हम Google Play स्टोर पर Unionpedia ऐप को पुनर्स्थापित करने के लिए काम कर रहे हैं
निवर्तमानआने वाली
🌟हमने बेहतर नेविगेशन के लिए अपने डिज़ाइन को सरल बनाया!
Instagram Facebook X LinkedIn

१९३६

सूची १९३६

1936 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

सामग्री की तालिका

  1. 13 संबंधों: नूतन, प्रेमचंद, हिन्दी, ज़ुबिन मेहता, वहीदा रहमान, वैजयन्ती माला, ग्रेगोरी कैलेंडर, १३ अगस्त, १४ मई, २९ अप्रैल, ४ जून, ८ जून, ८ अक्तूबर

नूतन

नूतन (४ जून १९३६ - २१ फ़रवरी १९९१), हिन्दी सिनेमा की प्रसिद्ध अभिनेत्री थीं। नूतन के सौन्दर्य को मिस इंडिया पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वह इस पुरस्कार को पाने वाली पहली महिला थीं। नूतन ने ५० से भी अधिक फ़िल्मों में काम किया और उन्हे बहुत से अन्य पुरस्कारों के अलावा ६ बार फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार मिला (जो कि अभी तक किसी भी दूसरी अभिनेत्री से अधिक है)। नूतन का जन्म ४ जून १९३६ को एक पढे-लिखे और सभ्रांत परिवार में हुआ था। इनकी माता का नाम श्रीमती शोभना सामर्थ और पिता का नाम श्री कुमारसेन सामर्थ था। नूतन ने अपने फ़िल्मी जीवन की शुरुआत १९५० में की थी जब वह स्कूल में ही पढ़ती थीं। ११ अक्तुबर १९५९ को नूतन ने लेफ़्टिनेंट कमांडर रजनीश बहल से विवाह कर लिया। नूतन के पुत्र मोहनीश बहल भी हिन्दी फ़िल्मों में अभिनय करते हैं। नूतन की बहन तनुजा और भतीजी काजोल भी हिन्दी सिनेमा की प्रसिद्ध अभिनेत्रियों में शामिल हैं। नूतन के अभिनय को हिन्दी फ़िल्म उद्दोग के सभी बडे नामों ने सराहा है और वह आज भी बहुत सी अदाकाराओं का आदर्श बनी हुई हैं। नूतन का देहांत फरवरी १९९१ को कैंसर के कारण हुआ। जिन फ़िल्मों के लिये नूतन को फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार मिले, उनकी सूची इस प्रकार है.

देखें १९३६ और नूतन

प्रेमचंद

प्रेमचंद (३१ जुलाई १८८० – ८ अक्टूबर १९३६) हिन्दी और उर्दू के महानतम भारतीय लेखकों में से एक हैं। मूल नाम धनपत राय प्रेमचंद को नवाब राय और मुंशी प्रेमचंद के नाम से भी जाना जाता है। उपन्यास के क्षेत्र में उनके योगदान को देखकर बंगाल के विख्यात उपन्यासकार शरतचंद्र चट्टोपाध्याय ने उन्हें उपन्यास सम्राट कहकर संबोधित किया था। प्रेमचंद ने हिन्दी कहानी और उपन्यास की एक ऐसी परंपरा का विकास किया जिसने पूरी सदी के साहित्य का मार्गदर्शन किया। आगामी एक पूरी पीढ़ी को गहराई तक प्रभावित कर प्रेमचंद ने साहित्य की यथार्थवादी परंपरा की नींव रखी। उनका लेखन हिन्दी साहित्य की एक ऐसी विरासत है जिसके बिना हिन्दी के विकास का अध्ययन अधूरा होगा। वे एक संवेदनशील लेखक, सचेत नागरिक, कुशल वक्ता तथा सुधी (विद्वान) संपादक थे। बीसवीं शती के पूर्वार्द्ध में, जब हिन्दी में तकनीकी सुविधाओं का अभाव था, उनका योगदान अतुलनीय है। प्रेमचंद के बाद जिन लोगों ने साहित्‍य को सामाजिक सरोकारों और प्रगतिशील मूल्‍यों के साथ आगे बढ़ाने का काम किया, उनमें यशपाल से लेकर मुक्तिबोध तक शामिल हैं। .

