देशों में से एक है। इसकी अनुमानित 7.90 करोड़ जनसंख्या का अधिकतर हिस्सा नील नदी के किनारे वाले हिस्से में रहता है। नील नदी का यह क्षेत्र लगभग 40000 वर्ग किलोमीटर (15000 वर्ग मील) का है और पूरे देश का सिर्फ इसी क्षेत्र में कृषि योग्य भूमि पायी जाती है। सहारा मरुस्थल के एक बड़े हिस्से में विरल जनसंख्या निवास करती है। मिस्र के लगभग आधे निवासी शहरों में वास करते हैं जिनमें नील नदी के मुहाने के क्षेत्र में बसे सघन जनसंख्या वाले शहर जैसे कि काहिरा, सिकन्दरिया आदि प्रमुख हैं। मिस्र की मान्यता उसकी प्राचीन सभ्यता के लिए है। गीज़ा पिरामिड परिसर और महान स्फिंक्स जैसे प्रसिद्ध स्मारक यहीं स्थित है। मिस्र के प्राचीन खंडहर जैसे कि मेम्फिस, थेबिस, करनाक और राजाओं की घाटी जो लक्सर के बाहर स्थित हैं, पुरातात्विक अध्ययन का एक महत्वपूर्ण केंद्र हैं। यहां के शासक को फारो नाम से जाना जाता था। इस पदवी का प्रयोग ईसाई और इस्लाम काल के पूर्व काल में होता था। इसे फारोह भी लिखते हैं। फारो को मिस्र के देवता होरसका पुनर्जन्म माना जाता था। होरस द्यौ (आकाश) का देवता था और इसे सूर्य भी माना जाता था। मिस्र की कार्यशक्ति का लगभग 12% हिस्सा पर्यटन और लाल सागर रिवेरा में कार्यरत है। मध्य पूर्व में, मिस्र की अर्थव्यवस्था सबसे अधिक विकसित और विविध अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। पर्यटन, कृषि, उद्योग और सेवा जैसे क्षेत्रों का उत्पादन स्तर लगभग एक समान है। 2011 के शुरूआत में मिस्र उस क्रांति का गवाह बना, जिसके द्वारा मिस्र से होस्नी मुबारक नाम के तानाशाह के 30 साल के शासन का खात्मा हुआ। .

