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खारून नदी

सूची खारून नदी

खारुन नदी शिवनाथ नदी की प्रमुख सहायक नदी है। यह शिवनाथ नदी में मिलकर महानदी की संपन्न जलराशि में भी अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग करती है। दुर्ग जिले के संजारी क्षेत्र से निकलने वाली यह नहीं रायपुर तहसील की सीमा से बहती हुई सोमनाथ के पास शिवनाथ नदी में मिल जाती है। इसी जगह पर यह बेमेनय और बलौदाबाजार तहसील को अलग करती है। बलौदाबाजार के उत्तर में अरपा नदी, जो बिलासपुर जिले से निकलती है, शिवनाथ से आ मिलती है। हावड़ा नागपुर रेल लाइन इस खारुन नदी के ऊपर से गुजरती है। खारुन में एक शान्ति है जो देखने वालों को अपनी ओर खींचती हैं। श्रेणी:भारत की नदियाँ श्रेणी:छत्तीसगढ़.

8 संबंधों: दुर्ग जिला, बलौदाबाजार, बिलासपुर, महानदी, रायपुर जिला, शिवनाथ नदी, सोमनाथ मन्दिर, अरपा नदी

दुर्ग जिला

दुर्ग भारतीय राज्य छत्तीसगढ़ का एक जिला है। दुर्ग जिला ८,५ ३ ७ वर्ग किलोमीटर की एरिया में फैला हुआ है। यहाँ की जनसंख्या सन १९ ९ १ में २,३९ ७, १ ३ ४ था। जिले का मुख्यालय दुर्ग है। क्षेत्रफल - वर्ग कि.मी.

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बलौदाबाजार

मुख्यमंत्री डॉ॰ रमन सिंह ने दिनांक 18.01.2012 बुधवार की दोपहर नवगठित बलौदाबाजार जिले का उद्घाटन किया। उन्होंने इस दौरान कलेक्टोरेट व एसपी कार्यालय का भी लोकार्पण किया। कार्यक्रम में सांसद रमेश बैस, पीडब्ल्यूडी मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, खाद्य मंत्री पुन्नूलाल मोहिले, नगरीय प्रशासन मंत्री राजेश मूणत, स्वास्थ्य मंत्री अमर अग्रवाल, कृषि मंत्री चंद्रशेखर साहू, दीन दयाल चतुर्वेदी सहित अनेक मंत्री मौजूद थे। बलौदाबाजार जिले में देश का सबसे ज्यादा सिमेंट संयंत्र स्थापित है तथा सिमेंट उत्पादन में अग्रणी जिला है इसी जिले में सतनामीयो का तीर्थ स्थल गिरोधपुरी है तथा बारनवापारा अभयारण्य तुरतुरिया सोनाखान कबीर पंथियो का दामाखेडा भी स्थित है श्रेणी:छत्तीसगढ़ के जिले श्रेणी:बलौदाबाजार ज़िला.

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बिलासपुर

कोई विवरण नहीं।

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महानदी

छत्तीसगढ़ तथा उड़ीसा अंचल की सबसे बड़ी नदी है। प्राचीनकाल में महानदी का नाम चित्रोत्पला था। महानन्दा एवं नीलोत्पला भी महानदी के ही नाम हैं। महानदी का उद्गम रायपुर के समीप धमतरी जिले में स्थित सिहावा नामक पर्वत श्रेणी से हुआ है। महानदी का प्रवाह दक्षिण से उत्तर की तरफ है। सिहावा से निकलकर राजिम में यह जब पैरी और सोढुल नदियों के जल को ग्रहण करती है तब तक विशाल रूप धारण कर चुकी होती है। ऐतिहासिक नगरी आरंग और उसके बाद सिरपुर में वह विकसित होकर शिवरीनारायण में अपने नाम के अनुरुप महानदी बन जाती है। महानदी की धारा इस धार्मिक स्थल से मुड़ जाती है और दक्षिण से उत्तर के बजाय यह पूर्व दिशा में बहने लगती है। संबलपुर में जिले में प्रवेश लेकर महानदी छ्त्तीसगढ़ से बिदा ले लेती है। अपनी पूरी यात्रा का आधे से अधिक भाग वह छत्तीसगढ़ में बिताती है। सिहावा से निकलकर बंगाल की खाड़ी में गिरने तक महानदी लगभग ८५५ कि॰मी॰ की दूरी तय करती है। छत्तीसगढ़ में महानदी के तट पर धमतरी, कांकेर, चारामा, राजिम, चम्पारण, आरंग, सिरपुर, शिवरी नारायण और उड़ीसा में सम्बलपुर, बलांगीर, कटक आदि स्थान हैं तथा पैरी, सोंढुर, शिवनाथ, हसदेव, अरपा, जोंक, तेल आदि महानदी की प्रमुख सहायक नदियाँ हैं। महानदी का डेल्टा कटक नगर से लगभग सात मील पहले से शुरू होता है। यहाँ से यह कई धाराओं में विभक्त हो जाती है तथा बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है। इस पर बने प्रमुख बाँध हैं- रुद्री, गंगरेल तथा हीराकुंड। यह नदी पूर्वी मध्यप्रदेश और उड़ीसा की सीमाओं को भी निर्धारित करती है। .

