गामा किरण और परिशून्यन
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गामा किरण और परिशून्यन के बीच अंतर
गामा किरण vs. परिशून्यन
गामा किरण (γ-किरण) एक प्रकार का विद्युत चुम्बकीय विकिरण या फोटॉन हैं, जो परमाणु-नाभिक के रेडियोसक्रिय क्षय से उत्पन्न होता है। गामा किरणों के फोटॉनों की ऊर्जा अब तक प्रेक्षित अन्य सभी फोटॉनों की ऊर्जा से अधिक होती है। सन १९०० में फ्रांस के भौतिकशास्त्री पॉल विलार्ड ने इसकी खोज की थी जब वे रेडियम से निकलने वाले विकिरण का अध्ययन कर रहे थे। जब परमाणु का नाभिक एक उच्च ऊर्जा स्तर से निम्न ऊर्जा स्तर पर क्ष्यित होता है तो इस प्रक्रिया में गामा किरणें निकली हैं। इस प्रक्रिया को गामा-क्षय (gamma decay) कहा जाता है। अपने ऊँचे ऊर्जा स्तर के कारण, जैविक कोशिका द्वारा सोख लिए जाने पर अत्यंत नुकसान पहुँचा सकती हैं। . परिशून्यन (Annihilation) किसी वस्तु के सर्वनाश अथवा पूर्णतः समाप्त होने की अवस्था का नाम है। संस्कृतनिष्ट शब्द परिशून्यन का शाब्दिक अर्थ परम रूप से शून्य होना। भौतिक विज्ञान में, यह शब्द सामान्यतः अपपरमाण्विक कणों की उनके प्रतिकणों से होने वाली टक्कर में घटित घटना की प्रक्रिया को निरूपित करने के लिए प्रयुक्त किया जाता है। इसका एक उदाहरण चित्र में दिखाया गया है जहाँ एक इलेक्ट्रॉन अपने प्रतिकण पॉजिट्रॉन के साथ परिशून्यन करके एक फोटोन युग्म देता है। .
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संदर्भ
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