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कॉमिक्स और मानह्वा

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

कॉमिक्स और मानह्वा के बीच अंतर

कॉमिक्स vs. मानह्वा

कॉमिक्स (अंग्रेजी; Comics/शब्दार्थ; चित्रकथा) एक माध्यम है जहाँ विचारों को व्यक्त करने के लिए सामान्य पाठ्यक्रम के अपेक्षा चित्रों, एवं बहुधा शब्दों के मिश्रण तथा अन्य चित्रित सूचनाओं की सहायता से पढ़ा जाता है। काॅमिक्सों में निरंतर किसी भी विशिष्ट भंगिमाओं एवं दृश्यों को चित्रों के पैनल द्वारा जाहिर किया जाता रहा है। अक्सर शाब्दिक युक्तियों को स्पीच बैलुनों, अनुशीर्षकों (कैप्शन), एवं अर्थानुरणन जिनमें संवाद, वृतांत, ध्वनि प्रभाव एवं अन्य सूचनाओं को भी इनसे व्यक्त करते हैं। चित्रित पैनलों के आकार एवं उनकी व्यवस्थित संयोजन से कहानी को व्याख्यान करने से पढ़ना सरल हो जाता है। कार्टूनिंग एवं उनके ही अनुरूप किया गया इल्सट्रैशन द्वारा चित्र बनाना काॅमिक्स का सामान्यतः अनिवार्य अंग रहा है; फ्युमेटी एक विशेष फाॅर्म या शैली हैं जिनमें पहले से खिंची फोटोग्राफिक चित्रों का इस्तेमाल कर काॅमिक्स का रूप दिया जाता है। सामान्य फाॅर्मों में काॅमिक्स को हम काॅमिक्स स्ट्रिप (पट्टी या कतरनों), संपादकीय या गैग (झुठे) कार्टूनों तथा काॅमिक्स पुस्तकों द्वारा पढ़ा करते हैं। वहीं गत २०वीं शताब्दी तक, अपने सीमित संस्करणों जैसे ग्राफिक उपन्यासों, काॅमिक्स एलबम, और टैंकोबाॅन के रूप में इसने सामान्यतया काफी उन्नति पायी है और अब २१वीं सदी में ऑनलाइन वेबकाॅमिक्स के तौर पर भी काफी कामयाब साबित हुई है। काॅमिक्स इतिहास का विविध विकास भी सांस्कृतिक विविधता की देन है। बुद्धिजीवी मानते है कि इस तरह की शुरुआत हम प्रागैतिहासिक युग के लैस्काउक्स की गुफा चित्रों से अंदाजा लगा सकते हैं। वहीं २०वीं के मध्य तक, काॅमिक्स का विस्तार संयुक्त राष्ट्र अमेरिका, पश्चिमी युरोपीय प्रांतों (विशेषकर फ्रांस एवं बेल्जियम), और जापान में खूब निखार आया। युरोपीय काॅमिक्स के इतिहास में गौर करें तो १८३० में रुडोल्फ टाॅप्फेर की बनाई कार्टून स्ट्रिप काफी लोकप्रिय थे, जो आगे चलकर उनकी बनाई द एडवेंचर ऑफ टिनटिन १९३० तक स्ट्रिप एवं पुस्तक के रूप काफी कामयाब रही थी। अमेरिकी काॅमिक्स ने सार्वजनिक माध्यम पाने के लिए २०वीं के पूर्व तक अखबारों के काॅमिक्स स्ट्रिप द्वारा पैठ जमाई; पत्रिका-शैली की काॅमिक्स पुस्तकें भी १९३० में प्रकाशित होने लगी, और १९३८ में सुपरमैन जैसे प्रख्यात किरदार के आगमन बाद सुपरहीरो पीढ़ी का एक नया दौर उदय हुआ। वहीं जापानी काॅमिक्स या कार्टूनिंग (मैंगा) का मूल इतिहास तो १२वीं शताब्दी के पूर्वाद्ध से भी पुराना है। जापान में आधुनिक काॅमिक्स स्ट्रिप का उदय २०वीं में ही हुआ, और काॅमिक्स पत्रिकाओं एवं पुस्तकों का भारी उत्पादन भी द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान हुआ जिसमें ओसामु तेज़ुका जैसे कार्टूनिस्टों को काफी शोहरत दिलाई। हालाँकि काॅमिक्स का इतिहास तब तक दोयम दर्जे के रूप में जाना जाता रहा था, लेकिन २०वीं सदी के अंत तक आते-आते जनता तथा शैक्षिक संस्थाओं ने जैसे इसे तहे दिल से स्वीकृति दे दी। वहीं "काॅमिक्स" अंग्रेजी परिभाषा में एकवचन संज्ञा के तौर पर देखा जाता है जब इसका तात्पर्य किसी मध्यम और बहुवचन को विशेष उदाहरणों व घटनाओं को, व्यक्तिगत स्ट्रिपों अथवा काॅमिक्स पुस्तकों के जरीए प्रस्तुत किया जाता है। यद्यपि अन्य परिभाषा इन हास्यकारक (या काॅमिक) जैसे कार्य पूर्व अमेरिकी अखबारों के काॅमिक्स स्ट्रिपों पर प्रबल रूप से प्रयोग होता था, पर जल्द इसने गैर-हास्य जैसे मापदंडों का भी निर्माण कर लिया। अंग्रेजी में सामान्य तौर पर काॅमिक्स के उल्लेख की तरह ही विभिन्न संस्कृतियों में भी उनकी मूल भाषाओं में उपयोग होता रहा है, जैसे जापानी काॅमिक्स को मैन्गा, एवं फ्रेंच भाषा की काॅमिक्सों को बैन्डिस डेसीनीस कहा जाता हैं। लेकिन अभी तक काॅमिक्स की सही परिभाषा को लेकर विचारकों तथा इतिहासकारों के मध्य आम सहमति नहीं बनी है; कुछेक अपने तर्क पर बल देते हैं कि यह चित्रों एवं शब्दों का संयोजन हैं, कुछ इसे अन्य चित्रों से संबंधित या क्रमबद्ध चित्रों की कहानी कहते है, और कुछ अन्य इतिहासकार स्वीकारते है यह किसी व्यापक पैमाने के पुनरुत्पादन की तरह है जिसमें किसी विशेष पात्र की निरंतर आवृति होती रहती है। विभिन्न काॅमिक्स संस्कृति एवं युग द्वारा बढ़ते इस मिश्रित-परागण से इसकी व्याख्या देना भी अब काफी जटिल हो चुका है। . कोरियाई भाषा में मानह्वा (कोरियाई:만화) का अर्थ "कॉमिक्स" होता है, लेकिन इस शब्द का एनिमेटेड कार्टून आदि के लिए भी प्रयोग किया जाता है। इस शब्द का खास तौर पर दक्षिण कोरियाई कॉमिक्सों के लिए उपयोग होता है। मानह्वा पर आधुनिक कोरिया के इतिहास का काफी प्रभाव होने के कारण इसमें कई शैली और रूप सामने आए। इसपर मध्यधरा के माँगा का प्रभाव भी नज़र आता है। .

