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गतिज ऊर्जा और श्रोडिंगर समीकरण

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

गतिज ऊर्जा और श्रोडिंगर समीकरण के बीच अंतर

गतिज ऊर्जा vs. श्रोडिंगर समीकरण

गतिज ऊर्जा (Kinetic Energy) किसी पिण्ड की वह अतिरिक्त ऊर्जा है जो उसके रेखीय वेग अथवा कोणीय वेग अथवा दोनो के कारण होती है। इसका मान उस पिण्ड को विरामावस्था से उस वेग तक त्वरित करने में किये गये कार्य के बराबर होती है। यदि किसी पिण्ड की गतिज ऊर्जा E हो तो उसे विरामावस्था में लाने के लिये E के बराबर ऋणात्मक कार्य करना पड़ेगा। गतिज ऊर्जा (रेखीय गति) . क्वांटम यांत्रिकी में, श्रोडिंगर समीकरण हमें यह बताता है की किसी भौतिक निकाय की क्वांटम अवस्था समय के अनुसार कैसे बदलती है| इसे ऑस्ट्रिया के भौतिक विज्ञानी इरविन श्रोडिंगर द्वारा 1925 में स्थापित तथा 1926 में प्रकाशित किया गया था| चिरसम्मत यांत्रिकी (classical mechanics) में गति की समीकरण (ईक्वेशन ऑफ मोशन) न्यूटन के दूसरे नियम में या ऑयलर लग्रांजी समीकरण के रूप में हमे समय प्रारंभिक स्थिति और सिस्टम के विन्यास के बारे मे बताता है| परंतु क्वांटम यांत्रिकी की मानक व्याख्या में तरंग-फलन हमें भौतिक अवस्था की पूर्ण जानकारी देता है| श्रोडिंगर समीकरण ना केवल परमाणु, आणविक और उपपरमाण्विक अवस्था की जानकारी देता है बल्कि मैक्रो सिस्टम (स्थूल-काय), सम्भवतः पूरे ब्रह्मांड की जानकारी भी देता है| .

गतिज ऊर्जा और श्रोडिंगर समीकरण के बीच समानता

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सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

गतिज ऊर्जा और श्रोडिंगर समीकरण के बीच तुलना

गतिज ऊर्जा 3 संबंध है और श्रोडिंगर समीकरण 1 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (3 + 1)।

संदर्भ

यह लेख गतिज ऊर्जा और श्रोडिंगर समीकरण के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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