देखें १९३६ और प्रेमचंद

हिन्दी

हिन्दी या भारतीय विश्व की एक प्रमुख भाषा है एवं भारत की राजभाषा है। केंद्रीय स्तर पर दूसरी आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है। यह हिन्दुस्तानी भाषा की एक मानकीकृत रूप है जिसमें संस्कृत के तत्सम तथा तद्भव शब्द का प्रयोग अधिक हैं और अरबी-फ़ारसी शब्द कम हैं। हिन्दी संवैधानिक रूप से भारत की प्रथम राजभाषा और भारत की सबसे अधिक बोली और समझी जाने वाली भाषा है। हालांकि, हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा नहीं है क्योंकि भारत का संविधान में कोई भी भाषा को ऐसा दर्जा नहीं दिया गया था। चीनी के बाद यह विश्व में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा भी है। विश्व आर्थिक मंच की गणना के अनुसार यह विश्व की दस शक्तिशाली भाषाओं में से एक है। हिन्दी और इसकी बोलियाँ सम्पूर्ण भारत के विविध राज्यों में बोली जाती हैं। भारत और अन्य देशों में भी लोग हिन्दी बोलते, पढ़ते और लिखते हैं। फ़िजी, मॉरिशस, गयाना, सूरीनाम की और नेपाल की जनता भी हिन्दी बोलती है।http://www.ethnologue.com/language/hin 2001 की भारतीय जनगणना में भारत में ४२ करोड़ २० लाख लोगों ने हिन्दी को अपनी मूल भाषा बताया। भारत के बाहर, हिन्दी बोलने वाले संयुक्त राज्य अमेरिका में 648,983; मॉरीशस में ६,८५,१७०; दक्षिण अफ्रीका में ८,९०,२९२; यमन में २,३२,७६०; युगांडा में १,४७,०००; सिंगापुर में ५,०००; नेपाल में ८ लाख; जर्मनी में ३०,००० हैं। न्यूजीलैंड में हिन्दी चौथी सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है। इसके अलावा भारत, पाकिस्तान और अन्य देशों में १४ करोड़ १० लाख लोगों द्वारा बोली जाने वाली उर्दू, मौखिक रूप से हिन्दी के काफी सामान है। लोगों का एक विशाल बहुमत हिन्दी और उर्दू दोनों को ही समझता है। भारत में हिन्दी, विभिन्न भारतीय राज्यों की १४ आधिकारिक भाषाओं और क्षेत्र की बोलियों का उपयोग करने वाले लगभग १ अरब लोगों में से अधिकांश की दूसरी भाषा है। हिंदी हिंदी बेल्ट का लिंगुआ फ़्रैंका है, और कुछ हद तक पूरे भारत (आमतौर पर एक सरल या पिज्जाइज्ड किस्म जैसे बाजार हिंदुस्तान या हाफ्लोंग हिंदी में)। भाषा विकास क्षेत्र से जुड़े वैज्ञानिकों की भविष्यवाणी हिन्दी प्रेमियों के लिए बड़ी सन्तोषजनक है कि आने वाले समय में विश्वस्तर पर अन्तर्राष्ट्रीय महत्त्व की जो चन्द भाषाएँ होंगी उनमें हिन्दी भी प्रमुख होगी। 'देशी', 'भाखा' (भाषा), 'देशना वचन' (विद्यापति), 'हिन्दवी', 'दक्खिनी', 'रेखता', 'आर्यभाषा' (स्वामी दयानन्द सरस्वती), 'हिन्दुस्तानी', 'खड़ी बोली', 'भारती' आदि हिन्दी के अन्य नाम हैं जो विभिन्न ऐतिहासिक कालखण्डों में एवं विभिन्न सन्दर्भों में प्रयुक्त हुए हैं। .