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यूगोस्लाविया

यूगोस्लाविया यूरोप का एक देश है जिसकी स्थापना १९१८ में हुई। श्रेणी:यूरोप यूगोस्लाविया स्थिति: 40 51 से 46 53 उ0 अ0 तथा 13 23 से 23 2 पू0 दे0। यह ऐड्रिऐटिक सागर के किनारे, बॉल्कन प्रायद्वीप के पश्चिम में स्थित, मध्य यूरोप का एक साभ्यवादी देश है। इसका क्षेत्रफल 99,181 वर्ग मील है। उत्तर-पश्चिम से इसकी अधिकतम लंबाई लगभग 575 मील और पूर्व से पश्चिम अधिकतम चौड़ाई लगभग 400 मील है। इसका समुद्रतट लगभग 1,000 मील लंबा तथा हजारों टापुओं से युक्त है। समुद्र की सतह से यहाँ की अधिकतम ऊँचाई 9,395 फुट है। यूगोस्लाविया को तीन मुख्य भौगोलिक प्रदेशों में बाँटा गया है: (क) समुद्रतटीय मैदान, जो ऐड्रिऐटिक सागर के किनारे एक सँकरी पट्टी में विस्तृत है। इसी से लगा हुआ लंबा, सँकरा, समुद्री किनारा है, जिसके समांतर सैकड़ों निम्न टापू स्थित हैं; (ख) पर्वतीय प्रदेश, जो समूद्रतटीय मैदान के पीछे स्थित है। यह अत्यंत ऊबड़ फैला है तथा (ग) आंतरिक डैन्यूब घाटी, जो देश का अत्यंत उपजाऊ एवं अधिक जनसंख्यावाला भाग है। यहाँ अनेक पर्वतश्रेणियाँ हैं, जिनमें डिनैरिक ऐल्प्स, जूलियन ऐल्प्स, करावंकेन ऐल्प्स तथा वलबिट मुख्य हैं। नदियों में डैन्यूब, सावा, मोरावा, डावा, वरडार, नरेतवा, ड्राइना तथा तीजा प्रमुख हैं। यूगास्लाविया में कई झीलें भी हैं। ऐड्रिऐटिक तट की जलवायु सम है। वर्षा अधिकतर बसंत ऋतु में होती है। दक्षिणी भाग की औसत वार्षिक वर्षा लगभग 65 इंच है। डेन्यूब घाटी की जलवायु वर्ष भर नम रहती है। गरमी में गरम तथा तर और जाड़े में ठंढी एवं बर्फीली जलवायु रहती है। पर्वतीय प्रदेश की जलवायु शुष्क रहती है। यहाँ सीसा, बौक्साइट, कच्चा ऐलुमिनियम, ताँबा पारा, जस्ता, क्रोमियम, लोहा, कोयला, सोना, मैंगनीज आदि के खनिज मिलते हैं। यहाँ का 1/3 भूभाग जंगलों से ढँका है। पहाड़ी क्षेत्रों में रहनेवाले गड़रिये तथा अन्य लोग जिसकी लाठी उसकी भैंस के सिद्धांत को मानते हैं परंतु अनुशासन के लिये अपने सरदार के आदेशों का पालन करना अपना धर्म समझते हैं। इनके समाज में पुरूषों का स्थान स्त्रियों से अधिक ऊँचा है। ये लोग बड़े चतुर और परिश्रमी होते हैं। मैदानों के रहनेवाले लोग इनके ठीक विपरीत होते हैं। ये शांतिप्रिय एवं स्त्रियों को संमानित पद देनेवाले होते हैं और खेतों अथवा कारखानों में अधिक परिश्रम करते हैं। यूगोसलाविया में मुख्यत: तीन भाषाएँ प्रचलित हैं: (क) सेब्रोक्रोटियन (ख) स्लोवेनिन तथा (ग) मैसीडोनियन। इसमें सर्बिया एवं बल्गेरिया दोनों स्थानों के तत्व मिलते हैं। ये सभी भाषाएँ एक दूसरे से समानता रखती हैं परंतु प्रत्येक भाषा की अपनी विशिष्टता है। कृषि में गेहूँ जई, जौ, मक्का, तंबाकू, चुकंदर, पटुआ, सन, आलू, चारा आदि यहाँ की प्रमुख उपजें हैं। यहाँ भेड़, बकरियाँ, सूअर अधिक पाले जाते हैं। यहाँ के भारी उद्योग अधिकतर देश के पश्चिमी भागों में केंद्रित हैं। लोहा तथा इस्पात, लकड़ी के सामान,श् सूती वस्त्र, ऊनी कालीन, चमड़े, लकड़ी तथा धातु की वस्तुएँ, शराब, चीनी आदि बनाने के उद्योग प्रमुख हैं। मुख्य नगरों को रेलों द्वारा जोड़ा गया है। कुछ अच्छी सड़कों का भी निर्माण हुआ है, जैसे बेलग्रेड- जाग्रेब सड़क। देश के वीरान भागों के यातायात के लिये हवाई जहाजों का उपयोग किया जाता है। यहाँ छोटे बड़े कई आकाशवाणी केंद्र, टेलीफोन, टेलीग्राफ एवं डाक की सेवाएँ चालू हैं। बेलग्रेड यहाँ का सबसे महत्वपूर्ण नगर एवं राजधानी है। इसके अतिरिक्त रियेका (पयूम), सारायेवो, ल्यूब्ल्यािना, नोवीसाद, स्कापियये, स्प्लिट, जाग्रेब आदि यहाँ के अन्य प्रमुख नगर हैं। यूगोस्लाविया में शिक्षा एक समस्या है। अनेक भाषाएँ होने के कारण सभी जगह एक सी सुविधा प्रदान करना कठिन है। यहाँ भूगोल, इतिहास और विज्ञान की शिक्षा पर अधिक जोर दिया जाता है। यहाँ की कला पर यहाँ की उलझी हुई जातीय तथा धार्मिक पृष्ठभूमि की छाप मिलती है। लोगों में सभी प्रकार के कला कौशल के लिये अच्छा रूझान है। यहाँ अत्यधिक कुशल कारीगर, बुनकर, लकड़हारे, पत्थर तराश, एवं धातु के कारीगर मिलते हैं।.

