गायन समय और शास्त्रीय संगीत
शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ।
गायन समय और शास्त्रीय संगीत के बीच अंतर
गायन समय vs. शास्त्रीय संगीत
भारतीय शास्त्रीय संगीत में प्रत्येक राग के गाने का समय निश्चित है। यह समय दिन या रात के प्रहरों में निश्चित किया गया है। दिन के चार प्रहर माने गए हैं और रात के भी चार प्रहर हैं। सभी रागों को उनकी प्रकृति के अनुसार इन आठ प्रहरों में से किसी प्रहर में गाया या बजाया जाता है। श्रेणी:भारतीय संगीत. भारतीय शास्त्रीय संगीत या मार्ग, भारतीय संगीत का अभिन्न अंग है। शास्त्रीय संगीत को ही ‘क्लासिकल म्जूजिक’ भी कहते हैं। शास्त्रीय गायन ध्वनि-प्रधान होता है, शब्द-प्रधान नहीं। इसमें महत्व ध्वनि का होता है (उसके चढ़ाव-उतार का, शब्द और अर्थ का नहीं)। इसको जहाँ शास्त्रीय संगीत-ध्वनि विषयक साधना के अभ्यस्त कान ही समझ सकते हैं, अनभ्यस्त कान भी शब्दों का अर्थ जानने मात्र से देशी गानों या लोकगीत का सुख ले सकते हैं। इससे अनेक लोग स्वाभाविक ही ऊब भी जाते हैं पर इसके ऊबने का कारण उस संगीतज्ञ की कमजोरी नहीं, लोगों में जानकारी की कमी है। .
गायन समय और शास्त्रीय संगीत के बीच समानता
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संदर्भ
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