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क्रम-विकास से परिचय और हार्डी-वेनबर्ग नियम

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

क्रम-विकास से परिचय और हार्डी-वेनबर्ग नियम के बीच अंतर

क्रम-विकास से परिचय vs. हार्डी-वेनबर्ग नियम

क्रम-विकास किसी जैविक आबादी के आनुवंशिक लक्षणों के पीढ़ियों के साथ परिवर्तन को कहते हैं। जैविक आबादियों में जैनेटिक परिवर्तन के कारण अवलोकन योग्य लक्षणों में परिवर्तन होता है। जैसे-जैसे जैनेटिक विविधता पीढ़ियों के साथ बदलती है, प्राकृतिक वरण से वो लक्षण ज्यादा सामान्य हो जाते हैं जो उत्तरजीवन और प्रजनन में ज्यादा सफलता प्रदान करते हैं। पृथ्वी की उम्र लगभग ४.५४ अरब वर्ष है। जीवन के सबसे पुराने निर्विवादित सबूत ३.५ अरब वर्ष पुराने हैं। ये सबूत पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में ३.५ वर्ष पुराने बलुआ पत्थर में मिले माइक्रोबियल चटाई के जीवाश्म हैं। जीवन के इस से पुराने, पर विवादित सबूत ये हैं: १) ग्रीनलैंड में मिला ३.७ अरब वर्ष पुराना ग्रेफाइट, जो की एक बायोजेनिक पदार्थ है और २) २०१५ में पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में ४.१ अरब वर्ष पुराने पत्थरों में मिले "बायोटिक जीवन के अवशेष"। Early edition, published online before print. क्रम-विकास जीवन की उत्पत्ति को समझाने की कोशिश नहीं करता है (इसे अबायोजेनेसिस समझाता है)। पर क्रम-विकास यह समझाता है कि प्राचीन सरल जीवन से आज का जटिल जीवन कैसे विकसित हुआ है। आज की सभी जातियों के बीच समानता देख कर यह कहा जा सकता है कि पृथ्वी के सभी जीवों का एक साझा पूर्वज है। इसे अंतिम सार्वजानिक पूर्वज कहते हैं। आज की सभी जातियाँ क्रम-विकास की प्रक्रिया के द्वारा इस से उत्पन्न हुई हैं। सभी शख़्सों के पास जीन्स के रूप में आनुवांशिक पदार्थ होता है। सभी शख़्स इसे अपने माता-पिता से ग्रहण करते हैं और अपनी संतान को देते हैं। संतानों के जीन्स में थोड़ी भिन्नता होती है। इसका कारण उत्परिवर्तन (यादृच्छिक परिवर्तनों के माध्यम से नए जीन्स का प्रतिस्थापन) और लैंगिक जनन के दौरान मौजूदा जीन्स में फेरबदल है। इसके कारण संताने माता-पिता और एक दूसरे से थोड़ी भिन्न होती हैं। अगर वो भिन्नताएँ उपयोगी होती हैं तो संतान के जीवित रहने और प्रजनन करने की संभावना ज्यादा होती है। इसके कारण अगली पीढ़ी के विभिन्न शख्सों के जीवित रहने और प्रजनन करने की संभावना समान नहीं होती है। फलस्वरूप जो लक्षण जीवों को अपनी परिस्थितियों के ज्यादा अनुकूलित बनाते हैं, अगली पीढ़ियों में वो ज्यादा सामान्य हो जाते हैं। ये भिन्नताएँ धीरे-धीरे बढ़ती रहती हैं। आज देखी जाने वाली जीव विविधता के लिए यही प्रक्रिया जिम्मेदार है। अधिकांश जैनेटिक उत्परिवर्तन शख़्सों को न कोई सहायता प्रदान करते हैं, न उनकी दिखावट को बदलते हैं और न ही उन्हें कोई हानि पहुँचाते हैं। जैनेटिक ड्रिफ्ट के माध्यम से ये निष्पक्ष जैनेटिक उत्परिवर्तन केवल संयोग से आबादियों में स्थापित हो जाते हैं और बहुत पीढ़ियों तक जीवित रहते हैं। इसके विपरीत, प्राकृतिक वरण एक यादृच्छिक प्रक्रिया नहीं है क्योंकि यह उन लक्षणों को बचाती है जो जीवित रहने और प्रजनन करने के लिए जरुरी हैं। प्राकृतिक वरण और जैनेटिक ड्रिफ्ट जीवन के नित्य और गतिशील अंग हैं। अरबों वर्षों में इन प्रक्रियाओं ने जीवन के वंश वृक्ष की शाखाओं की रचना की है। क्रम-विकास की आधुनिक सोच १८५९ में प्रकाशित चार्ल्स डार्विन की किताब जीवजातियों का उद्भव से शुरू हुई। इसके साथ ग्रेगर मेंडल द्वारा पादपों पर किये गए अध्ययन ने अनुवांशिकी को समझने में मदद की। जीवाश्मों की खोज, जनसंख्या आनुवांशिकी में प्रगति और वैज्ञानिक अनुसंधान के वैश्विक नैटवर्क ने क्रम-विकास की क्रियाविधि की और अधिक विस्तृत जानकारी प्रदान की है। वैज्ञानिकों को अब नयी जातियों के उद्गम (प्रजातीकरण) की ज्यादा समझ है और उन्होंने अब प्रजातीकरण की प्रक्रिया का अवलोकन प्रयोगशाला और प्रकृति में कर लिया है। क्रम-विकास वह मूल वैज्ञानिक सिद्धांत है जिसे जीववैज्ञानिक जीवन को समझने के लिए प्रयोग करते हैं। यह कई विषयों में प्रयोग होता है जैसे आयुर्विज्ञान, मानस शास्त्र, जैव संरक्षण, मानवशास्त्र, फॉरेंसिक विज्ञान, कृषि और अन्य सामाजिक-सांस्कृतिक विषय। . हार्डी-वेनबर्ग नियम (Hardy-Weinberg law) जनसंख्या आनुवंशिकी का एक सिद्धांत है जिसे हार्डी तथा वेनबर्ग दोनो ने स्वतंत्र रूप से पेश किया है। इस नियम के अनुसार एक आदर्श जनसंख्या में विभिन्न अलील (युग्मविकल्पी) और जीनोटाइप की आवृत्तियाँ पीढी दर पीढी अपरिवर्तित रहतीं हैं। यह नियम उन्हीं जनसंख्याओं पर पूर्णतः लागू होगा जो इन आदर्शों का पालन करतीं हैं: १. जनन केवल लैंगिक हो २. एक समय पर केवल एक ही पीढी जीवित रहे ३. प्रजनन क्रमहीन रहे ४. दोनो लिंगों की प्रजनन की संभावना बराबर रहे ५. जनसंख्या अति विशाल रहे ६. दोनो लिंगों में बराबर अलील आवृत्तियाँ हों ७. जनता प्रवास, परिवर्तन, या प्राकृतिक चयन से मुक्त हो। 8.