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राष्ट्रपति

राष्ट्रपति किसी देश की सरकार का सांवैधानिक प्रमुख होता है। .

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शीतयुद्ध

नाटो तथा वार्सा संधि के देश द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद के काल में संयुक्त राज्य अमेरिका और सोवियत रूस के बीच उत्पन्न तनाव की स्थिति को शीत युद्ध के नाम से जाना जाता है। कुछ इतिहासकारों द्वारा इसे 'शस्त्र सज्जित शान्ति' का नाम भी दिया गया है। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन और रूस ने कंधे से कन्धा मिलाकर धूरी राष्ट्रों- जर्मनी, इटली और जापान के विरूद्ध संघर्ष किया था। किन्तु युद्ध समाप्त होते ही, एक ओर ब्रिटेन तथा संयुक्त राज्य अमेरिका तथा दूसरी ओर सोवियत संघ में तीव्र मतभेद उत्पन्न होने लगा। बहुत जल्द ही इन मतभेदों ने तनाव की भयंकर स्थिति उत्पन्न कर दी। रूस के नेतृत्व में साम्यवादी और अमेरिका के नेतृत्व में पूँजीवादी देश दो खेमों में बँट गये। इन दोनों पक्षों में आपसी टकराहट आमने सामने कभी नहीं हुई, पर ये दोनों गुट इस प्रकार का वातावरण बनाते रहे कि युद्ध का खतरा सदा सामने दिखाई पड़ता रहता था। बर्लिन संकट, कोरिया युद्ध, सोवियत रूस द्वारा आणविक परीक्षण, सैनिक संगठन, हिन्द चीन की समस्या, यू-2 विमान काण्ड, क्यूबा मिसाइल संकट कुछ ऐसी परिस्थितियाँ थीं जिन्होंने शीतयुद्ध की अग्नि को प्रज्वलित किया। सन् 1991 में सोवियत रूस के विघटन से उसकी शक्ति कम हो गयी और शीतयुद्ध की समाप्ति हो गयी। .

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संयुक्त राष्ट्र

संयुक्त राष्ट्र (United Nations) एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है, जिसके उद्देश्य में उल्लेख है कि यह अंतरराष्ट्रीय कानून को सुविधाजनक बनाने के सहयोग, अन्तर्राष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति, मानव अधिकार और विश्व शांति के लिए कार्यरत है। संयुक्त राष्ट्र की स्थापना २४ अक्टूबर १९४५ को संयुक्त राष्ट्र अधिकारपत्र पर 50 देशों के हस्ताक्षर होने के साथ हुई। द्वितीय विश्वयुद्ध के विजेता देशों ने मिलकर संयुक्त राष्ट्र को अन्तर्राष्ट्रीय संघर्ष में हस्तक्षेप करने के उद्देश्य से स्थापित किया था। वे चाहते थे कि भविष्य में फ़िर कभी द्वितीय विश्वयुद्ध की तरह के युद्ध न उभर आए। संयुक्त राष्ट्र की संरचना में सुरक्षा परिषद वाले सबसे शक्तिशाली देश (संयुक्त राज्य अमेरिका, फ़्रांस, रूस और संयुक्त राजशाही) द्वितीय विश्वयुद्ध में बहुत अहम देश थे। वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र में १९३ देश है, विश्व के लगभग सारे अन्तर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त देश। इस संस्था की संरचन में आम सभा, सुरक्षा परिषद, आर्थिक व सामाजिक परिषद, सचिवालय और अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय सम्मिलित है। .

