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खंडोबा और शिवलिंग

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

खंडोबा और शिवलिंग के बीच अंतर

खंडोबा vs. शिवलिंग

खंडोबा,खंडेराया,मल्हारी मार्तण्ड,आदि नामो से प्रसिद्ध, महाराष्ट्र और कर्नाटक प्रदेश की बहुसंख्यक जनता के कुल देवता हैं। उनकी उपासना निम्नवर्गीय समाज से लेकर ब्राह्मण तक सभी करते हैं। 'खंडोबा' और 'स्कंद' दोनों नामों के सादृश्य के कारण कुछ लोगों में खंडोबा को स्कंद के अवतार समझे जाते हैं। अन्य लोग उन्हें शिव अथवा उनके भैरव रूप का अवतार बताते हैं। इसके प्रमाण में कहा जाता है कि खंडोबा परिवार में कुत्ते को स्थान प्राप्त है और कुत्ता भैरव का वाहन है। इनके चार आयुधों में खड्ग (खाँडे) का विशेष महत्व है और इसी 'खाँडे' के कारण इनका खंडोबा नाम पड़ा है। खंडोबा के संबंध में यह भी कहा जाता है कि वे मूलत: ऐतिहासिक वीर पुरूष थे। उन्हें कालांतर में देवता मान लिया गया है। इस कल्पना का आधार 'समयपरीक्षा' नामक कन्नड भाषा का एक ग्रंथ है। . त्रिपुण्ड्र लगाया हुआ शिवलिंग शिवलिंग का अर्थ है 'शिव का प्रतीक' जो मन्दिरों एवं छोटे पूजस्थलों में पूजा जाता है। इसे केवल ' शिव लिंगम' भी कहते हैं। भारतीय समाज में शिवलिंगम को शिव की ऊर्जा और शक्ति का प्रतीक माना जाता है। लिंग को प्रायः 'योनि' (शाब्दिक अर्थ.

खंडोबा और शिवलिंग के बीच समानता

खंडोबा और शिवलिंग आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): शिव

शिव

शिव या महादेव हिंदू धर्म में सबसे महत्वपूर्ण देवताओं में से एक है। वह त्रिदेवों में एक देव हैं। इन्हें देवों के देव भी कहते हैं। इन्हें भोलेनाथ, शंकर, महेश, रुद्र, नीलकंठ,गंगाधार के नाम से भी जाना जाता है। तंत्र साधना में इन्हे भैरव के नाम से भी जाना जाता है। हिन्दू धर्म के प्रमुख देवताओं में से हैं। वेद में इनका नाम रुद्र है। यह व्यक्ति की चेतना के अन्तर्यामी हैं। इनकी अर्धांगिनी (शक्ति) का नाम पार्वती है। इनके पुत्र कार्तिकेय और गणेश हैं, तथा पुत्री अशोक सुंदरी हैं। शिव अधिक्तर चित्रों में योगी के रूप में देखे जाते हैं और उनकी पूजा शिवलिंग तथा मूर्ति दोनों रूपों में की जाती है। शिव के गले में नाग देवता विराजित हैं और हाथों में डमरू और त्रिशूल लिए हुए हैं। कैलाश में उनका वास है। यह शैव मत के आधार है। इस मत में शिव के साथ शक्ति सर्व रूप में पूजित है। भगवान शिव को संहार का देवता कहा जाता है। भगवान शिव सौम्य आकृति एवं रौद्ररूप दोनों के लिए विख्यात हैं। अन्य देवों से शिव को भिन्न माना गया है। सृष्टि की उत्पत्ति, स्थिति एवं संहार के अधिपति शिव हैं। त्रिदेवों में भगवान शिव संहार के देवता माने गए हैं। शिव अनादि तथा सृष्टि प्रक्रिया के आदिस्रोत हैं और यह काल महाकाल ही ज्योतिषशास्त्र के आधार हैं। शिव का अर्थ यद्यपि कल्याणकारी माना गया है, लेकिन वे हमेशा लय एवं प्रलय दोनों को अपने अधीन किए हुए हैं। राम, रावण, शनि, कश्यप ऋषि आदि इनके भक्त हुए है। शिव सभी को समान दृष्टि से देखते है इसलिये उन्हें महादेव कहा जाता है। .

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खंडोबा और शिवलिंग के बीच तुलना

खंडोबा 19 संबंध है और शिवलिंग 14 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 3.03% है = 1 / (19 + 14)।

संदर्भ

यह लेख खंडोबा और शिवलिंग के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: