कौमार्य और सामंतवाद
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कौमार्य और सामंतवाद के बीच अंतर
कौमार्य vs. सामंतवाद
कौमार्य (Virginity) एक ऐसी अवस्था होती है जिसमें व्यक्ति ने कभी भी संभोग नहीं किया होता है। सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं में विशेष रूप से अविवाहित महिलाओं, निजी पवित्रता के विचार के साथ जुड़े मामलों और मूल्यों आदि को विशेष मूल्य और महत्व दिया गया है। सतीत्व अथवा शुद्धता की तरह ही, कौमार्य की अवधारणा में भी परंपरागत रूप से शादी से पहले यौन संयम रखना शामिल है और शादी के बाद ही अपने जीवन साथी के साथ यौन क्रियाओं में संलग्न होना है। शादी से पहले संभोग (Premarital Sex), जो यौन गतिविधियों के एक से अधिक अवसर को इंगित करता है, इसके विपरीत, कौमार्य की अवधारणा को आम तौर पर नैतिक या धार्मिक मामलों या सामाजिक हैसियत के संदर्भ में और पारस्परिक संबंधों में परिणामों के रूप में देखा जा सकता है। शब्द मूल रूप से केवल यौन अनुभवहीन महिलाओं के लिए जाना जाता है, लेकिन विभिन्न परिभाषाओं की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है, जो इसे पारंपरिक, आधुनिक और नैतिक अवधारणाओं के रूप में परिभाषित करते हैं।See and for male virginity, how gay and lesbian individuals define virginity loss, and for how the majority of researchers and heterosexuals define virginity loss/"technical virginity" by whether or not a person has engaged in vaginal sex. अपने प्रतिज्ञाओं के लिए रोलाण्ड शारलेमेन; चेनसन डे गेस्टे, c.14th.c. की एक पांडुलिपि से सामंतवाद (Feudalism / फ्युडलिज्म) मध्यकालीन युग में इंग्लैंड और यूरोप की प्रथा थी। इन सामंतों की कई श्रेणियाँ थीं जिनके शीर्ष स्थान में राजा होता था। उसके नीचे विभिन्न कोटि के सामंत होते थे और सबसे निम्न स्तर में किसान या दास होते थे। यह रक्षक और अधीनस्थ लोगों का संगठन था। राजा समस्त भूमि का स्वामी माना जाता था। सामंतगण राजा के प्रति स्वामिभक्ति बरतते थे, उसकी रक्षा के लिए सेना सुसज्जित करते थे और बदले में राजा से भूमि पाते थे। सामंतगण भूमि के क्रय-विक्रय के अधिकारी नहीं थे। प्रारंभिक काल में सामंतवाद ने स्थानीय सुरक्षा, कृषि और न्याय की समुचित व्यवस्था करके समाज की प्रशंसनीय सेवा की। कालांतर में व्यक्तिगत युद्ध एवं व्यक्तिगत स्वार्थ ही सामंतों का उद्देश्य बन गया। साधन-संपन्न नए शहरों के उत्थान, बारूद के आविष्कार, तथा स्थानीय राजभक्ति के स्थान पर राष्ट्रभक्ति के उदय के कारण सामंतशाही का लोप हो गया।.
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संदर्भ
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