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खोज का युग और वास्को द गामा

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

खोज का युग और वास्को द गामा के बीच अंतर

खोज का युग vs. वास्को द गामा

खोज युग अथवा खोजयात्राओं का युग वह समय था जब १५वीं शती -१७वीं शती के प्रारंभ तक यूरोपीय देशों ने व्यापार की खोज में समुद्र के रास्ते दुनिया के अनेक नए हिस्सों की खोज की। इस व्यावसायिक खोज का प्रमुख लक्ष्य सोना, चाँदी और मसालों की प्राप्ति था। धर्मयुद्धों के बाद यूरोप के नाविकों को जरुशलम जैसे तीर्थ स्थल तथा मसालों, मोतियों, रंगों जैसी चीज़ों के लिए अरब व्यापारियों की दया पर निर्भर रहना पड़ता था जो ईसाई यूरोपियों से मनचाहा दाम वसूल करते थे। इससे परेशान होकर पुर्तगालियों ने मोरक्को जैसे मूर अफ्रीक़ी तटों पर 1420 ईस्वी में आक्रमण करना शुरु किया। इसके बाद पूरब की तरफ व्यापार का रास्ता ढूढने के लिए उन्हें अफ्रीका के पश्चिमी तट पर नौवहन कर नए रास्तों पर निकलना पड़ा। इससे अन्वेषणों का एक नया दौर आरंभ हुआ। पुर्तगाली राजकुमार हेनरी इनमें सबसे सफल हुआ। . डॉम वास्को द गामा (पुर्तगाली: Vasco da Gama) (लगभग १४६० या १४६९ - २४ दिसंबर, १५२४) एक पुर्तगाली अन्वेषक, यूरोपीय खोज युग के सबसे सफल खोजकर्ताओं में से एक और यूरोप से भारत सीधी यात्रा करने वाले जहाज़ों का कमांडर था, जो केप ऑफ गुड होप, अफ्रीका के दक्षिणी कोने से होते हुए भारत पहुँचा। वह जहाज़ द्वारा तीन बार भारत आया। उसकी जन्म की सही तिथि तो अज्ञात है लेकिन यह कहा जाता है कि वह १४९० के दशक में साइन, पुर्तगाल में एक योद्धा था। वास्को को भारत का (समुद्री रास्तों द्वारा) अन्वेषक के अलावे अरब सागर का महत्वपूर्ण नौसेनानी और ईसाई धर्म के रक्षक के रूप में भी जाना जाता है। उसकी प्रथम और बाद की यात्राओं के दौरान लिखे गए घटना क्रम को सोलहवीं सदी के अफ्रीका और केरल के जनजीवन का महत्वपूर्ण दस्तावेज माना जाता है। .

खोज का युग और वास्को द गामा के बीच समानता

खोज का युग और वास्को द गामा आम में 9 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): निकोलो द कोंटी, पेरो दा कोविल्हा, फ़ारसी भाषा, बारटोलोमीयु डियास, यरुशलम, वेनिस, इस्तांबुल, केप ऑफ़ गुड होप, अदन

निकोलो द कोंटी

निकोलो दे कोंटी (1395-1474) एक इतालवी देशाटक और अन्वेषी था जो मध्य युग में मुस्लिम व्यापारी के वेष में इटली से लेकर भारत, दक्षिण-पूर्व एशिया और संभवतः चीन तक का भ्रमण किया। ध्यान रहे कि इन देशों और इटली के बीच उस समय मुस्लिम शासकों का राज था (और आज भी है) और ईसाईयों का इस प्रदेश से होकर गुजरना बहुत मुश्किल था। भारत और पूर्व के अन्य देशों की खोज में इस भ्रमण का बहुत योगदान था। उस समय के चीन नौवाहक कप्तान जांग जे ने भी भारत की नौयात्रा की थी। दोनों के दिए विवरण मेल खाते हैं। Category:यूरोपीय अन्वेषक.

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पेरो दा कोविल्हा

पेरो दा कोविल्हा (1460-1526) एक पुर्तगाली जासूस था जिसे 1487 में (अफ़ोन्सो दा पेवा के साथ) भारत खोज में जमानी रास्ते से पूर्व की ओर रवाना किया गया था। वो मिस्र होते हुए लाल सागर तक पहुँचा। फिर अकब सागर होते हुए कुन्नूर केरल का तट पर आया। वापस काहिरा आने पर उसे अपने साथी से मुलाकात नहीं हो पाई, हाँलांकि दो और पुर्तगाली जासूसों ने उससे मुलाक़ात की। उनके हाथों सूचना भेजकर वो इथियोपिया पहुंच गया - जहाँ के राजा ने उसे पापस भेजने की बात तो कही पर उसकी मृत्यु के बाद उसके बेटे ने अपना सलाहकार नियुक्त कर लिया लेकिन वापस नहीं भेजा। उसके द्वारा भेजी गई जानकारी बाद के पुर्तगाली और अन्य यूरोपीय सामुद्रिक अन्वेषणों में बहुत काम आई। Category:पुर्तगाल के अन्वेषक.

