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गायत्री छंद और वैदिक छंद

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

गायत्री छंद और वैदिक छंद के बीच अंतर

गायत्री छंद vs. वैदिक छंद

वेदों में प्रयुक्त एक छंद है। इसमें कुल तीन पाद अथवा चरण होते हैं। प्रत्येक चरण में ८ वर्ण होते हैं। कुल मिलाकर २४ वर्ण होते हैं। उदाहरण - ऋग्वेद में मिलता है यथा गायत्री मंत्र श्रेणी:वैदिक छंद. वैदिक छंद वेदों के मंत्रों में प्रयुक्त कवित्त मापों को कहा जाता है। श्लोकों में मात्राओं की संख्या और उनके लघु-गुरु उच्चारणों के क्रमों के समूहों को छंद कहते हैं - वेदों में कम से कम १५ प्रकार के छंद प्रयुक्त हुए हैं। गायत्री छंद इनमें सबसे प्रसिद्ध है जिसके नाम ही एक मंत्र का नाम गायत्री मंत्र पड़ा है। इसके अलावे अनुष्टुप, त्रिष्टुप इत्यादि छंद हुए हैं। पिंगल द्वारा रचित छंदशास्त्र वैदिक छंदों की सबसे मान्य विवेचना है। इनके विवरण इस सूची में दिए गए हैं- .

गायत्री छंद और वैदिक छंद के बीच समानता

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गायत्री छंद और वैदिक छंद के बीच तुलना

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संदर्भ

यह लेख गायत्री छंद और वैदिक छंद के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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