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रायपुर जिला

रायपुर भारतीय राज्य छत्तीसगढ़ का एक जिला है। जिले का मुख्यालय रायपुर है। क्षेत्रफल - 15,190.62 वर्ग कि.मी.

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शिवनाथ नदी

शिवनाथ नदी महानदी की प्रमुख सहायक नदी है। यह राजनांदगांव जिले की अंबागढ़ तहसील की 625 मीटर ऊँची पानाबरस पहाड़ी क्षेत्र से निकलकर शिवरीनारायण (जिला जांजगीर चांपा) के पास महानदी में मिल जाती है। इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ लीलागर, मनियारी, आगर, हांप, खारून, अरपा, आमनेर, सकरी, खरखरा, तांदुला तथा जमुनिया नदी आदि हैं। इसकी कुल लम्बाई 290 किमी है। प्रसिद्ध मोंगरा बैराज परियोजना राजनांदगांव में शिवनाथ नदी पर संचालित है। शिवनाथ नदी के कुछ भागों में सिर्फ वर्षा के समय ही नावें चलती हैं। और कहीं-कहीं कुछ भागों में जुलाई से फरवरी तक नावें चलती हैं। शिवनाथ की सहायक नदियां बालोद - खरखरा, तंदुला रायपुर- खारुन बलौदाबाजार- जमुनिया कवर्धा- हॉफ, आमनेर मुंगेली- मनियारी बिलासपुर- अरप्पा, लीलागर .

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सोमनाथ मन्दिर

सोमनाथ मन्दिर भूमंडल में दक्षिण एशिया स्थित भारतवर्ष के पश्चिमी छोर पर गुजरात नामक प्रदेश स्थित, अत्यन्त प्राचीन व ऐतिहासिक सूर्य मन्दिर का नाम है। यह भारतीय इतिहास तथा हिन्दुओं के चुनिन्दा और महत्वपूर्ण मन्दिरों में से एक है। इसे आज भी भारत के १२ ज्योतिर्लिंगों में सर्वप्रथम ज्योतिर्लिंग के रूप में माना व जाना जाता है। गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र के वेरावल बंदरगाह में स्थित इस मन्दिर के बारे में कहा जाता है कि इसका निर्माण स्वयं चन्द्रदेव ने किया था, जिसका उल्लेख ऋग्वेद में स्पष्ट है। यह मंदिर हिंदू धर्म के उत्थान-पतन के इतिहास का प्रतीक रहा है। अत्यंत वैभवशाली होने के कारण इतिहास में कई बार यह मंदिर तोड़ा तथा पुनर्निर्मित किया गया। वर्तमान भवन के पुनर्निर्माण का आरंभ भारत की स्वतंत्रता के पश्चात् लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल ने करवाया और पहली दिसंबर 1995 को भारत के राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा ने इसे राष्ट्र को समर्पित किया। सोमनाथ मंदिर विश्व प्रसिद्ध धार्मिक व पर्यटन स्थल है। मंदिर प्रांगण में रात साढ़े सात से साढ़े आठ बजे तक एक घंटे का साउंड एंड लाइट शो चलता है, जिसमें सोमनाथ मंदिर के इतिहास का बड़ा ही सुंदर सचित्र वर्णन किया जाता है। लोककथाओं के अनुसार यहीं श्रीकृष्ण ने देहत्याग किया था। इस कारण इस क्षेत्र का और भी महत्व बढ़ गया। सोमनाथजी के मंदिर की व्यवस्था और संचालन का कार्य सोमनाथ ट्रस्ट के अधीन है। सरकार ने ट्रस्ट को जमीन, बाग-बगीचे देकर आय का प्रबन्ध किया है। यह तीर्थ पितृगणों के श्राद्ध, नारायण बलि आदि कर्मो के लिए भी प्रसिद्ध है। चैत्र, भाद्रपद, कार्तिक माह में यहां श्राद्ध करने का विशेष महत्व बताया गया है। इन तीन महीनों में यहां श्रद्धालुओं की बडी भीड़ लगती है। इसके अलावा यहां तीन नदियों हिरण, कपिला और सरस्वती का महासंगम होता है। इस त्रिवेणी स्नान का विशेष महत्व है। .

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अरपा नदी

अरपा नदी का उद्गम पेण्ड्रा पठार की पहाड़ी से हुआ है। यह महानदी की सहायक नदी है। यह बिलासपुर तहसील में प्रवाहित होती है और बरतोरी के निकट ठाकुर देवा नामक स्थान पर शिवनाथ नदी में मिल जाती है। इसकी लम्बाई 147 किलोमीटर है। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

खारुन नदी

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