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फ़ारसी भाषा

फ़ारसी, एक भाषा है जो ईरान, ताजिकिस्तान, अफ़गानिस्तान और उज़बेकिस्तान में बोली जाती है। यह ईरान, अफ़ग़ानिस्तान, ताजिकिस्तान की राजभाषा है और इसे ७.५ करोड़ लोग बोलते हैं। भाषाई परिवार के लिहाज़ से यह हिन्द यूरोपीय परिवार की हिन्द ईरानी (इंडो ईरानियन) शाखा की ईरानी उपशाखा का सदस्य है और हिन्दी की तरह इसमें क्रिया वाक्य के अंत में आती है। फ़ारसी संस्कृत से क़ाफ़ी मिलती-जुलती है और उर्दू (और हिन्दी) में इसके कई शब्द प्रयुक्त होते हैं। ये अरबी-फ़ारसी लिपि में लिखी जाती है। अंग्रेज़ों के आगमन से पहले भारतीय उपमहाद्वीप में फ़ारसी भाषा का प्रयोग दरबारी कामों तथा लेखन की भाषा के रूप में होता है। दरबार में प्रयुक्त होने के कारण ही अफ़गानिस्तान में इस दारी कहा जाता है। .

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बारटोलोमीयु डियास

लंदन में दक्षिण अफ्रीकी दूतावास पर डियास की प्रतिमा। बारटोलोमीयु डियास (पुर्तगाली: Bartolomeu Dias) (१४५० - २९ मई, १५००) जिसे बाथोलोमीयु डियास के नाम से भी जाना जाता है, एक पुर्तगाली अन्वेषक था और सर्वप्रथम यूरोपीय था जिसने केप ऑफ़ गुड होप से होते हुए समुद्र मार्ग से पूर्व की ओर यात्रा की। बारटोलोमीयु डियास का यात्रा मार्ग। सन् १४८७ में, पुर्तगाल के महाराज किंग जॉन द्वितीय ने डियास को पूर्व में एक ईसाई राजा प्रैस्टर जॉन की धरती की खोज करने को कहा। क्योंकि प्रैस्टर जॉन वास्तव में कोई नहीं था, डियास को कोई धरती नहीं मिली लेकिन उसे १४८८ में अटलांटिक महासागर से हिन्द महासागर होते हुए एशिया तक जाने का मार्ग अवश्य मिल गया। सन् १५०० में पैद्रो आल्वारेस काब्रॉल की ब्राज़ील की खोजयात्रा का नियोग करते समय एक समुद्री तूफ़ान में उसकी मृत्यु हो गई। बाद में उसकी एक मूर्ति केप टाउन, दक्षिण अफ़्रीका में स्थापित की गई। इस खोजयात्रा का एक अन्य उद्देश्य उन देशों में जाकर, जिनके बारे में जानकारी जोआओ अफोन्सो दि एवीरो (संभवतः इथियोपिया और एडन) जिनके साथ पुर्तगाली अच्छे संबंध चाहते थे। डियास को दक्षिण एशिया में व्यापार पर मुसलमानों के एकाधिकार को चुनैती देने के लिए भी भेजा गया था। .

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यरुशलम

येरुशलम की स्थिति यरुशलम (इब्रानी: येरुशलयिम, अरबी: अल-क़ुद्स) इज़्रायल देश की राजधानी है, जो कुछ देशों द्वारा विवादित है। ये यहूदी धर्म, ईसाई धर्म और इस्लाम धर्म, तीनों की पवित्र नगरी है। इतिहास गवाह है कि येरुशलम प्राचीन यहूदी राज्य का केन्द्र और राजधानी रहा है। यहीं यहूदियों का परमपवित्र सुलैमानी मन्दिर हुआ करता था, जिसे रोमनों ने नष्ट कर दिया था। ये शहर ईसा मसीह की कर्मभूमि रहा है। यहीं से हज़रत मुहम्मद स्वर्ग गए थे। राजधानी होने के अलावा यह एक महत्‍वपूर्ण पर्यटन स्‍थल भी है। इस शहर में 158 गिरिजाघर तथा 73 मस्जिदें स्थित हैं। इन गिरिजाघरों और मस्जिदों के अलावा भी यहाँ देखने लायक बहुत कुछ है। द इजरायल म्‍यूजियम, याद भसीम, नोबेल अभ्‍यारण, अल अक्‍सा मस्जिद, कुव्‍वत अल सकारा, मुसाला मरवान, सोलोमन टेंपल, वेस्‍टर्न वॉल, डेबिडस गुम्‍बद आदि। यहाँ के प्रमुख दर्शनीय स्‍थल हैं। .