क्रम-विकास से परिचय और हार्डी-वेनबर्ग नियम के बीच समानता

क्रम-विकास से परिचय और हार्डी-वेनबर्ग नियम आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): जनसंख्या आनुवांशिकी

जनसंख्या आनुवांशिकी

चार मुख्य विकासमूलक प्रक्रियाओं: प्राकृतिक चयन, आनुवांशिक झुकाव, उत्परिवर्तन और जीन-प्रवाह के प्रभाव में युग्म-विकल्पी आवृत्ति वितरण और परिवर्तन का अध्ययन जनसंख्या आनुवांशिकी कहलाता है। इसमें जनसंख्या उप-विभाजन तथा जनसंख्या संरचना के कारकों पर भी ध्यान दिया जाता है। यह अनुकूलन और प्रजातिकरण (speciation) जैसी अवधारणाओं की व्याख्या करने का भी प्रयास करती है। जनसंख्या आनुवांशिकी आधुनिक विकासमूलक संश्लेषण के उदभव का एक आवश्यक घटक थी। इसके प्रमुख संस्थापक सीवॉल राइट (Sewall Wright), जे.

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क्रम-विकास से परिचय और हार्डी-वेनबर्ग नियम के बीच तुलना

क्रम-विकास से परिचय 64 संबंध है और हार्डी-वेनबर्ग नियम 1 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 1.54% है = 1 / (64 + 1)।

संदर्भ

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