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केन्द्रीय विद्यालय और विभिन्न संस्थान और उनके संस्कृत ध्येय-वाक्य

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

केन्द्रीय विद्यालय और विभिन्न संस्थान और उनके संस्कृत ध्येय-वाक्य के बीच अंतर

केन्द्रीय विद्यालय vs. विभिन्न संस्थान और उनके संस्कृत ध्येय-वाक्य

केन्द्रीय विद्यालय भारत में प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा का प्रबंध है, जो मुख्यतः भारत की केन्द्र सरकार के कर्मचारियों के बच्चों के लिए बनाया गया है। इस की शुरुआत १९६५ में हुई तथा यह तब से भारत के केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से अनुबन्धित है। इस समय भारत में केन्द्रीय विद्यालयों की संख्या 1,128 अथवा इस से अधिक है। इस के अतिरिक्त विदेश में चार केन्द्रीय विद्यालय हैं जिनमें भारतीय दूतावासों के कर्मचारियों तथा अन्य प्रवासी भारतीयों के बच्चे पढ़ते हैं। विद्यालयों में भारत के राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद के पाठ्यक्रम का अनुसरण होता है। सभी केन्द्रीय विद्यालयों का संचालन केन्द्रीय विद्यालय संगठन नाम की संस्था करती है। . नीचे कुछ महत्वपूर्ण संस्थानों के नाम और उनके संस्कृत में ध्येय-वाक्य या मोट्टो दिये गये हैं: ।श्रीमद्द्यानन्द वेदार्ष महाविद्यालय।गुरुकुल गौतम नगर नई दिल्ली ।पावका न: सरस्वती । .

केन्द्रीय विद्यालय और विभिन्न संस्थान और उनके संस्कृत ध्येय-वाक्य के बीच समानता

केन्द्रीय विद्यालय और विभिन्न संस्थान और उनके संस्कृत ध्येय-वाक्य आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद, केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड

राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद

राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसन्धान और प्रशिक्षण परिषद (अंग्रेज़ी:नेशनल काउन्सिल ऑफ एड्युकेशनल रिसर्च एण्ड ट्रेनिंग, लघु:NCERT National Council of Educational Research and Training) भारत सरकार द्वारा स्थापित संस्थान है जो विद्यालयी शिक्षा से जुड़े मामलों पर केन्द्रीय सरकार एवं प्रान्तीय सरकारों को सलाह देने के उद्देश्य से स्थापित की गयी है। यह परिषद भारत में स्कूली शिक्षा संबंधी सभी नीतियों पर कार्य करती है।। हिन्दुस्तान लाइव। २१ फ़रवरी २०१० इसका मुख्य कार्य शिक्षा एवं समाज कल्याण मंत्रालय को विशेषकर स्कूली शिक्षा के संबंध में सलाह देने और नीति-निर्धारण में मदद करने का है। इसके अतिरिक्त एनसीईआरटी के अन्य कार्य हैं शिक्षा के समूचे क्षेत्र में शोधकार्य को सहयोग और प्रोत्साहित करना, उच्च शिक्षा में प्रशिक्षण को सहयोग देना, स्कूलों में शिक्षा पद्धति में लाए गए बदलाव और विकास को लागू करना, राज्य सरकारों और अन्य शैक्षणिक संगठनों को स्कूली शिक्षा संबंधी सलाह आदि देना और अपने कार्य हेतु प्रकाशन सामग्री और अन्य वस्तुओं के प्रचार की दिशा में कार्य करना। इसी तरह भारत में शिक्षा से जुड़े लगभग हरेक कार्य में एनसीईआरटी की उपस्थिति किसी न किसी रूप में रहती है। कई अन्य शैक्षणिक संस्थान एनसीईआरटी के सहयोगी के तौर पर कार्यरत हैं, इनमें प्रमुख हैं.

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केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड

केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (अंग्रेज़ी:Central Board of Secondary Education या CBSE) भारत की स्कूली शिक्षा का एक प्रमुख बोर्ड है। भारत के अन्दर और बाहर के बहुत से निजी विद्यालय इससे सम्बद्ध हैं। इसके प्रमुख उद्देश्य हैं - शिक्षा संस्थानों को अधिक प्रभावशाली ढंग से लाभ पहुंचाना, उन विद्यार्थियों की शैक्षिक आवश्यकताओं के प्रति उत्तरदायी होना जिनके माता-पिता केन्द्रीय सरकार के कर्मचारी हैं और निरंतर स्थानान्तरणीय पदों पर कार्यरत हों। केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में शिक्षा का माध्यम हिन्दी या अंग्रेजी हो सकता है। इसमें कुल ८९७ केन्द्रीय विद्यालय, १७६१ सरकारी विद्यालय, ५८२७ स्वतंत्र विद्यालय, ४८० जवाहर नवोदय विद्यालय और १४ केन्द्रीय तिब्बती विद्यालय सम्मिलित हैं।। हिन्दुस्तान लाइव। १८ फ़रवरी २०१० इसका ध्येय वाक्य है - असतो मा सद्गमय (हे प्रभु ! हमे असत्य से सत्य की ओर ले चलो।)-के.मा.शि.बोर्ड। वर्ल्ड प्रेस .

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सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

केन्द्रीय विद्यालय और विभिन्न संस्थान और उनके संस्कृत ध्येय-वाक्य के बीच तुलना

केन्द्रीय विद्यालय 10 संबंध है और विभिन्न संस्थान और उनके संस्कृत ध्येय-वाक्य 24 है। वे आम 2 में है, समानता सूचकांक 5.88% है = 2 / (10 + 24)।

संदर्भ

यह लेख केन्द्रीय विद्यालय और विभिन्न संस्थान और उनके संस्कृत ध्येय-वाक्य के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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