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वेनिस

यह इटली का एक प्रमुख नगर है। सुदूर देशों में स्थित इटली में एक छोटा सा शहर हैं वैनिस, मान्यता है कि इसकी प्राकृतिक खूबसूरती एक कलाचित्र के समान दिखाई देती है, यह शहर सांस्कृतिक एवं व्यापारिक केंद्र है। नहर पर गॉनडोला नाव में सवार होकर सैलानी घूमते हैं। हर साल वैनिस में 120 रैगाटा आयोजित किए जाते हैं। रोमांचित कर देने वाला रैगाटा खेल वैनिस में पर्यटकों के बीच बेहद लोकप्रिय है। हजारों लोग इस खेल में भाग लेते हैं। इस दौरान दर्शकों में उत्साह एवं तालियों की गूँज दूर तक सुनाई देती है। वैनिस के इतिहास एवं संस्कृति से परिपूर्ण कार्निवाल के भिन्न-भिन्न प्रकार के रंग इस पर्व में उभर कर आते हैं जहाँ पर सैलानियों एवं दर्शकों के मनोरंजन के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों को आयोजित किया जाता हैं एवं यह त्योहार सेंट मार्क स्क्वेयर में प्रतिवर्ष मनाया जाता है। देश-विदेश से पर्यटक इस स्थान पर आते हैं और इस त्योहार का आनंद लेते हैं। कार्निवाल का प्रारम्भ 5 अक्टूबर से होता है और क्रिसमस तक चलता है। इस त्योहार को विशेष रूप से मनाया जाता है। यहाँ पर रंग बिरंगे मास्क पहनते हैं। रंगमंच पर नाटक में कलाकार मास्क पहने रहते हैं। सेनसा का पर्व रेनडेनटोर के पर्व यहाँ पर मनाए जाते हैं। इन पर्वों में यहाँ की संस्कृति, धर्म, मान्यता बुनी हुई है। अप्रैल से लेकर सितम्बर तक यहाँ पर नौकाओं आदि का भी आनंद उठा सकते हैं। यदि पयर्टक यहाँ के अन्य प्रसिद्ध स्थलों का भ्रमण करना चाहते हैं तो वे अकादमिया गैलरी में सजाए गए छायाचित्रों को देख सकते हैं। यह गैलरी वैनिस के प्रसिद्ध संग्रहालयों में से एक है। वैनिस के अठारहवीं शताब्दी के कलाचित्र यहाँ पर प्रदर्शित किए गए हैं। सैलानी भ्रमण के दौरान रीयाल्टो पुल पर शहर नजर आता है। यह पुल ग्रैंड कनाल पर बनाया गया है जिससे यात्रियों को सफर करने में आसानी हो। स्थानीय लोग ईसाई धर्म को मानते हैं एवं गिरजाघरों में भगवान की आराधना करते हैं। धार्मिक पर्वों के दौरान गिरजाघरों में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। मार्बल गिरजाघर या सेंटा मारिया वैनिस में स्थित है। शिल्पकारों ने इसे बहुत सुंदर प्रकार से इसे सुसज्जित किया है। क्रिसमस त्योहार के समय इस भव्य गिरजाघर को सजाया जाता है एवं एकत्रित व्यक्ति शांति की कामना करते हैं। वैनिस लोगों की शादियाँ यहाँ पर धूमधाम से मनाई जाती हैं। रंगमंच पर नाट्य कार्यक्रम हर साल रंगमंच प्रेमियों के लिए आयोजित किए जाते हैं। पर्यटक स्काला कॉट्रावीनी बोवोलो महल के विशेषता को देखने के लिए आते हैं जहाँ पर अनगिनत वृत्तखण्ड एवं सीढ़ियों को देखने के लिए यहाँ पर दर्शक आते हैं। वैनिस के प्रसिद्ध बंदरगाहों में से एक हैं वेनीशियन आर्सनल। प्राचीनकाल से यह जलसेना का केंद्र था। मनपसंद व्यंजनों में से मुख्य पिज्ज़ा एवं पास्ता यहाँ मिलते हैं। मांसाहारी व्यंजन के विभिन्न प्रकार के भोजन एवं सूप मिलते हैं। यदि यहाँ के स्थानीय व्यंजन को ढूँढ रहे हैं तब शहर के प्रसिद्ध मार्गों पर स्थित दुकानों पर सजाए गए लुभावने व्यंजनों का आनंद उठा सकते हैं। बोली जाने वाली प्रमुख भाषा हैं वेनीशीयन एवं स्पेनिश। नवंबर से लेकर जनवरी तक यहाँ का मौसम सामान्य रहता है एवं भ्रमण करने के सिए उपयुक्त हैं। श्रेणी:इटली के नगर श्रेणी:इटली में विश्व धरोहर स्थल.

