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खेलों में मादन और विश्व डोपिंग विरोधी संस्था

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

खेलों में मादन और विश्व डोपिंग विरोधी संस्था के बीच अंतर

खेलों में मादन vs. विश्व डोपिंग विरोधी संस्था

प्रतियोगी खेलों के सन्दर्भ में, मादन या डोपन (डोपिंग) का अर्थ है, किसी खिलाड़ी द्वारा ऐसी दवायें लेना जो खेल क्षमता को बढ़ातीं हैं तथा जो प्रतिबन्धित हैं। शारीरिक खेलकूद और मनोरंजन के क्षेत्र में शारीरिक क्षमता बढ़ाने के लिए दवाओं का सेवन सैकड़ों वर्षों से चल रहा है। सन 1904 के ओलिम्पिक खेलों के मैराथन चैम्पियन टॉमस हिक्स के कोच ने रास्ते में उसे सल्फेट ऑफ स्ट्रिकनाइन के इंजेक्शन लगाए और ब्रांडी पिलाई। ऐसे ही अनेकों प्रसंग हैं। खेल प्रतियोगिताओं में दवाओं के बढ़ते चलन को देखते हुए ही सबसे पहले 1928 में इंटरनेशनल अमेच्योर एथलेटिक फेडरेशन ने (जिसका नाम अब है इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ एथलेटिक्स फेडरेशंस-आईएएएफ) ने डोपिंग पर रोक लगाई। उस समय यह रोक मौखिक थी, क्योंकि परीक्षण प्रणाली पर्याप्त रूप से विकसित नहीं थी। केवल खिलाड़ियों के मौखिक आश्वासन से काम चल जाता था। सन 1966 में अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल फेडरेशन (फीफा) और यूनियन साइकलिस्ट इंटरनेशनल ने आईएएएफ के साथ मिलकर इस दिशा में काम करने का फैसला किया। सबसे पहले 1966 की यूरोपीय चैम्पियनशिप में टेस्ट हुए और उसके दो साल बाद अंतरराष्ट्रीय ओलिम्पिक काउंसिल (आईओसी) ने 1968 को ओलिम्पिक खेलों में ड्रग टेस्ट शुरू किए। उस समय तक भी विश्व डोपिंग-विरोधी संस्था (वाडा) नहीं बनी थी। उसकी स्थापना 10 नवंबर 1999 में हुई और तबसे इस दिशा में कड़ाई से काम हो रहा है। अलग-अलग देशों में नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा) भी बनाई गई हैं। भारत में नाडा की प्रयोगशाला दिल्ली में है। . वाडा की स्थापना, लूसेन शहर, स्विट्जरलैंड विश्व डोपिंग विरोधी संस्था (अंग्रेज़ी:वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी, फ्रेंच:Agence mondiale antidopage, वाडा) अंतरराष्ट्रीय खेलों में ड्रग्स के बढ़ते चलन को रोकने के लिए बनाई गयी एक विश्वस्तरीय स्वतंत्र संस्था है। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति द्वारा वाडा की स्थापना १० नवंबर, १९९९ को स्विट्जरलैंड के लुसेन शहर में की गई थी। वर्तमान में वाडा का मुख्यालय कनाडा के मॉन्ट्रियल शहर में है। वाडा के वर्तमान अध्यक्ष ऑस्ट्रेलिया के पूर्व वित्तमंत्री जॉन फाहे हैं। यह संस्था विश्व भर में वैज्ञानिक शोध, एंटीडोपिंग के विकास की क्षमता में वृद्धि और दुनिया भर में वर्ल्ड एंटी डोपिंग कोड पर अपनी निगाह रखती है। वाडा हर साल प्रतिबंधित दवाओं की सूची जारी करता है, जिनके विश्व के तमाम देशों में खेलों के दौरान प्रयोग पर रोक होती है। पहली जांच में ही दोषी पाये जाने पर खिलाड़ी पर वाडा सभी खेल प्रतियोगिता में दो वर्षो तक भाग लेने पर प्रतिबंध लगा सकता है। हाल के वर्षो में वाडा खेलों में ड्रग्स के बढ़ते इस्तेमाल को लेकर काफी सक्रिय है। वर्ल्ड एंटी डोपिंग कोड का अनुपालन पहली बार २००४ के एथेंस ओलंपिक में किया गया था। विश्व के लगभग ६०० खेल संस्थाओं ने ड्रग्स से जुड़ी संहिता को स्वीकार किया है। अभी दुनिया में वाडा से मान्यता प्राप्त ३५ प्रयोगशालाएं हैं, जहां ड्रग्स लेने वाले के नमूनों की जांच और इसे रोकने के लिए अनुसंधान होते हैं। दिल्ली में भी वाडा से मान्यता प्राप्त एक प्रयोगशाला है। यह विश्व की ३४वां प्रयोगशाला है। वाडा के १जनवरी, २००९ से लागू नए नियम ने कई बार विवाद को भी जन्म दिया है। इसके सख्त नियमों पर विश्व के कई बड़े खिलाड़ियों ने सवाल भी उठाए हैं। हाल में वाडा का नया नियम, जिसमें कहा गया है कि मैच के आलावा अन्य समय में डोप टेस्ट के लिए खिलाड़ियों को ये बताना पड़ेगा कि वे कहां हैं, काफी विवाद में है। .

