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गांधार (जनपद) और तिब्बती साहित्य

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

गांधार (जनपद) और तिब्बती साहित्य के बीच अंतर

गांधार (जनपद) vs. तिब्बती साहित्य

गांधार प्राचीन भारत के 16 महाजनपदों में से एक था। इस प्रदेश का मुख्य केन्द्र आधुनिक पेशावर और आसपास के इलाके थे। इस महाजनपद के प्रमुख नगर थे - पुरुषपुर (आधुनिक पेशावर) तथा तक्षशिला इसकी राजधानी थी। इसका अस्तित्व 600 ईसा पूर्व से 11वीं सदी तक रहा। कुषाण शासकों के दौरान यहां बौद्ध धर्म बहुत फला फूला पर बाद में मुस्लिम आक्रमण के कारण इसका पतन हो गया। महाभारत काल में यहाँ के राजन् शकुनि थे। धृतराष्ट्र की पत्नी गांधारी यहाँ की राजकुमारी थी जिसका नाम इसी के नाम पर पड़ा। . राजा गेसर का चित्र तिब्बती साहित्य से तात्पर्य तिब्बती भाषा में लिखे गये साहित्य से है। तिब्बती संस्कृति से उद्भूत साहित्य को भी 'तिब्बती साहित्य' ही कहते हैं। ऐतिहासिक रूप से तिब्बती भाषा का उपयोग कई क्षेत्रों को परस्पर जोड़ने वाली भाषा के रूप में हुआ है। इसने विभिन्न कालों में तिब्बत से मंगोलिया को, रूस, आज के भूटान, नेपाल, भारत त्था पाकिस्तान को जोडने का कार्य किया है। .

गांधार (जनपद) और तिब्बती साहित्य के बीच समानता

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संदर्भ

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