गन्धर्व और शिवमहिम्न स्तोत्र के बीच समानता
गन्धर्व और शिवमहिम्न स्तोत्र आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): गंधर्वराज पुष्पदंत, इन्द्र।
गंधर्वराज पुष्पदंत
गंधर्वराज पुष्पदंत तथा पुष्पदन्त जैन धर्म का 9वाँ तीर्थंकर के बीच भ्रमित न होवें। गंधर्वराज पुष्पदंत अथवा पुष्पदन्त बहुत ही बड़े शिवभक्त थे। शिव की भक्ति उनके मन में भरी थी। पुष्पदंत देवराज इंद्र के दरबार के महत्वपूर्ण गायक थे, उनके गीत पूरे स्वर्ग में प्रचलित थी, भूलोक भी अछूता न था। जिस प्रकार राजा इंद्र के दिन अप्सराओं के बिना नहीं कटती उसी प्रकार उन्हें पुष्पदंत के शिवमय गीत परमानंद प्रदान करते थे। इन्होंने ही प्रभासक्षेत्र में पुष्पदंतेश्वर महादेव की स्थापना की थी। तथा शिवमहिम्न स्तोत्र की रचना की थी। इन्होंने जो साहित्यदान किया इसी कारण इनका नाम सनातन धर्म के इतिहास में अमिट तथा श्वर्णिम अक्षरों में लिखा गया। .
गंधर्वराज पुष्पदंत और गन्धर्व · गंधर्वराज पुष्पदंत और शिवमहिम्न स्तोत्र ·
इन्द्र
इन्द्र (या इंद्र) हिन्दू धर्म में सभी देवताओं के राजा का सबसे उच्च पद था जिसकी एक अलग ही चुनाव-पद्धति थी। इस चुनाव पद्धति के विषय में स्पष्ट वर्णन उपलब्ध नहीं है। वैदिक साहित्य में इन्द्र को सर्वोच्च महत्ता प्राप्त है लेकिन पौराणिक साहित्य में इनकी महत्ता निरन्तर क्षीण होती गयी और त्रिदेवों की श्रेष्ठता स्थापित हो गयी। .
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गन्धर्व और शिवमहिम्न स्तोत्र के बीच तुलना
गन्धर्व 18 संबंध है और शिवमहिम्न स्तोत्र 10 है। वे आम 2 में है, समानता सूचकांक 7.14% है = 2 / (18 + 10)।
संदर्भ
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