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संयुक्त राज्य

संयुक्त राज्य अमेरिका (United States of America) (यू एस ए), जिसे सामान्यतः संयुक्त राज्य (United States) (यू एस) या अमेरिका कहा जाता हैं, एक देश हैं, जिसमें राज्य, एक फ़ेडरल डिस्ट्रिक्ट, पाँच प्रमुख स्व-शासनीय क्षेत्र, और विभिन्न अधिनस्थ क्षेत्र सम्मिलित हैं। 48 संस्पर्शी राज्य और फ़ेडरल डिस्ट्रिक्ट, कनाडा और मेक्सिको के मध्य, केन्द्रीय उत्तर अमेरिका में हैं। अलास्का राज्य, उत्तर अमेरिका के उत्तर-पश्चिमी भाग में स्थित है, जिसके पूर्व में कनाडा की सीमा एवं पश्चिम मे बेरिंग जलसन्धि रूस से घिरा हुआ है। वहीं हवाई राज्य, मध्य-प्रशान्त में स्थित हैं। अमेरिकी स्व-शासित क्षेत्र प्रशान्त महासागर और कॅरीबीयन सागर में बिखरें हुएँ हैं। 38 लाख वर्ग मील (98 लाख किमी2)"", U.S. Census Bureau, database as of August 2010, excluding the U.S. Minor Outlying Islands.

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हवाना

हवाना (स्पेनिश: ला हबाना) क्यूबा की राजधानी, सबसे बड़ा शहर, प्रांत, प्रमुख बंदरगाह, और प्रमुख वाणिज्यिक केंद्र है। शहर की आबादी लगभग 2.1 मिलियन है, और यह कुल 728.26 किमी2 (281.18 वर्ग मील) में फैले क्षेत्र के साथ यह कैरीबियाई क्षेत्र का सबसे अधिक आबादी वाला शहर और चौथा सबसे बड़ा महानगरीय क्षेत्र है। शहर ज्यादातर पश्चिम और दक्षिण खाड़ी की ओर फैला हुआ है, शहर से लगे तीन मुख्य बंदरगाहों है: मारिमेलेना, गुआनाबाकोआ और एटारस। मंदगति के साथ अलमेन्डर्स नदी शहर में दक्षिण से उत्तर की ओर बहती है, खाड़ी के पश्चिम में कुछ मील की दूरी पर फ्लोरिडा के दहाने में प्रवेश करती है। 16वीं शताब्दी में स्पेनिश द्वारा हवाना शहर की स्थापना की गई थी और इसकी रणनीतिक स्थिती होने के कारण यह अमेरिका की स्पेनिश विजय के लिए एक फ़ौजों की चौकी के रूप में कार्य करता था, जो खजाने को स्पेन भेजने वाले स्पेनिश जहानों के लिए एक महत्वपूर्ण बिंदु बन गया। स्पेन के राजा फिलिप द्वितीय ने 1592 में हवाना को शहर का खिताब दिया। पुराने शहर की रक्षा के लिए दीवारों और किलों का निर्माण किया गया था। 1898 में हवाना के बंदरगाह में अमेरिकी युद्धपोत मेन का डूबना स्पेनिश-अमेरिकी युद्ध का तत्कालिन कारण बना था। समकालीन हवाना को एक ही में स्थित तीन शहरों के रूप में वर्णित किया जा सकता है: ओल्ड हवाना, वेदडो और नए उपनगरीय जिलें। यह शहर क्यूबा सरकार का केंद्र है, और विभिन्न मंत्रालयों, व्यवसायों के मुख्यालय और 90 से अधिक राजनयिक कार्यालयों का घर है। वर्तमान महापौर कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ क्यूबा (पीसीसी) के मार्टा हर्नैन्डेज़ हैं। 2009 में, शहर/प्रांत की देश में तीसरी सबसे ज्यादा आय थी। शहर सालाना दस लाख से अधिक पर्यटकों को आकर्षित करता है; हवाना के लिए आधिकारिक जनगणना रिपोर्ट के अनुसार 2010 में शहर में 1,176,627 अंतर्राष्ट्रीय पर्यटक आए थे, जोकि 2005 से 20% में वृद्धि हुई थी। 1982 में, ओल्ड हवाना को यूनेस्को की विश्व विरासत स्थल घोषित किया गया था। शहर अपने इतिहास, संस्कृति, वास्तुकला और स्मारकों के लिए भी जाना जाता है। क्यूबा के विशिष्ट होने के नाते, हवाना एक उष्णकटिबंधीय जलवायु का अनुभव करते हैं। मई 2015 में, हवाना को बेरूत, दोहा, डरबन, कुआलालंपुर, ला पास और विगान के साथ तथाकथित न्यू 7 वंडर्स शहरों में से एक के रूप में चुना गया था। .