खेलों में मादन और विश्व डोपिंग विरोधी संस्था के बीच समानता

खेलों में मादन और विश्व डोपिंग विरोधी संस्था आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): दिल्ली

दिल्ली

दिल्ली (IPA), आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (अंग्रेज़ी: National Capital Territory of Delhi) भारत का एक केंद्र-शासित प्रदेश और महानगर है। इसमें नई दिल्ली सम्मिलित है जो भारत की राजधानी है। दिल्ली राजधानी होने के नाते केंद्र सरकार की तीनों इकाइयों - कार्यपालिका, संसद और न्यायपालिका के मुख्यालय नई दिल्ली और दिल्ली में स्थापित हैं १४८३ वर्ग किलोमीटर में फैला दिल्ली जनसंख्या के तौर पर भारत का दूसरा सबसे बड़ा महानगर है। यहाँ की जनसंख्या लगभग १ करोड़ ७० लाख है। यहाँ बोली जाने वाली मुख्य भाषाएँ हैं: हिन्दी, पंजाबी, उर्दू और अंग्रेज़ी। भारत में दिल्ली का ऐतिहासिक महत्त्व है। इसके दक्षिण पश्चिम में अरावली पहाड़ियां और पूर्व में यमुना नदी है, जिसके किनारे यह बसा है। यह प्राचीन समय में गंगा के मैदान से होकर जाने वाले वाणिज्य पथों के रास्ते में पड़ने वाला मुख्य पड़ाव था। यमुना नदी के किनारे स्थित इस नगर का गौरवशाली पौराणिक इतिहास है। यह भारत का अति प्राचीन नगर है। इसके इतिहास का प्रारम्भ सिन्धु घाटी सभ्यता से जुड़ा हुआ है। हरियाणा के आसपास के क्षेत्रों में हुई खुदाई से इस बात के प्रमाण मिले हैं। महाभारत काल में इसका नाम इन्द्रप्रस्थ था। दिल्ली सल्तनत के उत्थान के साथ ही दिल्ली एक प्रमुख राजनैतिक, सांस्कृतिक एवं वाणिज्यिक शहर के रूप में उभरी। यहाँ कई प्राचीन एवं मध्यकालीन इमारतों तथा उनके अवशेषों को देखा जा सकता हैं। १६३९ में मुगल बादशाह शाहजहाँ ने दिल्ली में ही एक चारदीवारी से घिरे शहर का निर्माण करवाया जो १६७९ से १८५७ तक मुगल साम्राज्य की राजधानी रही। १८वीं एवं १९वीं शताब्दी में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने लगभग पूरे भारत को अपने कब्जे में ले लिया। इन लोगों ने कोलकाता को अपनी राजधानी बनाया। १९११ में अंग्रेजी सरकार ने फैसला किया कि राजधानी को वापस दिल्ली लाया जाए। इसके लिए पुरानी दिल्ली के दक्षिण में एक नए नगर नई दिल्ली का निर्माण प्रारम्भ हुआ। अंग्रेजों से १९४७ में स्वतंत्रता प्राप्त कर नई दिल्ली को भारत की राजधानी घोषित किया गया। स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् दिल्ली में विभिन्न क्षेत्रों से लोगों का प्रवासन हुआ, इससे दिल्ली के स्वरूप में आमूल परिवर्तन हुआ। विभिन्न प्रान्तो, धर्मों एवं जातियों के लोगों के दिल्ली में बसने के कारण दिल्ली का शहरीकरण तो हुआ ही साथ ही यहाँ एक मिश्रित संस्कृति ने भी जन्म लिया। आज दिल्ली भारत का एक प्रमुख राजनैतिक, सांस्कृतिक एवं वाणिज्यिक केन्द्र है। .

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खेलों में मादन और विश्व डोपिंग विरोधी संस्था के बीच तुलना

खेलों में मादन 3 संबंध है और विश्व डोपिंग विरोधी संस्था 15 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 5.56% है = 1 / (3 + 15)।

संदर्भ

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