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केन्ज़ाबुरो ओए

सूची केन्ज़ाबुरो ओए

एक जापानी लेखक और समकालीन जापानी साहित्य एक बड़ी हस्ती है। फ्रेंच और अमेरिकी साहित्य और साहित्यिक सिद्धांत से प्रभावित उनके उपन्यासों, लघु कहानियों और निबंधों, में राजनीतिक, सामाजिक और दार्शनिक मुद्दों को डील किया गया है जिन में परमाणु हथियार, परमाणु ऊर्जा, सामाजिक गैर-समझौतावाद और अस्तित्ववाद भी शामिल हैं। उन्हें एक " काल्पनिक दुनिया यहाँ जीवन और मिथक आज मानव दुर्दशा का एक चिंताजनक चित्र बनाने के लिए ओत्पोत होते हैं" के सृजन के लिए 1994 में साहित्य में नोबेल पुरस्का से सम्मानित किया गया।, Yomiuri.co.jp; May 18, 2008.

5 संबंधों: नाभिकीय ऊर्जा, परमाणु बम, साहित्य में नोबेल पुरस्कार, जापानी साहित्य, अस्तित्ववाद

नाभिकीय ऊर्जा

इकाटा परमाणु ऊर्जा संयंत्र, एक दबावयुक्त जल रिएक्टर जो समुद्र के साथ माध्यमिक शीतलक विनिमय द्वारा ठंडा करता है। सुसक्युहाना वाष्प विद्युत् केंद्र, एक उबलता जल रिएक्टर. रिएक्टर, शीतलक टावरों के सामने की ओर आयताकार रोकथाम इमारतों के अंदर स्थित हैं। परमाणु ऊर्जा चालित तीन जहाज, (ऊपर से नीचे) परमाणु क्रूजर USS बेनब्रिज और USS लोंग ब्रिज, USS इंटरप्राइज़ के साथ जो 1964 में पहला परमाणु संचालित विमान वाहक. चालक दल के सदस्य, उड़ान डेक पर आइंस्टीन के द्रव्यमान-ऊर्जा तुल्यता सूत्र को लिख रहे हैं E.

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परमाणु बम

सन् १९४५ में जापान के नागासाकी पर गिराये बम से उत्पन्न कुकुरमुता के सदृश बादल - ये बादल बम के गिरने के स्थान से लगभग १८ किमी उपर तक उठे थे। नाभिकीय अस्त्र या परमाणु बम एक विस्फोटक युक्ति है जिसकी विध्वंसक शक्ति का आधार नाभिकीय अभिक्रिया होती है। यह नाभिकीय संलयन (Nuclear fusion) या नाभिकीय विखण्डन (nuclear fission) या इन दोनो प्रकार की नाभिकीय अभिक्रियों के सम्मिलन से बनाये जा सकते हैं। दोनो ही प्रकार की अभिक्रिया के परिणामस्वरूप थोड़े ही सामग्री से भारी मात्रा में ऊर्जा उत्पन्न होती है। आज का एक हजार किलो से थोड़ा बड़ा नाभिकीय हथियार इतनी ऊर्जा उत्पन्न कर सकता है जितनी कई अरब किलो के परम्परागत विस्फोटकों से ही उत्पन्न हो सकती है। नाभिकीय हथियार महाविनाशकारी हथियार (weapons of mass destruction) कहे जाते हैं। द्वितीय विश्वयुद्ध में सबसे अधिक शक्तिशाली विस्फोटक, जो प्रयुक्त हुआ था, उसका नाम 'ब्लॉकबस्टर' (blockbuster) था। इसके निर्माण में तब तक ज्ञात प्रबलतम विस्फोटक ट्राईनाइट्रोटोलुईन (TNT) का 11 टन प्रयुक्त हुआ था। इस विस्फोटक से 2000 गुना अधिक शक्तिशाली प्रथम परमाणु बम था जिसका विस्फोट टी.

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साहित्य में नोबेल पुरस्कार

1901 में सुली प्रुधोम (1839-1907), एक फ्रांसीसी कवि और निबंधकार, साहित्य में नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले प्रथम व्यक्ति थे। 1901 से, साहित्य के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार (Nobelpriset i litteratur) वार्षिक रूप से किसी भी देश के उस लेखक को दिया जाता है जिसने, सर अल्फ्रेड नोबेल की वसीयत के अनुसार, "साहित्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया हो" (मूल स्वीडिश den som inom litteraturen har producerat det utmärktaste i idealisk riktning)। यद्यपि व्यक्ति का काम कभी कभी विशेष रूप से उल्लेखनीय नहीं होता, यहां पर काम से तात्पर्य पूरी तरह से लेखक के काम से है। इस बात का निर्णय स्वीडिश अकादमी ही लेती है कि किस वर्ष में यह पुरस्कार किसे दिया जाये.

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जापानी साहित्य

जापानी साहित्य काफी पुराना है। जापानी साहित्य की आरम्भिक रचनाएँ चीन और चीनी साहित्य के साथ जापान के सांस्कृतिक सम्बन्धों से बहुत प्रभावित हैं। भारतीय साहित्य ने भी बौद्ध धर्म के माध्यम से जापानी साहित्य पर अपनी छाप छोड़ी। किन्तु समय के साथ जापानी साहित्य की अपनी अलग शैली विकसित हुई किन्तु फिर भी चीनी साहित्य का प्रभाव एदो काल (Edo period) तक बना रहा। १९वीं शताब्दी में जब से जापान ने अपने बन्दरगाहों को पश्चिमी व्यापारियों एवं राजनयिकों के लिए खोल दिया है, तब से पश्चिमी साहित्य तथा जापानी साहित्य ने एक दूसरे को प्रभावित किया है। (cf.) .

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अस्तित्ववाद

किर्कगार्द, दास्त्रावस्की, नीत्शे तथा सार्त्र (बाएँ से दाएँ, ऊपर से नीचे) अस्तित्ववाद (एग्जिस्टेशन्शिएलिज़्म / existentialism) एक ऐसी विचारधारा है जिसमें अस्तित्व को तत्व से ऊपर समझा जाता है। इसके अनुसार मानव अपने पर्यावरण की निर्जीव वस्तुओं से आत्मबोध का उत्तरदायित्व पूर्णतया स्वयं लेता है। अतः उसे अपने पर्यावरण में तत्वज्ञान की अपेक्षा नहीं होती। 1940 व 1950 के दशक में अस्तित्ववाद पूरे यूरोप में एक विचारक्रांति के रूप में उभरा। यूरोप भर के दार्शनिक व विचारकों ने इस आंदोलन में अपना योगदान दिया है। इनमें ज्यां-पाल सार्त्र, अल्बर्ट कामू व इंगमार बर्गमन प्रमुख हैं। कालांतर में अस्तित्ववाद की दो धाराएं हो गई।.

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