कॉमिक्स और मानह्वा के बीच समानता

कॉमिक्स और मानह्वा आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): मांगा

मांगा

सीज़नल पैसर्सबाई (शिकी नो युकिकाई) से "मांगा" के लिए कांजी, 1798, सैंटो क्योडेन और किटाओ शिगेमासा द्वारा जापानी भाषा में मांगा (कांजी: 漫画; हीरागाना: まんが; काटाकना: マンガ) (या) कॉमिक्स और मुद्रित कार्टून्स (जिसे कभी कभी कोमिकू भी कहा जाता है) से मिलकर बनता है और 19 वीं शताब्दी के अंत में जापान में विकसित शैली के अनुरूप है। अपने आधुनिक रूप में, मांगा द्वितीय विश्व युद्ध के बाद शीघ्र ही अप्रचलित हो गया, लेकिन पूर्व जापानी कला में उनका एक लंबा, जटिल पूर्व इतिहास है। जापान में सभी उम्र के लोग मांगा पढ़ते हैं। शैली में विषयों की एक व्यापक रेंज को शामिल किया गया है: साहसिक-कार्य, रोमांस, खेल-कूद और खेल, ऐतिहासिक नाटक, हास्य, विज्ञानं की कल्पित कथाएं और फंतासी, रहस्य, डरावना, कामुकता और और अन्य विषयों में व्यापार/वाणिज्य.

कॉमिक्स और मांगा · मांगा और मानह्वा · और देखें »

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कॉमिक्स और मानह्वा के बीच तुलना

कॉमिक्स 29 संबंध है और मानह्वा 5 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 2.94% है = 1 / (29 + 5)।

संदर्भ

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