केला और संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन
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केला और संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन के बीच अंतर
केला vs. संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन
मूसा जाति के घासदार पौधे और उनके द्वारा उत्पादित फल को आम तौर पर केला कहा जाता है। मूल रूप से ये दक्षिण पूर्व एशिया के उष्णदेशीय क्षेत्र के हैं और संभवतः पपुआ न्यू गिनी में इन्हें सबसे पहले उपजाया गया था। आज, उनकी खेती सम्पूर्ण उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में की जाती है। केले के पौधें मुसाके परिवार के हैं। मुख्य रूप से फल के लिए इसकी खेती की जाती है और कुछ हद तक रेशों के उत्पादन और सजावटी पौधे के रूप में भी इसकी खेती की जाती है। चूंकि केले के पौधे काफी लंबे और सामान्य रूप से काफी मजबूत होते हैं और अक्सर गलती से वृक्ष समझ लिए जाते हैं, पर उनका मुख्य या सीधा तना वास्तव में एक छद्मतना होता है। कुछ प्रजातियों में इस छद्मतने की ऊंचाई 2-8 मीटर तक और उसकी पत्तियाँ 3.5 मीटर तक लम्बी हो सकती हैं। प्रत्येक छद्मतना हरे केलों के एक गुच्छे को उत्पन्न कर सकता है, जो अक्सर पकने के बाद पीले या कभी-कभी लाल रंग में परिवर्तित हो जाते हैं। फल लगने के बाद, छद्मतना मर जाता है और इसकी जगह दूसरा छद्मतना ले लेता है। केले के फल लटकते गुच्छों में ही बड़े होते है, जिनमें 20 फलों तक की एक पंक्ति होती है (जिसे हाथ भी कहा जाता है) और एक गुच्छे में 3-20 केलों की पंक्ति होती है। केलों के लटकते हुए सम्पूर्ण समूह को गुच्छा कहा जाता है, या व्यावसायिक रूप से इसे "बनाना स्टेम" कहा जाता है और इसका वजन 30-50 किलो होता है। एक फल औसतन 125 ग्राम का होता है, जिसमें लगभग 75% पानी और 25% सूखी सामग्री होती है। प्रत्येक फल (केला या 'उंगली' के रूप में ज्ञात) में एक सुरक्षात्मक बाहरी परत होती है (छिलका या त्वचा) जिसके भीतर एक मांसल खाद्य भाग होता है। . एफ़.ए.ओ मुख्यालय, रोम खाद्य एवं कृषि संगठन (अंग्रेज़ी:फूड एंड एग्रीकल्चरल ऑर्गेनाइजेशन, एफ़.ए.ओ) एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है, जो कृषि उत्पादन, वानिकी और कृषि विपणन संबंधी शोध विषय का अध्ययन करता है। यह संगठन खाद्य एवं कृषि संबंधी ज्ञान और जानकारियों के आदान-प्रदान करने का मंच भी है। इसके साथ-साथ यह इन क्षेत्रों में विभिन्न देशों के अधिकारियों के प्रशिक्षण की व्यवस्था भी करता है। विकासशील देशों में कृषि के विकास में इसकी भूमिका महत्वपूर्ण है। एफ़.ए.ओ विकासशील देशों को बदलती तकनीक जैसे कृषि, पर्यावरण, पोषक तत्व और खाद्य सुरक्षा के बारे में जानकारी देता है। यह संगठन संयुक्त राष्ट्र संघ की एक विशिष्ट संस्था है और उसी के अन्तर्गत्त कार्य करता है। इस संगठन की स्थापना १६ अक्टूबर, १९४५ को क्यूबेक शहर, कनाडा में हुई थी। १९५१ में इसका मुख्यालय वाशिंग्टन से रोम स्थानांतरित किया गया। वर्तमान में १९१ राष्ट्र इसके सदस्य हैं, जिसमें यूरोपियाई समुदाय एवं फैरो द्वीपसमूह भी सम्मिलित हैं, जो एसोसियेट सदस्य हैं।.
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