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होस्नी मुबारक

होस्नी मुबारक मुहम्मद होस्नी सईद सईद इब्राहिम मुबारक, (सामान्यतः होस्नी मुबारक) (जन्म: ४ मई १९२८) अरब गणराज्य मिस्र के चौथे और पूर्व राष्ट्रपति हैं। उन्हें १९७५ में उप राष्ट्रपति नियुक्त किया गया और १४ अक्टूबर १९८१ को राष्ट्रपति अनवर अल-सदात की हत्या के बाद उन्होंने राष्ट्रपति का पद संभाला। मुहम्मद अली पाशा के बाद वे सबसे लंबे समय से मिस्र के शासक रहे हैं। वर्ष १९९५ में इन्हें जवाहर लाल नेहरू पुरस्कार से सम्मानित किया गया। श्रेणी:राजनीतिज्ञ श्रेणी:मिस्र के राष्ट्रपति.

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जवाहरलाल नेहरू

जवाहरलाल नेहरू (नवंबर १४, १८८९ - मई २७, १९६४) भारत के प्रथम प्रधानमन्त्री थे और स्वतन्त्रता के पूर्व और पश्चात् की भारतीय राजनीति में केन्द्रीय व्यक्तित्व थे। महात्मा गांधी के संरक्षण में, वे भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन के सर्वोच्च नेता के रूप में उभरे और उन्होंने १९४७ में भारत के एक स्वतन्त्र राष्ट्र के रूप में स्थापना से लेकर १९६४ तक अपने निधन तक, भारत का शासन किया। वे आधुनिक भारतीय राष्ट्र-राज्य – एक सम्प्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, और लोकतान्त्रिक गणतन्त्र - के वास्तुकार मानें जाते हैं। कश्मीरी पण्डित समुदाय के साथ उनके मूल की वजह से वे पण्डित नेहरू भी बुलाएँ जाते थे, जबकि भारतीय बच्चे उन्हें चाचा नेहरू के रूप में जानते हैं। स्वतन्त्र भारत के प्रथम प्रधानमन्त्री का पद सँभालने के लिए कांग्रेस द्वारा नेहरू निर्वाचित हुएँ, यद्यपि नेतृत्व का प्रश्न बहुत पहले 1941 में ही सुलझ चुका था, जब गांधीजी ने नेहरू को उनके राजनीतिक वारिस और उत्तराधिकारी के रूप में अभिस्वीकार किया। प्रधानमन्त्री के रूप में, वे भारत के सपने को साकार करने के लिए चल पड़े। भारत का संविधान 1950 में अधिनियमित हुआ, जिसके बाद उन्होंने आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक सुधारों के एक महत्त्वाकांक्षी योजना की शुरुआत की। मुख्यतः, एक बहुवचनी, बहु-दलीय लोकतन्त्र को पोषित करते हुएँ, उन्होंने भारत के एक उपनिवेश से गणराज्य में परिवर्तन होने का पर्यवेक्षण किया। विदेश नीति में, भारत को दक्षिण एशिया में एक क्षेत्रीय नायक के रूप में प्रदर्शित करते हुएँ, उन्होंने गैर-निरपेक्ष आन्दोलन में एक अग्रणी भूमिका निभाई। नेहरू के नेतृत्व में, कांग्रेस राष्ट्रीय और राज्य-स्तरीय चुनावों में प्रभुत्व दिखाते हुएँ और 1951, 1957, और 1962 के लगातार चुनाव जीतते हुएँ, एक सर्व-ग्रहण पार्टी के रूप में उभरी। उनके अन्तिम वर्षों में राजनीतिक मुसीबतों और 1962 के चीनी-भारत युद्ध में उनके नेतृत्व की असफलता के बावजूद, वे भारत के लोगों के बीच लोकप्रिय बने रहें। भारत में, उनका जन्मदिन बाल दिवस के रूप में मनाया जाता हैं। .

