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क्वाण्टम उलझाव और संवेग (भौतिकी)

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

क्वाण्टम उलझाव और संवेग (भौतिकी) के बीच अंतर

क्वाण्टम उलझाव vs. संवेग (भौतिकी)

प्रमात्रा यान्त्रिकी में प्रमात्रा उलझाव उस स्थिति को कहतें हैं जब दो वस्तुओं के एक-दूसरे पर कोई भौतिक प्रभाव पड़ने के बाद उनको अलग करने पर भी उन दोनों की परिस्थिति में एक प्रमात्रा सम्बन्ध रहता है। यदि एक वस्तु के किसी क्वाण्टम गुण को मापा जाए तो दूसरी वस्तु उसी क्षण उस से विपरीत गुण धारण कर लेती है। मसलन अगर दो विद्युदणुओं (ऍलॅक्ट्रोनों) में प्रमात्रा उलझाव पैदा कर के उन्हें एक-दूसरे से मीलो दूर कर दिया जाए और फिर उनमें से एक का स्पिन (घूर्णन) मापा जाए तो दूसरे का स्पिन उसी क्षण उसका विपरीत हो जाएगा। विज्ञान यह साबित कर चुका है के किसी विद्युदणु में तब तक स्पिन पक्का नहीं होता जब तक मापा जाए। इसका अर्थ यह हुआ के किसी अज्ञात प्रक्रिया के ज़रिये दूसरे विद्युदणु को ज्ञात हो जाता है के पहले का स्पिन जाँचा गया है। . समान द्रव्यमान के दो पिण्डों (''m''1 .

क्वाण्टम उलझाव और संवेग (भौतिकी) के बीच समानता

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क्वाण्टम उलझाव और संवेग (भौतिकी) के बीच तुलना

क्वाण्टम उलझाव 7 संबंध है और संवेग (भौतिकी) 8 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (7 + 8)।

संदर्भ

यह लेख क्वाण्टम उलझाव और संवेग (भौतिकी) के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: