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कोलकाता की अर्थ व्यवस्था और दक्षिण पूर्व एशिया

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

कोलकाता की अर्थ व्यवस्था और दक्षिण पूर्व एशिया के बीच अंतर

कोलकाता की अर्थ व्यवस्था vs. दक्षिण पूर्व एशिया

क‘ओग्नीज़ैन्ट टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस, इमारत, सॉल्ट लेक सैक्टर ५, इलेक्ट्रॉनिक्स कॉम्प्लेक्स फ्लावर मार्किट में पुष्प विक्रेता कोलकाता पूर्वी भारत एवं पूर्वोत्तर राज्यों का प्रधान व्यापारिक, वाणिज्यिक एवं वित्तीय केन्द्र है। यहां कोलकाता स्टॉक एक्स्चेंज भी है, जो भारत का दूसरे नंबर का सबसे बड़ा स्टोक एक्स्चेंज है। यहां प्रमुख वाणिज्यिक एवं सैन्य बंदरगाह भी है। इनके साथ ही इस क्षेत्र का एकमात्र अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा भी यहीं है। कभी भारत का मुख्य शहर रहे कोलकाता ने स्वतंत्रता पश्चात कुछ आरंभिक वर्षों में अन्वरत आर्थिक पतन को देखा। इसका मुख्य कारण राजनैतिक अस्थिरता एवं व्यापारिक यूनियनों का बढ़ना था। १९६० के दशक से १९९० के मध्य दशक तक शहर की प्रगति गिरती ही गयी, जिसका कारण यहां बंद या यहां से स्थानांतरित होती फैक्ट्रियां और व्यापार थे। इस वजह से पूंजी निवेश एवं संसाधनों की कमी उत्पन्न हुई, जो कि यहां की गिरती आर्थिक स्थिति के भरपूर सहायक कारक सिद्ध हुए। भारतीय आर्थिक नीति के उदारीकरण की प्रक्रिया ने १९९० के दशक में शहर की भाग्यरेखा को नई दिशा दी। इसके बाद उत्पादन भी बढ़ा एवं बेकार श्रमिकों को भी काम मिला। उदाहरणार्थ, यहां के सड़कों पर फेरीवाले लगभग ८७२२ करोड़ रुपये (२००५ के आंकड़ों के अनुसार) का व्यापार कर रहे थे। नगर की श्रमशक्ति में सरकारी एवं निजी कंपनियों के कर्मचारी एक बड़ा भाग बनाते हैं। यहां बड़ी संख्या में अकुशल एवं अर्ध-कुशल श्रमिक हैं, जिनके साथ अन्य कुशल कारीगर भी अच्छी संख्या में कार्यरत हैं। शहर की आर्थिक स्थिति के पुनरुत्थान में सूचना प्रौद्योगिकी सेवाओं का बड़ा हाथ रहा है। सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र यहां प्रतिवर्ष लगभग ७०% की उन्नति कर रहा है, जो राष्ट्रीय औसत का दोगुना है। हाल के वर्षों में यहां गृह-निर्माण एवं रियल एस्टेट क्षेत्र में भी निवेशक उमड़े हैं। इसका कारण एवं परिणाम शहर में कई नई परियोजनाओं का आरंभ होना है। कोलकाता में कई बड़ी भारतीय निगमों की औद्योगिक इकाइयां स्थापित हैं, जिनके उत्पाद जूट से लेकर इलेक्ट्रॉनिक सामान तक हैं। कुछ उल्लेखनीय कंपनियां जिनके यहां मुख्यालय हैं, आईटीसी लिमिटेड, बाटा शूज़, बिरला कॉर्पोरेशन, कोल इंडिया लिमिटेड, दामोदर वैली कॉर्पोरेशन, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, यूको बैंक और इलाहाबाद बैंक, आदि प्रमुख हैं। हाल ही में भारत सरकार की पूर्व-देखो (लुक ईस्ट) नीति, नाथू ला दर्रा के सिक्किम में खोले जाने एवं चीन तथा दक्षिण पूर्व एशियाई देशों से व्यापारिक संबंध बढ़ाने की नीतियों के कारण यहां कई देशों ने भरतीय बाजार में पदार्पण किया है। इसके चलते कोलकाता में निवेश होने से यहां की अर्थ-व्यवस्था को अप-थर्स्ट मिला है। . दक्षिण पूर्व एशिया या दक्षिण पूर्वी एशिया एशिया का एक उपभाग है, जिसके अंतर्गत भौगोलिक दृष्टि से चीन के दक्षिण, भारत के पूर्व, न्यू गिनी के पश्चिम और ऑस्ट्रेलिया के उत्तर के देश आते हैं। यह क्षेत्र भूगर्भीय प्लेटों के चौराहे पर स्थित है, जिसकी वजह से इस क्षेत्र में भारी भूकंप और ज्वालामुखी गतिविधियाँ होती हैं। दक्षिण पूर्व एशिया को दो भौगोलिक भागों में बांटा जा सकता है: मुख्यभूमि दक्षिण पूर्व एशिया, जिसे इंडोचायना भी कहते हैं, के अन्दर कंबोडिया, लाओस, बर्मा (म्यांमार), थाईलैंड, वियतनाम और प्रायद्वीपीय मलेशिया आते हैं और समुद्री दक्षिण पूर्व एशिया, जिसमें ब्रुनेई, पूर्व मलेशिया, पूर्वी तिमोर, इंडोनेशिया, फिलीपींस, क्रिसमस द्वीप और सिंगापुर शामिल हैं। श्रेणी:दक्षिण पूर्व एशिया श्रेणी:एशिया के क्षेत्र.

कोलकाता की अर्थ व्यवस्था और दक्षिण पूर्व एशिया के बीच समानता

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कोलकाता की अर्थ व्यवस्था और दक्षिण पूर्व एशिया के बीच तुलना

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संदर्भ

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