क्रान्ति और रूसी क्रांति के बीच समानता
क्रान्ति और रूसी क्रांति आम में 3 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): फ़्रान्सीसी क्रान्ति, मार्क्सवाद, साम्यवाद।
फ़्रान्सीसी क्रान्ति
बेसिल दिवस: १४ जुलाई १७८९ फ्रांसीसी क्रांति (फ्रेंच: Révolution française / रेवोलुस्योँ फ़्राँसेज़; 1789-1799) फ्रांस के इतिहास की राजनैतिक और सामाजिक उथल-पुथल एवं आमूल परिवर्तन की अवधि थी जो 1789 से 1799 तक चली। बाद में, नेपोलियन बोनापार्ट ने फ्रांसीसी साम्राज्य के विस्तार द्वारा कुछ अंश तक इस क्रांति को आगे बढ़ाया। क्रांति के फलस्वरूप राजा को गद्दी से हटा दिया गया, एक गणतंत्र की स्थापना हुई, खूनी संघर्षों का दौर चला, और अन्ततः नेपोलियन की तानाशाही स्थापित हुई जिससे इस क्रांति के अनेकों मूल्यों का पश्चिमी यूरोप में तथा उसके बाहर प्रसार हुआ। इस क्रान्ति ने आधुनिक इतिहास की दिशा बदल दी। इससे विश्व भर में निरपेक्ष राजतन्त्र का ह्रास होना शुरू हुआ, नये गणतन्त्र एव्ं उदार प्रजातन्त्र बने। आधुनिक युग में जिन महापरिवर्तनों ने पाश्चात्य सभ्यता को हिला दिया उसमें फ्रांस की राज्यक्रांति सर्वाधिक नाटकीय और जटिल साबित हुई। इस क्रांति ने केवल फ्रांस को ही नहीं अपितु समस्त यूरोप के जन-जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया। फ्रांसीसी क्रांति को पूरे विश्व के इतिहास में मील का पत्थर कहा जाता है। इस क्रान्ति ने अन्य यूरोपीय देशों में भी स्वतन्त्रता की ललक कायम की और अन्य देश भी राजशाही से मुक्ति के लिए संघर्ष करने लगे। इसने यूरोपीय राष्ट्रों सहित एशियाई देशों में राजशाही और निरंकुशता के खिलाफ वातावरण तैयार किया। .
क्रान्ति और फ़्रान्सीसी क्रान्ति · फ़्रान्सीसी क्रान्ति और रूसी क्रांति ·
मार्क्सवाद
सामाजिक राजनीतिक दर्शन में मार्क्सवाद (Marxism) उत्पादन के साधनों पर सामाजिक स्वामित्व द्वारा वर्गविहीन समाज की स्थापना के संकल्प की साम्यवादी विचारधारा है। मूलतः मार्क्सवाद उन आर्थिक राजनीतिक और आर्थिक सिद्धांतो का समुच्चय है जिन्हें उन्नीसवीं-बीसवीं सदी में कार्ल मार्क्स, फ्रेडरिक एंगेल्स और व्लादिमीर लेनिन तथा साथी विचारकों ने समाजवाद के वैज्ञानिक आधार की पुष्टि के लिए प्रस्तुत किया। .
क्रान्ति और मार्क्सवाद · मार्क्सवाद और रूसी क्रांति ·
साम्यवाद
साम्यवाद, कार्ल मार्क्स और फ्रेडरिक एंगेल्स द्वारा प्रतिपादित तथा साम्यवादी घोषणापत्र में वर्णित समाजवाद की चरम परिणति है। साम्यवाद, सामाजिक-राजनीतिक दर्शन के अंतर्गत एक ऐसी विचारधारा के रूप में वर्णित है, जिसमें संरचनात्मक स्तर पर एक समतामूलक वर्गविहीन समाज की स्थापना की जाएगी। ऐतिहासिक और आर्थिक वर्चस्व के प्रतिमान ध्वस्त कर उत्पादन के साधनों पर समूचे समाज का स्वामित्व होगा। अधिकार और कर्तव्य में आत्मार्पित सामुदायिक सामंजस्य स्थापित होगा। स्वतंत्रता और समानता के सामाजिक राजनीतिक आदर्श एक दूसरे के पूरक सिद्ध होंगे। न्याय से कोई वंचित नहीं होगा और मानवता एक मात्र जाति होगी। श्रम की संस्कृति सर्वश्रेष्ठ और तकनीक का स्तर सर्वोच्च होगा। साम्यवाद सिद्धांततः अराजकता का पोषक हैं जहाँ राज्य की आवश्यकता समाप्त हो जाती है। मूलतः यह विचार समाजवाद की उन्नत अवस्था को अभिव्यक्त करता है। जहाँ समाजवाद में कर्तव्य और अधिकार के वितरण को 'हरेक से अपनी क्षमतानुसार, हरेक को कार्यानुसार' (From each according to her/his ability, to each according to her/his work) के सूत्र से नियमित किया जाता है, वहीं साम्यवाद में 'हरेक से क्षमतानुसार, हरेक को आवश्यकतानुसार' (From each according to her/his ability, to each according to her/his need) सिद्धांत का लागू किया जाता है। साम्यवाद निजी संपत्ति का पूर्ण प्रतिषेध करता है। .
सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब
- क्या क्रान्ति और रूसी क्रांति लगती में
- यह आम क्रान्ति और रूसी क्रांति में है क्या
- क्रान्ति और रूसी क्रांति के बीच समानता
क्रान्ति और रूसी क्रांति के बीच तुलना
क्रान्ति 28 संबंध है और रूसी क्रांति 28 है। वे आम 3 में है, समानता सूचकांक 5.36% है = 3 / (28 + 28)।
संदर्भ
यह लेख क्रान्ति और रूसी क्रांति के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: