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खालिद इब्न अल वालिद और वोसरा की लड़ाई

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

खालिद इब्न अल वालिद और वोसरा की लड़ाई के बीच अंतर

खालिद इब्न अल वालिद vs. वोसरा की लड़ाई

खालिद इब्न अल वालिद; Khālid ibn al-Walīd (अरबी: خالد بن الوليد‎ सैफ अल्लाह अल मासुल) खालिद इब्न अल वालिद जो रणनिति और कोशल के लिए विख्यात है इनका जन्म 592 ईस्वी में अरब के एक नामवर परिवार में हुआ था खालिद बिन वालिद ने जब इस्लाम धर्म ग्रहण नही किया था तब इस्लाम के कट्टर सत्रु थे लेकीन 628 ईस्वी में इस्लाम स्वीकार किया इसके बाद हजरत मुहम्मद सहाव के एक मुख्य मित्र (सहाबी) के रूप में पहचान वनायी पैग्बर हजरत मुहम्मद की मृत्यु के बाद जब इस्लाम के उत्तराधिकारी जिन्हें रशीदुन खलीफा के रूप में जाना जाता हजरत अबू वकर और खलीफा उमर की खिलाफल मेँ इस्लामी सेना के कमांडर नियुक्त किए गये 7 वी शताब्दी मेँ जो इस्लामी सेना को सफलता प्राप्त हुई उसका श्रेय खालिद बिन वालिद को दिया जाता है इन्होने अलग अलग सौ से अधिक युध्द तथा लड़ायो का नेत्तृव किया रशीदुन सेना का नेत्तृव करते हुए रोमन सीरिया, मिस्त्र, फारस, मेसोपोटामिया पर इस्लामी सेना ने सफलतापुर्वक विजय प्राप्त की जिसके लिए खालिद बिन वालिद को सैफ अल्लाह या अल्लाह की तलवार के नाम से जाता है। इनकी मृत्यु सेना सेवा समाप्ति के चार वर्ष वाद 642 ईस्वी मे होम्स सीरिया में हुई थी इन्हे होम्स मेँ ही दफनाया गया था जो उस स्थान पर खालिद बिन वालिद के नाम से मस्जिद स्थित है। और जहाँ तक इस्लामी युध्द तथा लड़ाईयो पर चर्चा की जाये तो खालिद बिन वालिद का नाम प्रमुखता से लिया जाता कियोकी हर युध्द में जंबाजी तथा पैंतरेबाजी होसयरी थी जिससे दुश्मन सेना के छक्के छुट जाते थे।तथा दुनिया के एकमात्र एसे कमांडर है जिन्होने अपने जीवन में एक भी युध्द या लड़ाई नही हारी। . वोसरा की लड़ाई; Battle of Bosra: सन् 634 ईस्वी में सीरिया के वोसरा नामक शहर में लड़ी गयी थी जो रोमन शासकों का एक प्रमुख केन्द्र था रशीदुन खलीफा हजरत अबू वकर ने इस लड़ाई का नेत्वृव कमांडर अम्र इब्न अल आश, को शोपा था जिसमें मुस्लिम सेना को अभियान में कोई खास सफलता नहीं मिली उसी ही के उपरान्त दुसरे प्रयास के लिए खालिद इब्न अल वालिद को सौपा गया जो मेसोपोटामिया, इराक के सफल विजय अभियानो का नेत्वृत कर चुके थे जो चार हजार मुस्लिम सेना के साथ वोसरा के अभियान का नेत्वृत करते हुए वोसरा की घेरावंदी कर लेते हैं मुस्लिम सेना वोसरा पर विजय प्राप्त कर लेती है इस लड़ाई में रोमन सेना के 8000 सैनिक मारे गये थे। इतिहास में मुस्लिम सेना और रोमन शासकों के विरुध्द यह प्रथम लड़ाई थी जो सात वीं सदी से अधिक समय तक अनेक लड़ाईया जारी रही जिसमें रोमनो की शक्ति क्षीण होती गयी 750 ईस्वी में रोमनो का लेवन्त क्षेत्र का पतन हो गया। .

खालिद इब्न अल वालिद और वोसरा की लड़ाई के बीच समानता

खालिद इब्न अल वालिद और वोसरा की लड़ाई आम में 5 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): बुसरा अल शाम, मेसोपोटामिया, राशिदून ख़लीफ़ा, सीरिया, इराक़

बुसरा अल शाम

वुसरा अल शामः अंग्रेजी Bosra Al-Sham, अरबी‎ﺑﺼﺮﻯ ﺍﻟﺸﺎﻡ‎‎‏ ‏यह सीरिया का एक प्राचीन नगर है सीरिया के दक्षिणी भाग में वसे इस नगर की जनसंख्या सीरिया की वर्ष 2004 की जनगणना के अनुसार कूल जनसंख्या 19,683 है.

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मेसोपोटामिया

मेसोपोटामिया के विस्तार को दर्शाता मानचित्र मेसोपोटामिया का यूनानी अर्थ है "दो नदियों के बीच"। यह इलाका दजला (टिगरिस) और फ़ुरात (इयुफ़्रेटीस) नदियों के बीच के क्षेत्र में पड़ता है। इसमें आधुनिक इराक़ बाबिल ज़िला, उत्तरपूर्वी सीरिया, दक्षिणपूर्वी तुर्की तथा ईरान का क़ुज़ेस्तान प्रांत के क्षेत्र शामिल हैं। यह कांस्ययुगीन सभ्यता का उद्गम स्थल माना जाता है। यहाँ सुमेर, अक्कदी सभ्यता, बेबीलोन तथा असीरिया के साम्राज्य अलग-अलग समय में स्थापित हुए थे। हड़प्पा सभ्यता में मेसोपोटामिया को 'मेलुहा' कहा गया है। .

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राशिदून ख़लीफ़ा

खलीफ़ा राशिदून: (خلیفۃ راشدون) - रुष्द व हिदायत पाये खलीफ़ा। सुन्नी मुसलमानों के लिए पैगम्बर मुहम्मद की मृत्यु के बाद, सन् ६३२ से लकर सन् ६६१ के मध्य के खलीफ़ा (प्रधानों) को राशिदून या अल खलीफ़ उर्र-राशिदून (सही दिशा में चलते हुए) कहते हैं। कार्यकाल के अनुसार ये चार खलीफ़ा हैं। (इब्न माजा, अबी दाऊद).

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सीरिया

सीरिया ('''سوريّة'''. or), आधिकारिक रूप से सीरियाई अरब गणराज्य (अरबी: الجمهورية العربية السورية), दक्षिण-पश्चिम एशिया का एक राष्ट्र है। इसके पश्चिम में लेबनॉन तथा भूमध्यसागर, दक्षिण-पश्चिम में इजराइल, दक्षिण में ज़ॉर्डन, पूरब में इराक़ तथा उत्तर में तुर्की है। इसराइल तथा इराक़ के बीच स्थित होने के कारण यह मध्य-पूर्व का एक महत्वपूर्ण देश है। इसकी राजधानी दमास्कस है जो उमय्यद ख़िलाफ़त तथा मामलुक साम्राज्य की राजधानी रह चुका है। अप्रैल 1946 में फ्रांस से स्वाधीनता मिलने के बाद यहाँ के शासन में बाथ पार्टी का प्रभुत्व रहा है। 1963 से यहाँ आपातकाल लागू है जिसके कारण 1970 के बाद से यहाँ के शासक असद परिवार के लोग होते हैं। .

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इराक़

इराक़ पश्चिमी एशिया में स्थित एक जनतांत्रिक देश है जहाँ के लोग मुख्यतः मुस्लिम हैं। इसके दक्षिण में सउदी अरब और कुवैत, पश्चिम में जोर्डन और सीरिया, उत्तर में तुर्की और पूर्व में ईरान अवस्थित है। दक्षिण पश्चिम की दिशा में यह फ़ारस की खाड़ी से भी जुड़ा है। दजला नदी और फरात इसकी दो प्रमुख नदियाँ हैं जो इसके इतिहास को ५००० साल पीछे ले जाती हैं। इसके दोआबे में ही मेसोपोटामिया की सभ्यता का उदय हुआ था। इराक़ के इतिहास में असीरिया के पतन के बाद विदेशी शक्तियों का प्रभुत्व रहा है। ईसापूर्व छठी सदी के बाद से फ़ारसी शासन में रहने के बाद (सातवीं सदी तक) इसपर अरबों का प्रभुत्व बना। अरब शासन के समय यहाँ इस्लाम धर्म आया और बगदाद अब्बासी खिलाफत की राजधानी रहा। तेरहवीं सदी में मंगोल आक्रमण से बगदाद का पतन हो गया और उसके बाद की अराजकता के सालों बाद तुर्कों (उस्मानी साम्राज्य) का प्रभुत्व यहाँ पर बन गया २००३ से दिसम्बर २०११ तक अमेरिका के नेतृत्व में नैटो की सेना की यहाँ उपस्थिति बनी हुई थी जिसके बाद से यहाँ एक जनतांत्रिक सरकार का शासन है। राजधानी बगदाद के अलावा करबला, बसरा, किर्कुक तथा नजफ़ अन्य प्रमुख शहर हैं। यहाँ की मुख्य बोलचाल की भाषा अरबी और कुर्दी भाषा है और दोनों को सांवैधानिक दर्जा मिला है। .

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खालिद इब्न अल वालिद और वोसरा की लड़ाई के बीच तुलना

खालिद इब्न अल वालिद 18 संबंध है और वोसरा की लड़ाई 11 है। वे आम 5 में है, समानता सूचकांक 17.24% है = 5 / (18 + 11)।

संदर्भ

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