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इस्तांबुल

इतिहास में कस्न्निया के नाम से प्रसिद्ध तुर्की शहर इस्तांबुल (तुर्की: İstanbul) के नाम से जाना जाता है) देश का सबसे बड़ा शहर और उसकी सांस्कृतिक और आर्थिक केंद्र है। शहर राज्य इस्तांबुल राष्ट्रपति स्थान है। आबनाईे बासतुरस और उसकी प्राकृतिक बंदरगाह शाखा मुहाना (तुर्की: Haliç) के किनारे स्थित तुर्की का उत्तर पश्चिमी शहर बासतुरस एक ओर यूरोप क्षेत्र थरेस और दूसरी ओर एशिया के क्षेत्र आना्ऑलियह तक फैला हुआ है इस तरह वह दुनिया का एकमात्र शहर है जो दो महाद्वीपों में स्थित है। इस्तांबुल तारीख़े आलम का एकमात्र शहर जो तीन महान सटिनतों की राजधानी रहा है जिनमें ३३० ई. से ३९५ ई। तक रोमन साम्राज्य, ३९५ ए से १४५३ ई. तक बीजान्टिन साम्राज्य और १४५३ ई. से १९२३ ई। तक राज्य इतमानिया शामिल हैं। १९२३ ई. में तुर्की गणराज्य की स्थापना के बाद राजधानी अंकारा कर दिया गया। २००० की जनगणना के अनुसार शहर की आबादी ८८ लाख 3 हजार ४६८ ए और कल शहरी क्षेत्र की आबादी एक करोड़ १८ हजार ७३५ है इस तरह इस्तांबुल यूरोप का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। शहर को २०१० के लिए पैक्स, हंगरी और आसन, जर्मनी के साथ यूरोप की सांस्कृतिक राजधानी घोषित किया गया है। इतिहास में शहर ने निवासियों की संस्कृति, भाषा और धर्म के आधार पर कई नाम बदले जिनमें से बाज़नटियम, कस्न्निया और इस्तांबुल भी जाने जाते हैं। शहर को "सात पहाड़ियों का शहर" कहा जाता है क्योंकि शहर का सबसे प्राचीन क्षेत्र सात पहाड़ियों पर बना हुआ है जहां हर पहाड़ी की चोटी पर एक मस्जिद स्थापित है। .

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केप ऑफ़ गुड होप

केप ऑफ गुड होप (पुर्तगाली: Cabo da Boa Esperança) अथवा उत्तमाशा अंतरीप अफ्रीका के सुदूर दक्षिणी कोने पर एक स्थान है। यह क्षेत्र इसलिए जाना जाता है क्योंकि यहाँ से बहुत से जहाज़ पूर्व की ओर अटलांटिक महासागर से हिन्द महासागर में जाते हैं। यह स्थान दक्षिण अफ्रीका में है। इस स्थान का एतिहासिक महत्व भी है। इस स्थान तक पहुँचने वाला सर्वप्रथम यूरोपीय व्यक्ति था पुर्तगाल का बारटोलोमीयु डियास। उसने इस स्थान को १४८८ में देखा और इसका नाम "केप ऑफ़ स्टॉर्मस" (तूफ़ानों का केप) (पुर्तगाली: Cabo das Tormentas) रखा। इसी स्थान से होकर पुर्तगाली अन्वेषक वास्को द गामा भारत पहुँचा था। .

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अदन

अदन यमन का एक शहर है। यह उस देश का सबसे महत्त्वपूर्ण आर्थिक केंद्र और बंदरगाह है। अदन लाल सागर की अदन की खाड़ी पर बाब अल-मन्देब जलसन्धि से १७० किमी पूर्व में स्थित है। यहाँ लगभग १० लाख लोग रहते हैं। अदन बंदरगाह एक शांत ज्वालामुखी के क्रेटर में स्थित है। यहाँ १८३९ से १९६७ के काल में ब्रिटिश क़ब्ज़ा रहा और इस दौरान १९३७ तक इसे ब्रिटिश भारत का हिस्सा माना जाता था।, Shyam Singh Shashi Shashi, Anmol Publications, 1996, ISBN 978-81-7041-859-7,...

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खोज का युग और वास्को द गामा के बीच तुलना

खोज का युग 14 संबंध है और वास्को द गामा 46 है। वे आम 9 में है, समानता सूचकांक 15.00% है = 9 / (14 + 46)।

संदर्भ

यह लेख खोज का युग और वास्को द गामा के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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