कृषि अर्थशास्त्र और राष्ट्रीय कृषि आर्थिकी एवं नीति अनुसंधान संस्थान
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कृषि अर्थशास्त्र और राष्ट्रीय कृषि आर्थिकी एवं नीति अनुसंधान संस्थान के बीच अंतर
कृषि अर्थशास्त्र vs. राष्ट्रीय कृषि आर्थिकी एवं नीति अनुसंधान संस्थान
कृषि अर्थशास्त्र (Agricultural economicsgfd fusdhs या Agronomics) मूल रूप में वह विधा थी जिसमें फसलों उत्पादन एवं जानवरों के पालन में अर्थशास्त्र के सिद्धान्तों का प्रयोग करके इसे अधिक उपयोगी बनाने की कोशिशों का अध्ययन किया जाता था। पहले इसे 'एग्रोनॉमिक्स' कहते थे और यह अर्थशास्त्र की वह शाखा थी जिसमें भूमि के बेहतर उपयोग का अध्ययन किया जाता था। अर्थशास्त्र में कृषि का विशिष्ट स्थान स्वीकार किया गया है। विकसित, विकासशील एवं अर्द्धविकसित-सभी प्रकार की अर्थव्यवस्थाओं में आवश्यकतानुसार कृषि के विकास को मान्यता प्रदान की जाती है। खाद्य व्यवस्था, कच्चे माल की उपलब्धि तथा रोजगार प्रदान किये जाने के सम्बन्ध में प्रत्येक राष्ट्र की अर्थव्यवस्था में कृषि विकास का विशिष्ट स्थान है। नि:सन्देह कृषि के विकास में अनेक अस्थिरताओं से संघर्ष करना पड़ता है। इसके बावजूद भी किसी दृष्टि से कृषि का महत्व खाद्य सामग्री तथा औद्योगिक कच्चे माल की उपलब्धि की दृष्टि से कृषि विकास के महत्त्व को कम नहीं आंका जा सकता। अर्द्धविकसित तथा विकासशील देशों में इनके अतिरिक्त रोजगार उपलब्ध करवाने की दृष्टि से भी कृषि की विशिष्ट भूमिका है। कृषि अर्थशास्त्र में कृषि के सम्बन्ध में स्थानीय कृषि, कृषि की नवीन व्यहू रचना तथा हरित क्रान्ति, कृषि का आधुनिकीकरण एवं व्यवसायीकरण, कृषि मूल्य नीति, कृषि श्रमिक, वन सम्पदा, ग्रामिण आधारभूत ढाँचा, बंजरभूमि विकास कार्यक्रम, कृषि वित्त, सहकारिता, सहकारिता का उद्गम एवं विकास, सहकारी विपणन, उपभोक्ता सहकारी समितियाँ और औद्योगिक सहकारी समितियाँ आदि विषयों का विस्तृत विवेचन किया जाता है। . राष्ट्रीय कृषि आर्थिकी एवं नीति अनुसंधान संस्थान (निआप / National Institute of Agricultural Economics and Policy Research (NIAP)) भारत में कृषि अर्थशास्त्र का प्रमुख संस्थान है। इसकी स्थापना भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) द्वारा वर्ष 1991 में, अर्थशास्त्र के एकीकरण माध्यम से कृषि अनुसंधान को मजबूत करने तथा राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान की क्षमता को बढ़ाने के लिए की गयी थी। इस संस्थान का उद्देश्य सामाजिक, आर्थिक एवं नीतिगत शोध विश्लेषणों, तथा निर्णयों में परिषद् की सहभागिता को राष्ट्रीय स्तर पर परिलक्षित करना है। इस संस्थान में निदेशक सहित 19 कृषि अर्थशास्त्र अनुसंधान वैज्ञानिक है। एक प्रबंधन समिति है जो संस्थान को भारतीय दृष्टिकोण से कृषि अर्थशास्त्र और नीति योजना के अनुसंधान प्रशासन संबंध की सलाह देते हैं। इस समिति में वरिष्ठ अनुसंधान प्रशासनिक अधिकारी और अन्य प्रशासनिक अधिकारी एवं किसानों के हितकर प्रतिनिधि सम्मिलित हैं। अन्य कई आंतरिक समितियां भी संस्थान के क्रियाकलापो के विकेंद्रीकृत प्रबंधन में सहायता प्रदान करती हैं। .
कृषि अर्थशास्त्र और राष्ट्रीय कृषि आर्थिकी एवं नीति अनुसंधान संस्थान के बीच समानता
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