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कोज प्रमेय और तम्बाकू

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

कोज प्रमेय और तम्बाकू के बीच अंतर

कोज प्रमेय vs. तम्बाकू

कोज प्रमेय (coase theorem) या कोज का सिद्धांत नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री रोनाल्ड कोज द्वारा प्रतिपादित, बाह्यता (externalities) व पर्यावरण की समस्या के समाधान से संबंधित, सिद्धांत है जिसकी मान्यतानुसार बाजार यंत्र के द्वारा बाह्यता को सुधारा जा सकता है। यह सिद्धांत अर्थव्यवस्था के कानूनी पक्षों से संबंधित है। सामान्यतया यह प्रतिपादित किया जाता है कि बाह्यता की समस्या बाजार यंत्र के क्रियाशीलन को असफल बनाती है, क्योंकि बाह्यता उत्पादन के दौरान सृजित वह लागत है जिसे वस्तु की मौद्रिक लागत की गणना में नहीं रखा जा सकता। ऐसा तभी हो सकता है जबकि, सम्पत्ति अधिकार (property rights) परिभाषित हो तथा लेन-देन व्यवहार संबंधित कोई लागत नहीं हो, बाह्यता सृजित करने वाले लोग तथा उससे पीड़ित लोग आंतरिक रूप से परस्पर व्यक्तिगत समझौता कर लें। इस प्रकार संसाधनों का कुशल आवंटन होगा, दोनों पक्षों के बीच संपत्ति अधिकार का बँटवारा केवल आय के बँटवारे को प्रभावित करेगा, समग्र आय वितरण को प्रभावित नहीं करेगा। ऐसी स्थिति में कुशलता को ऊपर उठाने के लिए न तो सरकारी नियंत्रण की आवश्यकता होगी और न ही करारोपण की। ध्यातव्य है कि कोज प्रमेय तभी लागू होगा जबकि आर्थिक व्यवहार की लागत शून्य हो। यह भीड़ के संबंध में लागू नहीं होगा जहाँ प्रदूषण करने वाले तथा उससे प्रभावित होने वाले बहुत अधिक संख्या में हों तथा उनके पहचान करने की लागत बहुत अधिक हो। . तम्बाकू एक प्रकार के निकोटियाना प्रजाति के पेड़ के पत्तों को सुखा कर नशा करने की वस्तु बनाई जाती है। दरअसल तम्बाकू एक मीठा जहर है, एक धीमा जहर.

कोज प्रमेय और तम्बाकू के बीच समानता

कोज प्रमेय और तम्बाकू आम में 0 बातें हैं (यूनियनपीडिया में)।

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

कोज प्रमेय और तम्बाकू के बीच तुलना

कोज प्रमेय 3 संबंध है और तम्बाकू 18 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (3 + 18)।

संदर्भ

यह लेख कोज प्रमेय और तम्बाकू के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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