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जोसिप ब्रोज़ टिटो

जोसिप ब्रोज़ टिटो जोसिप ब्रोज़ टिटो (सिरिलिक लिपि: Јосип Броз Тито, (७ या २५ मई १८९२ - ४ मई १९८०) एक युगोस्लाव क्रांतिकारी और राजनेता थे। वे यूगोस्लाविया कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव (बाद में राष्ट्रपति)(1939-80) थे, जिन्होंने द्वितीय विश्वयुद्घ के दौरान युगोस्लाव प्रतिरोध आंदोलन (१९४१-४५) का नेतृत्व किया। युद्ध के बाद वे समाजवादी संघीय गणराज्य युगोस्लाविया (SFRY) के प्रधानमंत्री (१९४५-६३) और बाद में राष्ट्रपति (१९५३-८०) बने। १९४३ से लेकर १९८० में मौत तक वे युगोस्लाव सेना, युगोस्लाव पीपुल्स सेना (JNA) के सर्वोच्च कमांडर के रूप में मार्शल ऑफ युगोस्लाविया के पद पर आसीन रहे। टिटो " दूसरे यूगोस्लाविया" के रूप में द्वितीय विश्व युद्ध से लेकर १९९१ तक बरकरार एक समाजवादी महासंघ के मुख्य वास्तुकार थे। कोमिन्फोर्म के संस्थापकों में से एक होने के बावजूद वे सोवियत आधिपत्य की उपेक्षा करने वाले पहले और इकलौते कोमिन्फोर्म सदस्य थे। समाजवाद के स्वतंत्र राह के पैरोकार होने के साथ-साथ वे गुट निरपेक्ष आंदोलन के मुख्य संस्थापकों और प्रथम महासचिव थे। इस तरह से उन्होंने शीतयुद्ध के दौरान दो विरोधी ब्लॉक के बीच गुट निरपेक्ष की नीति का समर्थन किया। श्रेणी:राजनीतिज्ञ.

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१६ सितम्बर

16 सितंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 259वां (लीप वर्ष मे 260 वां) दिन है। साल मे अभी और 106 दिन बाकी है।.

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२००३

२००३ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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२००६

२००६ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। वर्ष २००६ रविवार से प्रारम्भ होने वाला वर्ष है। .

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२००७

वर्ष २००७ सोमवार से प्रारम्भ होने वाला ग्रेगोरी कैलंडर का सामान्य वर्ष है। .

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२६ नवम्बर

२६ नवंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३३०वाँ (लीप वर्ष मे ३३१वाँ) दिन है। वर्ष मे अभी और ३५ दिन बाकी है। .

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२८ सितंबर

28 सितंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 281वॉ (लीप वर्ष में 282 वॉ) दिन है। साल में अभी और 94 दिन बाकी है। .

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