देखें १९३६ और हिन्दी

ज़ुबिन मेहता

ज़ुबिन मेहता ज़ुबिन मेहता को कला के क्षेत्र में सन १९६६ में भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। दुनिया नापने वाले इस ऑर्केस्ट्रा संचालक ने पाश्चात्य शास्त्रीय संगीत को युद्धरत देशों के बीच संवाद का कारगर माध्यम बनाया। श्रेणी:१९६६ पद्म भूषण.

देखें १९३६ और ज़ुबिन मेहता

वहीदा रहमान

वहीदा रहमान (जन्म: 14 मई, 1938) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .

देखें १९३६ और वहीदा रहमान

वैजयन्ती माला

वैजयन्ती माला बाली (जन्म: 13 अगत 1936 --) को अधिकांश रूप से एक ही नाम "वैजयन्ती" के नाम से जाना जाता है, एक हिन्दी फिल्मों की प्रसिद्ध अभिनेत्री रही हैं और एक राजनीतिज्ञा हैं। वह भरतनाट्यम की नृत्यांगना, कर्नाटक गायिका, नृत्य प्रशिक्षक और सांसद की भी भूमिका निभा चुकी हैं। उसने अपनी शुरुआत तमिल भाषीय फ़िल्म "वड़कई" से 1949 में की। इसके पश्चात उसने तमिल फ़िल्म "जीवितम" में 1950 में काम किया। इसके बाद वह दक्षिण भारत की प्रमुख नायिकाओं में से एक बनी और बॉलिवुड के सुनहरे दौर की अभिनेत्रियों में एक रही। वैजयन्ती माला हिन्दी फ़िल्मों पर लगभग दो दशकों तो राज करती रही। दक्षिण भारत से आकर राष्ट्रीय अभिनेत्री का दर्जा पाने वह पहली महिला हैं। वैजयन्ती माला एक प्रसिद्ध नृत्यांगना है। उसी ने हिन्दी फ़िल्मों में अर्थ-शास्त्रीय नृत्य के लिए जगह बनाई। वैजयन्ती माला के थिरकते पाँवों ने उसे "ट्विन्कल टोज़" (twinkle toes) का खिताब दिलाया। 1950-1960 के दशके उसे प्रथम श्रेणी की नायिका के नाम से जाना जाता था। .

देखें १९३६ और वैजयन्ती माला

ग्रेगोरी कैलेंडर

ग्रेगोरियन कैलेंडर (Gregorian calendar), दुनिया में लगभग हर जगह उपयोग किया जाने वाला कालदर्शक या तिथिपत्रक है। यह जूलियन कालदर्शक (Julian calendar) का रूपान्तरण है। इसे पोप ग्रेगोरी (Pope Gregory XIII) ने लागू किया था। इससे पहले जूलियन कालदर्शक प्रचलन में था, लेकिन उसमें अनेक त्रुटियाँ थीं, जिन्हें ग्रेगोरी कालदर्शक में दूर कर दिया गया। .

देखें १९३६ और ग्रेगोरी कैलेंडर

१३ अगस्त

13 अगस्त ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 225वॉ (लीप वर्ष में 226 वॉ) दिन है। साल में अभी और 140 दिन बाकी है। .

देखें १९३६ और १३ अगस्त

१४ मई

१४ मई ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का १३४वॉ (लीप वर्ष मे १३५वॉ) दिन है। साल मे अभी और २३१ दिन बाकी है। .

देखें १९३६ और १४ मई

२९ अप्रैल

29 अप्रैल ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 119वॉ (लीप वर्ष में 120 वॉ) दिन है। साल में अभी और 246 दिन बाकी है।.

देखें १९३६ और २९ अप्रैल

४ जून

4 जून ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 155वाँ (लीप वर्ष में 156 वाँ) दिन है। साल में अभी और 210 दिन बाकी हैं। .

देखें १९३६ और ४ जून

८ जून

8 जून ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 159वाँ (लीप वर्ष में 160 वाँ) दिन है। साल में अभी और 206 दिन बाकी हैं।.

देखें १९३६ और ८ जून

८ अक्तूबर

8 अक्टूबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 281वॉ (लीप वर्ष मे 282 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 84 दिन बाकी है।.

देखें १९३६ और ८ अक्तूबर

1936 के रूप में भी जाना जाता है।